Tuesday, 30 April 2024

Story of Life: विवाह भाग - 2

 विवाह भाग - 1 के आगे 

विवाह भाग - 2  


रास्ते में बुआ जी ने पूछा भी, क्यों री लाडो, कैसे लगे जमाई सा?

कैसे? 

मुझे नही पता... चंदना ने सोच में डूबे हुए कहा..

फिर बुआ जी ने उसी समय, संजय को फोन घनघना दिया, और जमाई सा, आपके दिल में उतर गई, हमारी लाडो?...

दिल में...  थोड़ी देर शांत रहा संजय, फिर बोला...

मामी (असल में चंदना की रंजना बुआ, संजय की दूर के रिश्ते से मामी लगती थीं)

चंदना तो उस दिन ही मेरे दिल में उतर गई थी, जिस दिन मैंने पहली बार उसे देखा था।

उसकी हिरनी सी चंचल आंखें और मासूम सा खूबसूरत चेहरा, मेरे मन मस्तिष्क में बस गया है। वो धाराप्रवाह, सब बोलता चला गया, मानो जैसे बेचैन था, अपने दिल का हाल किसी को सुनाने को.. 

फिर थोड़ा ठिठककर बोला, पर आप सब बड़े लोगों ने, जिस तरह से हम लोगों की शादी की है, हम दोनों के बीच यही ख़ामोशी छाई रही, तो वो दिन दूर नहीं, जब आपकी लाडो, मेरे दिल से उतर भी जाएगी... जब संजय यह बोल रहा था, उसकी आवाज से दुख और मायूसी साफ छलक रही थी। 

बुआ जी ने mobile speaker पर रखा था, अपने पति के द्वारा की जाने वाली तारीफ से जहा चंदना, शरमा कर इतरा रही थी, वही संजय के दिल से उतर जाएगी, यह सोचने मात्र से सिहर गई। 

संजय की बात ने बुआ जी को भी सोच में डाल दिया था। 

फिर रंजना ने कहा, बेटा संजय, मैं जो बोल रही हूं, तुम सुनो, चंदना भी सुन रही है। तो सुनो दोनों, arrange marriage, जीवन में मिलने वाला सबसे खुबसूरत तोहफ़ा है, जिसमे बहुत सारे gift wrappers चढ़े होते हैं और वो धीरे-धीरे हटते हैं। पर उनका धीरे-धीरे हटना, जिन्दगी को बहुत रोमांटिक बनाता है।  

मैं 2 दिन बाद, चंदना को अपने घर ले जाऊंगी, तुम भी आ जाना। 

यह कहकर रंजना ने phone काट दिया। 

चंदना और संजय दोनों की धड़कनें तेज़ हो चली थी, दोनों ही रंजना के घर में मिलने का इंतजार बेसब्री से करने लगे।

आगे पढ़े विवाह भाग-3 में..

Monday, 29 April 2024

Story of Life: विवाह

विवाह 



चंदना बहुत ही खूबसूरत चंचल सी लड़की थी। अल्हड़ उम्र थी, तो शोख भी कुछ ज्यादा थी। पर उम्र अब शादी-विवाह की भी हो चली थी। तो मां-बाउजी ने रिश्ता ढूंढना शुरू कर दिया था।

चंदना की खूबसूरती के चर्चे जान-पहचान, रिश्तेदार और दोस्त सबमें थे, तो बस इतने रिश्ते आ रहे थे कि पूछो ही मत..

मां बाउजी को समझ ही नहीं आ रहा था कि किसे हां करें? एक से बढ़कर एक रिश्ते थे। 

फिर बाउजी ने, अपनी बहन के लाए रिश्ते को हां बोल दिया।

अब बुआ जी रिश्ता लाई थीं तो हर बात सोच समझ कर की जा रही थी, घर की दो-दो बेटियों के भविष्य की बात थी। 

जब लड़के वाले आए, तो चंदना को सबने हिदायत दे दी थी, बिल्कुल भी नजर ना उठाए और ना पटर-पटर किसी से बात करे। आखिरकार बुआ जी की इज्जत का सवाल था। लड़के वाले आए तो चंदना ने वैसा ही किया। 

लड़के वालो ने देखते ही हां कर दिया। वैसे चंदना सबका कहा ना भी करती, तो भी हां ही होती, क्योंकि वो रूप और  संस्कार की अनूठी मिसाल थी।पर सबका कहा करने से, चंदना का चंचल मन, अंदर ही अंदर कहीं घुटकर रह गया। उसको लगा, क्या विवाह का मतलब, लड़की को अपने को खत्म करना होता है?

पर वो अपने मां-बाउजी के कारण चुप थी और वो बुआ जी के कारण..

खैर धूमधाम से विवाह समारोह सम्पन्न हो गया। 

शादी तय होने से लेकर शादी होने तक, संजय और चंदना ने एक-दूसरे से एक बात नहीं की थी, क्योंकि सारी बात तो दोनों के घरवालों ने की थी।

सुहाग की सेज पर दो अजनबी बैठे थे। एक दूसरे से सकुचाते शर्माते हुए। चंदना को किसी अजनबी के साथ अकेले बैठना, बहुत अटपटा लग रहा था। 

पूरी रात आंखो ही आंखो में निकल गई और सुबह हो गई, पर दोनों ने एक दूसरे से एक शब्द नहीं बोला...

अगले दिन बुआ जी आ गई और चंदना का पग फेरा कराकर ले गई.. जाते-जाते भी चंदना और संजय एक दूसरे को मौन देखते रहे।

बुआ जी ने दोनो की नजरों से भांप लिया कि arrange marriage का रंग है, दोनों के अभी तक सिर्फ नैन ही मिले हैं। 

रास्ते में बुआ जी ने पूछा भी, क्यों री लाडो, कैसे लगे जमाई सा?

कैसे? 

मुझे नही पता... चंदना ने सोच में डूबे हुए कहा..

फिर बुआ जी ने उसी समय, संजय को फोन घनघना दिया, और जमाई सा, आपके दिल में उतर गई, हमारी लाडो?...

दिल में... 

आगे पढ़े विवाह भाग -2 में...

Friday, 26 April 2024

Article : चुनाव का पर्व, देश का गर्व

चुनाव का पर्व, देश का गर्व

आज चुनाव का दूसरा चरण था, जिसमें उत्तर प्रदेश के बहुत सारे शहरों के साथ ही हमारा गाजियाबाद भी शामिल था।

तो बस आज सुबह से ही अलग ही उत्साह था,  कि एक बार पुनः देश के प्रति अपने कर्त्तव्य को निर्वह करने का दिन आया है। 

हम लोगों का polling station बहुत ही नज़दीक है, अतः हम हमेशा पैदल ही जाते हैं। वैसे वो स्कूल गली में है, तो अधिकांशतः लोग पैदल ही आते हैं। 

घर से निकले ही थे, तो देखा कि अलग-अलग political parties के लोग वहीं से ही अपनी-अपनी table-chairs को लेकर बैठे थे, जिससे किसी को भी चुनाव से संबंधित कोई भी query हो, तो solve कर सके।

वहा BJP के कार्यकर्ता भी बहुत थे और उनके पास पहुंचने वाले लोग भी बहुत थे।

वहीं congress का अपनी table पर कार्यकर्ता भी एक था और उसके पास लगभग कोई भी नही पहुंच रहा था। बस एक औरत ही गई थी।

खैर हम लोग अपने गंतव्य की ओर चल दिए। बीच में एक और स्कूल दिखा, उसको बहुत सुन्दर फूलों से सजाया गया था और बहुत अच्छे से लोकसभा चुनाव से संबंधित सभी जानकारी भी लिखी थी। साथ ही voting करने जाने वालों के लिए red carpet बिछा था और voters के पहुंचने पर उनका स्वागत गुलाब की पंखुड़ियों से किया जा रहा था। 

वह देखकर लग रहा था कि मानो चुनाव का पर्व, देश का गर्व हो..

