Saturday, 22 October 2022

Article : D for Dhanteras

हर साल धनतेरस पर हम सभी अपने घर को धन धान्य से परिपूर्ण करते हैं।

जिसके लिए विभिन्न प्रकार की चीजें करते हैं, और उसमें क्या क्या चाहिए, वो हमने अपने इस article शुभ धनतेरस  में साझा भी किया था।

आज हम आपके, दूसरे अमूल्य धन के विषय में बात करेंगे। 

स्वास्थ्य धन, जिसे धन धान्य समृद्धि एकत्रित करने में हम कहीं पीछे छोड़ देते हैं। पर स्वस्थ रहना, धन कमाने से भी ज्यादा जरूरी है।

आप को पता है, धनतेरस, धनवंतरी देव के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। धनवंतरी देव, धन, आयुर्वेद व medicine के देवता हैं। अतः धनतेरस को आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 

तो चलिए इस धनतेरस को, आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मना लेते हैं, कुछ स्वास्थ्य धन भी बढ़ा लेते हैं।

आज आप का ध्यान हम, उस ओर ले चलते हैं, जिसमें बच्चा हो, बूढ़ा हो या जवान हो, सभी में दिन प्रतिदिन इसकी कमी होती जा रही है। 

पहले यह सिर्फ अमीर लोगों तक ही सीमित थी या उन लोगों को होती थी, जो बहुत dense area में रहते थे। पर आज कोई इससे अछूता नहीं रहा... 

D for Dhanteras

D for Dhanvantari 

And D for vitamin D

आज हम बात कर रहे हैं, Vitamin D की।

जबकि इसके source में कोई कमी नहीं आई है। 

D for Dhanteras


सूर्य की किरणों से मिलने वाले इस vitamin D को देने में सूर्य देव ने कोई कमी नहीं रखी। आज भी पहले की ही भांति सूर्य देव, हमें बहुत सारा vitamin D दे रहे हैं। 

फिर सोचिए क्या कारण है कि हर दूसरे इंसान को vitamin D की कमी है? 

उस कारण हम सब हैं। धन एवं आधुनिकता के पीछे भागना जिसके कारण गगनचुंबी इमारतों का निर्माण हो गया है। लोग AC room से बाहर ही नहीं निकलते हैं।

यह इमारतें दीवार बन गई है, vitamin D को हम तक नहीं पहुंचने देने में...

Symptoms of deficiency of Vitamin D:

• हर समय थकान महसूस होना।

• मांसपेशियों में कमजोरी, दर्द, ऐंठन होना।

• जोड़ों व हड्डियों में दर्द होना (हड्डियों इतनी कमजोर हो जाना कि मामूली चोट/झटकों से टूट जाने का डर होना)।

• स्वभाव में निराशा, चिड़चिड़ापन, depression, brain fog (सोचने, समझने में दिक्कत महसूस) होना।

• बच्चों की लम्बाई ना बढ़ना।

• हृदय रोग (जैसे blood pressure, heart attack आदि) होना।

• त्वचा पर असमय झुर्रियां पड़ना।

• Sugar level नियंत्रित ना रहना (diabetes बढ़ना)।

• आँख की रोशनी पर बुरा असर होना।

• fatty liver या खराब होना।

• Kidney संबंधित रोग होना।

• Virility problem।

• बालों का झड़ना (alopecia)।

• अस्थमा या अन्य फेफड़ों के रोग होना।

• दांतों का कमजोर होना।

• मोटापा बढ़ना।

• शरीर की immunity (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कम हो जाने की वजह से शरीर में अक्सर कोई छोटी-बड़ी समस्या पैदा होते रहना।

• कैंसर हो जाने का भी खतरा होना।

Prevention:

वैसे allopathy में हमें vitamin D की ढेरों दवाइयां मिल जाती है। पर allopathy में side effects भी बहुत होते हैं।

पर आयुर्वेद, हमारे शरीर में मौजूद सभी तरह की बीमारियों को जड़ मूल से नष्ट कर देता है, साथ ही पूर्णतः स्वस्थ और चिरायु भी करता है और side effects भी नहीं होते हैं।

तो आइए, जानते हैं कि कैसे आयुर्वेद सक्षम है, vitamin D की कमी को दूर करने में...

