Thursday, 22 November 2018

Kids Story : बेचारा कबूतर


हमारे पास अनीता जी का mail आया था कि  उनका बेटा धीमे धीमे खाना खाता है. उसे हमारी लिखी कहानी बहुत पसंद है, अतः इस समस्या पर एक कहानी लिख दें 
तो ये कहानी उनके और आप सब के लिए भी जिनके बच्चे धीमे धीमे, इधर-उधर देखकर या घूम-घूम कर खाना खाते हैं 

समस्या: बच्चा धीरे खाता है।

कहानी: बेचारा कबूतर


एक कबूतर था। कहीं से वो एक घी लगी रोटी ले आया। एक पेड़ पर बैठ कर अभी उसने रोटी तोड़ी ही थी कि जानवरों मे सबसे चालाक और दुष्ट जानवर, एक लोमड़ी पेड़ के नीचे आई और गुर्राई, चीखी-चिल्लाई, और कबूतर से बोली अकेले अकेले रोटी खा रहे हो, क्या मुझसे दुश्मनी निभा रहे हो!
कबूतर डर गया और उसने लोमड़ी को आधी रोटी दे दी। लोमड़ी ने वो आधी रोटी फटाफट खत्म कर ली पर कबूतर ने तो अभी तक खाना शुरू ही नहीं किया था। लोमड़ी फिर से गुर्राई, चीखी-चिल्लाई, और कबूतर से बोली अकेले अकेले रोटी खा रहे हो, क्या मुझसे दुश्मनी निभा रहे हो!
कबूतर फिर से डर गया और उसने लोमड़ी को बची हुई आधी रोटी का आधा टुकड़ा दे दिया। लोमड़ी ने वो रोटी का टुकड़ा भी फटाक से खत्म कर दिया पर कबूतर ने तो अब तक भी खाना शुरू ही नहीं किया था।
इस तरह लोमड़ी बार-बार गुर्राती, चिल्लाती रही, और धीरे-धीरे उसने कबूतर की सारी रोटी खा ली और चली गयी। कबूतर भूखा रह गया, और रोने लगा। तभी उसका दोस्त चतुर कौवा वहाँ आया और उसने कबूतर को रोता देख उससे पूछा क्यों रो रहे हो भाई?”
कबूतर ने रोते-रोते लोमड़ी वाली पूरी बात बताई।
इस पर कौवे ने उससे पूछा की ये बताओ कि क्या तुम धीरे खाते हो, और खाते वक़्त यहाँ-वहाँ देखते हो, घूमते हो? कबूतर बोला हाँ भाई।
कौवा बोला बस इसीलिए लोमड़ी तुम्हारी सारी की सारी रोटी खा गयी। अगर तुम भी लोमड़ी की तरह तेज खाते होते तो आधी रोटी तुम भी खा चुके होते।
कबूतर को समझ आ गया कि जो भी धीरे खाता है, वो या तो भूखा रह जाता है और या फिर देर तक खाने के कारण पेटू और लालची कहलाता है, और साथ ही वो अपना समय भी बर्बाद करता है।

2 comments:

  1. My daughter also learned a lesson from the story... thanks

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    Replies
    1. Thank you very much

      If kids learned a lesson from it,then the purpose is served

      Delete

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