Friday, 19 June 2020

Poem : वीरों का वतन- A salute


वीरों का वतन - A salute



वीरों के शहीद होने से,
दुखी है क्यों देश‌ इतना?
उनकी तो वीरता पर;
सोचो नाज़ करोगे कितना।।

पता ना था, उन्हें है घात,
हथियार भी नहीं था साथ,
यहाँ मात्र चंद सैनानी थे;
और वो थे बहुत अपार।।

पर एक एक रणबांकुरा,
उन सब पर था भारी,
जबकि वो थे तैयारी से;
और यह बिन तैयारी।।

उनके घात का उत्तर देने में,
बीस, शहीद हमारे हुए,
पर उन्होंने शहीद होने से पहले;
तैंतालीस उनके भी मार दिए।।

सोचो चीन तुम यह,
तब तुम्हारा क्या हश्र होगा?
जब होगी सेना तैयारी से;
तब कैसा संघर्ष होगा?

अस्तित्व चाहते हो गर अपना,
सदा के लिए पीछे हट जाओ।
वीरों का वतन है भारत;
इससे ना कभी टकराओ।।