1. - Sunbathe (धूप सेंकना)

सुबह व शाम की धूप में कम से कम 15 minutes से लेकर half an hour तक लेटने (या टहलने) की कोशिश करें। पर ध्यान रखें कि धूप, आपके शरीर के अधिक से अधिक अंगों पर पड़े, इसलिए शरीर पर कम से कम कपड़े हों तो बेहतर है। धूप लेते समय अगर शरीर पर सरसों या नारियल के तेल से या देशी घी से मालिश भी किया जाए तो सोने में सुहागा वाला लाभ मिलता है अर्थात् धूप से मिलने वाला लाभ कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।

2. - Consuming milk and dairy products

रोज कम से कम 1 glass दूध का सेवन अवश्य करना चाहिए। हो सके तो दोपहर में 1 कटोरी दही भी अवश्य लें। शुद्ध छेना, छाछ आदि भी बेहद लाभदायक हैं और अगर आपको diabetes, मोटापा या हृदय रोग है तब भी आप भारतीय देशी गाय के दूध से बना कोई भी ताज़ा milk product बेहिचक उचित मात्रा में ले सकते हैं और इससे आपको कोई नुकसान भी नहीं होगा। दही में चीनी की जगह काला नमक या गुड़ मिला सकते हैं और दूध में भी गुड़ मिलाकर पी सकते हैं।

3. - A balanced diet

रोज़ एक ही तरह का अनाज/सब्जी/दाल खाने की जगह कोशिश करें कि प्रतिदिन बदल – बदल कर खाने की, मतलब हर दिन अलग – अलग अनाजों/सब्जियों/दालों को खाएं या थोड़ा-थोड़ा सभी अनाज/सब्जी/दाल को आपस में मिलाकर प्रतिदिन खाएं ताकि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक किसी पोषक तत्व (vitamins and minerals जैसे- Biotin (vitamin B7), Folic acid (folate, vitamin B9), Niacin (vitamin B3), Pantothenic acid (vitamin B5), Riboflavin (vitamin B2), Thiamin (vitamin B1), Vitamin B6, Vitamin B12, Vitamin C, Vitamin A, Vitamin D, Vitamin E, Vitamin K, Calcium, Chloride, Magnesium, Phosphorus, Potassium, Sodium, Sulfur, Chromium, Copper, Fluoride, Iodine, Iron, Manganese, Molybdenum, Selenium, Zinc आदि) की कभी भी कमी ना पड़े।

Multi grain आटे का एक श्रेष्ठ विकल्प है, पतंजलि का “नवरत्न आटा” जिसमें गेहूं, जौ, चौलाई, मक्का, ज्वार, चना, सिंघाड़ा, सोयाबीन व बाजरा का मिश्रण होने की वजह से ये बेहद पोषक है। दालों के लिए आप अरहर, चना, मसूर, मूंग, उरद आदि को मिला करके प्रतिदिन खाएंगे तो मुफ्त में कई बीमारियों का नाश हो जाएगा और आपके शरीर में कभी प्रोटीन की कमी नहीं रहेगी।

हर अलग – अलग मौसम में मिलने वाली सब्जियों व फलों का ही सिर्फ सेवन करना चाहिए (ना की बेमौसम मिलने वाली frozen सब्जियों व फलों का)।

Dieting के नाम पर लम्बे समय तक बहुत कम खाने से बुढ़ापा तेजी से आता है ! सिर्फ एक ही तरह के अनाज व सब्जियों का रोज सेवन करने से भी शरीर में कुछ vitamins and minerals  की कमी पड़ सकती है इसलिए करोड़ो वर्ष पुराने आयुर्वेद में भारतीय गाय के दूध – दही आदि का भी रोज सेवन करना compulsory बोला गया है ताकि शरीर में कभी भी, किसी भी vitamins and minerals की कमी ना पड़े । (कोशिश करें कि सिर्फ देशी गाय के दूध का ही सेवन करने की लेकिन अगर ना मिल सके तो, भैंस के दूध का भी सेवन किया जा सकता है)।

4. - Last meal before sunset

मानवों का सूर्यास्त के बाद भोजन करना भी आयुर्वेद सम्मत नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार मानवों को अंतिम भोजन यानी dinner सूर्यास्त से पहले कर लेना चाहिए और रात में 9 बजे तक सो जाना चाहिए (क्योंकि सर्वश्रेष्ठ नींद मध्य रात्रि यानी रात 12 बजे से पहले की ही होती है)। 

शास्त्रानुसार सूर्यास्त के बाद भोजन करने से वह भोजन, सूर्य के कई गुणों से विहीन हो जाता है इसलिए उससे vitamin D पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है और उसका पाचन भी अपेक्षाकृत धीरे होता है जिससे sugar level व मोटापा भी बढ़ सकता है। इसलिए भोजन को दिन में (यानी जब सूर्य आकाश में हो) खाने से पर्याप्त vitamin D मिलता है। 

आधुनिक वैज्ञानिकों को भले ही अभी इस theory को digest करने में मुश्किल हो कि “सूर्य के उदय और अस्त होने से भोजन के Vitamin D पर कैसे असर पड़ सकता है”

