Thursday, 29 April 2021

Story of Life : परिवर्तन

 परिवर्तन




रणबीर ने कृतिका से कहा, माँ- पापा जी इस बार सिर्फ एक हफ्ते के लिए, साथ में रहने को आ रहें हैं। 

Please, सिर्फ एक हफ्ते की बात है, adjust कर लेना, फिर तुम जैसा कहोगी, मैं वो कर दूंगा।

हाँ-हाँ, तुम चिंता मत करो, इस बार पिछली बार जैसा कुछ नहीं होगा। 

मैंने कल की छुट्टी भी ले ली है। 

अगली सुबह रणबीर, अपने माँ-पापा जी को लेने चला गया।

उधर रणबीर के पापा राजेश अपनी पत्नी संजना से कह रहे थे। लगता है बहू का पिछले साल का व्यवहार तुम भूल गयी हो? 

ना ढंग से वो बोलती थी, ना कुछ काम करती थी। और एक तुम हो कि फिर चल दीं।

क्या करूं, बेटे का मोह खिंच ले जाता है, अबकी बार एक हफ्ते ही तो रुक रहें हैं, थोड़ा adjust आप भी कर लीजिएगा। संजना, गहरी सांस लेते हुए बोली।

रणबीर समय से पहुंच गया था, और सब जब घर पहुंचे तो, कृतिका पहले से तैयार थी। घर भी व्यवस्थित था। साथ ही kitchen से राजेश जी की पसंद के नाश्ते की खुशबू आ रही थी।

यह सब देख कर रणबीर खुश हो गया।

पूरे हफ्ते ही कृतिका ने दोनों का बहुत ध्यान रखा। उनके खाने-पीने का, उनके मान-सम्मान के साथ वो सब ही किया, जो उन्हें पसंद था।

सुबह सुबह भजन लगा देती। सब मिलकर प्राणायाम करते।

संजना जी से खूब सारी Recipe सीखी।

उन लोगों की मनपसंद की फिल्में download कर के घर में Home theater system लगाकर, popcorn, chips के साथ, घर में ही cinema hall जैसा माहौल बना दिया।

फिर सबने मिलकर movie देखी। उस दिन तो राजेश जी इतने खुश हुए कि उन्होंने कृतिका से बोल ही दिया, मुझे तुम से अच्छी बहू नहीं मिल सकती थी।

एक हफ्ते कब निकल गये, पता ही नहीं चला।

जब राजेश और संजना सामान pack कर रहे थे तो, कृतिका, रणबीर के साथ पहुंची और कहने लगी, इस बार आप लोगों को मुझसे कोई शिकायत तो नहीं है?

दोनों एक स्वर में बोले, नहीं बिटिया..... इस बार हम बहू के साथ नहीं बेटी के साथ रहें हैं। तुम्हें जितना आशीर्वाद दें, वो कम है।

वो बोली, मेरे भाई की पिछले साल शादी हुई थी और मेरी भाभी ने मेरे माँ-पापा के साथ वैसा ही व्यवहार किया, जैसा मैं आपके साथ करती थी। जिससे मेरे मम्मी पापा बहुत दुःखी हो गये।

उन्हें ऐसा देखकर, मुझे समझ आया कि मैं कितना गलत कर रही थी आप लोगों के साथ।

मुझे माफ़ कर दीजिए, पिछली बार के लिए। आगे से आप को अपनी यही बेटी मिलेगी। 

तुम्हारे इस बार के व्यवहार से हम पिछला सब भूल गए हैं और हाँ कुछ ग़लत हम भी थे और हमने कुछ आशाएं भी ज्यादा लगा ली थी। उसके लिए हमें भी माफ़ कर देना।

कैसी बात कर रहे हैं, आप लोग? 

मैं तो छोटी हूँ, और आप हमारे माँ-पापा। 

अगर आप लोगों ने मुझे माफ़ कर दिया है तो हमेशा के लिए यहीं रुक जाएं।

हम, सब सामान के साथ जल्दी आएंगे, भगवान तुम्हारे माँ-पापा को भी जल्दी सुखी बनाएं। और ढेरों आशीर्वाद देकर चले गए।

रणबीर, को कृतिका का परिवर्तन दिल छू गया। उसने ईश्वर को धन्यवाद दिया और कहा कि हे ईश्वर, कृतिका की भाभी में भी जल्दी परिवर्तन आए।

Wednesday, 28 April 2021

Short Story : दर्द का एहसास


 दर्द का एहसास 




कमला के बहुत मना करने के बाद भी रमेश, बिना मास्क लगाए घर से निकल गया।

पर अभी आधा घंटा भी नहीं हुआ था कि करहाते हुए घर लौट आया।

रमेश के पैर और हाथ में नील के निशान थे। कमला फ़ौरन से कपड़े में बर्फ रखकर दौड़ी आई।

कमला ने सिकाई शुरू कर दी थी और रमेश बोले जा रहा था।

यह पुलिस वाले भी, कोई दया धरम नहीं है इन लोगों में।

गला सूख रहा था, सोचा था, एक बोतल मिल जाएगी तो चार दिन निकल जाएंगे।

वो तो लेने नहीं दी और बेदर्दी से ऐसे मारा है, जैसे कोई जानवर को भी नहीं मारता है।

मरहम लगा दूं, कुछ आराम आ जाएगा, कमला धीरे से बोली......

