Tuesday, 31 May 2022

Short Story : सबसे सुंदर

 सबसे सुंदर 

एक बार पास के गांव में एक बड़ा मेला लगा था। राजा कब से माँ के पीछे पड़ा था, मेले घूमाने को।

पर माँ, अभी तक मेले घूमने जाने के लिए पैसे इकट्ठा नहीं कर पाई थी। 

वो बोली, बेटा आज पक्का मेला घूमने जाएंगे, तू तैयार रहना, आज मालिक तनख्वाह देने वाले हैं।

राजा खुशी से उछलने लगा।

शाम को वो तैयार था, माँ के आते ही वो झूमने लगा कि अब मेला घूमने जाएंगे।

माँ ने अपने बेटे का सिर प्यार से चूमा और चलने को कहा।

दोनों लोग मेले में पहुंच गए। मेले में बहुत भीड़ थी, मानों पूरा गांव ही उमड़ पड़ा हो।

मेले में था भी तो बहुत कुछ, दुनिया के सामानों की stalls, खाने-पीने के सामानों की stalls, दुनिया के खिलौने, जादू का खेल, झूले, बंदरों का खेल, नट नटनी के करतब, सांप का खेल और भी बहुत कुछ।

मेले में आकर कितना भी समय गुजार दो, कम ही लगता।

राजा भी माँ के साथ मेला घूम रहा था और हर चीज़ देखकर उसकी तरफ मचलने लग रहा था।

घूमते हुए वो लोग मदारी के पास ले गुजर रहे थे, तो माँ तो आगे बढ़ गई, पर राजा वहीं बंदर का खेल देखने लगा।

जब खेल खत्म हो गया, तो राजा माँ को ढूंढने लगा, पर माँ कहीं नहीं थी।

अब राजा माँ- माँ करके रोने लगा।

मेला कमेटी के लोगों ने उससे पूछा, क्या नाम है तुम्हारा? और किस के साथ आए हो? तुम्हारे गांव का क्या नाम है?

राजा बहुत सहम गया था, इसलिए कुछ नहीं बता पा रहा था, बस माँ-माँ करके रोता जा रहा था।

एक ने कहा, अच्छा यह बता, तेरी माँ देखने में कैसी लगती है।

राजा बोला, बहुत सुंदर, मेरी माँ सबसे सुंदर है।

कमेटी वाले, सोचने लगे, यह तो काला भुजंग है और माँ बहुत सुन्दर! 

यह ज़रुर से बाप पर गया होगा। 

खैर कमेटी वाले, मेले में उपस्थित बहुत सी खूबसूरत स्त्रियों को राजा के सामने लाते रहे, पर राजा सबके लिए इंकार करता रहा।

शाम से रात होने को आ गई, पर राजा की माँ नहीं मिली। 

कमेटी वाले थक कर चूर हो गये और घर जाने को भी आतुर हो गये थे। पर बच्चे को यूं अकेला छोड़ कर भी नहीं जाना चाहते थे।

तभी एक बेहद काली, जिसके मुंह पर चेचक के दाग़ भी थे। सिलवटों से भरी साड़ी और अस्त-व्यस्त से बालों वाली परेशान सी महिला सामने से गुजरी।

राजा उसको देखकर, लपककर उसकी गोदी में चढ़ गया, वो भी राजा को खुशी से भर कर बेतहाशा चूमने लगी।

कमेटी वाले, एक दूसरे का मुंह देख रहे थे, और सोच रहे थे, यह कहाँ की सुंदर है?

पर अगर एक बच्चे की नजर से देखेंगे तो हर बच्चे को अपनी माँ, दुनिया में सबसे सुंदर लगती है और हर माँ को अपना बच्चा बहुत सुंदर...

वैसे भी असली सुंदरता, रंग रूप में नहीं है बल्कि भाव में है।

इसलिए ही कान्हा जी, सांवले होने पर भी बहुत सुंदर लगते हैं, सबसे सुन्दर!...

Monday, 30 May 2022

Poem : वट सावित्री का व्रत

आप सभी को वटसावित्री व्रत पर हार्दिक शुभकामनाएं 💐 सभी को अखण्ड सौभाग्य प्राप्त हो 🙏🏻🙏🏻


 वट सावित्री का व्रत




वट सावित्री का व्रत नहीं,

 केवल व्रत सुहाग का।

इसमें अमिट प्रेम भी शामिल है,

सावित्री के अनुराग का।।


वो थी, अनोखी, अजब निराली,

थी वो हठी बड़ी मतवाली।

जिसने मौत को भी हरा दिया,

वो थी सावित्री भागों वाली।।


नारद जी ने उसको,

विवाह पूर्व चेताया था।

सत्यवान है अल्प आयु,

यह उसको बड़ा समझाया था।।


वो बोली तब, नारद जी से,

अब वर, नहीं मैं बदलूंगी।

उनको ना जाने दूंगी खुद से पहले,

मैं यमराज से लड़ लूंगी।।


यह राजकुमारी महलों की,

वो गलियों में रहने वाला।

कोई जोड़ नहीं है उनका,

यह विवाह नहीं चलने वाला।।


हर हाल में कैसे खुश रहना है,

उसने सबको दिखा दिया।

पति को पुनः जीवित कर के,

यमराज को भी हरा दिया।।


सावित्री के अमर प्रेम को,

वट सावित्री व्रत कहते हैं।

आज के दिन बरगद पूजन कर,

अखंड सौभाग्य का आशीष लेते है।।

Friday, 27 May 2022

Article : दो बोल तारीफ के

 दो बोल तारीफ के


हम सब इंसानों में सबसे बुरी फितरत होती है कि कुछ सही नहीं होगा, या हमारे मन का नहीं होगा तो, हम तुरंत बुरा भला कहना, नारे लगाना, दोष देना शुरू कर देते हैं।

पर जब वही काम, हमारी इच्छानुसार हो जाए तो!

तो क्या हम उतने ही प्रखर रुप में प्रशंसा भी करते हैं...?

नहीं ना?

क्यों? आखिर क्यों?

क्योंकि हमें निन्दा करना तो अपना जन्म सिद्ध अधिकार लगता है, पर प्रशंसा करना... 

वो... वो तो व्यर्थ का कार्य है या उसको वो काम तो करना ही चाहिए और कर दिया तो कौन बड़ा काम कर दिया, जिसकी प्रशंसा की जाए।

यही प्रवृत्ति है, अधिकांशतः लोगों की...

हम बात कर रहे हैं, बढ़ती हुई मंहगाई पर मोदी सरकार को ताना देते हुए लोगों की...

यही कर रहे थे ना? जब मंहगाई बढ़ रही थी, पैट्रोल, डीजल, तेल, चीनी, आदि के दाम बढ़े थे...

तो अब जब petrol and diesel के दाम घटे, palm oil and sunflower oil  के दाम घटे और कुछ दिनों में चीनी के दाम भी घट जाएंगे, तो क्या मुंह से दो बोल तारीफ के निकलेंगे? 

अब तक तो सबको ही पता चल गया होगा, पेट्रोल और डीज़ल के दाम। जिनको नहीं पता है, उनकी जानकारी के लिए बता दें।

केंद्र सरकार (Modi Govt) ने पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर कम किए हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार शाम tweet करके जनता को यह खुशखबरी दी कि केंद्र सरकार ने Petrol and Diesel पर Central Excise Duty Reduces कर दी है। बता दें कि इससे पहले, केंद्र सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 5 रुपये प्रति लीटर Excise Duty Reduces की थी। उसके बाद मार्च-अप्रैल में तेल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हुई थी। यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी से बढ़ोतरी होने के कारण घरेलू बाजार में Fuel Price पर भी इसका असर पड़ा था।

दिल्ली से मुंबई तक कितना सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल?

दिल्ली में पेट्रोल का भाव पहले 105 रुपये 41 पैसे था जो अब 96 रुपये 72 पैसे प्रति लीटर हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत में 8 रुपये 69 पैसे प्रति लीटर की कमी आई है। इसी तरह देश की आर्थिक राजधानी  मुंबई में पेट्रोल 9 रुपये 16 पैसा सस्ता हुआ है। मुंबई में अब पेट्रोल 111.35 रुपये प्रति लीटर है। खास बात ये है कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई इन चारों महानगरों में सिर्फ दिल्ली में पेट्रोल की कीमत सौ रुपये प्रति लीटर से कम है, जबकि बाकी तीनों महानगरों में अभी भी पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार बिक रहा है।

इसी तरह डीजल के दाम में दिल्लीवालों को प्रति लीटर सात रुपये पांच पैसे की राहत मिली है। दिल्ली में कल तक एक लीटर डीजल 96 रुपये 67 पैसे में बिक रहा था लेकिन आज से 89 रुपये 62 पैसे में बिक रहा है। इसी तरह मुंबई में डीजल की कीमत 104 रुपये 77 पैसे से गिरकर अब 97 रुपये 28 पैसे प्रति लीटर हो गई है। मुंबई में डीजल 7 रुपये 49 पैसा सस्ता हुआ है। कोलकाता में 7 रुपये 7 पैसा और चेन्नई में डीजल प्रति लीटर 6 रुपये 70 पैसा सस्ता हुआ है। बता दें कि राज्य स्तर पर वाहन ईंधन पर लगने वाले वैट (VAT) की अलग-अलग दरों की वजह से शहरों में पेट्रोल-डीजल का भाव अलग होता है।

प्रमुख महानगरों में आज पेट्रोल-डीजल का भाव :

> दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर।

> मुंबई में पेट्रोल 111.35 रुपये और डीजल 97.28 रुपये प्रति लीटर।

> कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर।

> चेन्नई में पेट्रोल 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर।

इसी तरह, palm oil और sunflower oil से भी दाम घटे हैं और बहुत जल्द चीनी के दाम भी घटने वाले हैं...

