Saturday 26 October 2019

Article : क्या है Happy Deepawali?


क्या है, Happy Deepawali?

हम हिन्दुओं का बड़ा त्यौहार दीपावली आ गया है।

सब एक दूसरे को happy deepawali wish करेंगे। पर अब क्या दीपावली happy वाली रह गयी है?

चलिये सोचते हैं, कौन happy है?

हम सब तो, सब कुछ बच्चों के लिए ही करते हैं ना? तो चलिये शुरुआत भी उन से ही करते हैं।

बच्चों के लिए तो दिवाली का मतलब ही है, खूब सारे पटाखे, और वो तो हम उन्हें चलाने नहीं देंगे, pollution के नाम पर। चाहे बाकी सब से कितना ही pollution हो वो चलेगा, हम अपना AC बंद नहीं करेंगे। Car में अकेले ही जाएंगे। ठंड हो या गर्मी, नहायेंगे तो गरम पानी से ही। Perfumes, deo खूब सारा लगाएंगे। Cigarette smoking बंद नहीं होंगी।

आज कल तो पटाखों की भी दो परिभाषा कर दी गयी है। यहाँ मैं green पटाखों की बात नहीं कर रही हूँ। अच्छे और बुरे पटाखों की बात कर रही हूँ, और जो सटीक ही जान पड़ती है।

अच्छे पटाखे वे पटाखे जो new year, Christmas आदि festival पर नेताओं की जीत पर फोड़े जाते हैं, अच्छे पटाखे कहलाते हैं। इन पटाखों को फोड़ने से भाईचारा, सौहार्द और अमन-चैन बढ़ता है और पर्यावरण शुद्ध होता है, और शांति का वातावरण निर्मित होता है।

बुरे पटाखे – यह पटाखे mainly दीपावली नामक त्यौहार में फोड़ते हैं, इनसे ध्वनि प्रदूषण के साथ अशांति बढ़ती है। साथ ही वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बढ़ जाता है।

और आपको पता है, इस बात को फैलाने वाले और पटाखों को चलाने पर सर्वाधिक विरोध करने वाले हिन्दू ही होते है। वैसे विरोध करने वालों की जानकारी के लिए बता दें, पटाखे चलने से बारूद की जो महक आती है, उससे बहुत सारे जानलेवा कीड़े-मकोड़े, मच्छर, उनके अंडे लार्वा सब मर जाते हैं। तो "पटाखे अच्छे हैं"

तो बच्चे तो happy नहीं होंगे, इस दीपावली में।

अब आते हैं, बुजुर्गों पर...

सारे रीत रिवाजों को ताक पर रख कर दीपावली में घूमने निकल जाएंगे, तो भला वो कैसे खुश होंगे?

यह दीपावली है, सर्दियों या गर्मियों की छुट्टियाँ नहीं है, कि आप घूमने निकल गए। अपने सबसे बड़े त्यौहार का इतना तो मान रख लीजिये, कि उसे तो कम से कम विधि-विधान से मना लीजिये।

तो बुजुर्ग तो happy नहीं होंगे, इस दीपावली में।

दीपावली के सामान बेचने वाला भारतीय बाज़ार भी happy नहीं हैं, क्योंकि आपके घरों की सजावट और सामान तो चीनी बाज़ार को खुश कर रहा है।

भगवान जी, माता लक्ष्मी, वो भी तो happy नहीं हैं, क्योंकि घरों में तो ताले पड़े हैं। लोग घूमने निकल गए हैं, किसी को उनके आगमन का इंतज़ार नहीं है। 

वो पहले सी जगमगाती रौनक भी नहीं है, उमंग भी नहीं है। रह गयी है तो बस GIF वाली wishes

अब तो सिर्फ दीपावली ही रह गयी है, जब कोई happy नहीं है, तो क्या happy दीपावली कहेंगे?

क्यों हिन्दू त्यौहारों पर ही सारे ban लगते हैं, क्योंकि हम हिन्दू ही उसका साथ देते हैं। जबकि ईद या Christmas में अपने त्यौहारों से जुड़ी बातों का विरोध करते ना आपको मुसलमान मिलेंगे, ना ही Christian। यही वजह है, उनके त्यौहारों में आज भी खुशी है, ईद मुबारक है और ‘Christmas Merry’ है।

चलिये हम भी अपने त्यौहार को पहले सा मनाते हैं, सभी विधि-विधान पूरे करेंगे, घर को साफ-सुथरा कर के,

दीयों से घर जगमगाएंगे,
फूलों से घर को सजाएँगे,
ढेर पकवान बनाएँगे,
माता लक्ष्मी के स्वागत में
पलकों को हम बिछाएंगे।
और बच्चों के संग मिलकर
खूब पटाखे चलाएँगे,
क्योंकि ये त्यौहार ही है पटाखों का।

खूब पटाखे चलाये, दीपावली मनाएँ, किसी का अंतिम संस्कार नहीं है, जो मातम मनाएँ, 364 दिन हैं, पर्यावरण की रक्षा के लिए।

आइये दीपावली को Happy Deepwali बनाते हैं।

आप सभी को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं।।

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