आई बड़ी मरहम लगाने वाली.... तू क्या जाने दर्द के एहसास को...

कमला दबे शब्दों में बोली, अब नहीं होता दर्द का एहसास, आदत पड़ चुकी है..... 

सर से पांव तक नील ही तो थी उसके शरीर में......


Tuesday, 27 April 2021

Poem : हनुमान जी हैं गुणी बहुत

हनुमान जी हैं गुणी बहुत



हनुमान जी हैं गुणी बहुत

हैं वो प्रबल अपार

आइए उनके गुणों से सीखें

कैसे जीतें सकल संसार 


सीखने की थी ललक बहुत

तभी वो सीखे हैं अपार

विद्वान है वही 

जो सीखे अपरम्पार 


 कार्य कुशलता में पारंगत

कभी ना की आलस से संगत 

जो हो काज करन को आतुर

वही हो कार्य कुशल में चातुर 


निर्भीक हैं वो बहुत

साहस है उनमें अपार 

जो हरपल रहे निडर

उससे, कठिन समय जाए हार  


दूरदर्शिता उनमें समाई 

सुग्रीव विभीषण से मैत्री करवाई

जिसमें होता है यह गुण 

उसने विश्व में सफलता पाई 


बल है उनमें प्रबल 

गर्व नहीं है लेश

मान उनका सब करें

बृह्मा, विष्णु, महेश


हनुमान जी के गुणों को

जिसने कर लिया आत्मसात

सकल काज उसके संवरे 

श्रीहरि स्वयं रहे उसके साथ


हे संकट मोचन, संकट हरो, 

कृपा का रखो हाथ

विपदा सारी टले,  

सदा रहो हमारे साथ🙏🏻🕉️


जय बजरंग बली 🙏🏻🕉️



Monday, 26 April 2021

Article : यादें

 यादें 



जीवन में कुछ पल हमें बहुत कुछ दे जाते हैं और कुछ हम से बहुत कुछ छीन भी लेते हैं, हमारे पास रह जाती हैं तो बस यादें।

पर अगर आप सोचेंगे तो, आप पाएंगे कि यादें ही हैं जो नश्वर हैं। बाकी दुनिया में सब, कुछ समय के साथ नष्ट हो जाता है।

जीवन तो सबको ही जीना है, चाहे हंसकर जिएं या रोकर, जीवन तो कट ही जाना है। पर अमर वो हो जाते हैं, जो विशेष होते हैं....

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो ममता और स्नेह से परिपूर्ण, सेवा और समर्पण की मूरत,  शक्ति स्वरूप, जो किसी भी कठिन परिस्थिति में संयमित रहकर हर कार्य में सफलता प्राप्त करने वाले होते हैं।

ईश्वर में आस्था और पूरा जीवन कर्तव्य परायण से जीते हैं।

ऐसे लोग नश्वर संसार से विदा होकर भी हमेशा हम सब में समाए रहते हैं, संस्कार बनकर, हमारा संसार बनकर, आशीर्वाद बनकर।

साथ ही जो व्यक्ति ज़िंदादिल हो, सब की मदद करने को तत्पर हो और हर अवस्था में प्रसन्न रहने वाले हो।

जिंदगी में आने वाले ऊपर नीचे पड़ाव से, जो विचलित ना हो, दुखी, परेशान हताश नहीं हो हरपल को भरपूर जीता हो। ऐसे लोगों का जीवन सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है। 

ऐसे लोग इस नश्वर संसार से विदा लेने के बाद में भी सबके दिलों दिमाग में बसे रहते हैं। वो हमेशा हम सबके बीच में अमिट याद बनकर, आशीर्वाद बनकर ऐसे रहते हैं, जैसे साथ ही हों।

साथ ही जीवन से जुड़ी रहती है, उनकी यह सीख कि जीवन में प्रसन्नता पूर्वक संघर्ष करो और हर परिस्थिति को अपने अनुसार बना लो।

ऐसे ही दो महान आत्माएं, हमारी जिंदगी में शामिल थीं। 

पर इस सप्ताहांत में दोनों ही इस नश्वर संसार से विदा होकर ईश्वर में समाहित हो गये....