आप के संज्ञान के लिए बता दें कि, 100% excise duty में, Central government का हिस्सा 59% और state government का 41% की भागीदारी रहती है। 

इन सब के दाम कम होने का कारण केवल मोदी सरकार द्वारा central excise duty reduce करना है।

BJP शासित राज्यों में भी excise duty reduce हुई है। जबकि बाकी के राज्य कोई छूट नहीं देना चाहते हैं।

अब क्या मंहगाई का रोने वाले, प्रशंसा कर पाएंगे?

पर कभी आपने सोचा है कि, आखिर कारण क्या था, मंहगाई बढ़ने का?

वैसे तो हर साल पूरे विश्व में मंहगाई बढ़ती ही है, पर इस बार का सबसे बड़ा कारण, कोरोना की महामारी..., फिर रूस- यूक्रेन युद्ध

जिसने भारत क्या, अमेरिका, इंग्लैंड, रुस जैसे बड़े बड़े विकसित देशों की भी चूलें हिला दी थी। ‌अभी सम्पूर्ण विश्व मंहगाई की मार झेल रहा है।

ऐसे में 138 करोड़ जनसंख्या वाले भारत में बढ़ी हुई मंहगाई पर इतनी जल्दी नियंत्रण की ओर ले जाना क्या प्रशंसनीय कार्य नहीं है?

शायद है?

जी हाँ बिल्कुल है...

आप का तो कुछ नहीं जाएगा, पर जो यह कार्य कार्यन्वित कर रहे हैं, उनके हौसले जरुर बुलंद होंगे और वो देश को सफलता के मार्ग की ओर ले जाएंगे।

फिर चाहे वो देश का आर्थिक सुदृढ़ीकरण हो या सुरक्षा व्यवस्था या भारत को विश्व विजेता बनाना हो।

पर यह होगा तब ही, जब भारत देश का नेतृत्व सही हाथों में होगा और आप अच्छी तरह से जानते हैं, वो किसके हैं...

तो प्रखर रुप से बोलिए तारीफ के बोल...

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Wednesday, 25 May 2022

Recipe: Bread Malai Roll

इस summer vacation के लिए, आप को एक, Chaat item, Rice Papdi Chaat और एक snacks item, Semolina cheese balls बता चुके हैं और आज आप को एक बहुत ही yummy, tasty & easily prepare होने वाली मिठाई बताने जा रहे हैं।

यह इतनी tasty है कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबको बहुत पसंद आएगी और कोई भी एक खाने के बाद दूसरी मांगे बिना नहीं रहेगा। 

यह मिठाई इतनी easy है कि आप perfect chef हो या beginner, पर यह मिठाई आप perfect ही बनाएंगे।

साथ ही इस easily prepare होने वाली मिठाई के ingredients भी easily available हो जाते हैं। 

आप ने छेना मलाई रोल बहुत बार खाया होगा, शाही टोस्ट भी बहुत बार खाया होगा। तो हमारी आज की recipe इनसे मिलती हुई, पर फिर भी अपना अलग स्वाद लिए हुए है।

तो चलिए आप के लिए इसकी recipe share कर देते हैं। 

For 16 pieces :

ब्रेड मलाई रोल



Ingredients :

Bread - 8 slices (medium sized sandwich bread) 

Full cream milk - 450 ml. for छेना

Full cream milk - 500 ml. for रस (thickened creamy milk) 

Lemon - 1

Fresh Malai - 1 bowl 

Vanilla custard powder - 1½ tsp.

Green cardamom powder -  1½ tsp.

Chopped dry fruits (Almonds, Cashews and Pistachios) - 2 tbsp.  

Sugar - 150 gm. 

Sugar powder - 3 tsp.


Method :

  1. 450 ml. दूध में नींबू डालकर उसे फाड़ लीजिए।
  2. फटे दूध को muslin cloth में डालकर छेने से पानी निकलने के लिए रख दीजिए।
  3. एक bowl में थोड़े से दूध में custard powder घोल लीजिए।
  4. 500 ml. दूध में चीनी और मलाई डालकर उसे गाढ़ा होने के लिए gas पर high flame पर रख दीजिए। 
  5. दो उबाल आ जाने पर 10 minutes के लिए, slow flame पर बीच-बीच में चलाते हुए गाढ़ा कीजिए।
  6. अब दूध में custard powder solution को चलाते हुए डालिए।
  7. एक उबाल high flame पर कर दे दीजिए। दूध में थोड़े से chopped dry fruits डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।‌‌
  8. इसमें से ½ cup दूध छोड़कर बाकी दूध ठंडा होने के लिए रख दीजिए। 
  9. छेने से जब पूरा पानी निकल जाए तो छेने को plate में डालकर, हथेली से, soft and smooth होने तक rub कीजिए।
  10. Soft and smooth छेने में, पिसी हुई चीनी, छोटी इलायची पाउडर और कुछ chopped dry fruits डालकर अच्छे से mix कर लीजिए। 
  11. छेने के आठ टुकड़े कीजिए और उससे, Bread के एक side की equal length वाले 8 rolls बना लीजिए।
  12. अब Bread slice लीजिए, उसके brown sides, trim कर लीजिए।
  13. जो ½ cup lukewarm दूध था, उसे चम्मच में लेकर bread पर थोड़ा-थोड़ा डालकर, bread moist कर लीजिए। 
  14. Moist bread पर छेने का roll रखकर, bread roll कर लीजिए। 
  15. Roll को थोड़ी देर तक हाथों से roll करते रहें जिससे roll खुले नहीं। ऐसे ही सारे rolls बना लीजिए।
  16. अब इन rolls को बीच में से cut कर लीजिए। जिससे rolls, proper size के हो जाएं।
  17. अब इन rolls को किसी गहरे और चौड़े utensil में रख दीजिए और इसके ऊपर गाढ़े और ठंडे किए गए दूध को डालकर, set होने के लिए 1 hour के लिए refrigerator में रख दीजिए।
  18. Serving करते समय, बचे हुए chopped dry fruits से garnish कर दीजिए। 

चलिए यह tasty मिठाई, बिल्कुल perfect बने, इसके लिए tips and tricks भी बता देते हैं।


Tips and Tricks :

  • Bread के sides ज़रुर से निकाल दीजिएगा, क्योंकि उसके रहने से मिठाई का taste अच्छा नहीं आएगा।
  • इन sides को grind करके, आप किसी भी snacks में use कर सकते हैं।
  • Bread पर lukewarm milk डालने से bread  moist हो जाती है, जिससे perfect rolls बनते हैं और वो serving के time खुलते नहीं हैं।
  • आप चाहें तो छेने की जगह, fresh paneer भी ले सकते हैं।
  • दूध में मलाई और custard powder इसलिए डाला था कि दूध जल्दी गाढ़ा और creamy हो जाए। 
  • अगर आप के पास custard powder या मलाई नहीं है तो आप इसके बिना भी गाढ़ा और creamy दूध तैयार कर सकते हैं, बस उसमें time ज़्यादा लगेगा। 
  • अगर आप, मलाई और custard powder नहीं डाल रहे हैं तो एक cup दूध ज़्यादा लीजिएगा।
  • आप इसमें केसर भी डाल सकते हैं। उससे taste and colour enhance हो जाता है।
  • अभी बहुत गर्मी है, और केसर गर्म होता है, इसलिए हमने custard powder use किया है। इससे दूध में taste and colour enhance हो जाता है, साथ ही दूध जल्दी गाढ़ा भी हो जाता है।
  • Custard powder, सिर्फ 1½ tsp. ही डालना है, जिससे दूध में tasty flavour तो आए, पर custard का prominent taste नहीं आए।
  • इसे serve करने से पहले atleast 1 hour के लिए refrigerator में ज़रुर से रख लीजिएगा, जिससे bread thickened and creamy milk को अच्छे से absorb कर लें।
  • Thickened milk, sufficient amount में होना चाहिए, जिससे bread के absorb करने के बाद भी उसमें thickened and creamy milk का amount बचा रहे।
  • उसके लिए आप थोड़ा सा thickened and creamy milk, serving के time डालें।
  • Rolls को ऐसे बर्तन में रखिएगा कि वो एक-दूसरे पर चढ़े नहीं और साथ ही उस पर जब thickened and creamy milk डालें तो दूध बहकर निकल ना जाए।

इसको एक बार ज़रूर से बनाएं, एक बार खाने के बाद सबको इतना पसंद आएगा कि आप खुद बार-बार बनाएंगे।

Tuesday, 24 May 2022

Recipe: Semolina cheese balls

बच्चों की छुट्टियांँ, special हो जाएं, इसलिए आप को आज एक और healthy and tasty recipe share कर रहे हैं।

इसको खाने के बाद, बच्चे खुशी से झूम उठेंगे और आप भी healthy खिलाकर बहुत खुश रहेंगी।

तो चलिए और पहेली नहीं बुझाते हैं और आप को इसके बनाने की recipe बताते हैं।

सूजी चीज़ बाॅल्स 



Ingredients :

Semolina (Suji) - 1 cup 

Cheese - slices (6), or shredded 100gm.

