आप को पता ही होगा, भारत में मुख्यतः हिन्दू धर्म में हर देवी, देवता के वाहन कोई न कोई पशु या पक्षी हैं।
पर किस देवी-देवता के कौन से वाहन हैं और क्यों? और उन वाहन के क्या नाम हैं?
क्या आप जानते हैं कि क्या नाम है?
चलिए नवरात्रि चल रही है तो आज दुर्गा माता के वाहन के विषय में ही जानते हैं।
माता रानी का वाहन शेर है, यह तो सब जानते हैं। पर क्यों?
इसके पीछे भी एक कथा है...
माता रानी का शेर
यह तो आप सभी को पता होगा ही कि माँ के नौ रूप पार्वती माता के ही हैं। या यूँ कहें कि जब-जब देवताओं या धरती पर संकट के बादल छाए, अर्थात् जब-जब दुष्टों का या राक्षसों ने विनाश का तांडव किया, माँ पार्वती ने उनके दमन के लिए माता रानी के नौ रूप धारण किए।
चलिए, तो उस कथा में आगे बढ़ते हैं, जहाँ माता रानी ने शेर को अपने वाहन के रूप में चुना…
The Legendary Story :
माता रानी किसी बात पर महादेव से रुष्ट हो गई थी और चंचल वन गईं तपस्या करने। वो तपस्या में लीन थीं कि एक बड़ा-सा शेर आ गया, माँ का शिकार करने...
जब वो माँ के निकट पहुंचा तो माँ को लगा कि वो शेर उनकी शरण में आया है तो उन्होंने उस पर असीम स्नेह निछावर कर दिया।
शेर माँ के स्नेह को पाकर गदगद हो गया और वो माँ की रक्षा करने के लिए तत्पर हो गया।
मातारानी जब तक तपस्या करती रहीं, एक अनन्य भक्त के समान, शेर उनके निकट ही रहा और उनकी सब तरह से रक्षा करता रहा।
तपस्या पूर्ण करने के पश्चात्, जब माँ वापस कैलाश लौटी तो उनका क्रोध शांत हो चुका था, उन्होंने शिव जी को शेर के विषय में सब बताया।
महादेव भी शेर की भक्ति से अति प्रसन्न हुए और उन्होंने प्रसन्न होकर शेर का नाम रखा, सोमनंदी...
माता दुर्गा के शेर का कोई विशिष्ट नाम नहीं है, लेकिन इसे अक्सर "सिंह" या "सोम नंदी" कहा जाता है। शेर को माँ दुर्गा का वाहन माना जाता है और यह शक्ति, साहस, और आत्मविश्वास का प्रतीक है।
जय माँ दुर्गा 🙏🏻🚩
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