Thursday, 10 November 2022

Story of Life : Positive thinking

 सोच से जिंदगी



आज की कहानी एक गांव की है, पर जिस सोच पर है, वो अगर हम सब की जिंदगी में शामिल हो तो, हमें कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता।

और depression में तो बिल्कुल भी नहीं जाने देगा।

तो यह कहानी एक बैल की है... 

अब क्योंकि कहानी है तो इस बैल का हम मानवीकरण कर लेते हैं..

तो उस बैल का नाम था हीरा..

तो भाई जैसा बैल का नाम था, वैसा ही वो था भी, बहुत ही हट्टा कट्टा, सुडौल, मेहनतकश और स्वामीभक्त भी... 

हीरा का मालिक, रामदास भी बहुत भला इंसान था, वो हीरा को भरपेट भोजन देता और उतना ही काम लेता, जिसे करते हुए हीरा आसानी से कर सके।

दोनों ही एक दूसरे पर जान छिड़कते... और यह बात पूरे गांव में मशहूर भी थी।

समय का चक्र चलता रहा और सभी कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होते रहे...

समय के साथ हीरा वृद्ध हो चुका था, वो अब रामप्रसाद के कामों को उतनी तल्लीनता से पूर्ण नहीं कर पाता था, जैसे पहले करता था, पर रामप्रसाद जी का स्नेह कम नहीं हुआ था।

हीरा अपने मालिक के प्रति बहुत कृतज्ञ रहता था।

एक बार की बात है रामप्रसाद, हीरा को लेकर दूसरे गांव जा रहे थे। अभी वो गांव के बाहर निकले भी नहीं थे और एक बड़े से गढ्ढे में हीरा गिर गया।

किसी शिकारी ने, जंगली जानवर को पकड़ने के लिए गहरा गढ्ढा खोदा हुआ था।

हीरा ने गढ्ढे से निकलने की बहुत बहुत कोशिश की पर, सब व्यर्थ, वृद्ध शरीर में वो ताकत नहीं थी कि अपने आप निकल आता...

 रामप्रसाद भी हर संभव प्रयास में लगे हुए थे।‌‌ लेकिन निकालने में असमर्थ ही रह रहे थे, क्योंकि हीरा वृद्ध अवश्य हो गया था, लेकिन उसका वजन अभी भी बहुत था। 

फिर रामप्रसाद भी कौन से जवान थे। 

रामप्रसाद ने आने जाने वालों से भी मदद मांगी, पर सभी प्रयास असफल रहे।

दिन से शाम हो आई थी, अब आने जाने वाले भी कम हो गए।

रामप्रसाद ने सोचा, अब हीरा को बाहर निकालना तो असंभव है, वृद्ध यह हो ही गया है, ना जाने वैसे भी कितने दिन जीवित रहे, तो बेहतर यही होगा कि इसे अब इसी गढ्ढे में दफन कर दिया जाए।

उसने यह सोचकर बड़े भारी मन से लोगों को एकत्र कर के गढ्ढे में मिट्टी डालने को कहा, जिससे हीरा के दुखद जीवन का अंत हो जाए।

जब हीरा को समझ आया कि उसका मालिक उसे गढ्ढे में दफन कर रहा है, तो वह तड़प उठा...

हे ईश्वर, जिस मालिक ने इतना स्नेह दिया, वो ही मुझे यहां दफ़न कर के मौत की नींद सुला देना चाहता है।

इन्हें एक पल भी मेरी स्वामीभक्ति याद नहीं आई? यह इतने निर्दयी कब से हो गए? इसकी तो मैं कभी कल्पना भी नहीं कर सकता हूं...

हीरा के नेत्रों से अविरल धारा बह निकली...

पर सच यही था, बाहर निकालने के लिए जितने लोग नहीं मिल रहे थे, उससे ज्यादा लोगों ने मिट्टी डालना शुरू कर दिया था...

तभी किसी की डाली मिट्टी, हीरा के नेत्रों में जा गिरी, हीरा ने अपने को कस के झटका, इससे मिट्टी नीचे गिर गई और हीरा उछलकर मिट्टी के ऊपर आ गया।

हीरा ने महसूस किया कि वो पहले से गढ्ढे के ऊपर आ गया था। अरे मैं तो गढ्ढे में उतने गहरे में नहीं रहा

यह सोच मन में आते ही, हीरा जो अभी तक मृत्यु की बात सोच कर हताश और भयभीत था, वो उत्साह से भर गया।

अब तो वो हर बार यही करने लगा...

हीरा को ऐसा करते देख, दुःखी और मायूस, रामप्रसाद खुशी से चिल्लाने लगे, आह! मेरा हीरा बहुत बुद्धिमान और बहादुर है।

उसने मृत्यु से हार नहीं मानी है, वो अभी भी बाहर निकलने को प्रयासरत है। मिट्टी डालने का काम और तेज कर दो, मैं सभी को भरपूर इनाम दूंगा...यह कहते हुए प्रसन्नता से दोनों हाथों से भर-भर कर मिट्टी डालने लगा।

हीरा अपने मालिक को ऐसा करते देख, प्रसन्नता और जोश से भर गया, वो और तेजी से बाहर निकलने का प्रयत्न करने लगा। 

बाकी लोग भी बैल की बुद्धिमत्ता देखकर और इनाम की बात सुनकर और तत्परता से मिट्टी डालने लगे।

कुछ ही देर में हीरा गढ्ढे से बाहर था। रामप्रसाद ने सबको इनाम दिया और फिर हीरा के साथ, घर की ओर लौटने लगा। 

हीरा की positive thinking ने उसकी जिंदगी बदल दी...

हीरा, पुनः कृतज्ञता और स्नेह से अभिभूत होकर अपने मालिक को देख रहा था।

रामप्रसाद भी, हीरा की बुद्धिमत्ता, साहस को ध्यान में लाते हुए बड़े गर्व से हीरा को देख रहे थे।

इस कहानी से यह कहने का प्रयास किया है कि अगर हिम्मत ना हारें, बुद्धिमत्ता और साहस कायम रखें तो मृत्यु को भी हरा सकते हैं। तो छोटी-मोटी परेशानी क्या है, वो तो पल में आपके वशीभूत हो जाएगी। इसलिए कभी depression में मत जाएं, जूझे और अपनी situation से बाहर आएं। 

अपनी परेशानियों से छुटकारा आप को तभी मिलता है, जब आप उससे बाहर निकलने के लिए अपनी पूरी सामर्थ्य लगा देते हैं, तन, मन और बुद्धि से...

और हाँ, कभी मुसीबतों में फसने पर अपनों को ग़लत नहीं समझें, वो अगर आप की सहायता नहीं कर पा रहा है तो वो उनकी मजबूरी भी हो सकती है, ज़रुरी नहीं है कि, उनका स्नेह आपके प्रति कम हुआ हो...

सोच सकारात्मक रखें, उसी में जिंदगी है।

ईश्वर आपको वही देंगे, जो आपके लिए उचित होगा और जो अनुचित होगा, वो तो आप को बिल्कुल नहीं देंगे।

So be positive and be happy 😊

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