Finely chopped onion - 1

Finely chopped capsicum - 1 

Tomato ketchup - 1 tbsp.

Salt - as per taste

Kashmiri mirch - ¼ tsp.

Milk - ½ cup

Malai - 1 tsp.

Garlic - optional 


Method :

  1. सूजी में नमक, मिर्च पाउडर, दूध व मलाई डालकर dough prepare कर लीजिए।
  2. अब इसे 15 min. के लिए rest करने छोड़ दीजिए।
  3. Chopped onion and capsicum में tomato ketchup और चुटकी भर नमक मिलाकर अच्छे से mix कर लीजिए।
  4. अगर आप cheese slice ले रहे हैं तो उसके 1X1 इन्च के टुकड़े काट लीजिए।
  5. अब सूजी के dough की एक बार फिर से अच्छे से kneading (आटा सानना) कर लें।
  6. अगर आटा ज़्यादा tight लगे तो, पानी डालकर पूड़ी बनाने जैसा soft कर लीजिए। 
  7. सूजी के आटे की छोटी-छोटी लोइयां बना लें।
  8. लोई को हल्का सा बेल लें, उसमें बीचों-बीच में onion capsicum mixer and cheese को रखकर balls बना लीजिए।
  9. इसी तरह से सारी balls ready कर लीजिए, और इन्हें freezer में रख दीजिए।
  10. Serving करने के 10 minutes पहले, निकाल कर इन्हें घी में golden brown (crispy) होने तक deep fry कर लीजिए।

Semolina cheese balls are ready to serve...

You can serve it with Tomato ketchup or Schezwan Sauce also.

Perfect cheese balls के लिए इन tips and tricks को ज़रुर याद रखिएगा। 


Tips and Tricks :

  • अगर आपकी सूजी ज़्यादा मोटी हो, तो उसे mixer grinder jar में डालकर थोड़ा महीन पीस लें।
  • आप onion and capsicum mix में ketchup ज़रुर से डालें, इसके चार फ़ायदे हैं।
  • 1. ज़्यादा tasty लगता है।
  • 2. और juicy हो जाता है।
  • 3. Onion and capcicum की binding हो जाती है, इससे filling इधर-उधर से नहीं निकलती है।
  • 4. यह अपने आप में complete हो जाता है, इसके संग किसी भी sides की requirement नहीं रहती है।
  • आप ketchup का flavour अपने taste के  according, tomato ketchup, hot and sweet, Schezwan या जो भी आप को पसंद हो, उसे mix कर सकते हैं। 
  • सूजी dough soft ही रखें, इससे ball का proper shape आता है।
  • अगर आप onion नहीं खाते हैं तो आप इसे avoid कर सकते हैं।
  • Freezer में रखने से balls ठंडी हो जाती हैं तो fry करने पर cheese balls से बाहर नहीं निकलता है।
  • आप चाहें तो केवल cheese की filling रख सकते हैं, पर तब यह कम tasty लगेगा। 
  • Cheese का amount अच्छे से रखिएगा, क्योंकि यही recipe का key ingredient है।
  • Serving के time, balls तुरंत ही serve कीजिए, गर्म होने पर cheese ज़्यादा tasty लगता है क्योंकि, अगर एक बार balls ठंडी हो गईं, तो cheese का taste अच्छे से नहीं आएगा। 
  • Cheese के बिना, इन balls की कोई value नहीं है।
  • इसे आप, breakfast, snacks and parties में serve कर सकते हैं।

तो चलिए, आज ही इसे बनाकर, बच्चों की summer vacation को और special करते हैैं।

Saturday, 21 May 2022

Recipe : Rice Papdi Chaat

बच्चों की छुट्टियांँ शुरू हो गई हैं तो अब वो आप से tasty and special dishes बनाने की demand करेंगें। 

पर गर्मी इतनी ज़्यादा पड़ रही है, कि कुछ भी बनाने से पहले कई बार यह सोचना पड़ेगा कि dish tasty होने के साथ healthy भी हो। जिससे इतनी गर्मी में उसे खाकर कोई बीमार नहीं पड़े। 

अरे! पर आप को क्या चिन्ता, जब आप Shades of Life के साथ हैं।

तो चलिए आप के इन सारी problem को एक-एक करके solve करते हैं।

गर्मी है तो, ठंडे-ठंडे दही की dish हो तो क्या बात है!

दही के साथ खट्टी-मीठी चटनी भी हो, तो चार चांद लग जाते..

नहीं, नहीं...हम खस्ता कचौड़ी, दही भल्ले की बात नहीं कर रहे हैं।

बात कर रहे हैं पापड़ी चाट की...

ओह! उस पापड़ी चाट की बात नहीं कर रहे हैं, जो आप अब तक खाते थे। मैदे की बनी हुई... हम भी जानते हैं, ज़्यादा मैदा खाना healthy नहीं होता।

नहीं बाबा, आटे की भी नहीं...

जानते हैं भाई, बच्चे उसे खाना तो दूर, छूने तक के लिए ready नहीं होते हैं।

तो हम किसकी बना रहे हैं?

चावल के आटे की...

यह tasty, crispy and healthy होती हैं। साथ ही बच्चे इसे बहुत शौक से खाते हैं और आप को भी उन्हें इसे खिलाने में कोई problem नहीं होगी क्योंकि यह healthy and light recipe है।

चावल की पापड़ी चाट



Ingredients :

Rice flour - 1 Cup

Boiled potato - 1 Big in size

Cornflour - ¼ Cup 

Salt - as per taste

Chilli flakes - as per taste 

Clarified butter (ghee) - for frying


Method :

  1. उबले आलू को कद्दूकस कर लीजिए।
  2. फिर कद्दूकस किए हुए आलू को mixer grinder के jar में डाल दें, ¼ cup पानी डालकर महीन पीस लें।
  3. इस पिसे हुए आलू में 1½ tbsp. घी, चावल का आटा, corn flour, salt & chilli flakes डालकर smooth dough prepare कर लीजिए। 
  4. 10 min. के लिए, rest करने के लिए रख दीजिए। 
  5. अब इस dough से बड़ी-बड़ी लोई तोड़ लीजिए।
  6. लोई की बड़ी सी रोटी बेल लें।
  7. अपनी पसंद के आकार के अनुसार, इसे काट लीजिए।
  8. अब इन पापड़ी पर fork या चाकू से गोद लें, जिससे तलने पर पापड़ी, पूड़ी के जैसे नहीं फूले।
  9. कड़ाही में घी गर्म कर लीजिए।
  10. इसमें चावल की पापड़ी को डालकर, golden brown होने तक सेक लीजिए।

अब इन पापड़ी पर दही, खट्टी और मीठी चटनी, काला नमक, भुना जीरा और chilli flakes डालकर serve करें। Crispy, tasty Rice Papdi Chaat is ready for serve.

Creamy Curd (Yogurt) and Mithi ChutneyRaw mango and mint ki chutney के लिए, click करें। 

यह पापड़ी बहुत crispy and tasty होती है। आप चाहें तो इसकी चाट ना बनाकर, ऐसे ही tea time में भी खा सकते हैं।

आइए कुछ tips and tricks भी हो जाएं।


Tips and Tricks :

  • Dough prepare करने के लिए चावल का आटा ही लीजिए। चावल पीस कर बनाने में dough गीला हो जाएगा।
  • Dough prepare करने में, पानी डालने की ज़रूरत नहीं है। अगर आप को लगे कि dough ज्यादा tight हो रहा है, तो थोड़ा- थोड़ा पानी डालकर ही smooth dough बनाएं।
  • पानी का अंदाज सही होना ज़रूरी है, क्योंकि चावल का आटा बहुत जल्दी गीला हो जाता है।
  • यह पापड़ी, चावल के आटे से बनती है, इसलिए healthy and light होती है।
  • चावल का आटा होने के कारण, पापड़ी बहुत crispy बनती है।
  • पर ध्यान रखिएगा कि आलू भी ज़रुर से mix करना है। इसके कारण ही पापड़ी, mouth melting बनती है।
  • केवल चावल का आटा लेने पर, पापड़ी hard बनेगी।
  • पापड़ी को fork से ज़रुर से गोद दीजिएगा। अगर वो पूड़ी जैसी फूल गई, तो crispy and tasty नहीं बनेगी।
  • आप चाहें तो घी की जगह olive oil or refined oil भी use कर सकते हैं।
  • यह बहुत crispy and tasty बनती है। ठंडी होने पर आप इसे airtight container में रखकर 1 week तक winter में और 4 days summer में use कर सकते हैं।

तो सोचना क्या है, जल्दी ही बनाएं और परिवार में सबको खुश कर दीजिए 😊

Thursday, 19 May 2022

India's Heritage : 12 बज गए?

12 बज गए?


सदियों से सरदारों पर, बहुत से jokes बनाएं जाते हैं, किसी सरदार पर jokes बनाने और सुनाने में लोग जरा सा भी नहीं सोचते! एक सरदार पर joke बनाना लोग बेहद आसान समझते हैं। 

कभी संता बंता के चुटकुले, कभी उन पर silly बातों को गढ़कर, या कभी यह कहकर,  12 बज गए क्या? उनका बहुत मजाक उड़ाया जाता है। 

लेकिन फिर भी सिर पर पगड़ी और हाथ में कृपाण लिए ये सरदार बेहद खुश रहते हैं। उन्होंने अपने इस अपमान के लिए, कभी किसी का सिर नहीं फोड़ा।

पर कभी आपने सोचा है कि क्यों आखिर सरदारों पर ही इतने चुटकुले बनाए जाते हैं?

