Sunday, 18 November 2018

Story Of Life : हम रह गए अकेले (भाग -२)


अब तक आप ने पढ़ा; केशव और काव्या जीवन के दूसरे पढ़ाव पर पहुँच गए हैं, और अब वो अपने बेटों साथ जिंदगी बिताना चाहते हैं पर अब बेटे अपनी ही दुनिया में मस्त हो गए हैं....... अब आगे 


हम रह गए अकेले (भाग -२)

केशव ने कहा, चल के मिल लेते हैं, college में जाने से पता चला, कि लड़के सही ही कह रहे थे। केशव के पास पैसे की तो कोई कमी थी नहीं। सस्ते किराए पर ही लड़के रहने लगे। और उन्होंने जैसा कहा था, वे केशव व काव्या के सारे काम करने लगे। उन लोगों के रहने से घर में फिर से चहल- पहल रहने लगी। केशव व काव्या जितने अच्छे थे, वो लड़के भी उतने ही अच्छे थे। दोनों को ही अपनों की कमी खलना कम हो गयी थी, केशव और काव्य को अपने बच्चों की, और उन लड़कों को अपने माँ पापा की
तीन साल पूरे होने को आ रहे थे। अब उन लड़कों का college खत्म होने को आ गया था। वे बोले अंकल जी अब हम लोगों का college तो खत्म होने को आ गया है, और हमारी आप लोगों के आशीर्वाद से अच्छी job भी लग गयी है। अगर आप बुरा ना मानें, तो हम अपने junior को आपका पता बता दें। इससे आपके घर चहल- पहल बनी रहेगी, और उनको भी बहुत अच्छे guardians मिले रहेंगे।
अब तक उनके बेटों को एक बार भी घर लौटने की सुध नहीं आई थी। केशव ने हाँ कर दिया। वो लड़के चले गए। और दूसरे लड़के आ गए थे। पर जाने से पहले उन लड़कों ने बहुत देख परख के ही दूसरे लड़कों को उनके पास भेजा था। और जाने के बाद वो हर हफ्ते उनका हाल-चाल जानने के लिए फोन कर लिया करते कि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं है? नए लड़के ढंग से ध्यान रख रहे हैं, कि नहीं वगैवगैरह।
एक दिन दोनों ही बेटों का phone आया। पापा अब तो आप ने phone ही करना बंद कर दिया है। माँ को भी हमारी याद नहीं आती है? केशव बोले ऐसी बात नहीं है बेटा। आप लोग बहुत busy थे ना..... कि तभी काव्या ने phone ले लिया, और बोली, अभी हम लोग थोड़ा busy हैं, बाद में call कर लेना। busy पर कहाँ?.... पर तब तक काव्या ने फोन रख दिया था।
काव्या बोली, चलिये। केशव बोले, कहाँ? और फोन पर बात तो पूरी कर लेती।
हमनें बहुत इंतज़ार किया है, अब थोड़ा उन्हें भी कर लेने दीजिये, काव्या के ऐसे बोलने से साफ पता चल रहा था, वो बेटों की हरकतों से अंदर तक आहात थी  
बाहर एक कार खड़ी थी। दोनों बैठ गए। car एक hotel के आगे रुकी। दोनों उतर गए, अंदर जाने पर पता चला। उस college के बहुत सारे बच्चे, teacher और वही आठ लड़के वहाँ खड़े थे। उनके वहाँ पहुँचते ही सब चिल्ला पड़े Happy Anniversary.
केशव चौंक गए, आज हमारी Anniversary है? तुम्हें याद था काव्या? नहीं याद था मुझे भी। और हमारे बेटों को भी नहीं। ये सब हमारे इन नए आठ बच्चों को याद था। इन्होंने net से पता किया था। सब arrangement  भी इन्हीं का है, मुझे तो बस इनका phone आया था। घर के बाहर car से आ जाइएगा। आपको आपके ये आठ बेटे बहुत प्यार करते हैं। और इन्हें मेरी ज़िंदगी में लाकर, आप ने मुझे मेरी ज़िंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दिया है। बहुत धूम रही party में।
आज पहली बार उनके बेटों को इंतज़ार करना पड़ रहा था, और उन्हें कहीं ये भी एहसास हो रहा था। कि इतने अच्छे माँ- पापा को छोड़ने से वो नहीं, हम रह गए अकेले

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