Tuesday, 17 December 2024

Recipe : Barule Chaat

शरद ऋतु की ठंडी हवाएं मौसम को बहुत ही रोमानी कर रही है। यह सर्द मौसम और ज्यादा खूबसूरत तब हो जाता है, जब इसका लुत्फ किसी गर्मागर्म yummy and tasty चीज़ के साथ लिया जाए...  

बस इसी बात का ध्यान रखते हुए हम, आज अलीगढ़ के मशहूर बरूले चाट की recipe share कर रहे हैं... 

गर्मागर्म स्वादिष्ट बरूले चाट के साथ ठंड का मज़ा ही आ जाता है, आइए, तो झटपट इसका method देख लेते हैं।

बरूले चाट


(A) Ingredients :

  • Baby potatoes - ½ kg.
  • Rice flour - 1 tbsp.
  • Cornflour - 1 tbsp.
  • Table salt - as per taste 
  • Black salt - as per taste 
  • Kashmiri Lal Mirch - ½ tsp.
  • Chaat Masala - as per taste
  • Coriander leaves - handful of leaves
  • Mint leaves - 5 to 6 leaves
  • Green chilli - as per taste
  • Lemon juice - 2 tsp.
  • Mustard oil - for frying


(B) Method :

  1. Mixer grinder jar में धनिया पत्ती, पुदीना, हरी मिर्च, नमक और नींबू डालकर, हरी चटनी तैयार कर लीजिए।
  2. Baby potato को अच्छे से wash कर लीजिए, जिससे उसकी सारी गंदगी हट जाए।
  3. Baby potato व ¼ tsp salt को pressure cooker में डालकर, इतना पानी डालिए कि आलू आधे डूबे हुए हों, फिर high flame पर 1 whistle लगा लें। 
  4. अब इन आलूओं पर cornflour, rice flour, salt, और कश्मीरी लाल मिर्च डालकर अच्छे से mix कर दें, जिससे आलूओं पर अच्छे से coating हो जाए। 
  5. जब भी आप को serve करना हो, उसके पहले इन आलूओं को हथेलियों से हल्का सा दबा दें, जिससे यह चपटे हो जाएं।
  6. अब इन्हें सरसों के तेल में डालकर, golden brown होने तक deep fry कर लीजिए।

Your Barule Chaat is ready to serve. You can serve it with some black salt, black pepper, chaat masala and green chutney. Enjoy!


(C) Tips and tricks :

  • Baby potato ही लीजिएगा, बड़े आलू लेने से authentic flavour नहीं आएगा। 
  • नमक आप तीन बार डाल रहे हैं, boil करते समय, marinate करते समय, serving के time, और चटनी में भी नमक होगा। तो ध्यान रखिएगा कि नमक balanced रहे। In short, सब में नमक है (जो चाट में मिलेगा), तो सब में नमक ठीक अंदाज से डालिएगा।
  • नये छोटे आलू होने से taste और enhance हो जाएगा।
  • आलूओं के छिलके नहीं छीलने हैं। इस dish का main ingredient छिलके सहित छोटे आलू हैं।
  • याद रखिएगा, आलू हल्के कच्चे ही उबलें, क्योंकि पूरी तरह से वो fry करने में पक जाएंगे। पर अगर वो पहले ही पूरी तरह से गल गए, तो हथेलियों से दबाने में भर्ता हो जाएंगे, साथ ही crispy भी नहीं रहेंगे।
  • हथेलियों से दबाते हुए ध्यान रखिएगा, आलू सिर्फ चपटे करने हैं, उनका भर्ता नहीं बनाना है। आप चाहें तो उनके दो-दो टुकड़े करके भी बना सकते हैं।
  • Authentically, यह सरसों तेल में ही deep fry किये जाते हैं, बाकी आप अपने accordingly जिस भी oil में fry करना चाहें।
  • ठंड के दिनों में बहुत अच्छी मूली मिलती है, आप अपने स्वादानुसार इसमें घिसी हुई मूली भी डाल सकते हैं, यह taste को enhance कर देगी।


तो बरूले चाट का लुत्फ लेते हुए अपनी शाम खुशनुमा बनाएँ।

Monday, 16 December 2024

Story of Life : मजबूर (भाग -7)

मजबूर (भाग-1) ,

मजबूर (भाग-2) ,

मजबूर (भाग-3) ,

मजबूर (भाग - 4)  ,

मजबूर (भाग -5) व 

मजबूर (भाग -6) के आगे...