क्या, सचमुच 12 बजे, सरदार लोग अपने आपे में नहीं रहते हैं?

जी हाँ, नहीं रहते हैं, अपने आपे में...

और आज हम आपको बताते हैं इस जुमले के पीछे की पूरी हकीकत! और दावा है कि इसे पढ़ने के बाद इन पर चुटकुले बनाने वालों को शर्मिंदगी महसूस जरूर होगी, साथ ही सरदारों के सम्मान में अपना सिर झुकायेंगे। 

बात सत्रहवीं शताब्दी की है जब भारत देश पर मुग़ल शासक नादिर शाह ने आक्रमण किया था। उसने दिल्ली को तबाह कर दिया था और लूट-मार का एक खौफनाक मंजर बन गया। उसकी सेना ने बड़े पैमाने पर नरसंहार किए। इस नरसंहार के बीच शाह की सेना ने कई सुंदर महिलाओं को बंदी भी बनाया। 

कहा जाता है उसकी सेना ने लगभग 2 हजार महिलाओं को बंदी बना रखा था। इन महिलाओं की रक्षा के लिए, कोई आगे नहीं बढ़ रहा था।

ऐेसे में सिखों ने ही इन बंदी महिलाओं को नादिर शाह की सेना के कब्जे से आजाद कराने का फैसला किया था। मगर नादिर शाह की सेना बहुत बड़ी और ताकतवर थी। सिर्फ हौंसले के दम पर संख्या को हरा पाना मुमकिन नहीं था।

उस समय सरदार जस्सा सिंह, सिख सेना की कमान संभाल रहे थे। उन्होंने ही इस हमले की रणनीति बनाई थी। 

गुरिल्ला युद्ध रणनीति अपनाते हुए सिखों ने देर रात 12 बजे शाह की सेना पर हमला कर उसे चौंका दिया।

हमला कर उन्होंने कई महिलाओं को आजाद तो करा लिया था लेकिन इस लड़ाई में कई सिख शहीद भी हो गए। सिखों को आधी रात 12 बजे महिलाओं को आजाद कराने में कामयाबी हासिल हुई थी। 

लेकिन इस बात को इतिहास के पन्नों में इतनी जगह नहीं दी, कि लोग इसके बारे में ज्यादा जान सकें। वे नहीं चाहते थे कि सरदारों के शौर्य, पराक्रम व बुद्धिमत्ता का परिचय सम्पूर्ण विश्व को हो।

क्या, अब आप को कारण समझ आया कि क्या है, 12 बज गए में?

12 बज गए में है, उन सरदारों की वीरता

12 बज गए में है, उन सरदारों की शौर्यता

12 बज गए में है, उन सरदारों का हौसला

12 बज गए में है, उन सरदारों की निस्वार्थ सेवा

12 बज गए में है, उन सरदारों की बुद्धिमत्ता

12 बज गए में है, उन सरदारों की युद्धनीति

12 बज गए में है, उन सरदारों की जीत 

12 बज गए में है, उन सरदारों की नारी सम्मान के लिए दी गई एक बड़ी कुर्बानी

12 बज गए में है, नादिरशाह की हार 

12 बज गए में है, नादिरशाह की सेना का भय 

जो जुनून सरदारों में तब था, वो आज भी है।

ऐसे वीरता और साहस के पर्याय सरदारों को '12 बज गए' कह कर उनका मजाक बनाना, उन्हें चिढाना, क्या बेहद शर्मनाक नहीं है? 

तो अब जब आप इस बात को जान चुके हैं तो, शायद आगे से आप इस तरह के चुटकुले ना तो सुनाएंगे और नहीं किसी और को इस तरह की शर्मनाक हरकत करने देंगे, बल्कि उन्हें भी इस गौरवशाली इतिहास से अवगत कराएंगे।

बोले सो निहाल सत् श्री अकाल 

Tuesday, 17 May 2022

Article : प्रत्यक्ष प्रमाण

प्रत्यक्ष प्रमाण


सदियों से हिन्दू संस्कृति में यही बताया जाता है कि भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं। 

शायद इसी बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है शिवलिंग का ज्ञानवापी मस्जिद में मिलना।

या ज्ञानवापी मस्जिद का अपना नाम ही सबसे बड़ा प्रमाण है कि वो मस्जिद इतिहास में एक मंदिर ही थी क्योंकि ज्ञानवापी का अर्थ है ज्ञान का कुँआ और किसी भी मस्जिद का नाम किसी संस्कृत शब्द पर कैसे हो सकता है?

तभी वहाँ मिलने वाले प्रत्यक्ष प्रमाण, समवेत स्वर में, औरंग़ज़ेब द्वारा किए गए अत्यंत घृणित कार्यो की कहानियां कह रहे हैं।

नंदी महाराज, जो सदियों से अपने भोलेबाबा के इंतजार में मस्जिद की ओर मुख किए बैठे थे, उनकी तपस्या पूर्ण हुई।

मस्जिद में मिलने वाले स्वास्तिक चिन्ह, घंटे का चित्रण और ऐसे ही बहुत से अन्य हिन्दू धर्म से जुड़े चिन्ह, सब उस घृणित कार्य को बता रहे हैं।

परन्तु जिस जगह, महादेव मिले हैं, वो स्थान है, वज़ू की जगह। वज़ू जहाँ नमाज अदा करने से पहले, हाथ-पैर धोये जाते हैं। 

हम हिन्दू, महादेव के दर्शन भी नहा-धोकर करने जाते हैं, उन्हें पूर्ण पवित्र हुए बिना छूते तक नहीं हैं। उस ईश्वर को यह स्थान दिया था।

इतना घोर अपमान किया था औरंगजे़ब ने... 

सोचकर ही मन क्रोध से भर जाता है...

क्या अब भी सोचा जाना चाहिए कि, ज्ञानवापी मस्जिद का क्या करना है?

मुगल आक्रांताओं ने, हमारे कितने ही मंदिरों को यूं ही खंडित करके, उसके ऊपर मस्जिद बनाकर उसे मुग़ल स्थापत्य कला का नाम दे दिया।

उसमें औरंगजेब ने अति ही कर दी थी। उसने कितने ही मस्जिदों की सीढ़ियों पर हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियों को दबवाने की नीच हरकत की थी। जिससे जब मस्जिद की सीढ़ियां चढ़ीं जाएं तो उन मूर्तियों को पैरों तले रौंदा जाए।

क्या अब भी सोचा जाना चाहिए कि, ज्ञानवापी मस्जिद का क्या करना है?

हम हिन्दुओं में देवी देवताओं का सर्वोच्च स्थान है। और हमें यह बर्दाश्त नहीं कि उनका तनिक भी अपमान किया जाए।

जो अपराध, इतिहास में किए गए हैं, उनको सही करने का समय आ गया है। और इसके लिए ईश्वर भी हमारा साथ दे रहे हैं।

महादेव का मिलना इसी बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

तो अब हम सब को एक होकर, सही का साथ देना है और जहाँ-जहाँ भी ऐसे घृणित कार्य किए गए हैं, उन्हें सही किए जाए, इस ओर अग्रसित होना है।

हर  हर महादेव 🐚🚩🔱

Monday, 16 May 2022

India's Heritage : ताकत का परिचय ( भगवान बुद्ध)

भारतीय संस्कृति के हर रंग में आपको सम्पूर्णता दृष्टिगोचर होगी।

फिर बात, चाहे मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभू श्रीराम की महानता की हो, भगवान श्रीकृष्ण की 16 कलाओं से परिपूर्ण लीलाओं की हो या भगवान बुद्ध की सौम्यता की हो‌...

हर रंग अपने में जुदा, पर सम्पूर्णता से परिपूरित।

आज बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर आप सभी को भगवान बुद्ध से जुड़ी, एक सच्ची कहानी बताने जा रहे हैं।

शांति और सौम्यता की मूर्ति भगवान बुद्ध ने सबको ईश्वर की प्राप्ति का बहुत सुगम और सरल मार्ग बताया था।

भगवान बुद्ध, जब भी, किसी को शिक्षा या ज्ञान प्रदान करते थे। उसका तरीका, इतना सरल और स्पष्ट होता था कि उसका प्रभाव मनुष्य के सीधे ह्रदय पर होता था।

आप सबसे अनुरोध है कि उनके व अंगुलिमाल के संवाद पर विशेष ध्यान दीजिएगा, जो हमें एहसास कराता है, कि सृजनकर्ता ही शक्तिशाली है।

उनकी इसी सरलता और स्पष्टता को उजागर करती, विरासत की, आज की कहानी है।

ताकत का परिचय




प्राचीनकाल की बात है। मगध देश की जनता में आतंक छाया हुआ था। अँधेरा होते ही लोग घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे, कारण था अंगुलिमाल।

अंगुलिमाल एक खूँखार डाकू था जो मगध देश के जंगल में रहता था। जो भी राहगीर उस जंगल से गुजरता था, वह उसे रास्ते में लूट लेता था और उसे मारकर उसकी एक उँगली काटकर माला के रूप में अपने गले में पहन लेता था। इसी कारण लोग उसे 'अंगुलिमाल' कहते थे।

एक दिन उस गाँव में महात्मा बुद्ध आए। लोगों ने उनका खूब स्वागत-सत्कार किया। 

महात्मा बुद्ध ने देखा वहाँ के लोगों में कुछ डर-सा समाया हुआ है। महात्मा बुद्ध ने लोगों से इसका कारण जानना चाहा। 

लोगों ने बताया कि इस डर और आतंक का कारण डाकू अंगुलिमाल है। वह निरपराध राहगीरों की हत्या कर देता है। 

महात्मा बुद्ध ने मन में निश्चय किया कि उस डाकू से अवश्य मिलना चाहिए।

बुद्ध जंगल में जाने को तैयार हो गए, तो गाँव वालों ने उन्हें बहुत रोका क्योंकि वे जानते थे कि अंगुलिमाल के सामने से बच पाना मुश्किल ही नहीं असंभव भी है। 

लेकिन बुद्ध अत्यंत शांत भाव से जंगल में चले जा रहे थे। तभी पीछे से एक कर्कश आवाज कानों में पड़ी- "ठहर जा, कहाँ जा रहा है?"

