Tuesday 26 July 2022

Poem: माँ का अस्तित्व

अभी बच्चों के दसवीं और बारहवीं के परिणाम घोषित हुए हैं, जिसमें ईश्वर की कृपा और अपने सभी लोगों के आशीर्वाद से बच्चों के बहुत अच्छे परिणाम आए हैं। सभी बच्चों को बहुत सारी बधाइयां, शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद...

उन सभी माँ के प्रेम, समर्पण और प्रसन्नता को समर्पित आज की कविता...

माँ का अस्तित्व 



बच्चे की सफलता पर, 

किसी ने माँ से पूछा।

उसके सफल होने से,

आप ने क्या है पाया? 

नाम, यश, कीर्ति सब उसकी, 

आपके हिस्से क्या आया? 

माँ ने बड़े प्यार से, 

अपने बच्चे का माथा चूमा।

फिर अपने अस्तित्व को टटोला,

कुछ देर बाद, उसने बोला,

मेरे पंखों को परवाज़ मिल गये। 

सुर को मेरे, साज मिल गये। 

जो सपने थे अधूरे,

पूरे वो आज हो गए।

जी रही थी मैं,

 आज तक जिस आस में, 

उस आस को मायने मिल गये।

माँ के अस्तित्व को,  

जीने के बहाने मिल गये।।

2 comments:

  1. Shipra Chakraborty5:47 pm, July 26, 2022

    Bahut hi marmsparshi kavita, Maine abhi apne bete ko bhi sunayi ..Dil bhar aaya mera ....aapki aur sir ki tapasya aur achi shiksha ka phal hain aapke honhar bache 👏👏👏


    ReplyDelete
    Replies
    1. आप का ह्रदय से अनेकानेक आभार 🙏🏻

      ईश्वर की कृपा, अच्छे अध्यापकों का सानिध्य, सबका आशीर्वाद, बच्चे की मेहनत और तपस्या, इन सब ने उसे सफलता प्रदान की है।

      ईश्वर की कृपा और सभी का आशीर्वाद सदैव बना रहे 🙏🏻🙏🏻

      Delete

Thanks for reading!

Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)

Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.