Thursday 8 July 2021

Poem : हर तस्वीर कहानी कहती है

 हर तस्वीर कहानी कहती है


हर तस्वीर कहानी कहती है।

कुछ नयी, कुछ पुरानी रहती है।।


इस तस्वीर की सुन्दरता भी,

बड़ी अजब निराली है।

दादी वरमाला लिए,

दादा जी की होने वाली हैं।।


हर तस्वीर कहानी कहती है।

कुछ नयी, कुछ पुरानी रहती हैं।।


इस तस्वीर में दो रंग,

सफ़ेद काले संग-संग।

नानी जब नाना की हुई थीं,

सकुची सी शर्माई हुईं थीं।।


हर तस्वीर कहानी कहती है।

कुछ नयी, कुछ पुरानी रहती हैं।।


यह तस्वीर लगती कितनी अच्छी है,

सपनों से सुन्दर, वर्तमान सी सच्ची है।

पापा ने जब माँ को पहली बार था देखा,

वही थी हमारे अस्तित्व की रेखा।।


 हर तस्वीर कहानी कहती है।

कुछ नयी, कुछ पुरानी रहती हैं।।


इस तस्वीर में रंगों की छटा छाई, 

तुम्हारे-हमारे मिलन की घड़ी आई।

संग जो एक-दूजे का पाया था,

अरमानों का संसार बसाया था।।


 हर तस्वीर कहानी कहती है।

कुछ नयी, कुछ पुरानी रहती हैं।। 


इस तस्वीर से नज़र हटती नहीं,

इस दिन मैंने अपनी परछाई थी पाई।

जहाँ भर की खुशियाँ झोली में समाई, 

परियों से भी सुन्दर, मैंने बिटिया पाई।।


 हर तस्वीर कहानी कहती है।

कुछ नयी, कुछ पुरानी रहती हैं।।


इस तस्वीर में जो नजर टिकती है,

लाख चाहो, तो भी नहीं हटती है।

मेरे परिवार को पूरा करने आया,

कान्हा सा सुंदर बेटा है पाया।।


 हर तस्वीर कहानी कहती है।

कुछ नयी, कुछ पुरानी रहती हैं।।


समय के साथ सब बदलता है,

रोके किसी के कहाँ रुकता है।

पर तस्वीर, अपने अन्दर, 

उन पलों को समेट लेती है।।


हर तस्वीर कहानी कहती है।

कुछ नयी, कुछ पुरानी रहती हैं।।

No comments:

Post a Comment

Thanks for reading!

Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)

Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.