Friday, 31 July 2020
Stories of Life : दिल का रिश्ता (भाग -2 )
Thursday, 30 July 2020
Stories of Life : दिल का रिश्ता
Wednesday, 29 July 2020
Article : Rafale - The safety
Tuesday, 28 July 2020
Kids' Stories ( Advay the hero series- Green friends)
Monday, 27 July 2020
Short story : 🌹🌹सावन 🌹🌹
Friday, 24 July 2020
Tips : Glowing skin
Thursday, 23 July 2020
Song : दिल से बंधी एक डोर
Wednesday, 22 July 2020
Short Stories : बारिश
Monday, 20 July 2020
Bhajan : निराले भोला
Friday, 17 July 2020
Poem : पावस ऋतु
Image courtesy : KPBS |
Thursday, 16 July 2020
Recipes : Wheat pancake
- Prepared dough को थोड़े बड़े बर्तन में रखें। रात में इसमेें इतना पानी भर दीजिए कि आटा पानी में डूब जाए।
- अब इसे fridge में रख दें।
- Morning में आटे को अच्छे से मसल लें, और एक smooth धोल बना लीजिए।
- घोल में Salt, Cumin, Green chillies, Onion, Tomato, Capsicum, coriander leaves finely chop कर के डाल दीजिए।
- तवे में घी लगाकर grease कर लीजिए।
- तवे में आटे के ready घोल को फैला लीजिए। Gas की flame high कर दीजिए।
- 2 minutes के बाद gas slow कर दीजिए।
- जब एक तरफ़ से crispy हो जाए, तो दूसरी तरफ से भी crispy होने तक सेक लीजिए।
- इसे धनिया की चटनी और Tomato sauce के साथ serve करें।
- अगर आप को cheesy flavour पसन्द है, तो last में cheese spread कर दीजिए, और pancake को fold कर दीजिए, इससे heat से cheese melt हो जाएगा। जिससे बहुत creamy and cheesy flavour आएगा, जो आप को बहुत yummy लगेगा।
- आटे को रातभर भिगोकर, fridge में रखने से, आटा खट्टा नहीं होता है, और जब घोल बनाते हैं तो वो lump-free रहता है, और बहुत easily smooth बन जाता है। जिससे wheat pancake बहुत yummy बनता है।
- यह Pizza के comparatively बहुत healthy option है, और taste में उससे कम नहीं पड़ेगा।
- तो सोचना क्या है, आज ही try कीजिए, और हाँ हमें बताना मत भूलिएगा कि आप को कैसा लगा?
Wednesday, 15 July 2020
Articles (Special Days) - Lockdown के celebration
Monday, 13 July 2020
Poem : झूमे धरा आकाश रे
Sunday, 12 July 2020
Story of Life : पहला सावन ( भाग - 3)
पहला सावन (भाग - 1) और....
पहला सावन (भाग-2) के आगे पढें.....
पहला सावन ( भाग - 3)
अरे मेरी लाडो, तेरे साथ गुजारा, उसका वो पहला सावन, तुझे याद है? कितनी मस्ती की थी तुम दोनों ने। उसकी
ज़िंदगी के वो पल, वो कभी नहीं भूलना चाहता था, पर बहुत चाहकर भी India नहीं आ पा रहा था।
तो हर साल की यहाँ की photo बड़े मामा से मांगता था।
अच्छा...... रिया को सुन कर बहुत ही अच्छा लग रहा था, कि रंजन को
भी वो सावन याद रहा।
पर नानी, मैं तो पिछले 10 सावन से आ ही नहीं रही हूँ, तो उसने मुझे कैसे पहचाना?
मुझ से वो तेरी हमेशा बात
करता है, तेरी photo भी मैंने उसे भेजे थे, और इस सावन में वो तुझे बताने आया है, कि वो
तुम्हें अपना जीवनसाथी बनाना चाहता है।
नानी!......
क्यों तुम नहीं चाहती हो? मेरी तुम्हारी माँ से भी बात हो गयी है, वो तैयार
हैं।
आप लोग मुझे London भेज देंगे.......
नहीं बिटिया, रंजन अब यहीं रहेगा, पिछले 2 साल से वो India
में ही है। उसने अपना business setup यहीं कर
लिया है। तेरे प्यार ने उसे वापस अपनी ज़मीन से जोड़ दिया।
रिया शर्म से लाल हो गयी। आज
उसका इतने दिनों का इंतज़ार जो ख़त्म हो गया था।
फिर वो और नानी दोनों बाहर
आ गए, नानी साथ रिया को आया देखकर रंजन गा उठा
“रिमझिम घिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन.......”