जब हम लोग अपने गंतव्य पर पहुंचे तो वहां कोई सजावट नही थी, पर वहां भी सब कुछ बहुत साफ-सुथरा और व्यवस्थित था। हमारा भी गर्म जोशी से स्वागत किया गया। 

सभी अपना काम प्रसन्नचित होकर सुचारू रूप से कर रहे थे। हम सफलतापूर्वक अपना vote डालकर लौट आए। 

वहां का माहौल भी ऐसा ही था, जैसे चुनाव एक पर्व हो, जिस पर पूरे देश को गर्व हो, सभी को इस का इंतजार हो, सभी इसके होने से प्रसन्नचित हों। 

ऐसा होना, किसी भी देश के खुशहाल होने का, सन्तुष्ट होने का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि देश में प्रजातंत्र सुचारू रूप से चल रहा है।

यह सब देखकर बहुत खुशी हुई। धन्यवाद देना चाहेंगे उन सभी कर्मियों को जो चुनाव के सभी कार्यों को सुचारू रूप से संचालित कर रहे हैं, वो भी प्रसन्नचित होकर... 

उनके सफल प्रयास के बिना यह सफलतापूर्वक संपन्न नही हो सकता, तो लगे रहिए सभी और देश को उज्जवल बनाए..

साथ ही आप सब भी vote अवश्य डालने जाएं और चुनाव के पर्व को देश का गर्व बनाए। 

जय हिंद जय भारत 🚩🙏

Thursday, 25 April 2024

Article : An Appeal to the Indian Government

एक appeal सरकार से

Election का दौर चल रहा है, हर राजनैतिक पार्टी बड़ी-बड़ी जीत के दावे कर रही है। 

पर कितने अपने दावे पर खरे उतरेंगे? 

शायद एक भी नहीं...

आप बोलेंगे हम ऐसा किस आधार पर बोल रहे हैं?

कारण, सिर्फ एक है, लोग पहले की तरह voting के लिए जाते ही नहीं हैं। 

जिसमें से कुछ ऐसे हैं, जो अपने अलग-अलग कारणों से नहीं जाना चाहते हैं। कुछ को voting से मतलब नहीं है, कुछ लोगों को किसी भी party को vote नहीं देना है, किसी को यह दिन छुट्टी का समझ आ रहा है, तो उन्हें या तो सोना है, या मौज करनी है। आज, हम ऐसे लोगों की बात ही नहीं कर रहे हैं।

आज तो बात उनकी कर रहें हैं, जो voting के लिए जाना चाहते हैं, फिर भी नहीं जा पा रहे हैं। और इसके लिए पूरी तरह से election commission जिम्मेदार है। 

हम यह क्यों कह रहे हैं, वो बताते हैं। 

कल ही वो slip मिली, जिसे दिखाकर हम लोग voting कर सकेंगे। हमारे घर में हम तीन लोग voting के लिए eligible हैं,  पर slip आई, सिर्फ हमारी और पतिदेव की, बेटी की आई ही नहीं... 

ऐसे ही हमारे apartment में 84 घर हैं, लेकिन voting के लिए slip आई, सिर्फ 15-16 घरों में...

तो जब voting slip ही नहीं आएगी, तो voting के लिए कैसे जाएंगे? और जब लोग जाएंगे ही नहीं, तो फिर बड़ी जीत कैसे हासिल होगी? 

इसीलिए appeal है, election commission board और current government से, कि वो देखें कि जो भी voting के लिए eligible है, उन सब को voting slip मिले।

साथ ही पहले election आने पर हर party के candidates, अपने circle area के हर घरों में जाकर मिलते थे और public से उनकी party को, उनको, vote देने की appeal भी करते थे। पूरा मोहल्ला उन candidates को जानता था। उनकी पहचान केवल अपनी party से ही नहीं, बल्कि अपनी भी होती थी।

पर आज हम जब vote देने जाते हैं, तो केवल party के नाम पर vote देकर आते हैं। जिस candidate को दिया है, उसको तो कभी देखा ही नहीं, और ना ही कभी देखेंगे। 

आखिर यह कहाँ तक उचित है? क्या कभी किसी को कोई problem आएगी, तो party का मुखिया आएगा, solve करने के लिए, क्या यह संभव है कि, हर issue main leader ही solve करे? नहीं हो सकता है... फिर आखिर क्यों नहीं आते हैं candidates, public से मिलने?

किसी एक से नहीं, बल्कि हर political  party से कहना है, कि वो अपने candidates को घर-घर भेजें, और केवल भेजें ही नहीं, बल्कि, वो candidates सामाजिक कार्यो में सक्रिय भी रहें, जिससे public उनको केवल शक्ल से ही नहीं, उनके काम से भी जाने... 

Vote चाहिए, तो इतनी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी... सरकार को भी और political parties को भी...

यह एक appeal है हम सारी जनता की, आपको बहुमत से जीत दिलाने के लिए...

जय हिंद, जय भारत 🇮🇳🙏

Wednesday, 24 April 2024

Article : Voting, कितनी सार्थक, कितनी ज़रूरी?

Voting, कितनी सार्थक, कितनी ज़रूरी?



Voting की first stage 19 April को हो चुकी है और 26 April को second stage है। 

पर हम में से कितने ऐसे हैं, जो voting करने जाने के लिए excited हैं? 

और youngsters, उनमें तो कोई excitement ही नहीं है.., बल्कि यह कहा जाए कि, उन्हें तो यह useless or sheer wastage of time लगता है, तो भी अतिशयोक्ति नही होगी।

जबकि हमारे दादा जी, नाना जी लोग तो election वाले दिन, सुबह सबसे पहले voting के लिए ही जाते थे। उनके लिए voting एक महत्वपूर्ण काम था। 

पर ऐसा अंतर क्यों आया? जो पहले important था, वो useless कैसे हो गया? 

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि, उन्होंने देश को गुलाम और स्वतंत्र, दोनों तरह से देखा था। वो देश की कीमत पहचानते थे, उन्हें एक-एक vote की कीमत पता थी। उनका प्रयास रहता था कि देश सशक्त और सुदृढ हाथों में रहे। इसलिए उनमें से हर एक voting करता था। 

Voting क्यों जरुरी है, और उसकी क्या सार्थकता है, यह सोचने वाली बात है... 

जो यह सोचकर voting नहीं करते हैं, कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, कौन आ रहा है, कौन नहीं... we are least bothered...

उनको यह बता दें कि आप के voting नहीं करने से किसी को भी फर्क नहीं पड़ता है, पड़ता है तो, सिर्फ आप को, क्योंकि आप ने अपने सबसे बड़े अधिकार को खो दिया।

Voting करने से आपकी importance बढ़ती है, आप द्वारा यह decide होता है कि, कौन select होगा... 

आप voting नहीं करेंगे, तो क्या? बाकी तो जाएंगे ही, और प्रतिनिधी उनकी पसंद के चुने जाएंगे।

फिर तो यही कहा जाएगा कि, जिनकी उँगली में निशान नहीं, उनको उँगली उठाने का अधिकार नहीं.. 

साथ ही फर्क पड़ता है पूरे देश को, जब चंद लोगों की voting से गलत प्रतिनिधी चुन लिया जाता है...

अब सोचने वाली बात यह है कि कैसे चुना जाए सही प्रतिनिधी?

