Thursday 4 July 2024

Article : The young legends

India को cricket में top पर ले जाने वाले कुछ और नाम सन्यास ले रहे हैं, तो हर ओर एक ही बात चल रही है कि अब India में cricket का क्या भविष्य है?

Cricket की बात करें तो, पहली ODI world cup trophy India को कपिल देव ने दिलवाई थी, और cricket जगत में यह सिद्ध किया था कि cricket केवल अंग्रेजों का sport नहीं है, बल्कि उसे जीतने का दम India भी रखता है।

The young legends

उनके और उनकी team के एक के बाद एक के retirement के बाद सालों उस trophy का इंतजार करना पड़ा। फिर आया, महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर का दौर, जिसने भारत का नाम एक बार फिर रोशन कर दिया और ODI World Cup and T20 World Cup की trophy हासिल कर एक बार फिर तिरंगे को पूरे विश्व के सामने लहरा दिया। 

कुछ साल पहले सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह जैसे और भी दिग्गज नामों ने भी cricket जगत से सन्यास ले लिया।

लगा अब तो ना जाने India, कभी कोई world cup trophy लाएगी भी कि नहीं…

पर रोहित शर्मा की captaincy और विराट कोहली, बुमराह, हार्दिक पंड्या, रविंद्र जडेजा जैसे कुछ दिग्गज नाम फिर से कारनामा दिखाने को तत्पर दिखाई दिए।

रोहित शर्मा की captaincy में India ने ODI World Cup में सारे matches जीतते हुए final में प्रवेश किया। लेकिन शायद उस world cup पर India का नाम नहीं लिखा था।

इस कारण world cup के नज़दीक तो पहुंच गई, पर उसे उठा नहीं पाई, चूम नहीं पाई…

पर T20 World Cup trophy पर India ने सारे matches जीतते हुए final match खेला और पूरी दुनिया पर छा गई, एक बार फिर तिरंगा पूरे विश्व पर लहराया…

पर अब तो‌ रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविन्द्र जडेजा ने भी T20 format से सन्यास लेने की बात बोल दी है…

अब क्या?

क्या आगे हैं, ऐसे धुरंधर खिलाड़ी जो cricket में India का नाम रोशन करते रहेंगे?

क्या ऋषभ पंत, ऋतुराज गयाकवाड़, अर्शदीप सिंह, रिंकू सिंह, शुभमन गिल, etc. अपने खेल में इतने मंझ पाएंगे कि भारत को आगे भी world cup trophies मिलती रहें?

यह तो प्रकृति का नियम है कि एक जाता है और दूसरा आता है। पर साथ ही आने वाले को उस मुकाम को और height पर ले जाना होता है।

और ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि जाने वाले के समय के comparatively, आने वाले के समय में requirement ज्यादा fulfill होती है। ज़्यादा avenue है, ज्यादा exposure है। 

पर क्या ऐसा होगा, हमारे young cricketers भारत को आगे भी ऐसे ही सम्मान दिलवा पाएंगे? क्या हम इन नौजवानों पर विश्वास कर सकते हैं? क्या उनके कंधे, इतने सशक्त हैं कि वो भारत को विश्वविजेता बनाने में सक्षम रहेंगे?

बिल्कुल दिला पाएंगे... हमारे youngsters बहुत capable and focused हैं। भारत का तिरंगा ऐसे ही सम्मान पाता रहेगा और सम्पूर्ण विश्व में लहराता रहेगा…

इसी विश्वास के साथ दिग्गज नाम सन्यास लेते हैं कि अब नए लोगों के आगे आने का, आगे बढ़ने का समय है, और इसी विश्वास के साथ ही रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविन्द्र जडेजा भी सन्यास ले रहे हैं।


तिरंगा लहराया है,

वो लहराता रहेगा।

वक्त धुरंधर खिलाड़ी का

भारत में आता रहा है,

और आता रहेगा।।


जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳

Wednesday 3 July 2024

Poem : पूर्ण धरा हो जाती है

जिस monsoon का इंतज़ार था, वो अठखेलियां करता, घर-आंगन, खेत-खलिहान, भिगा रहा है, हर ओर छाई है हरियाली, धरती को खुश्बू से महका रहा है।

