Monday 20 August 2018

Story Of Life : सावन आया है(भाग-२)

दीपा और रितेश अलग अलग स्वभाव के हैं। और उनकी शादी के बाद पहला सावन आया है
अब आगे ......

सावन आया है(भाग-२)

दीपा को यूं गले लगा देख कर रितेश ने पूछा, अरे क्या हुआ? आज आप office मत जाओ ना, दीपा गले लगे लगे ही बोली।
पर क्यों? दीपा को हटाते हुए रितेश ने पूछा।
आज कितना अच्छा मौसम है।
अरे यार, आज office  में important meeting है और तुम्हें मौसम की पड़ी है। खाना pack  कर दो, नाश्ता बन गया हो तो दो, मुझे आज जल्दी जाना है। नाश्ता कर के tiffin  ले के रितेश निकलने लगा, तो अच्छा जल्दी तो आ जाइएगा उसके जाते जाते दीपा बोल दी। देखूंगा..., चिल्लाता हुआ रितेश चला गया।
उसके जाने के बाद दीपा काम करने में लग गयी। तभी radio में ऐसा गाना बज उठा मानों वो भी दीपा को चिढ़ा रहा हो
हाय हाय ये मजबूरी, ये मौसम और ये दूरी,... तेरी दो टकिया की नौकरी में, मेरा लाखों का सावन जाए .....
दीपा ने जब वो सुना, तो सोचने लगी, सही तो है, मेरी तो ज़िंदगी ही बेकार हो गयी, शादी कर के।
शाम हुई तो दीपा फिर से बड़े मन से हरी नववारी साड़ी पहन, पूरा हरा श्र्ंगार कर के तैयार हुई
तभी bell बजी, आज रितेश के साथ उसका दोस्त करन भी आया था। दीपा बहुत सुंदर लग रही थी, ऐसा लग रहा था मानों प्रकृति श्रंगार कर के खड़ी हो। करन को देखकर दीपा झेंप गयी। करन को भी लगा, शायद दीपा ने आज रितेश के लिए कुछ विशेष सोचा है, अत: वो दरवाजे पर ही बोलने लगा, रितेश मैं चलता हूँ, आज माँ की दवा लानी थी, मैं तो भूल ही गया था। अरे यार अन्दर तो आओ, चाय पी के चले जाना। पर करन नहीं माना, वो दरवाजे से ही चला गया। उसके ऐसे चले जाने से रितेश दीपा पर बिफर पड़ा, क्या ये पेड़-पत्ता सी बनी घूम रही हो। उसकी ऐसी बात सुन कर आज दीपा का दिल पूरी तरह टूट गया। उसकी सारी रात यही सोचते निकल गयी, उसका सावन कभी नहीं आएगा।

अपने टूटे हुए दिल के साथ भी क्या दीपा रितेश का साथ देना चाहेगी? जानते हैं सावन आया है भाग 3 में...

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