Sunday 19 November 2023

Article : छठ महापर्व

 छठ महापर्व 


सालभर के इंतजार के बाद पुनः छठ महापर्व  आ गया है। यह पर्व आज भी अपनी पौराणिकता को समेटे हुए है। आज भी इसमें किए जाने वाले सभी क्रियाकलाप अपनी गरिमा के साथ यथावत हैं।

छठ पर्व के आते ही सभी बिहारी अपने घर की ओर लौट जाते हैं, चाहे वो कोई भी काम करते हों और विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। 

आज भी छठ पर्व में सम्पूर्ण कुनबा जुड़ जाता है। यहां तक देखा है कि किसी कारण वश यदि कुछ लोग नहीं पहुंच पा रहे होते हैं, तो बाकी सब भी उसकी जगह एकत्रित हो जाते हैं। और उसी जगह धूमधाम से पर्व को मनाया जाता है, अर्थात जगह विशेष को लेकर लकीर नहीं पीटते हैं। उनके लिए पर्व की प्रतिष्ठा और सब लोगों का एकत्रित रहना महत्वपूर्ण है ना कि जगह विशेष का... 

उनकी इसी प्रेम की भावना ने सबको जोड़े रखा है साथ ही त्यौहार की महत्ता को भी पूर्ववत बनाए रखा है। 

छठ पर्व की विशिष्ट झलक आपको बंगाल और बिहार में देखने को मिलेगी। यहां दीपावली की उतनी धूम नहीं होती है, जितनी छठ पूजा की होती है।

एक अलग ही माहौल होता है, सब भक्तिमय हो जाते हैं।

नाक से मांग तक नारंगी सिन्दूर इनको सबसे अलग दिखाता है। शायद जो बिहारी ना हो, उन्हें इस तरह से सिन्दूर लगाना थोड़ा अटपटा और शर्मशार लगे। पर बिहारियों के लिए ऐसे सिन्दूर लगाना गरिमा और प्रतिष्ठा का प्रतीक है।

आज भी तीन दिन तक छठी मैय्या के भजन ही बजते हैं, कोई भी फिल्मी गाने, अंग्रेजी गाने या अन्य किसी तरह के गाने नहीं सुनाई देंगे।

यह देशज नजरिया ही आपको आपकी संस्कृति और सभ्यता से जोड़े रखता है।

ठेकुआ, खजुरिया आदि इतने स्वादिष्ट हैं कि इनके आगे एक से बढ़कर एक मिठाई फेल हैं और विदेशी chocolate and cookies तो किसी गिनती में ही नहीं आते हैं। 

कहा जाता है कि सब व्रत और त्यौहार में छठ पूजा सबसे कठिन होती है। वास्तव में ऐसा होता भी है, क्योंकि यह व्रत चार दिन का होता है, जिसमें तीन दिन कठिन निर्जला व्रत होता है और इस व्रत के नियम कानून भी कठिन हैं।

पर इस पर्व की एक विशेषता और होती है कि इसे स्त्री और पुरुष दोनों में से कोई भी एक यह व्रत रख सकता है। मुख्यतः परिवार में कोई एक ही सदस्य ही व्रत रखता है और बाकी सब व्रत रखने में उसकी सहायता करते हैं। व्रत रखने वाले को विशेष स्थान और सम्मान दिया जाता है।

आप को छठ पूजा से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी लेनी हो तो click करें छठ पूजा

इस व्रत को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे आने वाली पीढ़ी ले लेती है और व्रत यथावत चलता रहता है। 

पवित्र प्रतिष्ठित और गरिमामय छठ पर्व को शत् शत् नमन 🙏🏻

धन्य है वो बिहारी जो इसका विधिवत पालन कर रहे हैं।

छठी मैय्या, आप की कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे 🙏🏻🙏🏻😊 

छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 💐🙏🏻

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