प्यार पर घात (भाग-1)
श्लोक और श्वेता, अपने college के most popular students थे। दोनों एक-दूसरे को compliment करते हुए, दोनों पढ़ाई में तेज, debate में expert, देखने में श्लोक बेहद smart और श्वेता गज़ब की खूबसूरत...
समय के साथ दोनों नजदीक आने लगे और एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करने लगे।
ऐसी बातें छुपती तो है नहीं, तो उनके घर वालों को पता चल गई।
दोनों परिवार आपस में मिले और मिलकर बहुत खुश हुए। उन्होंने श्लोक और श्वेता को विवाह के अटूट बंधन में बांध दिया।
उन दोनों ने सोचा भी नहीं था कि सब इतनी आसानी से और जल्दी से हो जाएगा।
पर वो खुश बहुत थे, कि उनके प्यार को उनके परिवार का साथ मिल गया।
एक दूसरे में खोए, उनकी जिंदगी सुखपूर्वक व्यतीत होने लगी।
कुछ सालों बाद ही, दोनों परिवारों से दबाव पड़ने लगा कि अब उन्हें अपने जीवन को संपूर्णता देने के लिए बच्चे की planning करनी चाहिए।
दोनों working थे तो इतनी जल्दी बच्चे की planning नहीं करना चाहते थे। पर परिवार की इच्छा को नकार देना भी नहीं चाहते थे, आखिर निर्विवाद उन्होंने उन दोनों को एक जो किया था।
Finally उन्होंने बच्चा plan कर ही लिया...
पूरे नौ महीने श्वेता को problem रही, पर श्लोक ने जी-जान से सलीना का भरपूर ख्याल रखा।
आखिर वो दिन भी आया, जब उनके घर शौर्य ने जन्म लिया। उसके होने से हर ओर आनंद ही आनंद छा गया।
लेकिन शौर्य के होने के कुछ महीने बाद से ही उनकी जिंदगी ने करवट बदलनी शुरू कर दी।
श्वेता बच्चे में इतनी रम गयी कि उसे न श्लोक का ख्याल था, न अपना...
साथ ही pregnancy के कारण उसने गजब का weight put-on कर लिया था, जिसे वो चाहकर भी कम नहीं कर पा रही थी, या यूं कहें कि करना ही नहीं चाह रही थी।
शौर्य, जब 6 महीने का हो गया, तो श्वेता ने फिर से office join कर लिया। अब तो रहा-सहा समय भी जाता रहा।
लेकिन एक बात श्वेता ने जरूर से notice की थी कि office में पहुंचने के बाद ही उसके पास, उसके दीवाने मंडराने लगते थे, जो अब उससे कन्नी काट रहे थे।
शायद उसके weight put-on करने से...
Office से लौटकर, उसी रात सारे काम खत्म करके वो जब श्लोक के नजदीक पहुंची तो श्लोक ने देखा कि श्वेता कुछ मुरझाई-सी हुई थी।
क्या हुआ, मेरी beautiful wife को, श्लोक ने बड़े प्यार से श्वेता की लंबी घनी जुल्फों में हाथ फेरते हुए कहा...
क्या beautiful wife, श्लोक... मैंने बहुत weight put-on कर लिया है, office में मौजूद मेरे सारे दीवाने, जो बात-बे-बात मेरे पास ही डोलते रहते थे।
वही लोग आज मेरे पास फटकना तो दूर, देख भी नहीं रहे थे...
कहीं तुम भी बदल तो नहीं जाओगे? मुझसे मुंह तो नहीं मोड़ लोगे?
आह! कैसी बात करती हो श्वेता?
आगे पढ़ें, प्यार पर घात (भाग-2) में...
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