अब हमारे पास शेष हैं तो उनकी अमिट यादें, सीख, जीवन का सही अर्थ, संस्कार, आशीर्वाद......

आदरणीय परम पूज्यनीया नानी जी व परम पूज्यनीय संत मामाजी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि 💐💐🙏🏻🙏🏻🕉️🕉️

Friday, 23 April 2021

Article : Election आखिर क्यों?

 Election आखिर क्यों?



मैं BJP सरकार की बहुत बड़ी supporter हूँ। क्योंकि यही एक ऐसी सरकार है, जिसने निज हित से पहले देश के लिए सोचा है।

एक से एक महान कार्य किए - 

राम मंदिर

370 article 

3 तलाक 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ 

राफेल

घर घर गैस सिलेंडर पहुंचाना

गांवों का विकास 

Lockdown

Safety के  लिए exam रद्द

हिन्दुत्व को प्रोत्साहन, आदि......

बहुत से महान किए हैं।

तब election को लेकर आखिर क्यों, मोदी जी, इतने निर्मोही हो गये?

क्यों उन्हें नहीं दिख रहा है खूनी मंजर।

जिसकी भी election में duty लग रही है, हरेक corona की चपेट में आ रहा है। कितनों का तो जीवन भी शेष हो जा रहा है।

आखिर क्यों है election जरुरी, जीवन से भी ज्यादा?

जब इतने बड़े बड़े कार्यों को रोक दिया गया है या online शुरू कर दिया है, तो election के लिए इतना हड़बड़ी क्यों?

क्या उसे चंद दिनों के लिए स्थगित नहीं किया जा सकता है।

या उसके लिए कोई online type arrangment नहीं किया जा सकता है?

क्यों election में duty देने वालों और vote देने जाने वालों के जीवन से खेला जा रहा है? मेरी समझ से यह सब परे है।

मोदी जी, आप का देशवासियों के लिए प्रेम, देखते हुए आप से अनुरोध है कि इस आकरण संकट को समाप्त करें। 

चाहे तो election स्थगित कर दीजिए, अन्यथा online type arrangment करवा दिया जाए।

प्रजा होगी, तभी राजा रहेगा। वरना लाशों के ढेर पर तो सत्ता भी नहीं चलेगी।

भारत, बहुत उम्मीद से BJP को सत्ता में लेकर आया है, बहुत से कार्यों में यह सिद्ध भी हुआ है। तो बाकी कार्यों में भी यह ध्यान में रखा जाए, ऐसा निवेदन है।

Thursday, 22 April 2021

Poem: पृथ्वी दिवस

पृथ्वी दिवस



जिंदगी रुकी रुकी हमारी,

पर वक्त बदलता जाता है।

एक-एक करके हर,

त्यौहार निकलता जाता है।।


जी रहे थे, इस गुमान में,

सब है हमारी मुट्ठी में।

हर क्षण पता यह चलता है,

सब रेत सा फिसलता जाता है।।


धरा है कितनी सुंदर,

जिसने कितना कुछ है दिया।

अतिशय पाने की कामना में,

इंसान ने सब कुछ तबाह किया।।


काटे वृक्ष, नदियाँ पाटी,

हरियाली को मिटा दिया।

कंक्रीट की दुनिया की खातिर,

सब कुछ ही स्वाहा किया।।


जिसकी जो तासीर है,

वो, वही तो देता है।

कंक्रीट की दुनिया,

सबको पत्थर बना देता है।।


इस महामारी ने शायद,

तुमको कुछ बताया हो?

है प्राणवायु कितनी आवश्यक,

तुमको समझ में आया हो?


अब तो समझो सपूत मेरे,

अब तो कुछ ध्यान दो।

धरा हो हरी-भरी,

इसके लिए योगदान दो।।


करो वृक्षारोपण,

ना हो नदियों का शोषण।

जीवन है केवल इससे,

हो हरियाली का प्रत्यारोपण ।।


आओ हम सब मिलकर,

जीवन को सुखमय बनाए।

पृथ्वी दिवस पर हम सब, 

एक-एक वृक्ष लगाएं।।


Happy Earth Day to all of you🌍


Wednesday, 21 April 2021

Poem : श्री राम जय राम जय जय राम

 आज आप सब के साथ मुझे आगरा की उत्कृष्ट साहित्यकार व संस्कृत और हिन्दी की प्रकांड विद्वान श्रीमती गीता लाल जी की कविता को साझा करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है।

प्रभु श्रीराम जी के जन्मोत्सव, रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻🌹💐🕉️

