Tuesday, 22 August 2023

Article : ISRO का ऐलान, NASA हैरान

ISRO का ऐलान, NASA हैरान


जैसा कि आप सभी जानते हैं कि ISRO (Indian Space Research Organisation) India की space agency है। जो कि विश्व में भारत को सफलता के नए आयाम पर पहुंचा रही है। 

उसके बड़े बड़े ऐलानों को सुनकर NASA हैरान रह जा रहा है। NASA (National Aeronautics and Space Administration) America की space agency है। 

NASA, विश्व की सबसे बड़ी space agency है, और इसे join करना, किसी भी scientist का dream project होता है।

लेकिन अब यह सोच, Indian scientists में कम होती जा रही है, उनके लिए, NASA नहीं बल्कि ISRO join करना dream project बनता जा रहा है।

पर ऐसा क्या हुआ? 

ऐसा इसलिए, क्योंकि अब ISRO भी technically बहुत strong हो गया है। साथ ही अपने देश की सेवा करने से, गर्व महसूस होता है, और देशभक्ति की भावना भी बलवती होती है।‌ 

आजकल एक से बढ़कर एक सफलताओं के परचम लहरा रहा है ISRO, फिर वो चाहे मंगलयान हो, चंद्रयान 2 हो या चंद्रयान 3 हो, सब ही सफल है। 

अभी हाल ही में ISRO ने जो ऐलान किया है, उसे सुनकर तो NASA भी हैरान है कि क्या भारत यह भी सोच सकता है। 

पर ऐसा भी क्या सोच लिया है? 

दरअसल, भारत एक और लम्बी छलांग लगाने जा रहा है। उस ने ऐलान किया है कि चंद्रयान 3 के soft landing के साथ ही, भारत सूर्य की ओर कदम बढ़ा रहा है। वो अपना आदित्य L1 launch कर है। जो कि सूर्य के orbit में जाकर, हमें सूर्य से सम्बंधित जानकारी देगा। 

यह मिशन बहुत ही कठिन है क्योंकि सूर्य और पृथ्वी‌ के बीच की दूरी बहुत अधिक है और सूर्य पर temprature भी बहुत ज़्यादा है। फिर भी भारत इसे करने को तैयार है और ना केवल तैयार है, बल्कि उसे इसमें पूर्णतः सफल बनाने का इरादा भी रखता है।

Aditya L1 सूर्य की study करने वाला पहला Indian space mission होगा। इसका आदित्य नाम इसलिए है, क्योंकि आदित्य सूर्य का एक पर्यायवाची है और L1 इसलिए क्योंकि वो सूर्य की L1 orbit में रखा जाएगा।

इसमें spacecraft को Sun-Earth system के Lagrange point 1 (L1) के चारों ओर एक Halo orbit में रखा जाएगा। जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है। 

L1 point के चारों ओर coronal orbit पर रखे इस satellite को major advantage यह होगा कि बिना किसी  occultation/eclipse के, यह सूरज को लगातार देख सकता है और साथ ही space weather पर impact भी देख सकता है। 

Spacecraft‌ seven payloads को carry कर के, electromagnetic, particle and magnetic field detectors को use कर के सूरज के photosphere, chromosphere और outermost layers (corona) को observe करेगा। 

Aditya L1 payloads के suite से coronal heating, coronal mass ejection, pre-flare and flare की activities व उनके characteristics, साथ ही space weather dynamics, diffusion of particles and regions etc को समझने के लिए, सबसे महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है। 

Aditya L1 को primarily, chromosphere & solar atmosphere के corona को observe करने के लिए tune किया गया है। 

अगर हमें इसे scientific language में समझते रहेंगे तो थोड़ा कठिन होगा। इसलिए इस पूरे mission को सरल शब्दों में समझें तो, Aditya L1 सूर्य का अध्यन करने वाला पहला अंतरिक्ष भारतीय मिशन है। आदित्य मिशन का main motive चौबीसों घंटे सूर्य की तस्वीरे  लेना और इसके अलावा  solar corona, solar emissions, solar winds and flares, coronal mass ejection का अध्ययन करना है। इस मिशन में spacecraft को सूर्य-पृथ्वी के orbit के Lagrange point के चारों ओर एक halo orbit में रखा जायेगा। जो  की पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूरी पर स्थित है।

इसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह होगा कि इस L1 बिंदु के चारों ओर halo orbit में रखे गए इस उपग्रह को बिना किसी ग्रहण के सूर्य को निरंतर देखने को मिलेगा। इससे हमें वास्तविक समय में  सूर्य की गतिविधि और अंतरिक्ष के मौसम पर इसका प्रभाव देखने मिलेगा, जिससे हमें सूर्य के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सकती है। 

कल ही 23 तारीख है, चंद्रयान 3 की soft landing  की और उसके बाद Aditya L1 mission की launching. दोनों के लिए all the best... 

Aditya L1 की launching date 2 September को 11: 50 am. पर  निर्धारित की गई है। तो एक और उपलब्धि के लिए तैयार हो जाएं।

हमें अपने scientist पर पूर्ण विश्वास और गर्व है, उनके दोनों ही मिशन सफल होंगे और भारत की सफलता का परचम, चांद व सूर्य दोनों पर लहराएगा। 

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

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