Saturday, 5 September 2020

Poem : शिक्षक हीं हैं वो आधार

शिक्षक हीं हैं वो आधार




अर्जुन ना होता, धनुर्धर महान

गर द्रोणाचार्य ना देते ज्ञान


चन्द्रगुप्त का ना फैलता साम्राज्य

गर चाणक्य ना बताते राजनीति के राज़


मिलता ना विवेकानंद को सम्मान

गर परमहंस का ना जुड़ता नाम


सचिन को ना कोई जानता

गर आचरेकर को गुरु ना मानता


पी वी सिंधु की ना होती बात

गर गोपीचंद ना देते साथ


शिक्षक हीं हैं वो आधार

जो करा दे सपने साकार


जो देता शिक्षक को मान

उसका ही जग में होता नाम


सभी श्रद्धेय शिक्षकों को 

शिक्षक दिवस पर बारंबार प्रणाम


आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻💐