Monday, 11 June 2018

Story Of Life : सच्चाई भाग -2

अब तक आपने पढ़ा सच्चाई भाग-1 में कि माही राधिका-मन के घर आई हैऔर राधिका-मन में छोटी छोटी बातों में झगड़े होते हैंआइये जाने झगड़ों कि वजह......

सच्चाई भाग -2

नाश्ता खत्म  करते ही राधिका को अनायास ही दूध कम होने की बात याद आयी, वह रमन से झगड़ने लगी, दूध कम था, तो मुझे कम क्यूँ नहीं दे दिया, पानी मिलाने की क्या जरूरत थी, रमन बोला, हाँ तुम कौन सी कम हो, अपने उपमा में टमाटर डालने के लिए तुमने कौन से बचा लिए थे। तुम तो हमेशा से यही चाहती हो, कि मुझे  स्वादिष्ट खाना मिले, जिससे में खूब खाऊ और मोटा हो जाऊ, रमन चिल्लाया।

इसी तरह चीख-चिल्लाहट के साथ नाश्ता खत्म हुआ।

रमन ऑफिस चला गया, और राधिका
सफाई में जुट गयी।

एक एक जगह की धूल हटा रही थी, जबकि कहीं धूल थी ही नहीं, फिर राधिका खाना बनाने में लग गयी, पूरा खाना प्याज रहित था, पर अब ये क्या, राधिका नाक बंद करके ऑमलेट बना रही थी |

खाने के समय रमन घर आ गया था, खाना देखते ही वो चिल्ला उठा, तुम्हें रोज़ ऑमलेट बनाने को डॉक्टर ने बोला है, सके बिना तो तुम्हारा काम ही नहीं चलता, राधिका भी चीख उठी हाँ हाँ तुम तो यही चाहते हो, मैं 1 ऑमलेट बना कर छुट्टी न पाऊँ, तुम्हारे लिए रोज़ रोज़ माथा –पच्ची कके सोचूँ और चार–चार सब्जी बनाऊँ

रात में सोने के समय फिर चिल्लाने की आवाजें आने लगीं- तुम दवाई खाने की कभी मत याद रखना, जिससे रात में कराहो, और मैं सो न पाऊँ, ये लो दवाई। ठीक है ठीक है, तुम भी सिर में तेल डाल लो, नहीं तो सुबह से ही घर सिर पे उठा लोगे। हाँ हाँ, तुम तो चाहती ही हो, कि मैं भद्दा दिखूँ, जिससे कोई लड़की मुझे न देखे।  

रात बीत गयी, अब तक माही पूरी तरह पक चुकी थी, रमन के जाने के बाद उसने राधिका से पूछा, जब धूल कहीं थी ही नहीं, तो साफ करने कि क्या जरूरत थी, राधिका ने बताया, रमन को अस्थमा है, धूल का 1 कण भी रमन के लिए जान-लेवा है, सलिए मैं धूल जमने का इंतज़ार नहीं करती हूँ, रोज़ झाड देती हूँ।

अच्छा ये बताइए कि आप नाक बंद करके ऑमलेट क्यूँ बनाती हैं, राधिका बोली, मैं प्याज़ नहीं खाती हूँ, पर रमन प्याज़ चटपटे स्वाद के बिना नहीं खा सकता,लिए सारा खाना प्याज़ रहित बनाती हूँ, पर ऑमलेट जरूर से बना देती हूँ, उससे रमन की जरूरत पूरी हो जाती है, और वो भरपेट खाना खा लेता है, मैनें उपमा में भी उसके लिए टमाटर डाला था, वरना वो खा नहीं पाता।

रात में तेल क्यूँ डलवाती हैं, उन्हें तो वैसे भी कोई नहीं देखता होगा? नहीं, ऐसा नहीं है वो बेहद अच्छे लगते हैं, उनका दिल जो इतना अच्छा है, तेल तो इलिए डलवाती हूँ, क्योंकि उसके बिना उसका सिर दर्द से फटने लगता है।
राधिका का प्यार और समर्पण देखकर माही अगाध हो गयी।  

रमन के ऑफिस से आते ही वो उससे तर्क करने को विवश हो गयी। आपको पता है, राधिका आपको कितना प्यार करती है, और आप हमेशा उस पर चिल्लाते रहते हैं, वो बोला मैं जानता हूँ कि वो जो कुछ भी करती है, सब मेरे लिए ही करती है।

तब आप उसका ध्यान क्यूँ नहीं रखते? रमन की बात सुन कर माही स्तब्ध रह गयी।

ऐसा क्या कहा रमन ने कि माही स्तब्ध रह गयी? जानने के लिए पढ़िये सच्चाई भाग-3...