प्रभु श्रीराम जी, कोरोना रूपी महामारी से हम सभी की रक्षा करें।

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत....🙏🏻🕉️


अपनी कविता के माध्यम से गीता जी ने, भगवान श्रीराम जी के अवतरण व प्रभु श्रीराम जी की महानता से जुड़े कुछ क्षणों का बखूबी वर्णन किया है। आइए, हम सब उनके साथ प्रभु श्रीराम जी की भक्ति में लीन होकर, कविता का आनन्द लें।


श्री राम जय राम जय जय राम




दिग् दिगंत में गुंजारित 

हो रहा राम का यशगान,

श्री दशरथ, माँ कौशल्या के, 

राजप्रसाद में, अवतरित हुए श्री राम।


तिथि थी नवमी, मास था

 मधुमास का, प्रकृति का वरदान।

सहज सुन्दर सुभग श्यामल 

अति सौन्दर्यवान थे, प्रभु श्रीराम।


थे पूर्ण पुरुष, सत्य सनातन, 

परम मर्यादित, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम।

अति करुणावान थे प्रभु, 

परम कृपा निधान, 


तभी तो जग में, 

कहलाए 

भक्त वत्सल, 

शरणागत वत्सल श्री राम।


शबरी के उच्छिष्ट बेर, 

खाकर दिया था, 

भक्ति मुक्ति का दान।


पति से शापित अहिल्या का, 

चरण कमल स्पर्शित करा, 

किया कल्याण।


रावण प्रताड़ित विभीषण को 

शरण देकर, दिया अभय दान।

राजतिलक कर, लंकेश संबोधित कर,

 उसका बढ़ाया मान।


आदर्श पुत्र थे, शासक आदर्श, 

न्याय प्रिय थे परम महान,

 श्री राम के न्याय का 

करते सभी बखान।


राम नाम है अति पावन, 

अभिमत फलदाता, 

उल्टा राम नाम जपते जपते, 

वाल्मीकि बने, आदि कवि महान।


सकल सुमंगल दायक,

 श्री रधुनायक श्री राम।

जय श्री राम जय श्री राम, 

नहीं उनके कोई समान।


जय श्री राम जय श्री राम, 

राम राम श्री राम।

Tuesday, 20 April 2021

Article : SAIL, The India's Pride

SAIL, The India's  Pride



आज का हमारा यह article समर्पित है, हमारे देश भारत की एक महारत्न company, SAIL (Steel Authority of India Limited) को।

यह article इसलिए नहीं लिखा है कि मैं SAIL family member हूँ। बल्कि इसलिए लिखा है क्योंकि, यह company deserve करती है, कि इसके द्वारा किए जा रहे महान कार्यों के बारे में पूरी दुनिया को पता चले।

TATA, Reliance, Patanjali, etc......जैसी बड़ी companies, जब भी कोई social welfare related काम करते हैं तो उनकी बड़ी-बड़ी News का प्रचार व प्रसार सर्वत्र कर दिया जाता है। जिससे सारी दुनिया उन्हें महान समझने लगती है।

जो महान कार्य करें, उसे महानता का तमगा हासिल भी होना चाहिए।

पर सिर्फ private companies को ही क्यों? Government and PSU companies को क्यों नहीं?

हमारी SAIL तो हमेशा से ही, इन सब से बहुत ज्यादा social welfare करती रहती है।

कितने ही पिछड़े पूरे गांव के गांव को गोद लेकर उनका विकास कर दिया।

गरीबों को free medication, education etc... provide करती है।

पिछले साल covid pandemic की starting से SAIL सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस बीमारी से लड़ रहा है। Company ने PM CARES FUND में  30 करोड़ रुपए का योगदान दिया था। साथ ही employees ने भी fund में अपने एक दिन की salary, donate की थी। जिसका amount 9 करोड़ रूपए थे। 

इस साल, oxygen की crisis को कम करने के लिए, Tata 200 to 300 ton daily provide कर रही है। वहीं reliance 100 ton, Maharashtra को और 60 ton Indore को provide कर चुकी है।

यह सबको पता है, इसका डंका बजाया जा चुका है। सब ओर इनकी वाहवाही भी हो रही है

पर आप को पता है कि SAIL देश के लिए कितना oxygen provide कर रही है?

चलिए हम बताते हैं आपको,

 COVID-19 cases मे तेजी के आने पर, SAIL अपने steel plants से Liquid Medical Oxygen (LMO) आपूर्ति करके देश की सेवा कर रहा है। SAIL बोकारो (झारखंड), भिलाई (छत्तीसगढ़), राउरकेला (ओडिशा), दुर्गापुर और बर्नपुर (पश्चिम बंगाल) में स्थित अपने steel plants से 33,300 टन से अधिक oxygen की आपूर्ति कर चुका है। SAIL अपने स्वयं के उपभोग में कटौती की कीमत पर भी देश की आवश्यकता के अनुसार LMO की आपूर्ति करने के लिए  committed है। 

हमें गर्व होना चाहिए, SAIL जैसी महारत्न company पर, जिसकी प्राथमिकता में देश और देशवासी सदैव हैं, जिसके लिए यह बिना किसी प्रचार और प्रसार की चाह के अनवरत कार्य कर रही है.....