मजबूर (भाग -7)  


विराज उससे पहले कुछ और पूछता या कहता, उससे पहले सविता जी ने उसे वापस जाने को कह दिया...  

फिर अपनी बेटी पर गुस्साते हुए बोली, इसे सिवाय आलस के कुछ और पता भी है।

यह क्या बताएगी कि क्या कहां रखा है, जब इसे अपने mobile का भी होश नहीं है, जिस पर वरुण ने चार घंटे पहले ही सब कुछ whatsapp कर दिया था।

लीजिए पढ़िए, मुकेश जी को फोन पकड़ाते हुए कहा...

वरुण ने लिखा था, सासू मां और ससुर जी आपको लाखों करोड़ों धन्यवाद कि आपने ने मुझे 50 करोड़ रुपए दे दिए। यह उतने ही रुपए हैं, जो आपने राजकुमार के नाम किए थे। 

मैं सिर्फ उतने रूपए लेकर ही अपने बेटे के साथ इस देश को छोड़ रहा हूं।

मैं मजबूर था, अपने ही बेटे की kidnapping के लिए, मैं मजबूर हो चुका था, आपकी बिगड़ैल और बद् दिमाग बेटी के साथ रहकर...

वरना शादी से पहले मैं भी सफल business man था, पर आपकी बेटी ने कभी मेरी कीमत नहीं समझी और मुझे बर्बाद करने मे कोई कसर नहीं छोड़ी।

मेरी तो छोड़िए कभी अपने बेटे की कीमत भी उसने नहीं समझी...

मैंने उससे निभाने की बहुत कोशिश की, सोचा शायद वो मां बनकर सुधर जाएगी। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ, यह आप लोग भी जानते हैं।

मैंने बहुत मजबूर होकर, यह कदम उठाया है। मैं आपका गुनहगार हूं, आप चाहें तो मुझे जेल करवा सकते हैं या मुझे मेरे बेटे के साथ सुखी रहने दे सकते हैं।

मैं आपसे वादा करता हूं कि जितना जल्दी हो सकेगा, मैं आपके 50 करोड़ रुपए भी वापिस कर दूंगा। और आप भी जानते हैं कि मैं काबिल हूं, सक्षम हूं, यह जल्दी कर दूंगा।

आशा है आप मुझे माफ़ कर देंगे। मेरे लिए नहीं तो राजकुमार के लिए माफ़ कर दीजियेगा। क्योंकि उसे उज्जवल भविष्य जीने का अधिकार है, जो आपकी बेटी के संग संभव नहीं है।

सब कुछ पढ़ने के बाद मुकेश जी और सविता ने सिर झुका लिया, क्योंकि जो कुछ लिखा था, पूर्णतः सत्य ही तो था...

उन्होंने वरुण को जवाब दे दिया कि तुम उन रुपयों को हमेशा के लिए अपने पास रख लो। उस पर राजकुमार का पूरा हक है, उसे अच्छा लालन-पालन देना और हो सके तो कभी-कभी हम से मिलवाने ले आना। उसे यही बताना कि उसके नाना और नानी बहुत अच्छे हैं, उसे बहुत प्यार करते हैं। 

हम लोगों को तुम लोगों का इंतजार रहेगा। हम समझ रहे हैं कि तुम कितने मजबूर हो गए थे, ऐसा कदम उठाने के लिए, हमने तुम्हें माफ़ किया।

सब दुखी थे, वरुण और राजकुमार के जाने के बाद, सिवाय अंकिता के... उसे न उन लोगों के जाने का दुःख था, न पैसों के जाने का... बल्कि वो तो खुश थी कि वरुण ने अपनी मजबूरी बता कर उसे आज़ाद कर दिया था। क्योंकि वो हमेशा के लिए मुक्त हो गई थी, अपनी जिंदगी, सिर्फ अपने लिए जीने को। वो खुश थी क्योंकि वो मजबूर थी, ऐसे ही जीने के लिए...

