Saturday, 26 January 2019

Poem : अब देश की बारी है

आप सभी को गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकमनाएं, आइए इस गणतन्त्र दिवस पर हम देश के विकास की शपथ लेते हैं। वही देश को आज़ाद कराने वाले शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 

अब देश की बारी है



देश विकास करे ना तो
आज़ादी के मतवालों की
व्यर्थ हो जाए कुर्बानी है
उन शहादतों की खातिर
क्या सबने विकास की ठानी है
बहुत सोच चुके 
अपनी खातिर
अब देश की बारी है
केवल नेताओं की नहीं
देश का विकास करने की 
हम सबकी ज़िम्मेदारी है
कालाबाज़ारी,बेईमानी,अत्याचार
हैं ये सब 
बर्बादी के हथियार
गर ठान ले 
हर भारतवासी
इन सबका होगा, 
भारत से बहिष्कार  
तो, समझो भारत को
विकसित देशों में
सर्वप्रथम पहुँचने 
की तैयारी है