बुद्ध ऐसे चलते रहे मानो कुछ सुना ही नहीं। पीछे से और ज़ोर से आवाज आई-"मैं कहता हूँ ठहर जा।" 

बुद्ध रुक गए और पीछे पलटकर देखा तो सामने एक खूँखार काला व्यक्ति खड़ा था। लंबा-चौड़ा शरीर, बढ़े हुए बाल, एकदम काला रंग, लंबे-लंबे नाखून, लाल-लाल आँखें, हाथ में तलवार लिए वह बुद्ध को घूर रहा था। उसके गले में उँगलियों की माला लटक रही थी। वह बहुत ही डरावना लग रहा था।

बुद्ध ने शांत व मधुर स्वर में कहा- "मैं तो ठहर गया। भला तू कब ठहरेगा?"

अंगुलिमाल ने बुद्ध के चेहरे की ओर देखा, उनके चेहरे पर बिलकुल भय नहीं था जबकि जिन लोगों को वह रोकता था, वे भय से थर-थर काँपने लगते थे। 

अंगुलिमाल बोला- "हे सन्यासी! क्या तुम्हें डर नहीं लग रहा है? देखो, मैंने कितने लोगों को मारकर उनकी उँगलियों की माला पहन रखी है।"

बुद्ध बोले- "तुझसे क्या डरना? डरना है तो उससे डरो जो सचमुच ताकतवर है।" अंगुलिमाल ज़ोर से हँसा - 'हे साधु! तुम समझते हो कि मैं ताकतवर नहीं हूँ। मैं तो एक बार में दस-दस लोगों के सिर काट सकता हूँ।'

बुद्ध बोले - 'यदि तुम सचमुच ताकतवर हो तो जाओ उस पेड़ के दस पत्ते तोड़ लाओ।' अंगुलिमाल ने तुरंत दस पत्ते तोड़े और बोला - 'इसमें क्या है? कहो तो मैं पेड़ ही उखाड़ लाऊँ।' 

महात्मा बुद्ध ने कहा - 'नहीं, पेड़ उखाड़ने की ज़रूरत नहीं है। यदि तुम वास्तव में ताकतवर हो तो जाओ इन ‍पत्तियों को पेड़ में जोड़ दो।' 

अंगुलिमाल क्रोधित हो गया और बोला - 'भला कहीं टूटे हुए पत्ते भी जुड़ सकते हैं।' महात्मा बुद्ध ने कहा - 'तुम जिस चीज को जोड़ नहीं सकते, उसे तोड़ने का अधिकार तुम्हें किसने दिया?

एक आदमी का सिर जोड़ नहीं सकते तो काटने में क्या बहादुरी है? अंगुलिमाल अवाक रह गया। वह महात्मा बुद्ध की बातों को सुनता रहा। एक अनजानी शक्ति ने उसके हृदय को बदल दिया। उसे लगा कि सचमुच उससे भी ताकतवर कोई है। उसे आत्मग्लानि होने लगी।

वह महात्मा बुद्ध के चरणों में गिर पड़ा और बोला - हे महात्मन् ! मुझे क्षमा कर दीजिए। मैं भटक गया था। आप मुझे शरण में ले लीजिए।

भगवान बुद्ध ने उसे अपनी शरण में ले लिया और अपना शिष्य बना लिया। आगे चलकर यही अंगुलिमाल एक बहुत बड़ा साधु हुआ।

ऐसे महान थे भगवान बुद्ध... और उनकी महानता की, यह ही नहीं बल्कि बहुत सी कहानियांँ हैं। और हर कहानी आप को यही संदेश देगी, कि काम और क्रोध से नहीं अपितु शांत और सौम्य रहकर, प्रेम और विश्वास से प्रभू की प्राप्ति होती है।

बुद्ध पूर्णिमा पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻💐

Thursday, 12 May 2022

Short Story : विश्वास

विश्वास


हरिया की सब्जी की दुकान थी। वो सबसे बहुत अपनेपन से बात करता, सब्जी एकदम ताज़ी रखता और दाम भी उचित लगाता था। बहुत से लोगों का उसकी दुकान में खाता भी चलता था, मतलब वो सब्जी का हिसाब, महीना पूरा होने पर करते था। 

उसकी पत्नी रेखा कहती भी, कि खाते पर दुकान क्यों चलाते हो? किसी ने बाद में पैसे नहीं दिए तो?

हरिया, हमेशा कहता, दुकान रुपए-पैसों से नहीं, विश्वास से चलती है। शायद इसीलिए उसका सबसे रिश्ता भी अच्छा था और दुकान भी बढ़िया चल रही थी।

कुछ दिन पहले Paytm जैसे apps. के आने से, हरिया की दुकान पर भीड़ थोड़ी कम हो गई थी। क्योंकि हरिया इस तरह के apps पर पैसे लेना नहीं सीख पा रहा था।

एक दिन रेखा का भाई करन आया, उसने कहा कि इन सब apps का ही ज़माना है। इसे लेने से लोग ज़्यादा सामान खरीदते हैं, क्योंकि इससे पैसे सीधे उनके खाते से जाते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उस समय उनकी जेब में कितना पैसा है। 

रेखा बोली, सही तो कह रहा है करन। रेखा के मन‌ रखने के लिए हरिया तैयार हो गया। करन ने हरिया की दुकान में उस app को शुरू करा दिया।

दुकान में एक बार फिर भीड़ बढ़ने लगी, रेखा और हरिया दोनों खुश थे।

पर यह क्या? 

भीड़ तो बहुत आ रही है पर पैसे उतने नहीं आ रहे थे, पर इसका कारण क्या था?

रेखा ने करन को बुलाया और कहा कि भाई, जब ग्राहक आ रहें हैं तो तेरे जीजा के पास पैसे क्यों नहीं आ रहे?

आने तो चाहिए, पर आ क्यों नहीं रहे, पता करता हूँ। वो अपने जीजा के साथ दुकान में रहने लगा। सब सही था। खूब भीड़ आ रही थी। 

जिसमें कुछ नये ग्राहक भी थे, जो हमेशा app पर ही पैसे देते थे, सब ठीक था करन को भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर कारण क्या है?

एक दिन करन, एक लड़की जो हमेशा app पर ही पैसे देती थी, उसका पीछा करने लगा।

लड़की दुकान से कुछ दूर निकलने के बाद अपनी दोस्त से बात करने लगती है और हंस हंस कर बोल रही थी कि यार, यह जो app आएं हैं, cashless shopping कराने वाले, उस से हम जैसे लोगों की चांदी हो गई है।

कैसे? उसकी दोस्त ने पूछा...

यह जो अनपढ़, गवांर और गरीब लोग हैं, उन्होंने बड़ी दुकानों की देखा-देखी और ग्राहक की संख्या बढ़ाने के लिए, apps लगा लिए हैं। 

इन्हें अक्ल तो है नहीं, कि इन apps से मिलते-जुलते, बेवकूफ बनाने वाले app भी होते हैं। जिनसे हु-ब-हू वैसा ही payment करने का message आ जाता है।

जिससे दुकानदार को दिखता है कि payment हुआ है, पर असल में पैसा दुकानदार के खाते में जाता नहीं है।

आज करन को समझ आ गया था कि, उसके जीजा के साथ कैसा धोखा हो रहा है।

उसने इसके लिए, एक युक्ति निकाल ली।

अगले दिन जब वो लड़की सब्ज़ी लेकर, app से पैसा देने लगी, तो करन ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।

पहले तो वो लड़की, आनाकानी करने लगी कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया है, जब करन मानने को तैयार नहीं हो रहा था, तो वो पुलिस वालों को बुलाने की धमकी देने लगी।

करन ने कहा, आप क्या बुलाओगी मेडम जी, हमने पहले ही बुलवा लिया है।

पुलिस वालों को देख कर वो लड़की बुरी तरह सकपका गई।

करन ने कहा, मेडम जी, पुलिस थाने जाने से पहले, एक बात सुनती जाओ, हम गरीब लोग बेवकूफ नहीं होते हैं।

हम तो आप जैसे बड़े लोगों पर विश्वास करते हैं। हमें आपकी तरह छल-कपट नहीं आता है। पर हमारी सरलता को हमारी कमज़ोरी भी नहीं समझें। 

