Thursday, 6 July 2023

Article : सावन में 8 नहीं बल्कि 4 सोमवार व्रत

सावन का पावन महीना चल रहा है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। फिर चाहे प्रकृति हो, पेड़-पौधे हों, पशु-पक्षी हों या मनुष्य... सभी जानते हैं कि यह महीना, जीवन से भरपूर होता है। 

क्यों भला?

क्योंकि जल ही जीवन है और सावन के महीने में ही जल का प्रचुर भंडार सब ओर वितरित होता है।

लेकिन यह महीना जितना जीवन से भरपूर है, उतना ही भोले बाबा जी के आशीर्वाद से भी भरपूर होता है। इसलिए शिव भक्त तो इस महीने के ही इंतज़ार में जीवन व्यतीत करते हैं, उनके लिए यह माह अपने इष्ट देव की आराधना का महीना है।

इस सावन में अधिकमास होने के कारण इस बार सावन के महीने की अवधि बढ़ गई है। तो क्या इस सावन में 8 सोमवार के व्रत होंगे?

चलिए आज का article, इसी बात को उजागर करता हुआ है, पूरा अवश्य पढ़ें..

सावन में 8 नहीं बल्कि 4 सोमवार व्रत

इस सावन में 8 नहीं बल्कि 4 सोमवार व्रत ही मान्य होंगे। पर इसका कारण क्या है? साथ ही अगर ऐसा है तो, कौन-कौन सी तिथि में होंगे, वो चार सोमवार, जिनमें व्रत मान्य होंगे? 

आइए आपके सारे संशय दूर कर देते हैं... 

इस साल अधिकमास लगने के कारण सावन 2 महीने अर्थात 59 दिनों का होगा अतः सावन में कुल 8 सोमवार तो पड़ेंगे, लेकिन इसमें केवल 4 सावन सोमवार के व्रत ही मान्य होंगे।


कारण

सावन के महीने की शुरुआत मंगलवार 4 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 31 अगस्त को होगा। 

इस बार सावन में अधिकमास लगा है, जिस कारण सावन दो महीने का होगा, जिसमें अधिकमास की अवधि 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगी।

सावन महीने में शिवजी की पूजा, जलाभिषेक के साथ ही की जाती है, जिसका सावन के सोमवार वाले व्रत में विशेष महत्व होता है। इसलिए ही कांवड़ियां, दूर-दूर से नदियों का जल लाकर महादेव जी का जलाभिषेक करते हैं।

सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने का विधान है। आमतौर पर सावन में सोमवारी व्रत की संख्या 4-5 होती है। लेकिन इस बार अधिकमास लगने के कारण सावन में कुल 8 सोमवार पड़ेंगे, जिसमें 4 सावन और 4 अधिकमास के हैं। 

अधिकमास लगने के कारण इस साल सावन दो महीने का होगा और सावन के सोमवारी व्रत भी दो चरणों में संपन्न होंगे। 

हिन्दी पंचांग के अनुसार सभी माह 30 दिन के होते हैं, जो दो पक्षों में विभाजित होता है। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष... 

उसी अनुरूप सावन माह भी विभाजित होगा, जो इस साल इस प्रकार है- 

सावन माह में पहला चरण 04 जुलाई से 17 जुलाई तक होगा। इन 15 दिनों की अवधि में पंचांग के अनुसार, सावन माह की कृष्ण पक्ष रहेगी। इसके बाद अगले 15 दिन यानी सावन माह का शुक्ल पक्ष 17 अगस्त से 31 अगस्त तक होगा। इन्हीं दोनों चरणों की तिथियों में पड़ने वाले सोमवार के दिन में सावन सोमवारी का व्रत रखना मान्य होगा।

पंचांग के अनुसार 4 सोमवार व्रत की तिथियां इस प्रकार हैं-


व्रत की तिथियां :

सावन का पहला सोमवार व्रत- 10 जुलाई 2023

सावन का दूसरा सोमवार व्रत- 17 जुलाई 2023

सावन का तीसरा सोमवार व्रत- 21 अगस्त 2023

सावन का चौथा सोमवार व्रत- 28 अगस्त 2023

इसके अलावा अन्य 4 सावन सोमवार अधिकमास या मलमास में पड़ेंगे, जो कि सोमवार व्रत में मान्य नहीं होगा। इसकी तिथियां हैं- 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त और 14 अगस्त

अब आप जानना चाहेंगे कि यह अधिकमास या मलमास क्या होता है और इसमें पड़ने वाले सोमवार के व्रत मान्य क्यों नहीं है?


अधिकमास :

अधिकमास हिंदू पंचांग के अनुसार, हर तीसरे साल के बाद लगता है। इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। जिस चंद्र मास में सूर्य संक्रांति नहीं होती, उसे अधिकमास कहते हैं। 

मलमास में शुभ मांगलिक कार्य वर्जित होते है। इस साल सावन महीने में अधिकमास लगा है। इससे पहले 2004 में सावन में अधिकमास लगा था। ऐसे में इस बार 19 साल बाद सावन में अधिकमास लगा है। 

अधिकमास लगने के कारण सावन के 2 महीने में सोमवार के व्रत तो चार ही होंगे, लेकिन शिवजी की आराधना पूरे 2 माह की जाएगी।

ईश्वर व्रत से अधिक, आपकी आस्था, श्रृद्धा, विश्वास और भाव से प्रसन्न होते हैं। तो सोचना क्या है, पूरे दो माह मिलें हैं, भोले भंडारी की सेवा करने के लिए, उनकी भक्ति में लीन रहने के लिए, उन्हें प्रसन्न करने के लिए, तो बस लग जाइए उनकी आराधना में, पूर्ण भक्ति भाव, आस्था श्रृद्धा और विश्वास से...

बम बम भोले🚩

हर महादेव 🚩 

बोलो भोलेनाथ की जय‌ 🙏🏻🙏🏻