Thursday, 18 June 2020

Poem : बहिष्कार

बहिष्कार


भारत के रणबांकुरों ने
किया दुश्मन से दो दो हाथ
वीरता उनकी देखकर
दुश्मन के हो गए खट्टे दांत

वो गये थे निहत्थे
देखने सुरक्षा हालात
दुश्मन हथियार संग 
लगाए बैठा था घात

चीन का समझो इशारा
पहले दिखाता भाईचारा
फिर मौका देखकर
धोखे से सैनिकों को मारा

गर आंखें नहीं खुलीं
तुम्हारी इस घड़ी
देखकर, समझकर भी
चीन की धोखाधड़ी

गर अभी भी नहीं करेंगे
चीनी सामानों का बहिष्कार
केवल सेना भरोसे  बैठकर
नहीं हो सकता देश उद्धार 

चीन को गर हराना है तो
सेना का सब मिलकर दो साथ
चीनी सामान ना ख़रीदो- बेचो
चीन के बिगड़ जाएं हालात

चीन ने कोरोना फैलाकर
अर्थव्यवस्था कर दी कमजोर
हम भी उनका बहिष्कार कर के
उनकी दुर्भावना की कमर दें तोड़

ऐसे ही अर्थव्यवस्था बढ़ा
देश भीतर से सुदृढ़ बनाएं हम
और सरहद पर वीर सैनानी
लहराएं जीत का परचम