क्योंकि अगर हमने भी विश्वास करना छोड़ दिया, तो आप जैसे बड़े लोगों का जीना दुश्वार हो जाएगा।

एक दूसरे पर विश्वास करना सीखिए, क्योंकि यही है जिसने ज़िंदगी जीने लायक बना रखा है। इसने ही, आपस में प्रेम और अपनत्व बना रखा है।

अपने थोड़े से लालच और दो पैसे के फायदे के लिए, अपनी शातिर चालों से किसी के विश्वास को ठेस ना पहुंचाएं।

Wednesday, 11 May 2022

Kids Story : The Friendly Fish

आज की kids story, एक छोटे से बच्चे Advay Sahai ने लिखी है, वो अपनी कहानी के जरिए अपने friends को एक बात बता रहा है।

जो कि है तो छोटी सी, पर बहुत जरूरी भी, क्योंकि जो बच्चे, इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं, उन्हें बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है।

तो आइए देखते हैं कि उसने अपनी कहानी में ऐसी कौन सी बात कही है। 

उसको motivate करने के लिए, कहानी पसन्द आने पर, like and comments ज़रुर कीजिए।

The Friendly Fish 

सोनू का जन्मदिन आने वाला था। वो यह बात सोच-सोचकर हर समय बहुत खुश रहता। इस बार जनाब को अपने parents के तरफ़ से birthday gift में एक pet animal चाहिए था। उसने यह बात अपने parents से कही। 

उसके parents ने भी सोनू की इच्छा पूरी कर दी और उसे एक friendly fish दी और कहा, "यह fish बहुत friendly है। अगर तुम एक good boy की तरह रहोगे तो यह तुम्हारी friend बन जाएगी और तुम्हारे साथ बातें करेंगी और games खेलेगी।" 

सोनू यह सुनकर खुश हो गया और अपने parents को "Thank you." कहकर अपने friends के साथ खेलने चला गया।

सोनू हर दिन की तरह, आज भी अपनी books और notebooks, table पर छोड़कर चला गया था। Fish ने भी यह देख लिया।

जब सोनू लौटकर आया तो उसे दिखा की उसकी books तो ठीक हैं पर उसकी notebooks गीली हो गई हैं। यह देखकर सोनू कस-कसकर रोने लगा। 

Fish ने उससे पूछा, "क्या हुआ सोनू? तुम रो क्यों रहे हो?" सोनू ने कहा, "मेरी notebooks गीली हो गई हैं।" Fish ने कहा, "मुझे तो नहीं लग रहा।" 

सोनू को fish की बात समझ में नहीं आयी तो उसने fish से पूछा, "क्या मतलब?" 

Fish ने समझाया, "पहले तुम confirm करो की ये तुम्हारी used notebooks हैं भी या नहीं।" सोनू ने check किया। वो तो सोनू की new notebooks निकलीं! यह देखकर सोनू ने रोना बंद कर दिया। 

तभी fish ने कहा, "देखा! यह तो तुम्हारी new notebooks निकलीं। पर अगर तुम हर दिन अपनी books और notebooks को ऐसे ही छोड़कर चले जाओगे तो किसी दिन ऐसा तुम्हारी used notebooks के साथ भी हो सकता है। बात सिर्फ books और notebooks की ही नहीं है बल्कि तुम्हारी हर चीज़ की है। तुम्हें अपनी हर चीज़ को अपनी place पर और organised way में रखना चाहिए।"

सोनू को fish की बात समझ में आ गई और तब से वो अपनी हर चीज़ (including books and notebooks) को अपनी place पर और organised way में रखने लगा।

सोनू good boy बन गया और friendly fish उसकी best friend बन गई।

Monday, 9 May 2022

Tip : How to identify, juicy and sweet watermelon 🍉

गर्मी का मौसम हो और खाने के लिए ठंडा, मीठा और रसीला तरबूज़ मिल जाए तो मज़ा ही आ जाए।

तरबूज़, रसीला और मीठा हो, तब तो मज़ा आए?

क्या हुआ? आप की भी यही problem है, कि आप को पहचान नहीं है अच्छे तरबूज़ की...

कोई बात नहीं, जब आप Shades of Life के साथ हैं, तो कोई problem आप को छू तक कैसे सकती है...

आज आप के लिए यही tip share कर रहे हैं कि आप कैसे पहचानें की तरबूज़ रसीला और मीठा है या नहीं।

पहचान, मीठे और रसीले तरबूज की 🍉


  • हमेशा oval shape वाला और सुडौल तरबूज़ खरीदें, वो ज़्यादा रसीला और मीठा होता है।
  • तरबूज़ हमेशा dark green रंग का लीजिए।
  • कहा जाता है कि तरबूज़, जितना पक जाता है, उतना ही मद्धम पड़ जाता है, इसलिए, ऊपर से हमेशा dull दिखने वाला तरबूज़ ही खरीदें, चिकना और चमकदार तरबूज़ अच्छा नहीं होता है।
  • आप ने देखा होगा, तरबूज़ में हरे के साथ ही, सफेद और पीला रंग भी होता है, तो ध्यान रखिएगा कि, सफ़ेद रंग होने से तरबूज कच्चा होगा और पीला भाग उसमें जितना ज्यादा होगा, तरबूज़ उतना ही पका होगा और मीठा होगा।
  • तरबूज़ को उंगली से बजा कर देखिए, वो जितना ज़्यादा उसमें vibration होगी, उतना ज़्यादा ही रसीला होगा। ठोस तरबूज़ रसीला कम होता है।
  • तरबूज़ वज़नदार होना चाहिए, मतलब आप को तरबूज़ देखकर जितने किलो का लग रहा हो, वज़न कराने पर उससे ज़्यादा का हो तो ज़्यादा रसीला होगा।
  • क्योंकि तरबूज़ में जितना ज़्यादा water content होगा, वो उतना ही वज़नदार होगा और उतना ही रसीला और मीठा भी।
  • अब last but not the least, तरबूज़ की पूंछ, सूखी और मुरझाई हुई होनी चाहिए, सूखकर brown हो गई हो तो और भी अच्छा है। अगर हरी और ताज़ी पूंछ है तो, तरबूज कच्चा होगा। 

अगर आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो, आप 100% रसीला और मीठा तरबूज़ ही खरीदेंगे।

तो सोचना क्या है, अगली बार जब भी फल खरीदने जाएं तो तरबूज़, इन सारी tips को याद कर के ही लीजिएगा। सच मानिए, मीठा और रसीला तरबूज़ खाएंगे तो तरबूज़, आपका favourite fruit हो जाएगा।

और हाँ अगर याद ना रहे, तो mobile में Shades of Life तो है ही, बस तुरंत देख लीजिएगा।

तो चलिए enjoy करते हैं, summers को...

हम जल्दी ही आप को तरबूज़ खाने से, होने वाले benifits भी जल्दी ही बताएंगे...

So stay tuned...

Sunday, 8 May 2022

Poem : माँ बनने के बाद...

आप सभी को मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻 💐🎉


एक लड़की के माँ बनने के बाद अपनी माँ को समर्पित एक कविता...

ज़िन्दगी के हर पड़ाव पर बहुत कुछ बदलता है, पर माँ बनने के बाद ज़िन्दगी ही बदल जाती है। कैसे एक लड़की की नींद, सुख चैन, सपने, सफलता सब अपने बच्चे के ईर्द-गिर्द सिमट जाती है। 

इसी भाव को उकेरती हुई आज की कविता, जो हर माँ को समर्पित है...

अंत में एक बच्चे के भाव भी हैं, जो उसके लिए सबसे अधिक महत्व रखते हैं, उस पर भी ध्यान जरूर दीजियेगा... 


माँ बनने के बाद...


माँ मुझे आज वो बात

समझ आती है;

माँ बनने के बाद, लड़की

कितनी बदल जाती है...

 

बच्चा बीमार हो जब,

नींद मुझको भी नहीं आती है;

माँ बनने के बाद, लड़की

कितनी बदल जाती है…


जब तक खाना न खाएं वो,

भूख मुझको भी नहीं सताती है;

माँ बनने के बाद, लड़की

कितनी बदल जाती है…


परीक्षा हो उसकी

धड़कन मेरी तेज़ हो जाती है;

माँ बनने के बाद, लड़की

कितनी बदल जाती है…


मेरे बच्चे की सफलता में,

मुझे अपनी सफलता नज़र जाती है;

माँ बनने के बाद, लड़की

कितनी बदल जाती है...


अपने बच्चे की मासूम मुस्कराहट, 

मुझे सबसे ज्यादा भाती है;

माँ बनने के बाद, लड़की

कितनी बदल जाती है...


पर माँ, बच्चे को भी,

माँ के होने से ही ताकत आती है;

होगा दूसरों के लिए ईश्वर कहीं भी,

मुझे तो वो छवि, आप में ही नज़र आती है...





