Wednesday 9 May 2018

Kids Story : मजबूरी

समस्या: बच्चा खाना छोड़ता है

कहानी: मजबूरी


स्मृति का class-6 में  new admission हुआ था, वो पढ़ने में बहुत ही होशियार थी, पर उतनी ही शांत रहती थी, उसने किसी से भी दोस्ती नहीं की।

सारे बच्चे यही सोचते, ये किसी से कुछ बोलती क्यों नही है, ना ही interval  में किसी के साथ अपना Tiffin share  करती है।

सारे ही बच्चे बड़े बड़े घरों के थे, Tiffin  में एक से एक अच्छी dish  लाते थे, और रोज खाना छोड़ते थे, उनके स्कूल में ये rule  था, बचा हुआ खाना एक dustbin में डाल दिया जाता था।

उस क्लास में रमन भी था, उसे जासूसी का बहुत शौक था, उसने सारे बच्चों को बोला, आज मैं इसका पीछा करूंगा, तब इसका सब सच पता चल जाएगा, रमन ने छुट्टी में स्मृति का पीछा किया।

स्कूल से थोड़ी दूरी पर ही एक बस्ती में, वो मुड़ गयी। कुछ देर में वो एक झोपड़ी में चली गयी, उसकी खिड़की से झांक के रमन ने देखा, तो वो हैरान रह गया, और वो घर आ गया। 

अगले दिन उसने सभी को बताया कि, जो खाना वो dustbin  में फेंक देते हैं, स्मृति वही खाना अपने टिफ़िन में भर के घर ले जाती है, फिर वही खाना, वो और उसके घर वाले खातें है।
सुन कर सारे बच्चे, बड़े दुखी हुए, आज उन्हे पता चला था, कि कोई इतना भी मजबूर हो सकता है। 

हम लोग जितना खाना छोड़ देते हैं, कुछ लोगों को उतना खाना भी हीं मिल पाता है। तो सबने मिल के ये सोचा, आज से कोई भी खाना नहीं छोड़ेगा
रूपा बोली, पर इससे तो स्मृति और उसके परिवार वाले भूखे रह जाएंगे! रजत ने कहा- नहीं, हम लोग स्मृति को बिना बताए, हर रोज़ कोई दो बच्चे extra खाना लाएगें, और उसे एक बड़े पोलीथीन में छोड़ देंगे।

टीचर उनकी बात सुन रहीं थीं, वो बोली स्मृति गरीब घर की होनहार लड़की है, इसीलिए स्कूल ने उसे free में पढ़ाना शुरू कर दिया है, पर आज जो तुम लोगो ने सोचा है, कि खाना कभी भी छोड़ना नही चाहिए, और गरीबों की मदद, उनके पूरे सम्मान के साथ करना चाहिए, वो सब सोच लें, तो कोई भी भूखा नहीं सोएगा

तब से सारे बच्चों ने खाना छोड़ना बंद कर दिया, उन्हे खाने का मूल्य पता चल चुका था।

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4 comments:

  1. Apne bachchon ko ye story sunani chahiye...

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  2. धन्यवाद,
    अगर मेरी लिखी कहानियों से बच्चों में अच्छे गुण विकसित हो जाएं,तो लिखना सार्थक हो जाए

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  3. Wow.....perfect with good moral.
    Really nice story

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    1. Thanks for visiting.
      Your compliments are really inspiring
      Thanks again
      Keep visiting

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