Monday, 19 April 2021

Story of Life : समग्र

समग्र



साहिल और गरिमा के विवाह हुए दो साल हो गए थे। दोनों एक-दूसरे के पूरक थे। 

दोनों में बहुत अधिक प्रेम था। दो साल कब व्यतीत हो गये, पता ही नहीं चला।

पर अब घर में सभी कहने लगे थे, कि उन्हें परिवार बढ़ाना चाहिए।

घर वालों की इच्छा से उन्होंने भी सोचा कि अब वो समय आ गया है, जब उनकी बगिया में फूल खिलने चाहिए।

ईश्वर की कृपा से उनके घर बहुत सुंदर पुत्र का जन्म हुआ।

उसके आने से उनके जीवन में सम्पूर्णता आ गई थी, तो उन्होंने बड़े प्यार से उसका नाम समग्र रखा।

समग्र जब थोड़ा बड़ा हुआ तो उन्हें एहसास हुआ कि, समग्र समान्य बच्चों सा नहीं था। वह उनसे भिन्न था।

वह उन बातों को देर से समझता था, जिससे बाकी बच्चे बहुत जल्दी समझ जाते थे।

साहिल और गरिमा को बहुत दुःख हुआ कि समग्र अन्य बच्चों से अलग था।

उनके पड़ोस में रहने वाला अनिल, साहिल की सफलताओं से बहुत चिढ़ता था। जब उसे समग्र के विषय में पता चला तो वह बहुत खुश हुआ।

वो आए दिन, साहिल को नीचा दिखाने के लिए कहता, समग्र नाम रखने से कोई सम्पूर्ण नहीं हो जाता है।

हमारे रोहन को देखना, यह नाम रोशन करेगा हमारा।

साहिल यह सुन सुनकर अन्दर से टूटता जा रहा था।

गरिमा से यह देखा नहीं जा रहा था, उसने साहिल से कहा कि मैं अपनी नौकरी छोड़ रही हूँ। 

पर तुम नौकरी क्यों छोड़ना चाह रही हो? साहिल ने बड़े आश्चर्य से पूछा।

जिससे तुम पूरी तरह से अपने काम में focus कर सको। और मैं अपने बच्चे को सम्पूर्ण बना सकूं, जिससे हमारा समग्र सबके लिए मिसाल बन जाए।

साहिल तुम, एक काम करो, कि कहीं और घर देख लो, जिससे हमें अनिल जैसे दुष्ट लोगों का सामना ना करना पड़े।

साहिल को आज गरिमा के अन्दर गजब का आत्मविश्वास दिख रहा था। उसने तुरंत ही दूसरा घर ढूंढना शुरू कर दिया। जल्द ही उन्हें अच्छा घर मिल गया।

गरिमा ने अपनी नौकरी छोड़ दी और दिन रात समग्र के सम्पूर्ण विकास के लिए प्रयासरत हो गई। उसने समग्र की home schooling start कर दी।

धीरे धीरे, गरिमा ने समझा कि उसका बेटा बहुत सुंदर drawing बनाता है।

गरिमा ने पढ़ाई के साथ ही साथ उसके drawing के शौक को बेहद बढ़ावा देना आरंभ कर दिया।

समग्र की सफलता ने, साहिल को प्रेरित किया। अब जहाँ कहीं drawing competition होता,  वो समग्र को ले जाता।

लोग कहते कि, यह यहाँ fit नहीं होगा। तो साहिल कहता, आप इसे बनाने दें। ‌ आप को अच्छी ना लगे तो आप compition के लिए मत लीजिएगा।

साहिल पर अब लोगों की दिल तोड़ने वाली बातों से असर नहीं होता था।

जितने भी लोग उल्टी-सीधी बातें करते थे, समग्र की drawing complete हो जाने के बाद अपने दांतों तले उंगलियाँ दबा लेते थे।

गरिमा और साहिल की मेहनत रंग लाने लगी थी, समग्र को हर जगह प्रथम स्थान प्राप्त होने लगा था। जिससे समग्र के अन्दर गजब का confidence आने लगा था।

समग्र बांका जवान हो चुका था। उसका ऊंचा लम्बा कद और गौर वर्ण, सबको अपनी ओर आकर्षित करता था।

उन्होंने उसे धीरे धीरे यह भी सिखाना प्रारंभ कर दिया, कि वह अकेले ही मेट्रो से आना जाना कर सके, दुकान से सामान खरीद सकें। या यूं कहें कि, उन्होंने समग्र को स्वाबलंबी बनाना प्रारंभ कर दिया।