Sunday, 15 December 2024

Story of Life : मजबूर (भाग-6)

मजबूर (भाग-1) ,

मजबूर (भाग-2) ,

मजबूर (भाग-3) ,

मजबूर (भाग - 4)  व

मजबूर (भाग -5) के आगे..

मजबूर (भाग-6)



एक काम करो, तुम सब एक साथ रहो, मैं जल्दी से जल्दी रुपये-पैसों का इंतजाम करता हूं। फिर राजकुमार को वापिस ले आएंगे। 

मुकेश जी के लिए 50 करोड़ का arrangement करना, कोई बहुत कठिन काम नहीं था, हां amount बड़ा था, तो एक बार ठीक से मंथन करना जरूरी था। 

मुकेश जी एक घंटे में ही रुपयों से भरे हुए 2 बड़े-बड़े suitcases लेंआए।

उन रुपयों को देखकर वरुण के निश्चेष्ट शरीर में जैसे जान आ गई हो। खुशी से उसकी आंखें छलक आईं। उसने मुकेश जी को करोड़ों-करोड़ बार धन्यवाद दिया और कहा, आप मेरे लिए ईश्वर के फरिश्ते के समतुल्य हैं। आज मुझे मेरी जिंदगी वापस मिल जाएगी। वरुण रुपयों से भरे हुए suitcases लें गया। 

जब बहुत देर तक न वरुण और न राजकुमार लौटे और न कोई ख़बर मिली, यहां तक कि वरुण का फोन भी  out of reach जा रहा था। तो मुकेश जी का माथा ठनका, आखिर क्या वजह रही? कहीं वरुण, किसी problem में तो नहीं है? 

उन्होंने बहुत ही famous detective विराज को call और सारा केस समझाया। 

विराज ने घर आकर, सबसे पहले रमेश से पूछताछ की, कि आखिर उस दिन हुआ क्या था?

सब सुनकर, विराज को बड़ी हैरानी हुई, उसका दिमाग बहुत तेज़ी से चलने लगा... कि रमेश, राजकुमार से मात्र दस कदम की दूरी पर था, फिर भी राजकुमार को जब कोई kidnap कर रहा था, तो उस‌ समय बच्चे का शोर रमेश को सुनाई क्यों नहीं दिया?

साथ ही जब बच्चा, kidnap हो रहा था तो उस‌ समय आस-पास किसी को भी कुछ ग़लत हो रहा है, इसका एहसास क्यों नहीं हुआ। क्या बच्चे ने उस kidnapper के साथ जाने में कोई विरोध नहीं किया?...

ऐसा कैसे हो सकता है?... 

विराज ने, मुकेश जी से पूछा कि आप की बेटी और दामाद के आपसी relation कैसे हैं? 

जी... इस बात से क्या मतलब है आपका? अंकिता गुस्से से चिल्लाई...

बहुत गहरा मतलब है, आप बताइए मुझे, क्योंकि अब इस case को यही बात सुलझाएगी... साथ ही यह भी check कीजिए कि आप के पति और बेटे का passport घर पर है या नहीं? 

अंकिता बोली, मुझे नहीं पता कि वरुण का passport कहां रहता है और न मैं यह जानती हूं कि राजकुमार का passport बना है कि नहीं?...

विराज उससे पहले कुछ और पूछता या कहता, उससे पहले सविता जी ने उसे वापस जाने को कह दिया... 

आगे पढ़े मजबूर (भाग -7) में 

Saturday, 14 December 2024

Story of Life : मजबूर (भाग-5)

मजबूर (भाग-1) ,

मजबूर (भाग-2) ,

मजबूर (भाग-3)  व

मजबूर (भाग - 4)  के आगे 

मजबूर (भाग-5)



रमेश, राजकुमार के खो जाने से पहले से ही परेशान था, फिर वरुण के सवालों की झड़ी से अंदर तक कांप उठा। 

वो सोचने लगा, वरुण साहब जो इतना शांत रहते है, जब उसने सवालों की झड़ी लगा दी है।

तब अंकिता madam तो उसका क्या ही हाल करेंगी? 

और और... मुकेश साहब, और सविता मालकिन जिनका राजकुमार एकलौता और बेहद लाडला नाती है... वो तो उसे lockup में भेजने से बिल्कुल नहीं चूकेंगे...

