Friday, 11 March 2022

Poem : उनको रोक सकेगा कौन?

BJP की प्रचंड जीत ना केवल U.P. में,  बल्कि उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी हुई है। जिससे पूरे देश में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई है। पर बहुत से लोग सोच रहे हैं कि BJP कैसे जीत गयी? 

चंद पंक्तियों में उस जीत को व्यक्त करने का प्रयास किया है।

सच मानिए, जो भी इस मार्ग पर चलेगा, उसकी सफलता निश्चित है।

उनको रोक सकेगा कौन?


वो जीत गए जो जीतने थे,

कोई ना उनको रोक सका।

जब राम लला थे साथ खड़े,

फिर उनको रोक सकेगा कौन?


जो काज प्रभु के करते हैं,

प्रभु, स्वयं मार्ग प्रशस्त करते हैं।

यह समर नहीं था मानुष से,

और प्रभु से जीत सकेगा कौन?


तुमने खंड-खंड तोड़ा था जो,

वो सबको एकजुट करते गए।

जब सब साथ मिल गये हों तो,

फिर उनको हरा सकेगा कौन?


जो अथक रहा हो मंजिल पाने तक,

जो अडिग रहा हो जीत जाने तक।

ऐसे दृढनिश्चय को बोलो,

पलभर भी झुका सकेगा कौन?


जिसका स्वार्थ नहीं अपना,

जिसका राष्ट्र भक्ति हो सपना।

जो देश-विकास का साधक हो

फिर उसको नहीं चुनेगा कौन?


वो जीत गए जो जीतने थे,

कोई ना उनको रोक सका। 

जब राम लल्ला थे साथ खड़े,

फिर उनको रोक सकेगा कौन?


जय श्री राम 🚩🙏🏻

No comments:

Post a Comment

Thanks for reading!

Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)

Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.