उसका गाना सुनकर रिया
मुस्कुरा दी और उसने जाकर गाना लगा दिया, और झूमने
लगी.......
“अबकी सावन ऐसे बरसे, बह जाएँ रंग मेरी चुनर से....... जमके बरसो जरा.......”
और तभी ख़ूब ज़ोर से बारिश
शुरू हो गयी, जैसे सावन भी दोनों का साथ दे रहा हो।
रिया और रंजन को उस सावन
ने हमेशा के लिए मिलवा दिया।
Saturday, 11 July 2020
Stories of Life : पहला सावन (भाग-2)
पहला सावन (भाग - 1) के आगे पढ़ें...
पहला सावन (भाग-2)
रिया माँ के साथ घर तो लौट आई, पर वो रंजन को ना
भूली।
आगे के हर सावन में उसकी रंजन से मिलने की तड़प बढ़ती
गयी, पर रंजन फिर किसी सावन में नहीं आया। अब तो रिया ने भी सावन में जाना बंद कर
दिया।
आज रिया 24 साल की हो गयी थी, माँ बोली- रिया तुम कितने दिनों से सावन में नानी से मिलने नहीं गयी, अब की चलना, नानी तुम्हें बहुत याद कर रही हैं।
माँ के इतना बोलने से रिया भी साथ चल दी, पूरे रास्ते आज रिया के मन में यही गीत चल रहा था.....
“ कितने सावन बरस गए, मेरे प्यासे नैना तरस गए.......”
रिया को आया देखकर नानी खुशी से खिल उठी, आह! मेरी प्यारी बिटिया आ गयी।
उन्होंने बड़े मामा से कहा, बेटा इस साल खूब सारे झूले लगवाना, मेरी लाडो जो आई है।
ज्यादा झूले..... रिया बस इतना ही बोली।
सारी व्यवस्था बहुत अच्छी थी, पर रिया का मन बुझा ही रहा।
तभी एक बहुत ही smart सा
लड़का उसके पास आया और बोला, रिया सावन के गाने में आज नहीं
झूमोगी?
रिया उसे देखती रही, फिर वहाँ
से जाने लगी, तभी गाना बजने लगा -
“मोहब्बत बरसा देना तू, सावन आया है....तेरे और मेरे मिलने का मौसम आया है........”
और वो लड़का रिया को देख देख कर dance कर रहा था, पर रिया को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा
था। वो वहाँ से चली गयी।
नानी, रिया के पीछे पीछे अन्दर आ गयीं।
क्या हुआ मेरी लाडो?
तुम चली क्यों आई? बचपन में
तो रंजन के साथ ख़ूब dance कर रही थी।
वो रंजन था....... नानी?
हाँ, क्यों? तुमने नहीं पहचाना? वो तो तुम्हें एक नज़र में ही
पहचान गया।
ओह! तभी उसने मुझे रिया बुलाया था, और गाने में झूमने को भी कहा था।
नानी- वो मुझे, कैसे पहचान गया?
आगे पढ़ें, पहला सावन( भाग-3) में........
Friday, 10 July 2020
Stories of Life : पहला सावन
पहला सावन
Image courtesy : Partrika |
फोन घनघना रहा था, रमा हाथ पोछती हुई आयीं- हाँ माँ, कर ली है पूरी तैयारी, बस पूड़ी ही pack कर रहीं थी। तभी नन्ही रिया ने रमा का हाथ पकड़ कर हिलाया, नानी के घर चलना है ना?
हाँ, मेरी माँ, तुम्हारी नानी का ही phone है।
अच्छा माँ, रखती हूँ, रिया को ready कर के बस निकल ही रहे हैं, बाकी बात मिलकर करूंगी।
रमा के साथ रिया हर साल सावन में नानी के घर ही
जाती थी। उसकी नानी के घर में सावन में बड़ा उत्सव होता था। उसमें झूले भी लगाए
जाते थे, जो रिया को बहुत पसंद थे।
रिया की खूब सारी friends भी
बन चुकी थीं वहाँ।
रास्ते भर रिया, यही गाती रही,
“बदरा छाए, कि झूले
पड़ गए, हाय........
घर पहुँचते ही रिया, नानी के
गले में झूल गयी, नानी..... नानी...... झूले लग रहे हैं ना?
हाँ मेरी प्यारी बिटिया....
रमा बोली, पूरे रास्ते, झूले पड़ गए...... झूले पड़ गए...... यही गाती रही
है।
इस बार नानी ने और ज्यादा झूले लगवाए थे।
नानी इतने झूले क्यों लगवाए हैं?