रमेश को थर-थर कांपते और सोच में पड़े देखकर, वरुण ने उसे झकझोरा और फिर से राजकुमार के विषय में पूछा...

नहीं साहब, मुझे नहीं पता, राजकुमार बाबा कहां हैं? मैं तो पास के आइसक्रीम पार्लर से बाबा के‌ लिए आइसक्रीम लेने गया था। 

बस उतनी ही देर में बाबा, ग़ायब हो गए... यह कहते-कहते रमेश की आंखों से गंगा-जमुना बह निकली...

चलो, फिर घर... अब तो यह पुलिस केस है, वही निपटेगी तुम से...

नहीं साहब, पुलिस को मत देना, मैं बाबा को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था। न जाने कैसे हो गया?

रमेश और वरुण घर पहुंच गए और उन्होंने अंकिता और उसके पापा-मम्मी को राजकुमार के खो जाने की बात कही...

यूं तो अंकिता को राजकुमार से कोई बहुत लगाव नहीं था, पर उसके खो जाने से वो विह्वल हो गई और फूट-फूटकर रोने लगी...

जब तक मुकेश और सविता पहुंचे, तब तक में वरुण और अंकिता का रो-रो कर बुरा हाल हो चुका था।

राजकुमार को याद कर-कर के, वरुण तो दो-तीन बार बेहोश भी हो चुका था।

मुकेश जी को आया देखकर वो उनके पैरों पर गिर पड़ा, पापा मेरे बेटे को बचा लीजिए...

बचा लीजिए का मतलब..? क्या कुछ पता चला है उसका..? कौन उसे मारना चाहता है?

पापा, अभी-अभी kidnappers का फोन आया था, पूरे पचास करोड़ रुपए मांग रहे हैं।

आप तो जानते हैं कि मेरे पास आपकी बेटी से शादी करने के पश्चात् अब उतना नहीं रहता, फिर अभी business भी थोड़ा मंदा ही चल रहा है।

मैं कहां से लाऊंगा इतना..? 

बहुत मजबूर हो चला हूं, अपने जिगर के टुकड़े को बचाने के लिए कुछ नहीं कर पा रहा हूं..

अभी आप दे दीजिए, फिर मैं धीरे-धीरे सब लौटा दूंगा..

50 करोड़... दो मिनट के लिए, मुकेश जी भी सोच में पड़ गए...

पापा, आप क्या सोच रहे हैं? वैसे भी इस कंगले से मुझे कोई उम्मीद नहीं है। दे दीजिए 50 करोड़ रुपए और छुड़वा लीजिए, हम सब के कलेजे के टुकड़े को...

हां, मुकेश जी, हमारे कौन 10-15 नाती-पोते हैं? जो कुछ है, बस यही तो है। कुछ मत सोचिए, बस राजकुमार को बचा लीजिए।

वो नन्ही-सी जान, अभी चार साल का ही तो है, रो-रो कर परेशान हो गया होगा।

हम्म... मुकेश जी ने चुप्पी तोड़ी, हां सविता तुम ठीक कहती हो, वैसे भी जो कुछ है, वो अंकिता और राजकुमार का ही है...

एक काम करो, तुम सब एक साथ रहो, मैं जल्दी से जल्दी रुपये-पैसों का इंतजाम करता हूं। फिर राजकुमार को वापिस ले आएंगे। 

आगे पढ़ें, मजबूर (भाग-6) में

Friday, 13 December 2024

Article : The Gukesh or D Gukesh

कल फिर भारत का मान‌ बढ़ा, उसको विश्व विजयी बनने का सम्मान मिला... 

और इस सम्मान को दिलाया है भारत के एक युवा खिलाड़ी ने...

जी हां आपने बिल्कुल सही समझा है, हम शतरंज की ही बात कर रहे हैं... और वो युवा खिलाड़ी हैं 18 वर्षीय गुकेश डी... Chess में world champion बनने के साथ ही गुकेश ने‌ सबसे युवा विश्व चैंपियन बनने का इतिहास भी रचा है।

18 साल के गुकेश डी ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया।  

आइए जानते हैं कि कैसा रहा खेल और कौन है गुकेश डी...