 लेकिन उम्मीद है जल्द ही वैज्ञानिक इस theory को भी उसी तरह स्वीकारेंगे जैसे करोड़ों साल पहले भारतीय ज्योतिष ग्रंथ में लिख दिया गया था कि आकाश में चन्द्रमा के size के according, हर मानव मन का स्वभाव भी प्रतिदिन बदल सकता है और जिसे बाद में सम्भवतः modern researchers ने भी स्वीकारा।

आयुर्वेद के अनुसार, अगर कोई मानव किसी कारणवश अपना अंतिम भोजन (dinner) सूर्यास्त से पहले तक नहीं कर सकता हो तो भी वह एक आसान तरीके को अपनाकर Vitamin D की कमी से बच सकता है।

इस तरीके में केवल इतना करना है कि कोई व्यक्ति 24 घंटे में जितना भी खाना खाता हो उसका आधे से ज्यादा खाना (यानी लगभग 60% खाना) वह दिन में (यानी जब तक सूर्य डूबे ना हों) खा ले और 40% खाना रात में जब चाहे अपनी सुविधानुसार खा ले। यानी आसान भाषा में कहें तो अगर आप 24 घंटे में 6 रोटी खाते हों तो आपको 4 रोटी दिन में खाना है और 2 रोटी रात में खाना है। इसी तरह भोजन की अन्य सामग्रियां (जैस- सब्जी, दाल, चावल, दूध आदि) की 24 घंटे की कुल मात्रा का, 60% हिस्सा दिन में खाना है और 40% रात में खाना है।

इसके अलावा आयुर्वेद के अनुसार एक और अति महत्वपूर्ण जानकारी बताई जिसके अनुसार शिवपुराण में योगिराज भगवान शिव ने माँ पार्वती को बताया है कि दुनिया में सारी उपलब्धियों को पाया जा सकता है दो चीजों की मदद से, और वो हैं- वायु और पारा।

पारा से कई दुर्लभ औषधियां बन सकती हैं जिन्हे बना पाना तो आज के अल्प सामर्थ्य वाले मानवों के लिए अब सम्भव नहीं है, लेकिन वायु के दुर्लभ लाभ निश्चित प्राप्त किए जा सकते हैं सभी मानवों द्वारा।

वायु के सभी औषधीय लाभ पाने का सबसे आसान तरीका है प्राणायाम। और उन्ही प्राणायामों में से एक है अनुलोम विलोम प्राणायाम जिसे प्रतिदिन ठीक तरीके से मात्र 100 बार (जिसमे कम से कम आधा घंटा लग सकता है) करने से, सामान्यतया शरीर में किसी भी vitamins and minerals की कमी नहीं पड़ सकती है। 

अब यहाँ पर प्रश्न यह बनता है कि अगर किसी व्यक्ति से खाने पीने में कभी – कभी लापरवाही हो जाती है, लेकिन उससे प्राणायाम में कभी लापरवाही नहीं होती है, तो क्या तब भी वह vitamins and minerals की कमी से बच सकता है? 

तो इसका उत्तर है, हाँ ! मतलब सिर्फ प्राणायाम की वजह से, उसके खाने पीने में की गयी कई छोटी मोटी लापरवाहियां उस पर कुछ ख़ास असर नहीं डाल सकती हैं।

The science behind Pranayam-

अनुलोम विलोम प्राणायाम की वजह से सुषम्ना स्थित 7 चक्र, हर बार पहले से ज्यादा activate होते जाते हैं और इन्ही चक्रों में छिपे हुए अमृत द्रव (जो स्वयं महासंगम है उन सभी दुर्लभ पदार्थों का जो शरीर का अद्भुत कायाकल्प करने की क्षमता रखते हैं) के अति सूक्ष्म स्राव से भी शरीर के सारे आवश्यक पोषक तत्वों की स्वतः पूर्ती हो सकती है ! इसलिए हर व्यक्ति को प्रतिदिन आधा घंटा धीरे – धीरे अनुलोम विलोम प्राणायाम अवश्य करना चाहिए। 

हमने यहाँ आयुर्वेद द्वारा vitamin D की कमी को पूरा करने के लिए जीवन से जुड़ी समान्य बातों पर विचार किया है। जो अत्यंत सरल और सहज है, इसके कोई side effects नहीं हैं।

आयुर्वेद, भारत का medical science है, जो सर्वोत्तम है, यदि आप को सभी बातें नीति पूर्ण और जीवन में ढालने योग्य लगें तो आप इन्हें अपना सकते हैं और स्वास्थ्य धन अर्जित कर सकते हैं।

Positive रहें, प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। 

आप सभी को दीपावली के पांच दिवसीय त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

ईश्वर, हम सभी को सुखी स्वस्थ एवं चिरायु रखें 🙏🏻😊 दीपावली सब के लिए शुभ हो।

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