Friday, 3 November 2023

Memories : Sanchita - संचय जीवन का

21 October को हमारी प्यारी दोस्त संचिता हम से इतनी दूर चली गई, जहां ना चिट्ठी भेजी जा सकती है ना कोई संदेश.... 

आज उसकी याद में, उसकी श्रद्धांजलि में यह लिख रहे हैं। पर यह इसलिए नहीं लिख रहे हैं, क्योंकि वो हमारी दोस्त थी या उसने इतनी जल्दी अलविदा कह दिया...

नहीं बिल्कुल नहीं... 

क्योंकि जाना तो सब को ही है, आगे-पीछे... पर जो अपने पीछे, अपनी पहचान छोड़ जाएं, जिंदगी बस उसी की है, बाकी सब तो बस नम्बर हैं...

हम आज इसलिए लिख रहे हैं क्योंकि वो एक मिसाल थी, एक प्रेरणा थी, उसने अपने नाम को सार्थक किया था, संचिता.. जिसने जिंदगी के इतने सालों में ही जीवन संचय कर लिया था। 

Sanchita - संचय जीवन का 

कैसे बताते हैं आपको... 

आप सभी को super hit movie सफ़र तो याद ही होगी, उसमें राजेश खन्ना ने एक ऐसे पात्र को निभाया था, जिसे blood cancer  था, पर वो बहुत जीवन्त था और ज़िन्दगी के हर लम्हों को जीभर कर जी लेना चाहता था।

उसका एक बहुत hit dialogue था, बाबू मोशाय, जिंदगी लम्बी नहीं बड़ी होनी चाहिए.... 

पर पर्दे पर यह किरदार निभाना और बड़े बड़े dialogue बोलना बहुत आसान होता है, लेकिन अगर वो आपकी जिंदगी की वास्तविक हो तो, शायद....

पर इसी वास्तविकता को जिया था, संचिता ने...

उसे जब पहली बार blood cancer के बारे में पता चला था तो वो पूरी तरह हिल गई थी, इतनी बड़ी बात सुनकर कौन स्थिर रह सकता है?  पर बहुत जल्दी वो संयत हो गई थी।

उसे अपने आप पर, अपने पति, अपने परिवार और doctors पर पूर्ण विश्वास था। 

Cancer का treatment easy नहीं होता है, उसकी पूरी process बहुत painful होती है, trauma में ले जाने वाली होती है। फिर उसका cancer कोई organ specific नहीं था कि उस organ को निकाल देने से easily cure हो जाता... उसे blood cancer था, जो cure के point of view से सबसे difficult होता है।

First stage पर cancer था, treatment शुरू हो गया। और साथ ही सारी problems and intolerable  pain भी...

पर वो उन सबसे लड़ी और हमारी वीरांगना ने जीत हासिल ली। 

उन पलों में उससे जिसने भी बात की, सब यही कहते थे कि हम से ज्यादा तो वो healthy and lively sound करती है। 

हम सब 12th तक एक साथ थे, उसके बाद कौन कहां, किसी को नहीं पता.... क्योंकि जब हमने school छोड़ा था, तब ना Facebook था ना ही कोई WhatsApp और insta, etc...

वो हम लोगों के लिए वो डोर साबित हुई, जिसने हम सब बिखरे मोतियों को समेट कर दोस्ती के अटूट बंधन में फिर से जोड़ दिया... हम सब सहेलियों का दिल एक बार फिर से एक दूसरे के लिए धड़कने लगा...

उसके ठीक होने के चंद सालों बाद ही कोरोना का कठिन समय शुरू हो गया था। इस समय अच्छे अच्छे लोग की हिम्मत पस्त हो गई थी। घर में ही कैद होकर रहना और सारे काम खुद करना लोगों को बेचैन कर रहा था। लोग रोज खाना भी नहीं बनाना चाह रहे थे। 

पर ऐसे में हमारी प्रिय सखी, 56 भोग और पूरे उत्साह के साथ इस कठिन समय के साथ भरपूर जी रही थी। कचौड़ी, चाट, घेवर, जलेबी, इमरती, बालूशाही जैसी ना जाने और कितनी, dishes बना कर वो अपने परिवार को खिला रही थी, अपने परिवार के हर दिन को खुशनुमा बना रही थी। उसकी कुछ dishes मेरे blog पर भी है, उसकी अमिट छाप और मीठी याद बनकर... 

Instant Jalebi 

Instant Imarti

साथ ही इन दिनों उसने हम सब दोस्तों से भी खूब बातें की और हम सब को भी उत्साहित और प्रेरित किया...

चांद सालों बाद कोरोना का खौफ नगण्य हो गया और सब अपनी अपनी जिंदगी में व्यस्त और खुशहाल हो गये... 