The Gukesh or D Gukesh

2024 की chess का FIDE Candidates चल रहा था, जिसमें 8 top players खेल रहे थे। जिसमें भारत के दो युवा खिलाड़ी, Gukesh D और R. Praggnanadhaa भी शामिल थे।

खेल अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा था और अंत में गुकेश डी final opponent बने।

इस game के लिए दो खिलाड़ी थे, एक title defender Chinese player Ding Liren और दूसरा भारत का युवा खिलाड़ी Gukesh D...

Game में जिसके भी पहले 7.5 points बनते, वो विश्व विजयी बन जाता...

मुकाबला एकदम टक्कर का चल रहा था, कभी चीन का डिंग लिरेन जीतता, तो कभी भारत का खिलाड़ी गुकेश डी, तो कभी match draw हो जाता।

हर match निर्णायक था, हर पल चुनौती से भरा हुआ, कहीं कोई नहीं था जो यह पहले से भविष्यवाणी कर दे कि कौन जीतेगा...

भारतीय Grandmaster Gukesh D. ने गुरुवार को विश्व शतरंज चैंपियनशिप के 14वें और अंतिम दौर में चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। 

6.5 अंकों के साथ 14वें खेल की शुरुआत हुई थी। अंतिम मैच भी draw की तरफ बढ़ता दिख रहा था कि तभी डिंग की एक गलती उनके लिए भारी पड़ गई और गुकेश को जीत दिला गई। जीत के साथ गुकेश के 7.5 अंक हो गए, और उन्होंने यह मुकाबला 7.5-6-5 से जीत कर विश्व खिताब जीता। 12 साल के बाद किसी भारतीय ने इस खिताब को अपने नाम करने में कामयाबी हासिल की है।

 

1) गुकेश ने रचा इतिहास :

गुकेश ने 18 साल 8 महीने 14 दिन की उम्र में यह खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्होंने 22 वर्ष 6 महीने 27 दिन की उम्र में खिताब जीता था। गुकेश से पहले भारत के विश्वनाथन आनंद (2000-2002 और 2007-2012) विश्व शतरंज चैंपियन रहे। गुकेश के लिए यह पूरा साल बहुत शानदार रहा है। इस साल वे कई और खिताब जीत चुके हैं, जिनमें Candidates 2024 tournament और शतरंज Olympiad शामिल है, जिसमें उन्होंने gold medal जीता था। 

गुकेश ने चीनी खिलाड़ी को 14वें game में हराकर यह title जीता। सिंगापुर में 25 नवंबर को championship का final game शुरू हुआ था, 11 दिसंबर तक दोनों के बीच 13 games खेले गए। Score यहां 6.5-6.5 से बराबर था। गुकेश ने कल 14वां game जीता और एक point की बढ़त लेकर स्कोर 7.5-6.5 कर दिया।


2) विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी :

जैसा कि आप सभी जानते हैं, गुकेश chess के वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले भारत के दूसरे player है । 2012 तक विश्वनाथन आनंद chess champion बने रहे थे। गुकेश ने 17 साल की उम्र में FIDE candidates chess tournament भी जीता था। तब वह इस खिताब को जीतने वाले भी सबसे युवा player बन गए थे।  


3) पिछले कुछ सालों के world champion player :

हम यहां विश्व विजयी भारतीय शतरंज खिलाड़ी से ‌लेकर पुनः भारतीय खिलाड़ी के विजेता तक का सफ़र बता रहे हैं। 2007 से 2012 तक world championship पर भारतीय खिलाड़ी ‌ विश्वनाथन आनंद का दबदबा कायम था, उसके बाद नार्वे के मेगनस कार्लसन ने 2013 से 2022 तक उस पर अपना नाम लिख दिया। उसके बाद 2023 में चीन के खिलाड़ी डिंग लिरेन ने इस खिताब को जीता था। और अब यह खिताब, पुनः भारत की शान बन गया है, गुकेश डी के विजेता बनने के साथ...


4) 138 साल का इतिहास :

138 साल के इतिहास में पहली बार 2 एशियाई खिलाड़ी हुए आमने-सामने। International chess federation  (FIDE) के 138 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब एशिया के 2 खिलाड़ी world champion के खिताब के लिए आमने-सामने थे। चैंपियन बनने वाले गुकेश को, 11.45 करोड़ रुपए (1.35 मिलियन US dollar) मिलेंगे। 


5) कौन हैं डी गुकेश?