यह बात तो पूर्णतः सत्य है कि, देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिन प्रतिनिधियों को चुना जाता है, वो ही देश को विकास या पतन की ओर ले जाते हैं। इसलिए हमें हर पहलू पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। 


I. Security :

देश की सुरक्षा... सुरक्षा, सबसे पहले क्यों? तो अगर आप भी यही सोचते हैं, तो एक बार अफगानिस्तान और Ukraine को याद कर लीजिएगा, वहां सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था की कमी थी, जिसने दो उन्नत और सुदृढ देशों का पतन कर दिया। 

साथ ही यह भी याद कर लें, अब से कुछ साल पहले तक, भारत पर भी आतंकवाद, पाकिस्तान और चीन से आए दिन हमले होते रहते थे, या उनका भय व्याप्त रहता था। लेकिन आज भारत में अमन और शांतिपूर्ण माहौल है, इसको voting करते समय ध्यान अवश्य रखें।


II. Economy :

दूसरा देश की अर्थव्यवस्था है... अर्थव्यवस्था क्या है? इसे समझाने की कोई जरूरत नहीं है, क्योकि सब ही तो लक्ष्मी मां को सर्वश्रेष्ठ समझते हैं। बिल्कुल, जीवन की जरूरत और अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता मिलनी ही चाहिए और वो सुदृढ़ भी रहनी चाहिए। 


III. Development :

तीसरा देश का विकास, क्योंकि जब विकास होगा, तभी हम पूरी दुनिया में survive कर पाएंगे, अपने को सिद्ध कर पाएंगे। हर क्षेत्र में आगे बढ़ पाएँगे, आत्मनिर्भर बन पाएँगे। 


IV. Global Leader :

चौथा देश का विश्वविजयी होना, कोई भी देश तभी विश्वविजय बन सकता है, जब वो इन मानदंडों पर खरा उतरे। और सच कहते हैं, जो प्रतिनिधी इस सोच का हो, उन्हें ही चुनें। 

एक बार, देश को पहले रखकर और अपने स्वार्थ को पीछे छोड़कर vote डालने जाएं। क्योकि इस बात में कोई दो राय नहीं कि जब देश सशक्त और सुदृढ रहेगा तो देशवासी भी सुखी और खुशहाल रहेंगे। 

अब शायद आप भी यह समझ गए होंगे कि voting, कितनी सार्थक और कितनी जरुरी है...

जय हिंद जय भारत 🇮🇳

Tuesday, 23 April 2024

Article: हनुमान जन्मोत्सव कब? चैत्र मास या कार्तिक मास..

हनुमान जन्मोत्सव, यह दिन भगवान हनुमान जी के जन्म दिवस का प्रतीक है। हनुमान जी, जिनके नाम मात्र से संकट का नाश हो जाता है। रामभक्त, बजरंगबली, संकटमोचन, हनुमान, मारुतिनंदन, अंजनी पुत्र, पवनपुत्र आदि बहुत से नामों से जाने वाले प्रभू, सदैव हम सब के साथ रहें और सबकी रक्षा करें 🙏🏻🙏🏻

आज हनुमान जन्मोत्सव पर आपके साथ कुछ तथ्य साझा कर रहे हैं, जिससे आपको पता चलेगा कि भगवान हनुमान जी के साथ इतने ज़्यादा अद्भुत संयोग हैं कि वह उन्हें सब से अलग बनाता है। यहां उनसे जुड़े कुछ अद्भुत संयोग प्रस्तुत कर रहे हैं..

पहला अद्भुत संयोग है कि, हनुमान जी को भक्त शिरोमणि भी कहा जाता है, क्योंकि वो प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त थे। एक ईश्वर जो दूसरे ईश्वर को इतना पूजते थे कि भक्त शिरोमणि कहलाएं, यह अपने आप में अद्भुत संयोग है। 

दूसरा अद्भुत संयोग है कि, उनके जन्मदिवसi को जन्मोत्सव कहते हैं, जयंती नहीं, पर क्यों? यह आपको हमारे article हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती में पढ़ने को मिल जाएगा।

तीसरा अद्भुत संयोग है कि एक साल में हनुमान जन्मोत्सव, दो बार मनाया जाता है? पर क्यों? आज इसके ही पीछे का अद्भुत रहस्य साझा कर रहे हैं।

हनुमान जन्मोत्सव का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इसका हिंदुओं में बड़ा धार्मिक महत्व है। 

ऐसा माना जाता है कि इस दिन भाव के साथ पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। भक्त इस दिन को बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। 

बता दें बजरंगबली का जन्म कार्तिक मास में हुआ था, उनके पिता कपियों के महाराजा केसरी और माता अंजनी थी। 

फिर चैत्र मास में किस वजह से मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव? 

हनुमान जन्मोत्सव कब?

चैत्र मास या कार्तिक मास…

ऐश्वर्यदं लं

हनुमान जन्मोत्सव का दिन अपार भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। यह हर साल दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र माह की पूर्णिमा और दूसरी कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि को। इस बार यह 23 अप्रैल, 2024 के दिन मंगलवार को मनाया जा रहा है। 

राम भक्त हनुमान जी के जन्म को लेकर भक्तों के मन में यह सवाल हर साल आता है कि आखिर उनका जन्म साल में दो बार क्यों मनाया जाता है?


I. चैत्र मास में जन्मोत्सव का कारण :

ग्रंथों के अनुसार, यह घटना, हनुमान जी के बाल्यकाल की है, हनुमान जी का नाम बचपन में मारुति था। एक दिन मारुती नंदन अपनी निद्रा से जागे और उन्हें तीव्र भूख लग गई। उन्होंने पास के एक वृक्ष पर लाल पका फल देखा, जिसे खाने के लिए वे निकल पड़े। दरअसल मारुती जिसे लाल पका फल समझ रहे थे वे सूर्यदेव थे।

अतः भोजन की लालसा में फल समझकर सूर्यदेव को निगल लिया था।

जब इंद्रदेव को यह ज्ञात हुआ तो उन्होंने मारुति से भगवान सूर्य को मुख से निकालने को कहा, तो उन्होंने मना कर दिया, जिसके चलते देवराज इंद्र क्रोध में आ गए और उन्होंने मारुति पर वज्र से प्रहार कर दिया, जिससे उनकी ठुड्ढी थोड़ी सी टेढ़ी हो गई ‌और वे मूर्छित हो गए। 

अपने पुत्र को मूर्छित देखकर, पवनदेव क्रोधित हो गए (हनुमान जी, पवनदेव के आशीर्वाद से ही उत्पन्न हुए थे अतः उन्हें पवनपुत्र भी कहते हैं) और उन्होंने पूरे जगत से वायु का प्रवाह रोक दिया।  

सम्पूर्ण सृष्टि वायु विहीन हो गई, उससे सभी त्राहि माम त्राहि माम करते हुए ब्रह्मा जी की शरण में पहुंचे।

इसके बाद ब्रह्मा जी और अन्य देवताओं ने अंजनी पुत्र को दूसरा जीवन प्रदान किया और अपनी-अपनी कुछ दिव्य शक्तियां भी दीं।देवताओं के वरदान से बालक हनुमान और भी ज्यादा शक्तिशाली हो गए, लेकिन वज्र के चोट से उनकी ठुड्ढी टेढ़ी हो गई, जिसके कारण उनका एक नाम हनुमान पड़ा। 

यह घटना चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के दौरान हुई थी, तभी से इस दिन को भी हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने लगा। 

कार्तिक मास में जन्मोत्सव की कथा आपको मारे article हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती में पढ़ने को मिल जाएगा।

बजरंगबली की जय 🚩

Monday, 22 April 2024

Poem : क्या है पृथ्वी?

क्या है पृथ्वी? 

क्या है पृथ्वी?

पुष्प की सुगंध से

महकता मंजर

या वक्ष चीरकर,

बहता तटिनी का आंचल..

या ऊंचे ललाट सा,

महीधर का शिखर..

या समीर की चाल पर,

बल खाती विटप की डाली..

