Shades Of Life
Wednesday, 5 June 2019
Poem: ईद मुबारक
ईद मुबारक
लो आ गयी मुबारक ईद;
खुशनुमा हैं सब
,
करके चाँद का दीद।
हर ओर छाई रौनक-ए-बहार है;
फ़िजाँ में घुल गया प्यार ही प्यार है।
नफ़रत को, फ़ना करके
,
मोहब्बत मुस्कुराई है;
आज हर ओर मेरे मौला ने
नूर बरसाई है।
हो लज़्ज़तदार बिरयानी
,
या हो शीर कुर्मा नूरानी;
खुशबू
,
तो आज ईद की
हर ओर से आई है।
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