​​​​​गुकेश डी का पूरा नाम गुकेश डोम्माराजू है। वह चेन्नई के रहने वाले हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने coaching दी थी।

नागैया International chess player रहे हैं और चेन्नई में chess के home tutor हैं। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ coaching दी। गुकेश के पिता doctor हैं और मां microbiologist हैं। 

10 से 23 सितंबर को इसी साल Budapest में Chess Olympiad का आयोजन हुआ था। भारत open and women's दोनों category में champion बना था। Open category में गुकेश ने ही final game जीतकर भारत को जीत दिलाई थी। उन्हें open category में gold medal भी मिला था। 

भारत को विश्व विजयी बनाने के लिए गुकेश डी को हम सभी की तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं, ईश्वर से कामना है कि भारत इसी तरह से वर्षों वर्ष विश्व विजयी बना रहे और सब ओर उसकी यश-कीर्ति विद्यमान रहे... 🙏🏻

Thursday, 12 December 2024

Story of Life : मजबूर (भाग-4)

 मजबूर (भाग-1) ,

मजबूर (भाग-2)  व

मजबूर (भाग-3) के आगे 

मजबूर (भाग-4)



वो दिनभर आराम करती और अपने पापा के भेजे हुए रुपए-पैसों से मज़े करती...  

रुण ने बहुत प्यार से अपने बेटे का नाम राजकुमार रखा। यह नाम अंकिता को भी बहुत अच्छा लगा, क्योंकि वो तो अपने आपको राजकुमारी और रानी से कम समझती नहीं थी।

तो बस बहुत धूमधाम के साथ बेटे का नाम राजकुमार रखा दिया गया।

जैसे जैसे राजकुमार बड़ा हो रहा था, वरुण की कमजोरी बनता जा रहा था।

जो वरुण अंकिता की फिजूलखर्ची पर चिढ़ जाया करता था, वही अंकिता का राजकुमार के लिए किए गए फिजूलखर्ची पर कुछ न बोलता था। बल्कि उसके लिए आए सामान को बड़े प्यार से निहारता है और सराहना भी करता था।

उसके इस रूप को देखकर अंकिता भी एक पल को उस पर रीझ जाया करती थी। 

वरुण घर आने के बाद, एक पल को भी राजकुमार को अपनी आंखों से ओझल नहीं होने देता था।

यहां तक कि hide and seek खेलने में भी पांच मिनट से भी ज्यादा समय लगने पर वो बैचेन हो उठता था।

एक दिन जब वो आफिस से लौटा तो राजकुमार पार्क में जाने के लिए मचल रहा था। 

वरुण को एक बहुत important assignment बनाना था, पर राजकुमार ज़िद्द किए जा रहा था।

आखिरकार मजबूर होकर, उसने अंकिता के एक servant के साथ उसे‌ यह कहकर पार्क भेज दिया कि वो 15 minutes में पार्क पहुंच जाएगा।

राजकुमार के पार्क पहुंचने के ठीक 15 minutes बाद वरुण भी पार्क पहुंच गया।

पर वो देखता क्या है, रमेश इधर-उधर कुछ ढूंढ रहा है और राजकुमार उसके साथ नहीं है।  

वरुण ने रमेश से एक साथ बहुत से सवाल कर डाले, राजकुमार कहां है? वो तुम्हारे साथ क्यों नहीं है? उसे तुमने अकेला क्यों छोड़ा? तुम्हें अंकिता के लिए उसके पापा ने लगवाया था, इसलिए मैंने तुम पर कितना भरोसा करके राजकुमार को तुम्हारे साथ भेजा था...

रमेश, राजकुमार के खो जाने से पहले से ही परेशान था, फिर वरुण के सवालों की झड़ी से अंदर तक कांप उठा।

आगे पढ़े, मजबूर (भाग-5) में...