इसमें उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ी, बहुत सुनना पड़ा, पर वो थके नहीं, हारे नहीं।

एक दिन अमेरिका से समग्र के लिए एक offer आया कि वो एक book publish कर रहे हैं। 

यह book, differently able लोग  ही पूरा करेंगे। उनका कहना था कि वो, सबके सामने यह सिद्ध करना चाहते हैं कि कोई भी असमान्य नहीं है। अगर सही मार्गदर्शन और मौका मिले तो कोई भी सफलता प्राप्त कर सकता है।

समग्र ने उस book के लिए अपने drawing and animation भेजें। 

किसी ने story भेजी, किसी ने book compilation का काम किया।

जब book publish होकर आयी, तो उसकी सब जगह धूम मच गई।

वो इतनी अच्छी थी कि कोई यकीन ही नहीं कर पा रहा था कि इसे पीछे ऐसे मेहनती लोगों का हाथ था। जिनको दुनिया ने कभी समान्य भी नहीं समझा था।

आज समग्र के लिए press conference रखी गई थी।

उस press conference में अनिल भी आया था और वो सबसे कहता घूम रहा था कि यह बच्चा शुरू से ही बड़ा होनहार था। मैंने पहले ही साहिल को बोल दिया कि समग्र एक दिन पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन करेगा।

मैं तो अपने रोहन से भी कहता हूँ, कुछ सीख समग्र से।

साहिल यह सुनकर, बहुत प्यार से गरिमा को देख रहा था और गरिमा बहुत गर्व से समग्र को देख रही थी।

हर दूसरे newspaper में समग्र का interview छपा था। 

समग्र के लिए, बड़ी बड़ी companies से job के offer आ रहे थे।

आज गरिमा और साहिल का अथक परिश्रम सार्थक हो गया था, उनके समग्र ने अपना नाम सिद्ध कर दिया था। 

Sunday, 18 April 2021

Gratitude

Gratitude


18 April, 2018... The day when Shades of Life started as an individual... And today, 18 April, 2021... So much has changed in these 3 years. We are now a large family spread worldwide.

In the last year, my solitary pen was joined by many people to grow into a whole bouquet of ideas.

And so did the viewer count of the blog grow, in these 3 years. From ones to hundreds, to thousands and now has grown to a 92,000+ family.

The enthusiastic participation of

Ms. Gita Lal

Ms. Urmila Mehta

Ms. Kiran More

Ms. Nimisha Shrivastava

Mr. Abhayshwar Sahai

Ms. Jayshree Shrivastava

Mr. Yogesh Pratap Singh

Ms. Sanchita Gupta 

Ms. Manju Saraogi Manjari

Mr. Ashok Ranga

Ms. Rashmi Shrivastava

Maj. Nitin Tiwari

Mr. Laxmi Narayan Verma 'Manav'

Ms. Ritu Shrivastava

Ms. Manju Saraogi Manjari

Ms. Nupur Sahai

Mr. Param Sahai

Ms. Advika Sahai

Advay Sahai

Ms. Bhavna Sharma

Mr. Narendrapal Jain

Mr. Dinesh Sen 'Shubh'

Mr. Vinay Kumar Mishra

Mr. Ram Sharma 'Parinda'

Mr. Chagan Lal Garg

had their share in the aforementioned growth.  This shows how Shades of Life is not just a blog, but a platform for the expression of thoughts, ideas, various arts and beliefs.




The viewers grew from India to

United States of America
Portugal, 
United Kingdom
Canada, 
Germany, 
Australia, 
United Arab Emirates 
South Africa,
Philippines, 
Peru, 
Sweden, 
Russia, 
Ukraine, 
Pakistan, 
Nepal, 
Malaysia, 
Singapore,
Japan,
Chile,
Argentina,
Netherlands,
Botswana,
Uruguay,
Spain,
Israel,
Lebanon, 
Suriname,
New Zealand,
Kenya,
Mauritius
Srilanka,
Bangladesh and others... 


All of this has shown that Shades of Life has been capable and would always be capable of spreading love, peace, harmony, contiguity and happiness; which is being supported by the Almighty. And the whole family of Shades of Life – be it me or you – as a unit has this motto & would spread this to every corner of the world.

A big cordial thanks to all the members of the Shades of life family.


This platform was yours,

And will stay so forever.

With your embracement,

It'll keep growing forever.

Thanks to your love and support,

It will continue forever.

With your appreciation,

It glows worldwide;

And with your adorations, 

Will keep expending forever...


Thank You, once again.

आभार, बार बार......

आभार, बार बार....