या धूप छांव पर बदलती, 

रेगिस्तान की रेत..

या रुह को सुकून देता,

 हिम का अद्भुत एहसास..

या कहें उसे मां,

या सुकोमल नारी,

जिसके इर्द-गिर्द, 

है दुनिया सारी..

पर यह सब है

सिर्फ तब तक 

जब तक है 

हरियाली 

जीवन में है

तब तक ही

खुशहाली 


पृथ्वी दिवस पर विशेष 🌍

Friday, 19 April 2024

Article : Voting

मतदान

आज से भारत में एक महोत्सव प्रारंभ हुआ है, जिसमें लोकसभा चुनाव द्वारा, भारत अपने उन प्रतिनिधियों को चुनेगा, जो उसे सुचारू रूप से चलाएंगे।

जो जीवन की रोज़मर्रा की जरूरत के साथ-साथ देश‌ की सुरक्षा, आस्था, अस्मिता और वैभव का पूर्ण ध्यान रखेगा।

इन प्रतिनिधियों के रहने से देश का चौतरफा विकास होगा, देश खुशहाल रहेगा, दुश्मन हमारा अनिष्ट करना तो क्या, अपनी कुदृष्टि भी नहीं रख पाएगा। साथ ही हमारे भारत का तिरंगा हर क्षेत्र में विश्व विजयी होगा, हर देश में भारत को मान-सम्मान मिलेगा। भारत विश्व में सर्वोच्च स्थान पर विराजमान होगा। 

पर ऐसा होगा तभी जब हम सही प्रतिनिधि का चुनाव करेंगे। उसके लिए जरूरी है कि हम vote अवश्य डालें। 

वोट डालने के लिए एक बात को जानना बहुत जरूरी है कि आपके प्रदेश में, आपके शहर में, किस दिन चुनाव है? जिससे आप, अपना अमूल्य वोट दे सकें। 

लोकसभा चुनाव कुल सात चरणों में पूर्ण होगा, जिसका शुभारंभ आज, यानी 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक है, तथा 4 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

किस दिन कौन सा चरण होगा, नीचे इंगित कर दिया है।




किस चरण में किस state में वोट डाले जाएंगे, वो भी आपको बता देते हैं। आप उसके अनुसार अपने शहर में कब वोट डालने जाएं, यह ज्ञात कर लीजिएगा।


I. पहला चरण : 

21 राज्यों की 102 सीटों के लिए चुनाव होगा, 19 अप्रैल को मतदान होगा।

अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार, जम्मू कश्मीर, लक्षद्वीप, पुद्दुचेरी की कुल 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।


II. दूसरा चरण :

13 राज्यों की 89 सीटों के लिए चुनाव होगा, 26 अप्रैल को मतदान होगा।

असम, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 89 सीटों पर मतदान होगा


III. तीसरा चरण :

12 राज्यों की 94 सीटों के लिए चुनाव होगा, 07 मई को मतदान होगा।

असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव की कुल 94 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।


 IV. चौथा चरण : 

10 राज्यों की 96 सीटों के लिए चुनाव होगा, 13 मई को मतदान होगा।

आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 96 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।


V. पांचवा चरण :

8 राज्यों की 49 सीटों के लिए चुनाव होगा, 20 मई को मतदान होगा।

छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, लद्दाख की 49 सीटों पर मतदान होगा।

VI. छठा चरण : 

7 राज्यों की 57 सीटों के लिए चुनाव होगा,  25 मई को मतदान होगा।

बिहार, हरियाणा, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की कुल 57 सीटों पर मतदान होगा।


VII. सातवां चरण :
 
8 राज्यों की 57 सीटों के लिए चुनाव होगा, 01 जून को मतदान होगा।

बिहार, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़ की कुल 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।

 

आप जिस भी प्रदेश में हैं, उसके अनुसार देख लें, अगर आप को किसी शहर विशेष की तारीख पता करनी हो, तो comment box में बताएं।

हम U.P. को belong करते हैं तो उससे जुड़े बहुत सारे शहरों की तारीख भी बता दें रहे हैं, आप मिला लें कि आप के शहर में कब चुनाव है :


1. पहले चरण - 19 अप्रैल (8 सीट) :

सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में voting होगी।


2. दूसरा चरण - 26 अप्रैल (8 सीट) :

अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा में voting होगी।


3. तीसरा चरण - 7 मई (10 सीट) :

संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली में voting होगी।


4. चौथा चरण - 13 मई (13 सीट) :

शाहजहांपुर, खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर और बहराइच में voting होगी।


5. पांचवां चरण - 20 मई (14 सीट) :

मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा में voting होगी।


6. छठा चरण - 25 मई (14 सीट) :

सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही में मतदान होगा।


7. सातवां चरण - 1 जून (13 सीट) :

महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया,
बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज में voting होगी। 

भारत के चारों महानगर, जैसे दिल्ली में 25 May, मुम्बई में 20 May, कलकत्ता में 1 June और मद्रास में 19 April को voting होगी...

State and city की list बता दी है, जिससे आप जुड़ें है, उसे देखें लीजिए और
उसके अनुसार अपना बहुमूल्य वोट डाल
दीजिए। हर वोट कीमती है, इसलिए वोट डालिएगा जरुर...

Thursday, 18 April 2024

Article : 6 years of togetherness

6 years of togetherness



Today, is the same day in our life, which is extremely beautiful.

6 years together, a wonderful journey, which is continuously growing and thriving. May god's compassion be the same throughout this journey 🙏🏻


This is the day, which gave me two birthdays of my life, one was given by my mother, in the form of this physical body, from which the world was introduced to me.

The other one was given by my daughter, in the form of profession, by making this blog…


I said beautiful, as mother connected me to this vast world, where I got the world's best parents, siblings, cousins, maternal and paternal family, relatives and friends. My mother gave my hand to an exceedingly caring soulmate, then son and daughter, in-laws, everybody was really affectionate.

Then by making this blog, my daughter gave me a new world, a new family. You all gave me such support and love, that you all seemed to be my nearest ones.

And as a result, the more attachment I had for my loved ones, the more I became attached to you all, or in other words, I didn't even realise when you all became my own.


And this family of mine is so gigantic, that it is also present in foreign countries. One more place, which is my heart.


This all was just possible due to god's blessings, thank you very much for this. Dear god, please continue to give your blessings as usual.

And thank you to you all too, please keep continuing your support and affection as before.

And a very big thank you to my daughter, who gave me this blog and also supported and motivated me for making this blog successful.

But due to studies, slowly and slowly, she decreased keeping in touch with this blog.

But then, my younger son took the responsibility, and motivated me continuously to make this blog prosperous. Without him, running my blog regularly is just impossible. Therefore, thank you very much to him too.

Now, a small poem presenting my gratitude towards all my viewers.


I need every moment with you,

Always more, and never less.

For this platform to flourish,

Which relieves your stress.


I have received so much love,

That you all have become my own.

Thank you so much for your support,

Which you have always shown.


With a lot of gratitude, I am sharing all the data and statistics of this year, which is flourishing day by day. 












Article : 6 साल साथ-साथ

6 साल साथ-साथ




आज फिर वही दिन है, हमारी जिंदगी का, जो बहुत ही खूबसूरत है।

6 साल साथ-साथ, एक खूबसूरत सफ़र, जो निरंतर आगे बढ़ता ही जा रहा है। ईश्वर की अनुकम्पा ऐसी ही बनी रहे 🙏🏻

यह दिन ही है, जिसने हमें अपनी जिंदगी से जुड़े दो जन्मदिवस दिए, एक माँ ने दिया था, शरीर रूपी, जिससे इस दुनिया में आए थे। 

दूसरा बेटी ने दिया, कर्म रुपी, यह blog बना कर...

