Monday, 28 July 2025

Article : रुद्राक्ष की शुद्धता

सावन के तीसरे सोमवार में आपके लिए रुद्राक्ष से जुड़ी हुई जानकारी लेकर आएं हैं।

आज कल पुनः लोगों में ईश्वरीय आस्था और भक्ति का संचार बहुत तेजी से बढ़ रहा है।

और इसी कड़ी में आता है, रुद्राक्ष धारण करना...

वैसे भी कहा जाता है कि जो रुद्राक्ष को धारण करता है, उसको रोग व्याधियों से छुटकारा मिल जाता है और जीवन सुख व चैन से व्यतीत होता है।

और सुखी व स्वस्थ जीवन की कामना तो सभी को होती है।

पर समस्या यह आती है कि रुद्राक्ष की सटीकता और शुद्धता को कैसे समझें?

रुद्राक्ष की सटीकता, उसकी शुद्धता का होना कितना ज़रूरी है और कैसे पहचानें कि रुद्राक्ष शुद्ध है कि नहीं?

चलिए इस विषय में जानते हैं उत्तराखंड के भुवन चंद्र अवस्थी जी से, उन्होंने देश की सेवा की और 21 साल पहले DSP की post से retire हुए।

वो बहुत ही ज्ञानी, जीवन्त, प्रेरणादायक और आध्यात्मिक भाव के प्राणी है।

वो उत्तराखंड से हैं, जहां बहुतायत से रुद्राक्ष मिलता है तो उनका इस विषय में विशेष ज्ञान है।

वो कहते हैं कि रुद्राक्ष सदैव 5 मुखी धारण करें।

रुद्राक्ष की शुद्धता


अब पांच मुखी रुद्राक्ष क्यों?

क्योंकि उसके शुद्ध और सटीक होने की संभावना अधिक है।

अधिक क्यों? बाकियों की क्यों नहीं?

इस का कारण यह है कि पंच मुखी रुद्राक्ष बहुतायत में पाए जाते हैं, अतः इसके शुद्ध और सटीक होने की संभावना ज्यादा होती है।

जबकि एक मुखी, दो मुखी... इत्यादि प्राप्त करना दुर्लभ होता है, अतः उनका शुद्ध और सटीक होना मुश्किल होता है, साथ की उनकी पहचान करना भी लगभग असम्भव...

तो अगर एक मुखी या दो मुखी इत्यादि रुद्राक्ष धारण करना हो तो क्या करें?

मात्र एक ही उपाय है, देने वाले पर विश्वास करना और यह भाव सुदृढ़ रखना कि आपने जो रुद्राक्ष धारण किया हुआ है वह शुद्ध और सटीक है।

क्योंकि इस संपूर्ण संसार में जो सर्वशक्तिशाली है, वो है भाव, आस्था, विश्वास और इच्छा...

जिसने भी शुद्ध भाव से, पूर्ण आस्था और विश्वास से, शुभ की इच्छा की है, उस बात को, उस चीज को शुद्ध और सटीक स्वयं ईश्वर बना देते हैं।

इसका साक्ष्य और सटीक उदाहरण है चोर और डाकू वाल्मीकि का महर्षि वाल्मीकि बनना। 

उनका मरा-मरा कहा, राम-राम में बदलना।

उनका चोरी इत्यादि करने से रामायण का लिखा जाना...

इससे अधिक सटीक उदाहरण आपको भाव की महत्ता का कोई और नहीं मिल सकता है।

इसलिए आप जो भी रुद्राक्ष धारण करें, उसे शुद्ध और सटीक होने के भाव से पहनें, और शिव भक्ति में लीन हो जाएं, बाकी सब महादेव देख लेंगे।

और यदि आप यह भाव अपने अंदर जाग्रत नहीं कर सकते हैं तो पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करें, वो शुद्ध और सटीक होगा, इसकी संभावना सर्वाधिक है। 

भुवन जी को विशेष धन्यवाद देते हुए आप सभी को सावन के तीसरे सोमवार पर हार्दिक शुभकामनाएँ...

हर हर महादेव 🚩 🔱 🙏🏻 

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