Sunday, 18 June 2023

Poem: पिता का किरदार

पिता का किरदार


मेरे पापा मुझे बहुत चाहते हैं,

पर कभी नहीं जताते हैं।

अपने दिल की हर बात,

वो मम्मी के जरिए बताते हैं।


ऐसा नहीं है कि, वो कमजोर हैं।

पर अपने बच्चों को परेशान,

नहीं देख पाएंगे।

उनको दुःखी देख टूट जाएंगे।


पर फिर भी यह,

रुख अपनाते हैं।

क्योंकि कमजोर नहीं,

दृढ़ होते हैं पिता।


वो जानते हैं।

सिर्फ प्रेम ही नहीं,

कठोर भी है जिंदगी।

धूप और छांव है जिंदगी।


मां सिर्फ़,

प्रेम ही दे पाएगी, 

अपनी ममता की छांव में,

बच्चे को बिठाएगी।


दृढ़ता पिता को ही,

 दिखानी होगी।

अपने प्रेम की भावना को,

दिल में छिपानी होगी।


क्योंकि नवांकुर को, पनपने

के लिए, जितना जल है ज़रूरी।

धूप के बिना,

परवरिश ना होगी पूरी।

 

जल तो मां बन जाएगी,

पर धूप, पिता को ही बनना होगा।

उनके प्रेम को,

तपिश बन जलना होगा।


पिता का किरदार, 

सबसे पृथक है।

भीतर तो हैं नर्म मोम से,

पर वो दिखते कठोर दरख़्त हैं। 




सभी पिता के असीम प्रेम को समर्पित 🙏🏻

Happy father's day पापा, आपके आशीर्वाद व कृपा की सदैव कामना है, हमेशा हमारा हाथ थामे रखियेगा, हमेशा मार्गदर्शन करते रहिएगा 🙏🏻😊