Tuesday, 1 June 2021

Article : क्या Doctor हैं बुरे?

क्या डाॅक्टर हैं बुरे?




आज कल एक नया मुद्दा सामने आ गया है की Ayurvedic and Allopathy में से बेहतर कौन?

आपको क्या लगता है?

हमारे अनुसार तो दोनों की अपनी अपनी महत्ता है।

भारतीय संस्कृति का द्योतक है आयुर्वेद और आयुर्वेद बहुत ही बेहतर है। बावजूद इसके allopathy का महत्व कम नहीं होता है।

एक saying है, prevention is better than cure.

अगर इस तरह से समझें तो prevention, आयुर्वेद है और cure है allopathy.

Means आयुर्वेद को follow करके, अगर आप योग, व्यायाम, काढ़ा, उचित आहार-विहार, सकारत्मक दृष्टिकोण, जप, तप आदि करते हैं तो आप कभी बीमार नहीं पड़ेंगे। 

आयुर्वेद को follow करने वाले को by pass surgery की requirements नहीं होती है।

जो दातुन करते हैं, उनके दांतों को RCT की requirements नहीं होती है।

यही बात और भी बीमारियों और परेशानी में भी लागू होती हैं।

बाबा रामदेव का ह्रदय से अनेकानेक आभार कि उन्होंने योग और आयुर्वेद को सहज बना कर जन जन तक पहुँचा दिया। उन्होंने पूरे विश्व को बताया कि अपनी काया को निरोगी कैसे रखा जाए।

पर फिर भी बीमार पड़ गये तो cure means allopathy का नम्बर आता है। 

पर यह कहा जाना कि doctor बेकार होते हैं वह मरीजों की जान ले लेते हैं यह कथन पूर्णता सत्य नहीं है। जैसे आयुर्वेद से जुड़ा हुआ प्रत्येक व्यक्ति बाबा रामदेव नहीं हो सकता है।

कुछ doctor ऐसे हो सकते हैं, जिनके लिए धन ही सब कुछ होता है वह मरीजों की जान की परवाह नहीं करते हैं।

पर यह कहना कि सभी doctor खराब होते हैं बेकार होते हैं वह मरीजों की जान की परवाह नहीं करते हैं यह पूर्णता मिथ्या है।

सालों से बहुत से ऐसे doctor हैं, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना भी मरीजों का इलाज किया है यही कारण है कि doctor को भगवान के समतुल्य माना गया है। 

और आजकल की covid situation को देखते हुए तो हम यह पूरी तरह से कह सकते हैं कि ना जाने कितने doctors ने अपने परिवार की, अपनी जान की, किसी की भी परवाह नहीं की। सिर्फ और सिर्फ मरीजों को ठीक करने के लिए जी-जान से जुटे हैं।

यहां तक की कितने ही doctors की corona period में जान भी चली गई, उनकी शहादत को इस तरह से नकार देना पूर्णता गलत होगा।