Monday, 25 March 2019

Article : बदलाव


बदलाव


आजकल आपको TV पर, picture hall में hero, heroine say no to piracy, original देखिये, hall में ही movie देख कर आनंद लें, कहते हुए दिखते हैं

पर आपको याद है, क्या ऐसा कुछ हम लोगों के बचपन में हुआ करता था? नहीं, नहीं होता था। क्योंकि तब film देखने जाना entertainment होता था। लोग अपनी ज़िंदगी में खुशियों के रंग भरने के लिए film देखा करते थे। पर उस समय film देखने जाना burden नहीं हुआ करता था।

कभी सोचा है, इसका कारण क्या है? इसका कारण है, अत्यधिक बढ़े हुए ticket के rate, साथ ही लोगों को मजबूर करना, कि यदि उन्हें film का आनंद लेते हुए कुछ खाने का मन है, तो वो चौगुने, आठ गुने rate पर snacks लें।

जबकि पहले tickets के rate भी आपकी pocket allow करती थी, साथ ही आपको अपने साथ कुछ भी खाने-पीने की चीज़ें ले जाना भी allowed था। उसमें कुछ लोग घर का बना हुआ ले जाते थे, जबकि कुछ कहीं बाहर से reasonable rate पर लेकर खाने-पीने के समान ले जाते थे। कुछ ऐसे भी थे, जो hall से ही खरीद कर खाते थे। पर तब hall में भी eatables, reasonable rate में ही मिलते थे।

जबकि आजकल पहले तो ticket के rate आसमान छू रहें हैं। 
Courtesy: StockUnlimited
फिर eatables तो छोड़ ही दीजिये, पानी तक आप अपने साथ नहीं ले जा सकते। अब अगर आप ने कोई भी eatable ले लिया, तो वो आपको ticket से भी महंगा मिलेगा। तो बस अगर आप अपनी family के साथ गए हैं, तो 2000-4000 कब साफ हो जाएंगे, आपको पता भी नहीं चलेगा।

जिसके चलते लोग अब उतनी movie चाह कर भी नहीं देख पाते हैं, जितनी बचपन में देखा करते थे। पर इन सब के इतने अधिक दाम होने का कारण हम सब ही हैं। क्योंकि हम उतने rate में भी सब बर्दाश्त कर रहे हैं।

और ये तो सब ही जानते हैं, कि आवश्यकता तो अविष्कार की जननी है। तो लोगों ने अपने entertainment के लिए नया रास्ता अपना लिया है। अब फिल्म pirate की जाने लगी हैं। इसके द्वारा कम दाम में ही फिल्म का वही आनन्द मिल जाता है। पर ये कोई समाधान नही है। मैं piracy की समर्थक नहीं हूँ, पर आसमान छूते rate भी ज़्यादतियाँ कर रहे हैं।

जिस तरह से फिल्म जगत से जुड़े लोग no piracy के लिए बोलते हैं। हम भी rate appropriate करने की demand करें।


Movies के ticket rates and वहाँ मिलने वाले, eatables appropriate rate पर किए जाएँ। और eatables के rate कम ना होने पर वहाँ से समान लेना बंद कर दें। आप बच्चों को समझा दें, कि movie देखने के बाद सब को जहां reasonable rate पर सब मिल रहा होगा, वहाँ ले जा कर उन्हे enjoy करा देंगे। और अगर आप late night show देखने जा रहे हैं, तो eatables को पहले ही enjoy कर लीजिये।

इससे दो बातें होंगी, एक ओर तो जहाँ आपके पैसों की बचत होगी। वहीं दूसरी ओर hall की eatables ना बिकने की वजह से बर्बाद होगी, जिससे उन्हें नुकसान भी होगा। अतः नुकसान से बचने के लिए वो अपनी eatables के rate down कर देंगे।

साथ ही हमें ये भी demand करनी चाहिए, कि हमें पहले जैसे ही, eatables hall में ले जाना allow किया जाए, वहाँ मिलने वाली चीजों का तो ये भी नहीं पता होता है, कि उसकी expiry date क्या है।

और अगर हम ऐसा करने में कामयाब हो गए, तो हम फिर से film वैसे ही enjoy करेंगे, जैसे बचपन में किया करते थे।

अगर आप मेरी बात से सहमत हैं, तो इस article को खूब share करें। क्योंकि जब लहर उठती है, तभी बदलाव आते हैं।    

2 comments:

  1. Replies
    1. Kash ye baat sabke samajh aa jaye, to pehle k saman hmare kids bhi jyada enjoy kr payenge

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