पानी की बूंदें, जब धरा पर पड़ती है, उस समय मिट्टी की जो सौंधी-सी खुश्बू आती है, वो रोम-रोम को प्रफुल्लित कर देती है।

उसी भाव में रची-बसी आज की कविता है, रिमझिम बारिश के स्पर्श के साथ आइए, इस कविता का आनंद लेते हैं…

पूर्ण धरा हो जाती है

बूंद गिरती, 

जो वसुधा पर,

सौंधी-सी,

खुश्बू आती है।


उस सौंधी-सी,

खुशबू के संग,

पूर्ण धरा हो जाती है।।


नवांकुर को,

उस अमृत से,

सींच कर,

जीवन नया दिलाती है।


उस सौंधी सी,

खुशबू के संग,

पूर्ण धरा हो जाती है।।


हर ओर,

उमंग संग,

पृथ्वी हर्षाती,

मुस्काती है।


उस सौंधी-सी,

खुशबू के संग,

पूर्ण धरा हो जाती है।।


लहराता है,

हरियाली का आंचल,

पुष्पों की भीनी-सी,

सुगंध आती है।


उस सौंधी-सी,

खुशबू के संग,

पूर्ण धरा हो जाती है।।


Happy monsoon season 💦

Monday 1 July 2024

Story of Life : एक सच्चाई (भाग-5)

एक सच्चाई (भाग-1)

एक सच्चाई (भाग-2)

एक सच्चाई (भाग-3)

एक सच्चाई (भाग-4) के आगे…

एक सच्चाई (भाग-5)

वो आदमी बोल रहा था कि अगर आप को ठकराल जी से मिलना है तो पुरानी हवेली में आ जाना, पर अकेले आना और हाँ, ना तो कोई हथियार लाना, ना ही वर्दी में आना। 

जब मैं वहाँ पहुंचा तो वो मुझे देखकर खुश हो गया पर साथ ही वो बहुत डरा और दुखी भी दिख रहा था।

वो मुझे लेकर एक जगह गया।

किसी और जगह?

हाँ… वो कुछ अजीब सी जगह लग रही थी, संकरा-सा रास्ता, दो तरफ़ से दीवार से घिरा हुआ, बस कुछ रोशनी आ रही थी। 

उस आदमी ने मुझे आगे अंत तक जाने को कहा, और साथ ही इधर-उधर देखता हुआ, वो आदमी वहाँ से चला गया, जैसे सुनिश्चित कर रहा हो कि उसे किसी ने देखा ना हो।

उस संकरी सी जगह के अंत में, मुझे ठकराल जी ज़मीन पर पड़े हुए दिखे। उनके इर्द-गिर्द चीटियाँ, चूहे आदि घूम रहे थे। साथ ही आसमान में कुछ चील-गिद्ध भी दिख रहे थे।

उनके शरीर में जगह-जगह घाव थे। कुछ चींटी, चूहे और चील-गिद्ध आदि के नोच-खसोट भी दिख रहे थे।

उनकी इतनी दयनीय स्थिति देखकर मेरी आंखों से अविरल अश्रु धारा बहने लगी।

ठकराल जी…

आ गए दारोगा बाबू…

बहुत ही ज्यादा करहाने की आवाज़ में वो बोले... मुझे पता था, यहाँ तक आपके अलावा कोई नहीं आ सकता था। हर किसी को दूसरों की इतनी फिक्र भी तो नहीं होती है कि अपनी कोई भी परवाह नहीं किए दूसरों की मदद को आए।

आप की यह हालत कैसे हो गई? किसने किया यह सब? आप की मदद को कोई आया क्यों नहीं? ज़िंदगी बिता दी आपने दूसरों का करते हुए…

