Monday, 10 November 2025

Shaadi-Vivah Song : बन्ना बुलाए, बन्नी नहीं आए

शादी-विवाह से जुड़े रीति-रिवाजों के गीत साझा कर रहे हैं, उस श्रृंखला में हल्दी चढ़ने की रीति पर पहला गीत है- बन्नी तेरी हल्दी में

दूसरा गीत भात मांगने पर आधारित है- मेरे भैया चले आना 

तीसरा गीत, दुल्हन की मनमोहक रुप को पूर्ण करती हुई, मेंहदी पर आधारित है-मेंहदी रचने लगी हाथों में

शादी-विवाह में बन्ना बन्नी और चुहलबाज़ी वाले गीत बहुत पसंद किए जाते हैं।

बन्ना बन्नी पर आधारित दो मजेदार गीत-

आज का यह गाना, मेरी नानी जी का प्रिय गीत था, उसे ही साझा कर रहे हैं, वो तब जितना सुरीला और तर्कसंगत था, आज भी है। विवाह के तुरंत बाद का वार्तालाप (संवाद) गीत है, जिसमें प्रेम भी है, लज्जा भी, संस्कार भी और सबसे बढ़कर,  ससुराल से जुड़ने के बाद, सबसे मीठी याद भी...

बन्ना बुलाए, बन्नी नहीं आए


बन्ना बुलाए, 

बन्नी नहीं आए 

आजा प्यारी बन्नी रे

अटरिया सूनी पड़ी 


मैं कैसे आऊं 

ससुर जी खड़े हैं 

सास भी खड़ी हैं 

पायल मेरी बजनी रे

अटरिया सूनी पड़ी

 

लंबा घूंघट डाल के 

पायलिया उतार के 

आजा प्यारी बन्नी रे 

अटरिया सूनी पड़ी 


बन्ना बुलाए, 

बन्नी नहीं आए 

आजा प्यारी बन्नी रे

अटरिया सूनी पड़ी 


मैं कैसे आऊं 

ताऊ जी खड़े हैं 

ताई भी खड़ी हैं 

पायल मेरी बजनी रे

अटरिया सूनी पड़ी 


लंबा घूंघट डाल के 

पायलिया उतार के 

आजा प्यारी बन्नी रे 

अटरिया सूनी पड़ी 


बन्ना बुलाए, 

बन्नी नहीं आए 

आजा प्यारी बन्नी रे

अटरिया सूनी पड़ी 


मैं कैसे आऊं 

चाचा जी खड़े हैं 

चाची भी खड़ी हैं 

पायल मेरी बजनी रे

अटरिया सूनी पड़ी 


लंबा घूंघट डाल के 

पायलिया उतार के 

आजा प्यारी बन्नी रे 

अटरिया सूनी पड़ी 


बन्ना बुलाए, 

बन्नी नहीं आए 

आजा प्यारी बन्नी रे

अटरिया सूनी पड़ी 


मैं कैसे आऊं 

फूफा जी खड़े हैं 

बुआ भी खड़ी हैं 

पायल मेरी बजनी रे

अटरिया सूनी पड़ी 


लंबा घूंघट डाल के 

पायलिया उतार के 

आजा प्यारी बन्नी रे 

अटरिया सूनी पड़ी 


बन्ना बुलाए, 

बन्नी नहीं आए 

आजा प्यारी बन्नी रे

अटरिया सूनी पड़ी


मैं कैसे आऊं 

भैय्या जी खड़े हैं 

भाभी भी खड़ी हैं 

पायल मेरी बजनी रे

अटरिया सूनी पड़ी 


लंबा घूंघट डाल के 

पायलिया उतार के 

आजा प्यारी बन्नी रे 

अटरिया सूनी पड़ी 


बन्ना बुलाए, 

बन्नी नहीं आए 

आजा प्यारी बन्नी रे

अटरिया सूनी पड़ी 


मैं कैसे आऊं 

जीजा जी खड़े हैं 

दीदी भी खड़ी हैं 

पायल मेरी बजनी रे


अटरिया सूनी पड़ी 

लंबा घूंघट डाल के 

पायलिया उतार के 

आजा प्यारी बन्नी रे 

अटरिया सूनी पड़ी 


बहुत ही मीठा, प्रेम, लज्जा और संस्कार में ढला, बन्ना बन्नी वार्तालाप गीत