खूबसूरत इसलिए कहा, क्योंकि माँ ने एक बहुत खूबसूरत दुनिया से जोड़ा, जहां विश्व के सबसे अच्छे मम्मी-पापा, भाई-बहन, ददिहाल, ननिहाल, सारे रिश्तेदार, दोस्त मिले। माँ ने बहुत ही अच्छे जीवनसाथी से जोड़ा, उसके बाद बेटी-बेटा, ससुराल में सभी बहुत अच्छे मिले।

फिर बेटी ने blog बनाकर, एक और नई दुनिया, नया परिवार दे दिया। आप सबसे इतना सहयोग, इतना प्यार मिला कि बहुत जल्दी सब अपने लगने लगे।

जिससे जितना लगाव अपनों से था, उतना ही आप से हो गया या यूं कहें कि कब आप सब अपने बन गए पता ही नहीं चला।

और यह परिवार हमारा, इतना विशाल है कि आज यह देश-विदेश सब जगह है। पर एक और जगह है, हमारे दिल में..

ईश्वर की कृपा से यह सब संभव हुआ है, उनका कोटि कोटि धन्यवाद 🙏🏻 हे प्रभू आप अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखियेगा।

और आप सबका भी अनेकानेक आभार, आप सब भी अपना प्यार और सहयोग, ऐसे ही बनाए रखियेगा। 

एक बहुत बड़ा धन्यवाद और प्यार, अपनी बेटी को जिसने blog बनाकर दिया और उसके सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग दिया और प्रेरित भी किया। 

फिर पढ़ाई-लिखाई की व्यस्तता में वो उतना नहीं जुड़ पा रही थी। 

पर तभी मेरे छोटे से बेटे ने मेरा हाथ थाम लिया और मुझे इसे सुचारू रूप से चलने के लिए निरंतर सहयोग व प्रेरणा दी। उसके बिना, हमारा blog को निरंतर चलाते रहना असंभव है। उसको भी बहुत बड़ा धन्यवाद और प्यार… 

साथ आपका हर पल चाहिए

हमेशा और ज्यादा, 

कभी ना कम चाहिए 

प्यार मिला है इतना

कि आप सब बन गए हैं जिंदगी

अब इस जिंदगी में

यह खुशी हर दम चाहिए

बहुत सारे आभार के साथ इस साल का data डाल रहे हैं, जो साल दर साल निखरता ही जा रहा है।






Tuesday, 16 April 2024

Recipe: Kuttu ki Kachori

आज नवरात्र की अष्टमी है। मां गौरी का पवित्र दिन, आज के दिन बहुत लोग व्रत रखते हैं। वो भी जो नौ दिन तक व्रत रखते हैं और वो भी जो पहला और आखिरी रखते हैं।

तो सोचा, आप सबके लिए व्रत की ही कोई dish share की जाए।

ऐसे में रश्मि जी, जो कि व्रत के एक से बढ़कर एक पकवान बनाती हैं, उनकी ही एक recipe साझा कर रहे हैं।

कुट्टू के आटे की कचौड़ी....

बहुत से लोग कहेंगे कि यह तो हमें भी आती है, तो कोई कहेगा कि अरे उसमें बहुत झंझट है, तो कुछ बोलेंगे कि इतना घी-तेल हम नहीं खाते हैं...

बिल्कुल सही कहा आप सब ने, हमें भी यही लगता था, पर जब उन्होंने सामने ही बना कर taste कराई तो सारी धारणा धरी की धरी रह गई।

आप एक बार पूरी recipe देख लीजिए, बहुत ही आसानी से बन रही थी। और taste की guarantee हमारी... Soft and crisp combination बहुत ही कमाल का आता है।

तो चलिए झट-पट से recipe share कर देते हैं।

कुट्टू की कचौड़ी

Ingredients :

  • Buckwheat flour - 1 cup
  • Boiled potato - 2 medium size
  • Rock salt - ¼ tsp. or as per taste
  • Coriander leaves - 6 to 8 twigs 
  • Green chilli - 2 
  • Clarified butter (ghee) - for frying 


Method :

  1. Boiled potato को अच्छे से mash कर लीजिए।
  2. धनिया पत्ती और हरी मिर्च को finely chop कर लीजिए।
  3. अब आलू में कुट्टू का आटा, नमक, हरी धनिया और मिर्च को अच्छे से मिलाकर dough prepare कर लीजिए।
  4. अब इन की छोटी-छोटी लोई तोड़ लीजिए।
  5. अब हथेली पर थोड़ा-थोड़ा घी लगाते हुए लोई से छोटी-छोटी सी कचौड़ी बना लीजिए।
  6. एक wok लीजिए, उसमें घी डाल लीजिए।
  7. जब घी गर्म हो जाए तो उसमें दो कचौड़ी डाल दीजिए।
  8. अब कचौड़ी पर थोड़ा-थोड़ा घी डालते जाएं, जिससे वो तलकर फूल जाए। 
  9. अब उसको पलट दें और दूसरी तरफ से भी तल लें। 
  10. जब कचौड़ी दोनों तरफ से हल्की-हल्की सी तल जाए, तो तेज आंच करके सुनहरा होने तक तल लें।


गरमागरम खस्ता करारी कुट्टू के आटे की कचौड़ी तैयार है। आप इसे चटनी, दही और पनीर या आलू की सब्जी के साथ serve कर सकते हैं।

वैसे तो गरमागरम कचौड़ी अपने आप में complete है, इसलिए अगर आप उसे ऐसे ही खाना चाहें तो भी बढ़िया लगेगी।


Tips and tricks :

  1. आलूओं को गर्म ही छीलकर mash कर लें। भर्ता जितना smooth होगा, कचौड़ी उतनी easily फूलेगी।
  2. जितना आलू quantity wise भर्ता बनाने के बाद हो जाए, उतना ही कुट्टू का आटा लेना है।
  3. दोनों का ratio equal होने के कारण बिना भरी कचौड़ी होने के बाद भी taste and texture कचौड़ी जैसा आता है। 
  4. आलू ज्यादा होने से घी ज्यादा soak होगा और आटा ज्यादा होने से कचौड़ी कड़ी बनेगी और उसमें आटे का flavour ज्यादा आएगा।
  5. इस तरह से बनाने से कचौड़ी घी भी कम soak करती है। और पूरी कचौड़ी में taste भी एकसार रहता है।
  6. कचौड़ी का dough prepare करते समय ध्यान रखिएगा कि dough ऐसा होना चाहिए कि हाथ पर बहुत चिपके भी नहीं और ना ही ऐसा हो कि bind ही ना हो।
  7. अगर bind ना हो तो, थोड़ा-थोड़ा पानी छींटते हुए आटा गूंथना है।
  8. कुट्टू का आटा बहुत जल्दी गीला होता है, इसलिए पानी अंदाज़ से ही डालें।
  9. धनिया पत्ती और हरी मिर्च भी महीन ही काटें।‌ ज्यादा बड़ी होने से कचौड़ी फूट जाएगी, तो वो बहुत ज्यादा घी soak कर लेगी। 
  10. कचौड़ी बनाने में एक बात का ध्यान रखिएगा कि कचौड़ी एक जैसी होनी चाहिए, कहीं से पतली, कहीं से मोटी नहीं होनी चाहिए। वरना कचौड़ी फूलेगी नहीं।
  11. कचौड़ी को medium flame पर ही तलनी है और सुनहरा high flame पर करना है।
  12. मतलब हर बार कचौड़ी slow flame पर डालनी है, फिर flame medium कर लेनी है और फिर तेज़।
  13. तो flame का right combination, perfect कचौड़ी बनाने का key ingredient है।

Monday, 15 April 2024

Article : पोहेला बोइशाख

पोहेला बोइशाख



आज का article, हमारी‌ एक मीठी सी याद है और उस याद को हमारा कोटि-कोटि नमन भी....