बहुत सारे प्यार और आभार के साथ

🌹💞🙏🏻Happy Mother's Day 🙏🏻💞🌹

Friday, 6 May 2022

Tip : Getting rid of Lizards🦎

एक ऐसा जीव जो घर-घर में पाई जाती है, पर हर कोई उससे परेशान रहता है और छुटकारा पाना चाहता है। लेकिन इससे छुटकारा मिलना बहुत कठिन होता है। 

आप ने सही पहचाना, वो जीव कोई और नहीं छिपकली ही है। 

यह देखने में जितनी गंदी और घिनई लगती है, उतनी ज़हरीली भी होती है। साथ ही यह रेंग कर ज़मीन, दीवार और छत सभी जगह चली जाती है। और अगर ठीक से रेंग नहीं पाती है तो, कहीं भी, कभी भी अचानक से किसी के भी ऊपर गिर जाती है। जो इससे परेशान होने के सबब को और बढ़ा देता है।

Kitchen slab में छिपकली का यहाँ-वहाँ घूमना, खाने-पीने की चीजों को contaminated करने के लिए पर्याप्त है।

अगर आप भी छिपकली से दुखी हो चुके हैं तो आप को और अधिक परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम आज इसी से छुटकारा पाने की tip, share कर रहे हैं।

छिपकली से छुटकारा 🦎


मोर पंख -

मोर, छिपकली का सबसे बड़ा दुश्मन है अतः मोर पंख होने मात्र से ही छिपकली भाग जाती है। आप को जहाँ भी लगे कि छिपकली ज़्यादा आती है, वहाँ मोरपंख लगा दीजिए। आप के घर की शोभा भी बढ़ेगी और छिपकली भी भाग जाएगी।


अंडे के छिलके -

अंडे के छिलके की महक से छिपकली को मुर्गी के होने का एहसास होता है, जिससे वो डर कर भाग जाती है। आप को जहाँ भी लगे कि छिपकली ज़्यादा आती है, वहाँ अंडे के छिलके रख दीजिए।


प्याज़ - 

छिपकली को प्याज़ की तेज़ महक बर्दाश्त नहीं होती है, अतः आप को जहाँ भी लगे कि छिपकली ज़्यादा आती है, वहाँ प्याज के टुकड़े या प्याज़ के छिलके डाल दीजिए। छिपकली वहाँ से भाग जाएगी।


कपूर -

कपूर की तेज़ महक भी छिपकली को भगाने में सार्थक होती है, अतः आप इसे भी use कर सकते हैं।

आप को छिपकली को भगाने के लिए एक home made spray भी बता देते हैं... 

Homemade spray

Ingredients

Dettol - 10 ml.

Onion juice - 10 ml.

Citric acid - 5 gm.

Water - ½ glass 

Plastic bottle with Sprayer -1 


Method

पानी में सभी ingredients डालकर अच्छे से shake कर लीजिए। फिर इसे spray bottle में भर लीजिए।

पर ध्यान रखिएगा कि अगर यह spray, किसी छिपकली के ऊपर डल जाता है तो छिपकली मर भी सकती है।

तो बस, आप भी ऊपर दिए गए tips use कीजिए और घर को छिपकली से मुक्त बनाएं...

Wednesday, 4 May 2022

Article : North Indian movies Vs South Indian movies

North Indian movies Vs South Indian movies..


आज कल, एक नये मुद्दे पर चर्चा चल रही है, कि which movies are better? North Indian movies or South Indian movies...

और इस के साथ ही एक और व्यर्थ की चर्चा कि हिन्दी भाषा को राष्ट्रीय भाषा समझा जाए या नहीं?...

पहले तो हिंदी भाषा की राष्ट्रीयता पर जो प्रश्न उठाया गया है, उस पर चर्चा कर लेते हैं...

भारत देश की स्वतंत्रता के पश्चात ही, हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकारा जाना था। पर तब यह समस्या उत्पन्न हो गई कि अभी भारत के प्रत्येक राज्य को हिंदी पूर्णतः नहीं आती है, अतः यह प्रावधान रखा गया कि कुछ समय दिया जाए, जिससे सभी हिंदी भाषा सीख लें।

उसके बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित कर दिया जाएगा, तब तक के लिए क्षेत्रीय भाषाओं व English भाषा का प्रयोग, सभी तरह के कार्यों व शिक्षा के लिए किया जाए।

यह हमारे देश की त्रासदी है कि, पूरे भारत में सबने विदेशी भाषा English को ज़्यादा महत्व दिया और आज सभी जगह english भाषा को सर्वाधिक उपयोग में लाया जा रहा है और जिसे सम्मान मिलना चाहिए, उसे क्षेत्रीय भाषा बनाकर दरकिनार कर दिया गया है।

जो यह कह रहे हैं कि दक्षिण भारतीय फिल्में, उत्तर भारतीय फिल्मों से बेहतर हैं, अतः हिन्दी भाषा को राष्ट्रीय भाषा नहीं समझना चाहिए, तो उनको यह समझ आना चाहिए कि फिल्म, किस भाषा की श्रेष्ठ हैं, इससे भाषा की राष्ट्रीयता सिद्ध करना, बेहद बचकाना है। अतः यह बात कहना ही पूर्णतः निराधार है।

अब बात करते हैं कि, कौन सी फिल्म श्रेष्ठ है तो उसके लिए तो यही कहना है कि, जिस भी फिल्म की कहानी श्रेष्ठ होगी, वो फिल्म श्रेष्ठ है।

जिसमें, किसी भी धर्म, संस्कृति और समाज को नीचा ना दिखाया जाए,वो फिल्म श्रेष्ठ है। जिस फिल्म को हर वर्ग के (बच्चे, जवान और वृद्ध) लोग एक साथ देख सकें, वो फिल्म श्रेष्ठ है। जिसमें दृश्य की मांग है, कहकर अश्लीलता ना दिखाई जाए, वो फिल्म श्रेष्ठ है।

अभी तीन-चार लगातार South Indian movies के hit हो जाने से किसी भी एक को श्रेष्ठ और दूसरे को निम्न श्रेणी में रखना उचित नहीं है।

दोनों ही को श्रेष्ठ फिल्मों का निर्माण करना चाहिए।

साउथ की फ़िल्में इन दिनों हर तरफ चर्चा में बनी हुई हैं। पुष्पा से शुरू हुआ यह सफ़र KGF 2 तक आ गया है। सभी फ़िल्में बेशुमार कमाई कर बड़े-बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर रही हैं। इसमें 3 फ़िल्में तो खास बन गई हैं जिसमें RRR भी शामिल है।

वैसे अभी इन चार South Indian movies को hit कराने में हिंदी भाषा का पूर्ण सहयोग है।

कैसे?

क्योंकि, क्या अपने कभी यह सोचा है कि यह साउथ के सितारे हिंदी तो बोल नहीं पाते हैं, या बोलते हैं तो उतना अच्छी नहीं जिससे दर्शक को फिल्म देखने में मज़ा आये और वह दीवाना हो जाए। 

तो इसके पीछे जो लोग हैं आज हम आपको उनके बारे में बताते हैं जिनकी वजह से साउथ की फ़िल्में सुपर-डुपर हिट हो रही हैं। जाहिर है किसी भी फिल्म में हीरो के dialogue और उनकी आवाज़ सुनकर, लोग उनसे प्रभावित होते हैं।

ऐसे में कई साउथ स्टार्स की हिंदी में फिल्मों की अपार सफलता के पीछे कुछ डबिंग आर्टिस्ट हैं। इनमे तो कुछ हिंदी फिल्मों के चर्चित नाम भी हैं।

ज़ाहिर है दक्षिण भारतीय फिल्मों की हिंदी डबिंग का प्रचलन शुरू होने के बाद बिहार-यूपी जैसे हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोग भी इन फिल्मों के दीवाने हो गए।

लेकिन साउथ की फिल्मों को नॉर्थ में लोकप्रिय बनाने में इन फिल्मों के हिंदी डबिंग आर्टिस्ट का भी बड़ा योगदान होता है। इन्हीं की बदौलत साउथ की फिल्में साउथ के साथ-साथ पूरे देशभर में लोकप्रिय हैं।

महेश बाबू, अल्लू अर्जुन, रामचरण और यश की आवाज समझकर आप किसे सुनते आए हैं? आपमें में से हो सकता है कुछ लोग जानते भी हों की इन साउथ फिल्मों में अभिनेता ने खुद अपनी आवाज नहीं दी है। इसके लिए डबिंग आर्टिस्ट की मदद ली गई जिन्होंने आज फिल्मों को देश भर में सुपरहिट करा दिया।

शरद केलकर

डबिंग आर्टिस्ट की बात हो और सिनेमा इतिहास की सबसे बड़ी फिल्म बाहुबली का जिक्र न हो तो कैसे हो सकता है। जी हां Bahubali में प्रभास के dialogue और उनको आवाज़ देने वाले अभिनेता शरद केलकर ही थे।

शरद की ही दमदार आवाज़ ने प्रभास के राजा वाले लुक में जान डाली थी जिसको सुनकर बिलकुल भी इस बात का अहसास नहीं हुआ था। बाद में जब इस बात का खुलासा हुआ तो लोग हैरान रह गए थे।

श्रेयस तलपड़े

इस अभिनेता और आर्टिस्ट का नाम तो भुला ही नहीं जा सकता। जी हां दुनिया भर में धूम मचाने वाले पुष्पा राज को फिल्म में श्रेयस ने ही आवाज़ दी है। मैं फ्लॉवर नहीं फायर है.. झुकेगा नहीं साला, यह डायलॉग जब आपने सुना होगा तो आपको लगा होगा कि अल्लू अर्जुन ने क्या डायलॉग मारा ।