किस को खबर थी कि आने वाला वक्त अपने संग अनहोनी लेकर आया है.. 

यह समय उसके लिए, एक बार फिर से काल बनकर आया....

उसे फिर से blood cancer detect हो गया। इस बार situation और गम्भीर रूप लेकर आयी। अबकी बार bone marrow transplant की जरूरत थी।

पर डर उसके चेहरे पर लेश मात्र भी नहीं था। उसने सबके साथ बहुत किया था, तो सब उसके लिए खड़े थे।

उसकी बहन से उसका bone marrow match कर गया और transplant की सब तैयारी भी हो गई। 

एक बार संचिता को फिर भयंकर दर्द का सामना करना था और सब कुछ हाथ से छूटने का अहसास भी, साथ ही hospital में isolated रहना भी....

पर उसने हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर केंसर को हरा दिया। 100% bone marrow transplant हुआ। 

वो वापस घर लौट आई, पूरी जिंदादिली के साथ, full confidence के साथ...

उसे दवाइयों के साथ तीन महीने गुजारने थे, जिनके बाद वो पूरी तरह से ठीक हो जाती... सब सही भी चल रहा था....

पर इस जिंदगी की लड़ाई के बस एक हफ्ते पहले वो फिर से बीमारी के चक्रव्यूह में फंस गई और इस बार वो उस चक्रव्यूह को भेद नहीं पाई और उस लोक में चली गई, जहां से वापस लौटना असंभव था।

और पीछे छोड़ गई, अपने प्यारे परिवार और हम सब को, यह कहते हुए...

रहे ना रहे हम, महका करेंगे.... 

उसने जिंदगी के कम सालों में भी, जीवन को कैसे जिया जाता है, सबको सीखा दिया... 

कि ज़िन्दगी के हर पल को भरपूर जीएं, दुःखी होकर, डरकर नहीं, बल्कि डटकर, पूरे confidence के साथ, एक एक लम्हे को खुशी की वजह बनाकर... यही है जो मौत को भी हरा सकता है...  उसके आने से पहले बहुत कुछ कर गुजरने का नाम जीवन है। 

उसने जीवन को संचय करना सीखा दिया। सच में वो अपना नाम सार्थक कर गई, संचिता- संचय जीवन का..

हे ईश्वर आप से प्रार्थना है कि उसे आप अपने साथ स्वर्ग में स्थान देना, वो उसके लिए ही बनी है...

और साथ ही आपसे से यह करबद्ध निवेदन है कि आप सभी को जिंदगी इतनी लम्बी अवश्य दीजिए कि वो अपने सब कर्तव्य पूर्ण कर के जाए और इतनी सामर्थ्य भी कि हम अपनी जिंदगी को बड़ी भी बना सके... 

संचिता तुम हमेशा हम लोगों के साथ रहोगी, एक प्रेरणा बनकर, मीठी सी याद बनकर...

24 comments:

  1. Bhagwan Sanchita ki aatma ko apna sanidhya de , apne inspiration de ker uske jivan ko jivant ker diya ,

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    1. Every word is heartfelt, beautifully written, we ll all miss her, May God give strength to her kiddos n family in this difficult time 🙏

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    2. Bhagwan unko shree charano main jagah de,Om Shanti 💐🙏

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  2. Dear Anamika, you've potrait sanchita truly....she is my first cousin..9 years younger to me....it's unbelievable to accept this harsh truth.Her name was given by my mother ie her taiji.

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  3. Sanchita and me, we share a same date of birth.28.01.76.she is like my twin sister, sister by soul not by blood .Sanchita You will always be my sister and will remain in my heart till my last breath.

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  4. मुझे आज भी भाभीजी का वो मुस्कुराता हुआ चेहरा याद है, जब भी उनसे मिलता था तो एक अलग ही positive energy मिलती थी। आप हमारे दिल मे हमेशा जिंदा रहोगे.....
    श्री हरी आपको अपने चरणो मे स्थान दे
    ऊँ शांति 🙏🙏🙏
    ऊँ

    ऊँ
    ऊँ

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  5. Each n every word is so true and heart touching that words can not express....After corona I was not in regular contact with didi but her demiss is not at all acceptable....unse jab bhi unse milti thi to ek positivity milti thi ....Zindagi ko zindadili se kaisa jeete hai ye unhone har pal sikhaya....you will be missed didi.....om Shanti

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  6. 🙏🙏🙏🙏

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  7. May God give peace to the soul.💔

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  8. Sanchita ...unforgettable u r
    I miss u soo much ...
    Our memories..ur long calls ...i missing u soo much ...😔😔
    Baba bless ur soul ..🙏🏻🙏🏻

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