Monday, 13 May 2019

Poem : रामायण में माता सीता भी हैं उत्तम


जिस प्रकार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी पर राम नवमी का महत्व है, उसी प्रकार बैसाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी में जानकी नवमी का भी महत्व है

राम नवमी तो पूरे भारत में सदियों से मनाई जा रही है। पर हम में से कितने लोग हैं, जिनको ये पता भी हो, कि सीता नवमी कब मनाई जाती है? 

आज के दिन माता सीता जी  प्रकट हुई थी, अतः आज के दिन को सीता नवमी या सीता प्रकटोत्सव के रूप में मनाया जाता है. 

माता सीता जी को मेरा शत शत वंदन, माँ आपका आशीष हम सब पर सदैव बना रहे.  


रामायण में माता सीता भी हैं उत्तम 




रामायण में माता सीता भी हैं उत्तम। 
तो क्यों केवल प्रभु राम  हैं पुर्षोतम?

पति  व्रत को करने में,
सारे मोह को तोड़ दिया।
वनवास जा कर राम संग, 
राजमहल का सुख छोड़ दिया।।

रामायण में माता सीता भी हैं उत्तम। 
तो क्यों केवल प्रभु राम  हैं पुर्षोतम?

दूर थे दोनों एक दूजे से,
विश्वास तो दोनों को होना था।
फिर परीक्षा क्यों केवल सीता दे,
व्यवहार एक सा होना था।।

रामायण में माता सीता भी हैं उत्तम, 
तो क्यों केवल प्रभु राम  हैं पुर्षोतम।

लेकर अग्नि परीक्षा भी,
ना उसका कुछ मान किया।
एक धोबी के कहने मात्र से,
सीता को त्याग दिया।।

रामायण में माता सीता भी हैं उत्तम, 
तो क्यों केवल  प्रभु राम हैं पुर्षोतम?

सीता ने दूर जा कर भी,
ना बच्चों को बहकाया।
राम के अत्याचार बता कर,
राम के खिलाफ़ ना भड़काया।।

रामायण में माता सीता भी हैं उत्तम,
तो क्यों केवल प्रभु राम  हैं पुर्षोतम।

युग ना बदला है अभी,
ना वो बदलेगा कभी।
सत्युग में भी था वही,
अब भी सत्य है यही सही।।

परीक्षा देनी होगी सीता को ही,
तब भी ना माना जाएगा।
पुरुष प्रधान समाज सदा,
केवल, प्रभु राम को ही पुर्षोतम ठहराएगा।।