एक बार फिर से वही दिन आया, जब से हमने आपका साथ और बहुत सारा प्यार पाया है। 

आज आपके Shades of Life को पूरे तीन साल हो गये हैं। 

विगत वर्ष से हम सभी कोरोनावायरस की महामारी से जूझ रहे हैं, इस कठिन समय में सबसे basic need थी proper food. 

जो कि veggies की कमी होने पर भी nutritious and tasty हो।

इसलिए हमने 23 March से 23 May तक, लगातार 47 recipe डाली थी, जिससे आप घर में ही स्वादिष्ट पकवान बना सकें। जिनके यह segments थे।


आप सब ने इसे बहुत पसंद किया था और सराहना भी की थी।

आप का प्यार, दिनों दिन दूना होता जा रहा है, यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है।

विगत वर्ष तक हमारी कलम अकेली थी। पर इस साल आप लोगों का साथ केवल viewers के role तक सीमित नहीं रहा, बनिस्बत आप में से कुछ लोगों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाएं भी साझा की हैं। और इस ही तरह कारवाँ बनता चला गया।

सुश्री गीता लाल 

सुश्री उर्मिला मेहता

सुश्री किरण मोर

सुश्री निमिषा श्रीवास्तव

श्री अभयेश्वर सहाय 

सुश्री जयश्री श्रीवास्तव

श्री योगेश प्रताप सिंह

सुश्री संचिता गुप्ता

सुश्री मंजू सरावगी मंजरी

श्री अशोक रंगा 

सुश्री रश्मि श्रीवास्तव

मेज़र नितिन तिवारी जी

श्री लक्ष्मी नारायण वर्मा 'मानव'

सुश्री ऋतु श्रीवास्तव 

सुश्री विदुषी सहाय

श्री परम सहाय

सुश्री अद्विका सहाय

 अद्वय सहाय

सुश्री भावना शर्मा

श्री नरेंद्रपाल जैन

श्री दिनेश सेन "शुभ"

श्री विनय कुमार मिश्रा

श्री राम शर्मा परिंदा

श्री छगन लाल गर्ग

आप सभी रचनाकारों का हृदय से अनेकानेक धन्यवाद!!

शीध्र ही आप सभी रचनाकारों को 

आगे भी आप सबसे अनुरोध है कि यह आप का मंच है, अतः आप आगे भी सभी segments के लिए, अपनी रचनाओं को साझा कर सकते हैं। 

shadesoflife18 में आप का ह्रदय से स्वागत है।

जहाँ साथ हो अपनों का, वहाँ हर्ष, आनंद और सुख की अनुभूति बढ़ ही जाती है।

आप सभी ने यह सिद्ध कर दिया है कि shades of life एक नाम नहीं है, बल्कि एक सशक्त मंच बन चुका है। जहाँ से विचारों की अभिव्यक्ति को जन जन तक पहुंचाया जा सकता है।

Shades of life का उद्देश्य है, सम्पूर्ण विश्व में, प्रेम, सौहार्द्र, सानिध्य और सुख का प्रचार करना।

ईश्वर की कृपा, सभी बड़ों के आशीर्वाद, आप सभी के साथ और प्रयास से सुचारू रूप से पूर्ण हो रहा है।

उसके लिए सभी का अनेकानेक आभार 🙏

आज पाठकों की संख्या पिछले साल 45,000 से बढ़कर 92,000+ हो गई है।  










जिसमें पाठककेवल India, के नहींअपितु   

  1.  United States of America
  2.  Portugal, 
  3. United Kingdom
  4. Canada, 
  5. Germany, 
  6. Australia, 
  7. United Arab Emirates 
  8. South Africa,
  9. Philippines, 
  10. Peru, 
  11. Sweden, 
  12. Russia, 
  13. Ukraine, 
  14. Pakistan, 
  15. Nepal, 
  16. Malaysia, 
  17. Singapore,
  18. Japan,
  19. Chile,
  20. Argentina,
  21. Netherlands,
  22. Botswana,
  23. Uruguay,
  24. Spain,
  25. Israel,
  26. Lebanon, 
  27. Suriname,
  28. New Zealand,
  29. Kenya,
  30. Mauritius
  31. Srilanka,
  32. Bangladesh and other .......   