बात उन दिनों की है, जब हम शादी कर के अपने जीवन साथी के साथ उस जगह पहुंचे थे, जो हमारे दाम्पत्य जीवन का प्रथम साक्षी था। जो साक्षी था, एक परिवार के हिस्सा होने से एक परिवार के बनाने की शुरुआत का...

एक शहर छोड़कर आए थे, एक township में...  पश्चिम बंगाल का एक शहर दुर्गापुर...

जो पूरी तरह से अलग था। ना केवल facilities wise बल्कि वहां की संस्कृति, वहां के लोग, उनका खान-पान, आबोहवा और बोली, सब ही कुछ तो अलग था...

आज जब दिल्ली, अपनों के बीच, अपनी सी संस्कृति, बोली और आबोहवा में लौट आए हैं तो ईश्वर से प्रार्थना है कि वो सदैव अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें।

पर क्योंकि वहां जीवन के नये पड़ाव की शुरुआत में रहे थे, तो वो जीवन की मीठी यादों में शामिल है।

और आज पोहेला बोइशाख है तो सोचा, आपको ले चलें, वहां की खूबसूरत संस्कृति में, पोहेला बोइशाख (बांग्ला: পহেলা বৈশাখ) यानी, बंगाली पंचांग का प्रथम दिन, जो बांग्लादेश का आधिकारिक पंचांग भी है। यह उत्सव 14 अप्रैल को बांग्लादेश में और 15 अप्रैल को भारतीय राज्यों पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, झारखण्ड और असम (बराक घाटी) में बंगालियों द्वारा धार्मिक आस्था के निरपेक्ष मनाया जाता है। 

पोहेला बोइशाख के उत्सव की जड़ें मुगल शासन के दौरान पुराने ढाका के मुस्लिम समुदाय की परंपराओं से जुड़ी हैं, साथ ही अकबर के कर संग्रह सुधारों की घोषणा से भी जुड़ी है।

यह त्यौहार जुलूसों, मेलों और पारिवारिक समय के साथ मनाया जाता है। नए साल में बंगालियों के लिए पारंपरिक अभिवादन শুভ নববর্ষ (बंगाली) "शुभो नोबोबोरशो" है जिसका शाब्दिक अर्थ है "नया साल मुबारक"। 

बांग्लादेश में उत्सव मंगल शोभा यात्रा का आयोजन किया जाता है। 2016 में, UNESCO ने ढाका विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय द्वारा आयोजित इस उत्सव को मानवता की सांस्कृतिक विरासत घोषित किया। 

बाकी states में जहां जिंदगी भाग रही है, किसी को किसी से कोई मतलब नहीं है, सब अपने-अपने स्वार्थ के निहित हैं, वहां पश्चिम बंगाल में आज भी जिंदगी जीवन्त है। 

वहां अन्य प्रदेशों की तरह कोई भी त्यौहार आने का मतलब यह नहीं है कि दुनिया भर के नियम-कानून और घर में बहुत सारा काम और दुनिया भर के पकवान...

वहां त्यौहार का मतलब है उत्साह, उमंग और साथ... वहां कोई भी त्यौहार लोग घरों में रहकर सिर्फ अपने तक सीमित नहीं रखते हैं, बल्कि वहां पूरा परिवार, पूरा मोहल्ला, पूरी community, पूरा शहर शामिल होता है।

किसी एक परिवार में नहीं, बल्कि पंडाल में पूजा-पाठ, उत्सव, खाने-पीने और मस्ती-मज़ा का प्रबंध किया जाता है।

आज भी यहां त्यौहार में रौनक है, फिर चाहे शारदीय नवरात्र हो, रथ पूजा या पोहेला बैशाख ...

क्योंकि आज पोहेला बैशाख है, तो क्या बताएं उस दिन के लिए, लोगों में उत्साह देखते ही बनता है।

जगह-जगह मेला होता है, बड़े-बड़े sound boxes लगे होते हैं। उस दिन लोग, अपने कामकाज में व्यस्त नहीं होते हैं। बल्कि अपने पूरे परिवार के साथ, quality time spend करते हैं। 

नया वर्ष आने के 15 दिन पहले से market में festival की चहल-पहल और रौनक दिखाई देने लगती है। 

बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी नव वर्ष का स्वागत, नये वस्त्र, नयी उमंग और उत्साह से करते हैं। 

वहां ऐसा लगता था कि आज भी जिंदगी, जिंदगी है। लोगों को इंतज़ार रहता है, त्यौहार के आने का, वहां कोई कठिन नियम नहीं है, बहुत अधिक मेहनत नहीं करनी है। बस नियम है तो यह, कि festival वाले दिन festival celebration करना है, काम कहकर व्यर्थ की व्यस्तता नहीं दिखानी है, सब कुछ मिलकर करना है, जिससे festivity भी बढ़े और आपसी प्यार और एकता भी...

और वहां पहुंच कर पंडित जी जो भी नियम कानून बताएं, उसका पूरी आस्था और विश्वास के साथ पालन करना है।

हम सबको सीखना चाहिए उन से, कि कैसे अपनी संस्कृति, अपने त्यौहार को महत्व देना चाहिए और कैसे उसको पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाना चाहिए...

शुभ नववर्ष 💐

Sunday, 14 April 2024

Poem : अम्बेडकर अपना अपना

अम्बेडकर अपना अपना 


जाति कोई छोटी नहीं,

ना ही है कोई बड़ी।

ना अमीरी-गरीबी,

रास्ता रोक सकती कोई।

जिसके हों इरादे फ़ौलाद,

वो मंजिल अपनी,

पा ही लेता है।

लाख रोड़े हो राह में,

वो अपना मुकाम,

बना ही लेता है।

और गर फिक्र हो,

अपने से ज्यादा अपनों की।

वो सफलता का परचम,

लहरा ही लेता है।

हैं इस बात की मिसाल,

भीमराव अम्बेडकर

जिन्होंने बस एक ही,

शस्त्र शामिल किया था।

आरक्षण का, संविधान में,

आज तक भुगत रहा है,

सामान्य वर्ग का युवा,

बस इस इंतज़ार में।

शायद कोई एक,

अम्बेडकर,

आएगा पुनः।

जो खत्म कर देगा,

आरक्षण,

तब ही तो देश,

मुक्त होगा,

जात-पात से।

उस दिन होगा सशक्त,

सम्पूर्ण देश,  विकास से।

Friday, 12 April 2024

India's Heritage : माँ कूष्मांडा

आज विरासत के segment में एक ऐसी कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं, जो कि भारत की केवल विरासत के अंतर्गत नहीं आती है, बल्कि वो हमारे भारत की शक्ति हैं, प्रेरणा हैं, आस्था हैं, आत्मा हैं, प्रार्थना हैं, पूजा हैं।

विरासत अंक में इसे शामिल करने का कारण यह है कि आने वाली पीढ़ियों को सभी माता रानी के नाम और उनकी विशेषता पता चले...

आज नवरात्र का चौथा दिन है और हमारी कहानी की मुख्य नायिका भी हमारी कूष्मांडा मातारानी ही हैं।

आप कहेंगे, सीधे चौथी माता रानी के विषय में लिख रहे हैं, उससे पहले की क्यों नहीं? और क्या अब हर माता रानी के विषय में लिखेंगे?

बिल्कुल लिखेंगे... 

पर शुरुआत कूष्मांडा माता से ही क्यों, यह पहले बताते हैं आपको, क्योंकि प्रारंभ हम वहां से भी कर सकते हैं, जहां से सृष्टि की उत्पत्ति हुई थी।

सृष्टि की उत्पत्ति या सृजन से कूष्मांडा माता रानी का क्या संबंध है? और क्यों माता रानी के इस स्वरूप को कूष्मांडा माता कहते हैं...

