Wednesday 18 December 2019

Short Stories : जंग


जंग 


हर जगह फिर से वही आगजनी, तोड़फोड़, दंगे हो रहे थे। नन्हा रतन माँ की गोद में, सिमटा जा रहा था। 

उसे दूर से आती हुई शोर मचाने, चीखने-चिल्लाने की आवाज़े, और साथ ही कुछ लोगों के कराहने की आवाज़ें अंदर तक डरा रही थी।

उसने माँ से पूछा, ये सब क्यों हो रहा है?

माँ बोली, बेटा लोग किसी बात का विरोध कर रहे हैं, इसलिए उन्होंने ये जंग छेड़ दी है।

पर माँ, teacher ने तो बताया था, जंग दुश्मनों को खत्म करने के लिए की जाती है। फिर ये लोग अपने ही देश में बरबादी करके 
किस दुश्मन को खत्म कर रहे हैं?

माँ सोच रही थी, जो बात उसके छोटे से रतन को समझ आ गयी, वो बड़ों को क्यों समझ नहीं आती है? अपने ही देश में बरबादी करके वो किससे जंग लड़ रहे हैं।

6 comments:

  1. Replies
    1. Thank you very much sir for your precious words

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  2. यह बहुत ही कष्टदायक है, कि मनुष्य यह समझ ही नहीं पाता कि दुश्मन कौन है? स्वयं उसके भीतर या फिर बाहर कोई!
    रूबी वर्मा

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    Replies
    1. Thank you very much Ma'am for your valuable words

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