दारोगा बाबू… आप लाख दूसरों के लिए करो, दूसरे भी पलट कर आपके लिए करें, यह कोई आवश्यक नहीं है। बल्कि वो यह मानें भी कि आप ने किया है, यह भी ज़रूरी नहीं है। आपको for granted भी लिया जा सकता है। यही एक सच्चाई है…

बस ऐसा ही कुछ हुआ मेरे साथ, दूसरों का अच्छा करते-करते, मेरे कब कठोर दुश्मन बन गए, पता नहीं चला।

जब मुझ पर हमला हुआ तो बहुत लोगों ने देखा, पर मदद को कोई आगे नहीं बढ़ा, क्योंकि सबको डर था, जो आगे बढ़ेगा, उसका भी यही हश्र होगा।

फिर वो लोग, मुझे अधमरा यहाँ छोड़ गए, इन सबका भोजन बनने।

चलिए ठकराल जी, मैं आपको hospital ले चलूँ…

आप यहाँ आए, बहुत मेहरबानी, पर आप को बहुत देर हो गई… बस इतनी मेहरबानी कर दीजिए कि मेरी हवेली बिकवाकर उससे मेरा अंतिम संस्कार मेरे पूर्वजों के स्थान पर करवा दीजिए और बचे हुए पैसे स्कूल को दान कर दीजिएगा।

इसके साथ ही उन्होंने मेरे सामने दम तोड़ दिया, शायद उन्हें मेरा ही इंतज़ार था।

अभी उनका अंतिम संस्कार अपने पैसों से कर के आ रहा हूँ।

साथ ही उनकी हवेली की बोली भी लगवा कर आ रहा हूं।

हवेली खरीदने के लिए बहुत लोगों की भीड़ थी, उनके दुश्मन भी और उनके द्वारा मदद किए गए लोग भी…

पर जिस आदमी ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों को समर्पित कर दी, उसके लिए आखिरी पल में कोई नहीं था। एक हाथ नही आगे बढ़ा। किसी ने नहीं सोचा कि जिसने सबके लिए इतना किया, उसका ऐसा अंत ना हो…

यह दुनिया बेहद स्वार्थी है, जब तक कोई करता रहेगा, दूसरे करवाते रहेंगे, पर यह बिना माने कि कोई उनके लिए अनवरत कर रहा है, वो उसे for granted लेंगे और जब उसे आवश्यकता होगी तो दूसरे कुछ करेंगे कि नहीं, यह भी कोई ज़रूरी नहीं है। यह एक सच्चाई है और बहुत ही कटु है।

जो आपके लिए कर रहा है उसे as a respectful person लें, for granted नहीं, वो हाथ छूट गया तो ज़िंदगी बहुत कठीन हो जाएगी।

बेटी, मैंने सोचा है कि ठकराल जी के पैसे स्कूल में नहीं दूंगा, बल्कि उसकी एक ठकराल जी के नाम से FD बनवाऊंगा और जिस किसी को उसकी आवश्यकता होगी, उसे दूंगा, पर शर्त सिर्फ इतनी होगी कि बिना interest के पैसा मिलेगा, जिसे समय अवधि के साथ वापस करना होगा। साथ ही उसे दो लोगों की मदद करनी होगी, और आगे भी दूसरों को यही करना होगा। और जो FD के पैसे लेगा, उसे ठकराल जी की फोटो को अपने घर पर लगानी होगी और अपने बच्चों को ठकराल जी से गुणों को बता कर उनके जैसा बनने को कहें। 

पर बाबा, जो ऐसा नहीं करेगा, उसका क्या?

जो ऐसा नहीं करेगा, उससे दुगना पैसा वसूल किया जाएगा और इसमें कोई रियायत नहीं बरती जाएगी।

इससे ठकराल जी का नाम और उनकी अच्छाईयां दुनिया में कायम रहेगी…

बाबा, जो काम ठकराल जी जीवित रहकर नहीं कर पाए, वो आप उनके नाम पर कर देंगे। सही है इससे ठकराल जी की अच्छाईयां और नाम दुनिया में कायम रहेगा।

और जो कटु सत्य है, वो सुखद सच्चाई में बदल जाएगी…