Wednesday, 11 December 2024

Story of Life : मजबूर (भाग-3)

मजबूर (भाग-1)

मजबूर (भाग-2) के आगे 

मजबूर (भाग -3)



अंकिता के यूं चले जाने से वरुण को यह एहसास होने लगा कि एक ग़लत फैसला, इंसान को कितना अपमानित और मजबूर बना देता है।

एक सुबह, वरुण को फोन आता है कि वो एक ख़ूबसूरत से बच्चे का पिता बन गया है।

यह सुनते ही वरुण बच्चे से मिलने, उसे देखने के लिए बैचेन हो उठता है।

आनन-फानन वो अपनी ससुराल की ओर दौड़ जाता है।

वहां मुकेश जी और सविता दोनों ही उसका विशेष रूप से आतिथ्य सत्कार करते हैं। फिर वो बताते हैं कि उसका बेटा थोड़ा serious condition में है। उसे incubator पर रखा गया है। साथ ही उसे blood requirements भी होगी।

वरुण तुरंत hospital पहुंचता है और doctor से अपने बेटे से मिलने देने की request करता है।

जब वो अपने बेटे को देखते हैं तो देखता रह जाता है, उसका बेटा, हुबहू उसकी photo copy था। वही चेहरा-मोहरा वही रंग-रूप...

साथ ही उसे पता चलता है कि बच्चे का blood group भी उसी से मिलता है AB negative (AB-), जो कि rare blood group होता है।

उसने doctor को बोला कि तुरंत से बच्चे का treatment शुरू कर दें, वो अपना खून देने को तैयार है। 

सारे treatment start हो गये और दो दिन में ही बच्चा normal condition में आ गया और अंकिता को दे दिया गया।

Coming week में discharge हो गया था, पर अंकिता अब वापस वरुण के पास नहीं जाना चाहती थी।

पर उसकी मां सविता जी ने कहा, वरुण का भी उस बच्चे पर पूरा अधिकार है, वैसे भी बच्चा, उसके खून दिए बिना शायद ही बचता। 

मुकेश जी ने भी अंकिता को अपने घर लौट जाने को कहा, साथ ही आश्वासित भी किया कि अंकिता और बच्चे दोनों के ख़र्च के लिए वो रुपए-पैसे भेजते रहेंगे। अनमने मन से अंकिता लौट आई।

वरुण अपने बेटे पर जान छिड़कता था। जब भी वो घर पर रहता, अपना पूरा समय अपने बेटे की देखरेख में व्यतीत कर देता।

अंकिता, उसके इस तरह से बेटे के लिए प्यार देखकर मन ही मन हर्षित होती, क्योंकि इस कारण से उसे बच्चे का कोई भी काम नहीं करना पड़ता था।

वो दिनभर आराम करती और अपने पापा के भेजे हुए रुपए-पैसों से मज़े करती...

आगे पढ़े, मजबूर (भाग-4) में...

Tuesday, 10 December 2024

Story of Life : मजबूर (भाग-2)

मजबूर (भाग-1) के आगे…

मजबूर (भाग-2)


शादी बहुत धूमधाम से हुई, एक-एक मेहमान की विशेष खातिरदारी की गई, पूरे शहर में वरुण की शादी की चर्चा हो रही थी। पर अंकिता के पिता, मुकेश जी ने जितना भी जो कुछ दिया, सब आरती और उसके होने वाले बच्चों के नाम पर दिया। 

वरुण को मिला बहुत कुछ, पर सब अप्रत्यक्ष रूप में... जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी।

खैर करता भी क्या? अंकिता का चुनाव, उसकी ख़ुद की choice थी। 

कुछ ही दिनों में अपने ग़लत चुनाव का खामियाजा, वरुण ने भुगतना शुरू कर दिया...

अंकिता के अक्खड़ और ज़िद्दी स्वभाव के कारण दोनों में आए दिन तू-तू मैं-मैं होती, साथ ही उसका अत्यधिक खर्चीला होना वरुण को बहुत ज़्यादा irritate करता था। 

अंकिता, जब कभी भी shopping करने जाती, 1-2 लाख से लेकर लाखों-करोड़ तक खर्च कर डालती और वो भी बेकार और बेमतलब की चीजों पर...

वरुण कुछ कहता, तो अंकिता हमेशा यही कहती, जब औकात नहीं थी, तो शादी क्या सोचकर करने आए थे? 

