Sunday, 18 August 2024

Article: क्रूरता का अंत

आज कल हर जगह एक ही चर्चा चल रही है, Dr. Moumita Devanath के साथ हुआ अमानवीय कृत्य..

निर्भया के साथ जैसा कुकृत्य हुआ था, कुछ वैसा ही भयावह कुकृत्य हुआ है, जो कि किसी को भी यह सोचने पर मजबूर कर देगा कि इतना भयावह कुकृत्य होने का क्या कोई अंत है भी?



और क्या ऐसे करने वालों के लिए उतनी ही क्रुरता पूर्ण सजा का प्रावधान होना चाहिए?

क्यों हिम्मत होती है, किसी की भी स्त्रियों के साथ इस तरह के अमानवीय कृत्य करने की?

क्या मोमिता को न्याय मिलेगा?

क्या CBI का इस case से जुड़ना, उसे न्याय दिलाएगा?

आखिर क्यों, मोमिता के संग ऐसा उस जगह पर हुआ, जो उसके लिए सबसे सुरक्षित जगहों में से एक होनी चाहिए थी?

क्या मोमिता की जगह कोई आदमी होता तो उसके साथ ऐसा नहीं होता? (आदमी की नृशंस हत्या)

क्या स्त्री होना अपराध है?

क्या स्त्रियों का घर से बाहर निकल कर अपना अस्तित्व बनाना, इतना असुरक्षित है?

क्या कोई system corr*pt हो तो आवाज़ नहीं उठानी चाहिए?

लड़कियों की सुरक्षा किस तरह की जाए?

ऐसे ही बहुत से सवालों से घिरा हुआ है यह case...

बहुत देर तक पढ़ा, देखा और समझा तो, सबसे पहले यह ही विचार आया कि क्यों दुनिया इतनी असुरक्षित है?

शायद उसका बहुत बड़ा कारण यह है कि, अपराधियों को उतनी ही क्रुर सजा देने का प्रावधान नहीं है, जो कि अवश्य ही होनी चाहिए।

साथ ही news में यह भी आ रहा है, case सिर्फ r*pe and brutal m*rd€r का ही नहीं है बल्कि hospital से जुड़े rackets का भी है।

और मोमिता के साथ हुए कुकृत्य में आरोपी का साथ, hospital में मौजूद कुछ लोगों ने भी दिया था। 

वैसे भी, सोचने वाली बात है कि एक दुष्ट प्रवृत्ति का मनुष्य, जो कि hospital से associated नहीं था, फिर भी वो seminar room में पहुंच गया...

उसे कैसे पता चला कि मोमिता वहां है और वो भी अकेली...

एक ऐसी जगह, जहां मोमिता ने कभी नहीं सोचा होगा कि वो इतनी असुरक्षित है कि उसके संग ऐसा भयावह कुकृत्य हो जाएगा...

इस कुकृत्य को अब पूरी दुनिया में कोई बर्दाश्त नहीं करना चाहता है, कोई नहीं चाहता है कि अब हमारे देश में लड़कियां असुरक्षित रहें। इसी कारण से सबने मिलकर आवाज़ उठाई है और वो पूरी तरह से सही भी है।

सुरक्षा रहे, इसके लिए सबको एकजुट होना ही चाहिए और इस तरह के कुकृत्य ना हो, इसके लिए सरकार को कुछ इस तरह का कठोर दण्ड रखना होगा, जिसकी कल्पना मात्र हो जाने से हर कोई सिहर उठे।

पर इसके साथ ही दो बातों पर सबको ध्यान रखना है।

पहला बेटियों को अपनी सुरक्षा के लिए मजबूत बनाएं, उन्हें self defence सिखाएं, साथ ही उन्हें बताएं कि और ज्यादा सतर्क रहें, जिससे उनके साथ ऐसा कुछ ना हो।

किसी के भी साथ जरुरत से ज्यादा घनिष्ठता ना बढ़ाएं। ज़रुरत से ज्यादा घनिष्ठता, सभी के लिए harmful होती है, फिर चाहे वो किसी पुरुष से हो या स्त्री से। 

अकेले रहना, अंधेरी जगह जाना, अगर avoid किया जा सकता है, तो जरूर करें। पर अगर ज़रुरी है जाना या मजबूरी है जाना, तो पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था के साथ जाएं। 

पर, दूसरी बात इससे भी और ज्यादा जरुरी है, कि अपने बेटों को शिक्षा दें, स्त्री सम्मान की..

क्योंकि जब सबके मन में सम्मान की भावना रहेगी, तभी इसको पूर्ण रूप से रोकना संभव है।

कभी भी corruption के against आवाज़ उठानी है तो अर्जुन बन जाने के बाद। अगर आप अभिमन्यु हैं (मतलब अगर आपको चक्रव्यूह में घुस कर निकलना नहीं आता है), तो फिर हश्र, भयावह होने की बहुत ज़्यादा सम्भावना है, फिर चाहे वो कोई लड़की हो या लड़का...

ईश्वर से प्रार्थना है कि वो सभी की रक्षा करें और सरकार से अपील है कि इस कुकृत्य के सभी अपराधियों को कठोर से कठोर दण्ड दे, जिससे आगे ऐसा ना हो और देश में स्त्रियां सुरक्षित रह सकें 🙏🏻

क्योंकि स्त्री होना कोई अपराध नहीं है, वो कमजोर भी नहीं हैं, साथ ही उन्हें भी अपना जीवन, खुलकर जीने का अवसर मिलना चाहिए। बिना किसी असुरक्षित होने की भावना के साथ...

इतना तो हम सब कर सकते हैं, अपनी बेटी, बहन, बहू, मां और दोस्त, रिश्तेदार के लिए...