लेकिन असल में इस दमदार आवाज़ और जादू के पीछे तो श्रेयस तलपड़े की आवाज थी। श्रेयस ने पुष्पा में अल्लू अर्जुन की आवाज़ डब की थी जो आज बच्चे बच्चे की जुबान पर चढ़ गई है।

संकेत म्हात्रे

इस लिस्ट में हम शुरुआत करते हैं उस कलाकार के नाम से जिन्होंने साउथ के कई स्टार्स को अपनी आवाज़ देने का काम किया है। जी हां संकेत म्हात्रे जो केवल साउथ की ही नहीं बल्कि हॉलीवुड फिल्मों की भी डबिंग करते हैं।

वो देश के सबसे मशहूर डबिंग आर्टिस्ट हैं। संकेत साउथ की हिंदी डबिंग फिल्मों को सबसे ज्यादा आवाज़ देते हैं। इनकी आवाज को अल्लु अर्जुन, N.T. Rama Rao Jr. और महेश बाबू की आवाज़ माना जाता है।

इनकी आवाज़ अल्लू अर्जुन पर सबसे अधिक suit करती है। यही नहीं संकेत कई एनिमेटेड फिल्मों को भी अपनी आवाज़ दे चुके हैं, संकेत ने हाल ही में आई फिल्म ‘मास्टर’ में thalapathy vijay को अपनी आवाज़ दी है।

सचिन गोले 

इसके बाद नाम आता है उस मशहूर आर्टिस्ट का जिनकी आवाज़ ने इस वक्त पूरे देश का दिल जीत रखा है। जी हां सचिन गोले जिन्होंने रॉकी भाई यश की फिल्म KGF में अपनी आवाज दी है।

यही नहीं उन्होंने कई साउथ फिल्मों को अपनी आवाज़ से सजाया है। उनकी आवाज़ सबसे अधिक KGF स्टार यश पर suit करती है।

उन्होंने यश की कई फिल्मों को अपनी आवाज दी है। इसमें सबसे चर्चित KGF है जो इन दिनों दुनिया भर में धूम मचा रही है।

ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर साउथ फिल्म की सही डबिंग न हो तो क्या दर्शक फिल्म को इतना प्यार दे पाएंगे? जाहिर है हर फिल्म के साथ यह एक महत्वपूर्ण भाग होता है और फिल्म की अपार सफलता में आवाज़ और dialogue का भी काफी अहम रोल होता है।

तो अब आप खुद अच्छे से समझ गये होंगे कि सफलता प्राप्त करने के लिए मिलजुल, एक-दूसरे को सहयोग देना होता है। 

कभी किसी को कमतर आंकने से नहीं बल्कि दूसरों को सम्मानित करने से आप सर्वश्रेष्ठ कहलाते हैं।

फिर क्या फर्क पड़ता है कि movie, North Indian हो या South Indian.

 दोनों ही india हैं, और किसी की भी सफलता India की सफलता है। हमें अगर अपने भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाना है तो एक होना आवश्यक है। 

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Tuesday, 3 May 2022

Article : Akshaya Tritiya🎑🕉️

हम हिन्दुओं में हर शुभ कार्य, मूहुर्त देखकर ही संपन्न किए जाते हैं। ऐसे में पंडित जी के चक्कर लगाने पड़ते हैं, फिर भी, कभी-कभी मन में यह शंका रह ही जाती है कि पंडित जी ने सही गणना की होगी ना? कहीं धन के लोभ या व्यस्तता के कारण सही गणना ना की हो तो?

ऐसे सभी सवालों के समाधान हैं, हमारे यह स्वयं सिद्ध मुहूर्त...

यह स्वयं सिद्ध मुहूर्त क्या पहेली है? आप को बताते हैं, पहले आज के शुभ पर्व अक्षय तृतीया की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻💐

अक्षय तृतीया🎑🕉️



आज अक्षय तृतीया है। शास्त्रों में अक्षय तृतीया एक स्वयं सिद्ध मुहूर्त है यानी ऐसी तिथि जिसमें किसी तरह का शुभ कार्य या शुभ खरीदारी करने के लिए पंडित से शुभ मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं होती है। अक्षय तृतीया के दिन सभी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। अर्थात् बिना शुभ मुहूर्त के सभी तरह के शुभ कार्य की शुरुआत की जा सकती है।

शास्त्र कहते हैं कि, 'न क्षयः इति अक्षयः' अर्थात जिसका क्षय नहीं होता वह अक्षय है। वर्ष में चैत्र माह के शुक्लपक्ष की नवमी (रामनवमी), वैशाख शुक्लपक्ष की तृतीया,(अक्षय तृतीया), आश्विन माह शुक्लपक्ष की दशमी (विजय दशमी) और कार्तिक माह शुक्लपक्ष की एकादशी इन्हें स्वयं सिद्ध या अक्षय मुहूर्त के नाम से जाना जाता है। इनमें भी वैशाख माह की तृतीया को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र और बुधवार का दिन भी हो तो यह और भी अमोघफल देने वाली हो जाती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 03 मई को है। अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय का मतलब होता है जिसका कभी भी क्षय या नाश न होना। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन शुभ खरीदारी या शुभ कार्य करने पर हमेशा इसमें वृद्धि होती है। अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य करने, दान, स्नान और जप आदि करने पर कभी भी शुभ फल की कमी नहीं होती है। वहीं खासतौर पर अक्षय तृतीया के दिन विशेष तौर पर सोने के आभूषण की खरीदारी की जाती है। मान्यता है इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदने से व्यक्ति के जीवन में माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है जिससे व्यक्ति का जीवन सुख, समृद्धि और वैभव का वास रहता है।

अक्षय तृतीया का महत्व आज से नहीं है, बल्कि हिन्दू ग्रंथों और पुराणों के अनुसार, त्रेता युग, द्वापरयुग आदि में भी इस तिथि की विशेष महत्ता थी और इस तिथि में बहुत से शुभ कार्य किए गए हैं, आपको उन कार्यों के विषय में बताते हैं, तो आप मन में आस्था और बढ़ जाएगी...


अक्षय तृतीया की खास बातें :

  • शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया पूरे एक वर्ष में उन साढ़े तीन शुभ मुहूर्त में से एक जिसे स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना गया है। 
  • अक्षय तृतीया के दिन सोने से बने आभूषण की खरीदारी करना बहुत ही शुभ होता है। 
  • अक्षय तृतीया की तिथि पर भगवान परशुराम और हयग्रीव अवतार हुए थे।
  • माँ अन्नपूर्णा जी का जन्म भी आज ही के दिन हुआ था
  • सतयुग व त्रेतायुग का प्रारंभ भी इसी तिथि को हुआ था।
  • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही महाभारत के युद्ध का समापन हुआ था।
  • धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही द्वापर युग का समापन हुआ था।
  • धार्मिक कथाओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सुदामा भगवान कृष्ण से मिलने पहुंचे थे।
  • द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज ही के दिन बचाया था
  • अक्षय तृतीया के दिन से ही वेद व्यास और भगवान गणेश ने महाभारत ग्रंथ लिखना शुरू किया था।
  • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था।
  • कुबेर को आज ही के दिन खजाना मिला था
  • अक्षय तृतीया के दिन उत्तराखंड स्थिति श्री बद्रीनाथ जी के कपाट खुलते हैं।
  • अक्षय तृतीया के शुभ दिन वृंदावन के बांके बिहारी जी के मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं। साल में केवल एक बार इसी तिथि के दिन ही ऐसा होता है।  
  • अक्षय तृतीया के शुभ दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। 
  • हिंदू धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि अक्षय तृतीया के दिन किया गया दान-पुण्य कर्म का फल कभी नष्ट नहीं होता।इस तिथि पर सभी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य बिना पंचांग देखे किए जाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन विवाह करना, सोना खरीदना, माता लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है।


अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त : 

05:39 AM से 12:18 PM तक

अवधि : 6 घंटे 39 मिनट


अक्षय तृतीया पर बना शुभ योग :
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अक्षय तृतीया 03 मई को सुकर्मा योग में मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया के दिन शोभन और मातंग योग, तैतिल करण, रोहिणी नक्षत्र और वृष राशि का चंद्रमा रहेगा। मंगलवार, 03 मई के दिन अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र के संयोग से मातंग नाम का शुभ योग बन रहा है। इस योग में किए गए कार्य का फल अक्षय रहता है। शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन रोहिणी नक्षत्र पड़ने को बहुत ही शुभ माना गया है। इसके अलावा इस अक्षय तृतीया पर पांच ग्रहों की शुभ स्थिति भी देखने को मिलेगी। ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया पर सूर्य, चंद्रमा, शुक्र उच्च राशि में और गुरु और शनि अपनी स्वराशि में रहेंगे। इस तरह के शुभ योग और नक्षत्र में खरीदारी, निवेश और लेन-देन के लिए पूरा दिन बहुत ही शुभ रहने वाला होगा।

अक्षय तृतीया पर क्यों खरीदते हैं सोने के आभूषण :

हर वर्ष अक्षय तृतीया के त्योहार के दिन सोने के आभूषण खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। मान्यता है इस दिन खरीदा गया सोना सुख, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक होता है। ऐसा माना जाता है इस दिन खरीदा गया सोना या निवेश किया गया धन कभी भी खत्म नहीं होता। मान्यता है अक्षय तृतीया के दिन खरीदे गए सोने और निवेश का स्वयं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी रक्षा और उसमें वृद्धि करते हैं।