वैसे तुम्हारी self ego, जिस दिन दम तोड़ दे, बता देना, तुम्हें अपने पापा के पास ले चलूंगी, वो तुम्हारे जैसे बहुत से कड़कों का ख़र्च वहन कर सकते हैं।

जाने क्यों, मैं तुम्हारी smartness पर फ़िदा हो गई थी, मुझे समझना चाहिए कि दो कौड़ी का इंसान, ज्यादा दिन तक मुझे खुश नहीं रख सकेगा।

तो एक तरह से देखा जाए तो, हर तरह से 19 अंकिता, सिर्फ पैसे के ज़ोर पर वरुण पर 21 हो जाती थी। और आए दिन उसका अपमान करने से बाज नहीं आती है।

तो जैसा भी शादी के पहले वरुण ने सोचा था, सब उसके विपरीत होने लगा। न तो उसे पैसे मिले न ही मन की शांति..

आए दिन की तू-तू मैं-मैं और irritation से वरुण के business पर भी effect पड़ने लगा।

उन्हीं दिनों न जाने कौन से क्षण का वरुण को फल मिला था कि अंकिता pregnant हो गई...

अब तो अंकिता के नखरे इस हद तक बढ़ गये कि मुकेश जी खुद उसे अपने साथ, यह कहके ले गए कि अब तो अंकिता delivery के बाद ही आएगी।

अंकिता, वरुण को यह सख़्त हिदायत दे कर गई कि, बच्चा होने तक वो उसके पास बिल्कुल भी न फटके, वो नहीं चाहती कि उसके यह pamper वाले दिन, एक कंगले इंसान को देखते हुए बीते...

अंकिता के यूं चले जाने से वरुण को यह एहसास होने लगा कि एक ग़लत फैसला, इंसान को कितना अपमानित और मजबूर बना देता है।

आगे पढ़े, मजबूर (भाग -3) में...

Monday, 9 December 2024

Story of Life : मजबूर (भाग-1)

 मजबूर (भाग-1)

वरुण, successful business man था। वो जितना अमीर था, उतना ही sharp, intelligent and smart भी था। दूसरे शब्दों में कहें तो most eligible bachelor...

उसके लिए एक से बढ़कर एक रिश्ते आ रहे थे। बहुत सोच-विचार कर उसने अंकिता को अपने जीवन साथी के रूप में पसंद किया। 

हालांकि अंकिता, देखने-सुनने में उससे 19 ही थी, मतलब वो साधारण से नैन-नक्श वाली सांवरी सी लड़की थी, पढ़ाई-लिखाई में भी average थी, साथ ही नकचढ़ी, ज़िद्दी और गुस्सैल स्वभाव की भी थी, पर वो दुनिया में सबसे अमीर इंसान की एकलौती बेटी थी।

तो बस, जैसा कि बहुत से लोगों को लगता है कि सबसे बड़ा रुपैया, वही वरुण की सोच थी। उसने सोचा रंग-रूप तो चार दिन की चांदनी है, उसकी पढ़ाई-लिखाई से मुझे कुछ करना नहीं है और अंकिता के खराब स्वभाव से उसका ज्यादा सामना होना नहीं है, क्योंकि वो,अपने business में इतना अधिक busy रहता है कि उसके पास किसी के लिए भी ज्यादा समय नहीं होता है।

फिर अंकिता भी successful business man की बेटी है तो उसे यह एहसास होगा कि successful लोगों के पास ज्यादा समय नहीं होता है।

फिर, अमीर पिता अपनी बेटी को खूब भर-भरकर रुपया पैसा, धन-धान्य, कपड़े गहने इत्यादि देंगे तो उसके पास पैसों की बहुत अधिक बढ़ोत्तरी हो जाएगी, जो उसको भविष्य में और अधिक सुदृढ़ और सफल बनाएगा।

शादी बहुत धूमधाम से हुई, एक-एक मेहमान की विशेष खातिरदारी की गई, पूरे शहर में वरुण की शादी की चर्चा हो रही थी। पर अंकिता के पिता, मुकेश जी ने जितना भी जो कुछ दिया, सब आरती और उसके होने वाले बच्चों के नाम पर दिया।

आगे पढ़े मजबूर (भाग -2) में....