क्या संबंध है, यही आज की कहानी का सार है...

Maa Kushmanda

आज यानि 12 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है और इस दिन मां कूष्मांडा का पूजन किया जाता है। 

सनातन शास्त्रों में निहित है और सदियों से सबको यही विदित है कि त्रिदेव ने सृष्टि की रचना करने की। 

पर क्या यही सत्य है? क्या सृष्टि के निर्माण में किसी देवी का कोई हाथ नहीं? 

जबकि स्त्री को तो सृजनकर्ता, सृष्टि कर्ता भी कहा गया है हैं। 

आइए जान लेते हैं…

बात उस समय की है, जब समस्त ब्रह्मांड में अंधेरा छाया हुआ था, पूरा ब्रह्मांड स्तब्ध था। इसमें न कोई राग, न कोई ध्वनि थी। हर ओर केवल सन्नाटा छाया हुआ था। 

उस समय त्रिदेव ने, सृष्टि निर्माण की कल्पना की। परन्तु सृजन की कल्पना जननी के बिना... यह असंभव था।

अतः जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा से सृष्टि के सृजन के लिए सहायता मांगी।

जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा ने तत्क्षण ब्रह्मांड की रचना में सहायता प्रदान की। 

कहते हैं कि ब्रह्मांड की रचना मां कूष्मांडा ने अपनी मंद मुस्कान से की। 

मां के मुख मंडल पर फैली मंद मुस्कान से समस्त ब्रह्मांड प्रकाशवान हो उठा। 

ब्रह्मांड की रचना अपनी मुस्कान से करने के कारण या दूसरे शब्दों में कहें कि अंड अर्थात् ब्रह्मांड की उत्पत्ति करने के कारण ही जगत जननी आदिशक्ति को मां कूष्मांडा कहा गया है। 

मां का चौथा रूप 'कूष्मांडा' नाम का शाब्दिक अर्थ है ‘कू’ का अर्थ छोटा, ‘ऊष्म’ का अर्थ ऊर्जा (heat energy)है, अंडा आकृति है। अर्थात् कूष्मांडा का शाब्दिक अर्थ हुआ- ‘छोटा और अंडाकार ऊर्जा पिंड’।

मां की महिमा निराली है। मां का निवास स्थान सूर्य लोक है। शास्त्रों में कहा जाता है कि मां कुष्मांडा सूर्य लोक में निवास करती हैं। ब्रह्मांड की रचना करने वाली मां कूष्मांडा के मुखमंडल पर उपस्थित तेज से सूर्य प्रकाशवान है। मां सूर्य लोक के अंदर और बाहर सभी जगहों पर निवास कर सकती हैं। 

वैसे तो मुख्यतः लोग, पहले और आखिरी दिन का व्रत रखते हैं, पर बहुत से लोग पूरे 9 दिन का व्रत भी रखते हैं। तो जो नौ दिन का व्रत रखते हैं, वो तो नौ दिन तक माता रानी के हर रुप की पूजा अर्चना करते हैं। लेकिन जिन्हें नहीं पता, उनके लिए बता देते हैं कि कूष्मांडा माता रानी की कैसे पूजा अर्चना की जाती है।

चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन कूष्मांडा माता की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मत है कि मां कूष्मांडा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। 

इसलिए मां के उपासक, श्रद्धा भाव से कूष्मांडा माता की पूजा उपासना करते हैं। अगर आप भी मां कूष्मांडा की कृपा के भागी बनना चाहते हैं तो विधि पूर्वक मां कूष्मांडा की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय व्रत, कथा अवश्य पढ़ें। इस व्रत कथा को सुनने मात्र से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। मां कूष्मांडा माता की पूजन विधि और व्रत कथा। 

कूष्मांडा माँ की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना :

देवी कूष्मांडा की पूजन के लिए उनकी तस्‍वीर को चौकी पर विराजमान करें।

फिर मां को रोली, अक्षत, पीले फूल, पीले वस्‍त्र अर्पित करें। 

कुछ लोगों का कहना है कि देवी को बलि प्रिय होती है, देवी कूष्मांडा को भी है। लेकिन जो सृजनकर्ता हो, माँ हो, वो अपनी ही सृष्टि का हनन कैसे कर सकती है। अतः कूष्मांडा माता रानी को बलि में किसी जीव को नहीं, बल्कि कुम्‍हड़ा यानि कद्दू जरूर अर्पित किया जाता है। देवी मां को कुम्‍हड़े की बलि प्रिय है। 

इसके अलावा मां कूष्मांडा की पूजा में 'ॐ बुं बुधाय नमः' मंत्र का जाप करते हुए हरी इलायची के साथ सौंफ चढ़ाएं।

बेहतर होगा कि जितनी आपकी उम्र हो माता को उतनी ही इलायची अर्पित करें।

पूजा के बाद माता को समर्पित की गई इलायची को साफ हरे वस्त्र में बांधकर, पूरे नवरात्रि तक अपने पास रखें। ऐसा करने से जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है।


जय माता दी 🚩🙏🏻 बोलो सांचे दरबार की जय 🙏🏻

माता रानी की कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे 🙏🏻😊

Thursday, 11 April 2024

Poem : शीतलता है सर्वोपरि

शीतलता है सर्वोपरि

आसमां में देखकर,

पूछा हमने उनसे,

किस नाम से पुकारूं,

क्या नाम है तुम्हारा?

क्यों तुमको इस जहां में

पूजे संसार सारा?

वो बोले मुस्कुरा के,

चंद्र देव, चंद्रमा,

या कहो चांद,

संसार ने कई नामों से,

हमें है पुकारा।। 

रुप, तेज, गुण,

सब है मुझमें,

पर शीतलता है सर्वोपरि,

उसके ही कारण,

पूजे जहां सारा।।

सच ही तो है,

हो चंद्रमा करवाचौथ का,

या चांद हो ईद का,

खूबसूरत दोनों ही हैं,

पर रुप के ऊपर

शीतलता है भारी,

उसके कारण ही

दुनिया जुड़ी है सारी।।

तो गर, उनके जैसी ही शीतलता,

हम सभी में आ जाए,

तो इस जहां में

प्रेम ही प्रेम छा जाए।।

पर यह उम्मीद,

किसी एक इंसान,

या एक वर्ग से ही,

ना की जाए।।

सम्पूर्ण सृष्टि ही

इस गुण को अपनाए,

तब यह धरा ही,

स्वर्ग बन जाए।।


आप सभी को नवरात्रि व ईद की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

Wednesday, 10 April 2024

Recipe: Aloo Tikki - The Microwave Style

आजकल बहुत पावन महीना चल रहा है।‌ हर घर में पूजा पाठ व्रत रखे जा रहे हैं।

और हमारे gas stove पर no cooking के दिन... 

पर आपको तो पता है कि हमारी कोई भी परेशानी हमारी cooking को नहीं रोक सकती है।

अब हम तो अपने microwave oven में ही सब कुछ बना रहे हैं।

तो बस आज के इस microwave segment में आपके लिए एक ऐसी recipe share करने जा रहे हैं, जिसका नाम सुनकर आप बहुत खुश हो जाएंगे। 

तो आज बताने जा रहे हैं, वो है हर दिल अज़ीज़, चाट की शान, crispy, crunchy and juicy आलू की टिक्की..

अब आप सोचेंगे कि microwave oven में कैसे बनाएंगे और कैसी लगेगी? 

और अगर अच्छी बन जाए तो क्या बात है?

तो कैसे बनाएंगे, वो हम आपको अभी बता देते हैं।

और कैसी लगेगी, तो उसके लिए बता दें, बहुत ही बढ़िया, ऐसी कि खाते ही मुंह से निकलेगा, "मज़ा आ गया"...