बेटा, इस बार तेरे बड़े मामा के London
वाले friend, अपनी family के साथ आ रहे हैं, इसलिए मामा ने ही ज्यादा लगवाए
हैं।
माँ, महेश भैया आ रहे हैं, रंजन और भाभी के साथ?
हाँ रमा, पूरे पाँच साल बाद आ रहा है महेश।
तभी तेरा भाई उसके लिए बहुत तैयारी करा रहा है। सबसे अच्छा दोस्त जो है उसका।
वाह! बहुत मज़ा आएगा, कहकर रिया
झूमने लगी।
नानी बोलीं, रमा ये तो ऐसे खुश हो रही
है, जैसे ये रंजन को ना जाने कब से जानती हो।
अरे...... कुछ नहीं माँ, ये झूले
की दीवानी है, बहुत सारे झूले देखकर ही झूम रही है।
पूरा उत्सव बड़े धूम से मनाया गया, पर इस सावन में रिया और रंजन की बहुत पक्की दोस्ती हो गयी, जैसे ना जाने कब के बिछुड़े मिले हों।
दोनों ने इस गाने पर खूब dance किया....
“ बरसो रे मेघा, मेघा....., बरसो रे मेघा मेघा.......”
आगे की कहानी पढ़ें, पहला सावन(भाग-2) में.....
Wednesday, 8 July 2020
Tips : मेंहदी का रंग, रहे लम्बा बरक़रार
- मेहँदी की डिजाईन पहले से decide कर लें, जिससे आप अपनी पसंद की मेहँदी लगा या लगवा
सकें।
- अगर आप घर
में तैयार करके मेहँदी लगाना चाहते है, तो उसकी तैयारी
पहले से शुरू कर दें. क्यूंकि इसमें समय लगता है. वैसे आजकल बाजार में बनी मेहँदी
की cone मिलते है, जो कई variety
में आते हैं।
- मेहँदी लगाने से पहले हाथ पैर अच्छे से soap से धो लें, जिससे किसी तरह की गंदगी, तेल हाथ में न रहे, और मेहँदी गहराई तक पहुँच कर रंग
ला सके. मेहँदी जितनी गहराई तक पहुंचेंगी, रंग उतना गहरा
आएगा।
- हाथ को धोने के बाद कोई cream or
oil न लगायें।
- हाथ चिकना होने से मेहँदी फैलने लगती है और design ख़राब हो जाती है।
- अगर आप मेहँदी वाला तेल लगा रही हैं, तो उसे हाथ में अच्छे से rub कर लीजिए, जिससे Skin oily ना रहे।
- मेहँदी
लगाना शुरू करने से पहले, मेहँदी उससे जुड़ा समान सब रख लें
जैसे पुराना कपड़ा, कैंची आदि. बार बार उठने से design
भी ख़राब होती है, और रंग भी अलग अलग चढ़ता है।
- मेहँदी लगाते समय ज्यादा रोशनी वाले स्थान में
बैठें,
जिससे design clear बन सकें।
- मेहँदी शुरू करने से पहले आप washroom
भी होकर आयें, जिससे बीच में जाने की जरूरत न
पड़े. और भी कोई जरुरी काम हों तो कर लें।
- खाना बनाना, और खाना, मेहँदी लगाने से पहले कर लें।
- जितने देर तक आप हाथों में पानी नहीं लगाएंगी, मेहँदी का रंग चढ़ता जाता है।
- मेहँदी लगाते समय सूर्य की रोशनी में नहीं बैठना
चाहिए,
न ही मेहँदी को सूर्य की रोशनी में सुखाना चाहिए. इससे डिजाईन ख़राब
होती है।
- हम चाहते है, मेहँदी जल्दी से
सुख जाये, इसलिए सूर्य की रोशनी में सुखाने की कोशिश करते है,
लेकिन मेहँदी सूखने में अपने हिसाब से समय लेती है, ऐसा कुछ करने से जल्दी नहीं सूखती है।
- अगर आप मेहँदी को naturally सूखने
देंगे तो ज्यादा अच्छा और लम्बा टिकने वाला रंग चढ़ता है।
- मेहँदी लगाने के बाद, waxing, pedicure,
manicure नहीं करवाना चाहिए. इससे मेहँदी की ऊपरी layer निकल जाती है, और मेहँदी धुली धुली दिखने लगती है.
आप ये मेहँदी लगवाने के पहले करें, फिर मेहँदी लगवाएं,
इससे आपके हाथ,पैर भी सुंदर लगेंगे।