Monday 23 April 2018

Poem : बदल गये हम

    बदल गये हम


कितनी तेजी से बदल गये हम
तुम आदमी, औरत हो गये हम

कभी जब बच्चे थे हम
सच्च कितने अच्छे थे हम
ना कोई फ़िक्र, ना कोई गम
बस खेला करते थे हरदम

कितनी तेजी से बदल गये हम
तुम आदमी, औरत हो गये हम

बचपन बीता, जवानी आयी
हर जगह रंगीनी छाई
कितने सुंदर दिखते थे हम
मस्ती ही मस्ती थी हरकदम

कितनी तेजी से बदल गये हम
तुम आदमी, औरत हो गये हम

अब कितना बदल गया है सब
सुंदरता पड़ने लगी मद्धम
कितना भी कर लो
फ़िक्र होती नहीं कम
शरीर में नहीं रह गया दम

कितनी तेजी से बदल गये हम
तुम आदमी, औरत हो गये हम

4 comments:

  1. Thank you Nimisha for motivation

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  2. सुंदरता पड़ने लगी मद्धम..फ़िक्र होती नहीं कम...सही कहा अनामिका 👍

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  3. धन्यवाद ऋतु जी,
    आप सभी खूबसूरत लोग को समर्पित🙏

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