और वो आपको इसकी pic देखकर समझ आ रहा होगा।

अच्छा कुछ plus point भी हैं, कि बहुत easily, बहुत कम मेहनत के बन जाएगी, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि बहुत कम घी में... तो health conscious or dieting करने वाले भी इस आलू की टिक्की का आनन्द ले सकते है।

Aloo Tikki - The Microwave Style




Ingredients :

  • Potato - ½ kg 
  • Salt - as per taste 
  • Rice - ¾ Cup 
  • Ghee - for greasing and grilling 


Method : 

  1. आलू को pressure cooker में डाल दीजिए। 
  2. आलू pressure cooker में आधे से भी कम डूबे, इतना पानी डाल दीजिए।
  3. अब 2 high flame पर और एक slow flame पर whistle दिला दीजिए।
  4. Pressure down हो जाने पर आलू छील लीजिए।
  5. गर्म-गर्म आलू का महीन भर्ता बना लीजिए।
  6. इसमें नमक डालकर अच्छे से mix कर लीजिए। 
  7. अब इसकी टिक्की बना कर ½-1 घंटे के लिए ठंडी होने के लिए रख दीजिए। 
  8. चावल को mixer grinder में डालकर महीन पीस लीजिए।
  9. अब चावल को आलू में डालकर अच्छे से mix कर लीजिए और फिर उसे टिक्की का shape दे दीजिए।
  10. Microwave oven के साथ मिलने वाले तवे पर घी लगाकर grease कर लीजिए।
  11. अब टिक्की पर दोनों तरफ से एक-एक चम्मच घी लगाकर tray पर place कर लीजिए।
  12. Microwave oven पर high wire rack रख दीजिए।
  13. अब rack के ऊपर tray को रख दीजिए।
  14. Microwave के grill mode पर टिक्की को 15-20 minutes के लिए रख दीजिए। 

  15. ऐसी browning आ जाए, तब टिक्की पर दोनों तरफ फिर से एक-एक चम्मच घी लगा लीजिए।
  16. अब टिक्की को flip कर दीजिए।
  17. अब grill को 12-15 mintues के लिए फिर से चला लीजिए।


Now crispy, crunchy and juicy Aloo Tikki is ready to serve.

You can have it, with dahi-chutney or have it as it is...

Tips and tricks के बिना तो कोई dish complete नहीं है तो देख लेते हैं...


Tips and Tricks :

  • आलुओं के गर्म-गर्म होने में ही भर्ता बना लीजिए।
  • गर्म होने पर ही वो ज्यादा महीन बन पाता है। 
  • आप को अगर गर्म आलू को mash करने में problem है, तो आप bowl या glass की help से भर्ता बना सकते हैं। इससे बहुत easily, बिना जले एकदम महीन भर्ता बन जाएगा।
  • गर्म-गर्म में ही नमक मिला दीजिए, जिससे नमक पूरे में अच्छे से mix हो जाए। नमक मिला देने के बाद इन्हें ठंडी होने के लिए रख दीजिए।
  • आपको perfect टिक्की करने का key ingredient बताते हैं। Mash गर्म-गर्म आलू को कीजिए, जिससे smooth texture मिले और टिक्की बनने से पहले आलू ठंडे हो चुके हों, जिससे आलू का पानी absorb हो चुका हो। 
  • पानी absorb हो जाने से टिक्की अंदर से juicy बनेगी। साथ ही टिक्की बनाते समय वो splintering कम करेगी, उससे हाथ भी जलने से बचेगा और घी भी कम लगेगा।
  • टिक्की को कुरकुरी करने के लिए अरारोट का आटा या cornflour का आटा use करते हैं, जो कि उतना healthy नहीं होता है, और हम healthy version में बना रहे हैं। इसलिए, हम इसमें चावल को mixer grinder में महीन पीस कर डाल रहे हैं।
  • अगर आप को व्रत के लिए टिक्की बनानी है तो आलूओं में सेंधा नमक और समा के चावल डाल लीजिए।‌ सेंधा नमक और समा के चावल, व्रत में मान्य होते हैं।थोड़े से ही चावल डाले जाते हैं, पर उसका result बहुत अच्छा आता है।
  • अगर आप समा के चावल नहीं खाते हैं तो राजगीरा का आटा भी use कर सकते हैं ।
  • आप मखाने को पीसकर उसे भी use कर सकते हैं।
  • चावल डालने से टिक्की बहुत बढ़िया crispy and crunchy हो जाती है, वो भी बहुत कम घी, समय‌‌ और मेहनत के.. इसलिए चावल जरुर से डालें। समय के अनुसार कि normal rice डालने हैं या fast वाले। 
  • Grilling करते हुए flip से पहले 15 minutes के बाद से टिक्की को देखते हुए grill करें और flip करने के बाद 10 minutes के बाद से...
  • क्योंकि आप के घर में कितना voltage रहता है, उससे grilling का time घट-बढ़ सकता है। 
  • अतः आप टिक्की की browning देखते हुए flip and complete grilling process करें। 
  • टिक्की बनाने के लिए microwave oven के साथ मिलने वाला तवा must है, क्योंकि टिक्की perfect golden brown इसी में होगी। 
  • अगर आप के पास microwave tawa नहीं है, तो market यह easily available है। यह तवा बहुत सी recipe बनाने में use होता है। तो आप इसे खरीद लेंगे तो बहुत सी recipe try कर सकेंगे।


तो बस, इस recipe को try कीजिए, और बनाएं अपनी शाम, या अपना व्रत बहुत ही yummy, tasty and beautiful...

हम सभी पर माता रानी कृपा बनाए रखें 🙏🏻🙏🏻

जय माता दी 🚩

Tuesday, 9 April 2024

Bhajan(Devotional Song): ओढ़ के चुनरिया लाल

 ओढ़ के चुनरिया लाल



ओढ़ के चुनरिया लाल

मैय्या जी मेरे घर आना -2


आप भी आना 

मां लक्ष्मी को लाना-2

विष्णु जी आ जाएं 

जो साथ

समा हो जाए दीवाना 


ओढ़ के चुनरिया लाल

मैय्या जी मेरे घर आना -2


आप भी आना 

मां शारदा को लाना -2

ब्रह्मा जी आ जाएं 

जो साथ

समा हो जाए दीवाना 


ओढ़ के चुनरिया लाल

मैय्या जी मेरे घर आना -2


आप भी आना 

मां काली को लाना -2

भोले भी आ जाएं 

जो साथ

समा हो जाए दीवाना 


ओढ़ के चुनरिया लाल

मैय्या जी मेरे घर आना -2


आप भी आना 

गणपति भी लाना -2

रिद्धि सिद्धि आ जाएं 

जो साथ

समा हो जाए दीवाना 


ओढ़ के चुनरिया लाल

मैय्या जी मेरे घर आना -4 


आप भी आना संग

स्कंद देव को लाना -2

छठी मां आ जाएं 

जो साथ

समा हो जाए दीवाना 


ओढ़ के चुनरिया लाल

मैय्या जी मेरे घर आना 

ओढ़ के चुनरिया लाल

मैय्या जी मेरे घर आना -4 



पूरे भजन का आनन्द लेने के लिए link पर click करें :


आप सभी को चैत्र नवरात्र की हार्दिक शुभ कामनाएं 💐

नवरात्र का शुभारंभ हुआ है, आइए मिलकर माता रानी का सत्कार करें। 

माँ की अनुकम्पा हम सब पर बनी रहे, सभी

सुखी, समृद्ध, चिरायु व आरोग्य रहें 🙏🏻🙏🏻 

हिन्दू नवसंवत्सर 2081 की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

जय माता दी, बोलो सांचे दरबार की जय 🚩