Monday 18 July 2022

Article: शिव जी को भांग और धतूरा प्रिय क्यों?

सावन का पवित्र महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू हो चुका है जोकि 12 अगस्त 2022 तक रहेगा। 

भगवान शिव को सावन माह अति प्रिय होता है। इस माह शिवभक्त महादेव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। इस पूजा में उन्हें ऐसी चीजें अर्पित की जाती है जो शिवजी को अत्यंत प्रिय है। 

वैसे तो शिवलिंग पर कई चीजें चढ़ाई जाती हैं। लेकिन शिवजी की प्रिय चीजों में बेलपत्र, भांग और धतूरा शामिल है। 

कहा जाता है कि इन चीजों को पूजा में अर्पित करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सर्वमनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों शिवलिंग पर भांग और धतूरा चढ़ाया जाता है। 

सावन के पूरे महीने में भगवान शिवजी की पूजा की जाती है। इस माह पड़ने वाले सोमवार का सावन के व्रत में सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है, क्योंकि भगवान शिव को माह में सबसे प्रिय माह, सावन लगता है और दिन में सोमवार। इसलिए जो शिव भक्त, सावन के पूरे महीने व्रत नहीं रख पाते हैं, वो सावन के सारे सोमवार को अवश्य व्रत रखते हैं।

आज सावन का पहला सोमवार है, अतः हमने सोचा, कि आज यही लेख डालें कि भगवान शिव को भांग और धतूरा क्यों चढ़ाते हैं? आखिर क्यों भोलेनाथ को भांग और धतूरा अति प्रिय है?

शिव जी को भांग और धतूरा प्रिय क्यों?

शिव जी को भांग और धतूरा चढ़ाने का संबंध समुद्र मंथन की कथा से जुड़ी हुई है। भगवान शिव को भांग और धतूरा चढ़ाने का अर्थ यह भी है कि मन से कड़वाहट तो दूर करें और अपने वाणी व व्यवहार में मधुरता लाएं। यदि मन में कड़वाहट नहीं होगी तो ईश्वर तो स्वतः ही मिल जाएंगे।

पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि देवताओं और असुरों के बीच जब समुद्र मंथन हुआ तो उसमें हलाहल नाम का विष निकला। 

जब विष निकला तो, सब एक दूसरे की ओर देखने लगे, क्योंकि अच्छी चीज निकलने से दानव और देव दोनों लेना चाहते थे। पर विष कोई नहीं लेना चाहता था।

फिर विष, कोई साधारण विष नहीं बल्कि हलाहल विष था, जिसका बहुत घातक असर था। तभी, जो बहुत ही भोले और मस्त मलंग हैं, जो अभय हैं, ऐसे गुणों से युक्त हमारे भोलेनाथ, ने सृष्टि को इस विष से बचाने के लिए स्वयं यह विष पी लिया। 

जिससे भोलेनाथ का कंठ नीला पड़ गया इस कारण शिवजी को नीलकंठ भी कहा जाता है। विष का सेवन करते ही शिवजी व्याकुल होने लगे।  

देवताओं और अश्विनी कुमारों ने शिवजी को भांग, धतूरा और बेलपत्र को दूध में मिलाकर औषधि के रूप में पिलाया। इसके बाद शिवजी की व्याकुलता दूर हुई। तब से ही भगवान शिव को भांग धतूरा अतिप्रिय है और भक्त पूजा में उन्हें उनकी प्रिय चीजें अर्पित करते हैं। इसलिए शिवजी की पूजा में भांग और धतूरा चढ़ाने का विधान है।

आप सभी को सावन के पहले सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

भगवान शिव, हम सब पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखें 🙏🏻🙏🏻

बम बम भोले🕉️ 🔱

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