Tuesday, 24 March 2020

Short Stories : ताली-थाली बजाने का महत्व


ताली-थाली बजाने का महत्व



रीमा 22 March की शाम  को थाली, चम्मच, घंटा, सब इकट्ठा कर रही थी।

तभी उसका लाडला चिंटू, उसके पास आकर पूछने लगा, माँ आप यह सब क्यों इकट्ठा कर रही हैं?

रीमा बोली, हमें आज पांच बजे यह सब बजाना है।

पर क्यों, माँ इससे क्या फायदा है?

बेटा, जब भी हम कभी, कुछ सोचते हैं, कहते हैं, बोलते हैं या कुछ बजाते हैं तो वह स्वर ब्रम्हांड में हमेशा के लिए रहता है।

तो अगर हम, positive सोच रखेंगे, positive कहेंगे, और शुभ ध्वनि बजाएंगे, तो ब्रह्मांड में सब positive रहेगा।

साथ ही तेज़ स्वर की प्रति ध्वनि का प्रभाव और ज्यादा रहेगा।

तुमने देखा, सुना होगा, मंदिरों में आरती जोर से गाते हैं, उस समय घंटे, शंखनाद आदि की ध्वनि भी की जाती है।

उसी तरह मस्जिदों में अज़ान भी लाउडस्पीकर से की जाती है।

ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि पूजा- पाठ, नमाज आदि सबसे शुभ स्वर हैं, इनसे वातावरण शुभ व शुद्ध होता है, जिससे दुःख- कष्ट दूर होते हैं, व सुख का वास होता है।

तो आज जब, सब अपने-अपने घर से यह ध्वनि बजाएंगे तो पूरे देश में positive vibes पैदा होंगी, जो कोरोनावायरस को दूर करने में सक्षम होगी।

ओह! माँ, अब समझ आया कि मोदी जी ने सबसे इसलिए ही ताली-थाली बजाने को कहा था।

मोदी जी तो बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति हैं, मैं भी आपके साथ थाली बजाऊंगा।

यह कहकर वो बहुत जोश के साथ 15 मिनट तक थाली बजाता रहा।

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