जैसे विदेशों के पाठकभी हैं।


आप सभी का यह मंच है, इसके विस्तार और प्रसार का दायित्व भी सभी का है।

आप सभी का साथ और प्यार दिन दूना रात चौगुना बढ़ता ही जाए।

आपका है यह मंच,

आपका ही रहेगा।

आपके प्यार से,

दिनों दिन यह

बढ़ता भी रहेगा।

आपके आभारी हैं,

इस मान-प्यार के लिए,

यह सिलसिला यूं ही

चलता भी रहेगा।

मान पाकर आपका,

रोशन हुआ है विश्व में;

आप के साथ और स्नेह से,

यह और ज़्यादा

संवरता भी रहेगा।


एक बार पुनः आप सबका ह्रदय से अनेकानेक आभार!! 🙏🏻❤️

Saturday, 17 April 2021

Recipes : Fast special Recipes

आज कल नवरात्र के भक्ति पूर्ण दिवस चल रहे हैं,  जिसमें पूजा-अर्चना, हवन व्रत इत्यादि होता है।

यह हमारे तन मन को पवित्र कर देता है, जिससे हमारी आत्मिक शक्ति प्रबल हो जाती हैं। जो हमारे जीवन को सही दिशा प्रदान करती है।

हमने बहुत सारी Recipes, share की हैं, जिसमें कुछ authentic recipes हैं, जबकि कुछ नयी भी हैं।

आप अपने taste के according इन्हें  try कर सकते हैं। सभी एक से बढ़कर एक हैं। बहुत ही tasty and healthy भी।

Fast special Recipes




  1.  Sama rice and Sabudane ka Dosa
  2. Kaju Katli
  3.  Delhi's famous Spicy Potato chaat
  4.  Instant Milk Coconut Modak 
  5. Yellow pumpkin halwa 
  6.  Coconut Laddoo
  7. Instant Kalakand 
  8. Tomato punch 
  9. Aloo ki Tikki 
  10. Sabudane ki Khichdi 
  11. Falahari Dahi ke Sholay
  12. Falahari Doda Barfi
  13. Papite ka halwa 
  14. Sabudana Vada 
  15. Paneer ki Kheer 
  16. Kuttu ka dosa

इन सभी की recipes के लिए आप लिखे हुए नाम पर click करेंगे, तो आप को पूरी Recipe दिख जाएंगी।

तो आज से ही try कीजिए और नवरात्र पर्व का हर दिन special बनाएं।

Thursday, 15 April 2021

Article : कोरोना का वार, बच्चे हो रहे शिकार

कोरोना का वार, बच्चे हो रहे शिकार



Corona virus, हमारे जीवन में इस कदर हावी हो गया कि जीवन का स्वरूप ही बदल गया।

ना कहीं जा पा रहे हैं, ना ही किसी अपने से मिल पा रहे हैं।

दूर तक सिर्फ अवसाद ही अवसाद है।

पिछले साल, लोगों ने सभी तरह के protocol follow किए थे लेकिन इस साल, सभी त्रस्त हो चुके हैं। 

अतः यह जानते हुए भी कि corona virus बहुत dangerous है, बहुत कम लोग ही protocol follow कर रहे हैं।

जिसका ही यह नतीजा है कि कोरोनावायरस के बहुत तेजी से और बहुत ज्यादा cases बढ़ रहें हैं।

पर आप की जानकारी के लिए बता दें कि corona पिछली बार से ज्यादा खतरनाक आया है।

यह ख़तरनाक इसलिए और भी ज्यादा है, क्योंकि इस बार इससे बच्चे अधिक बीमार हो रहे हैं। साथ ही यह जानलेवा भी साबित हो रहा है।

बच्चों के लिए अभी तक vaccination भी नहीं आया है।

लेकिन एक बात अच्छी है कि हम बच्चों को ज्यादा आसानी से घर तक सीमित रख सकते हैं। सभी जगह online classes चल रही है तो उनका भविष्य भी बर्बाद नहीं हो रहा है।

उन्हें घर में रहने से अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव नहीं पड़ता है।

अतः आप सबसे निवेदन है कि कृपया बच्चों को घर में रखें, वो व्यर्थ में बाहर ना निकलें।

उनके लिए, अपने व्यस्त जीवन से कुछ समय निकालें, उनके साथ समय व्यतीत करें। जिससे उन्हें घर में रहना पसंद आए।

आप को डराने या भ्रम फैलाने के लिए यह article नहीं है। बल्कि आप सुरक्षित रहें, सचेत रहें और स्वस्थ रहें, बस यही उद्देश्य है।

हे ईश्वर आप हम सभी की रक्षा करें, हम सभी सुरक्षित रहें, स्वस्थ व चिरायु रहें व प्रसन्न रहें।

आप अपनी विशेष कृपा बनाए रखें 🙏🏻

आप सबसे अनुरोध है, कृपया सभी कोरोनावायरस के सभी protocol follow करें, जिससे यह कठिन समय भी सरलता से निकल जाए ....

वक्त कब रुका है, 

जो यह रुक पायेगा।

थोड़ा सब्र कर लें

यह भी गुजर जाएगा।।


घर में रहें, स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें


Wednesday, 14 April 2021

Article: अंबेडकर जी को श्रद्धांजलि

अंबेडकर जी को श्रद्धांजलि




आज बाबा साहेब अंबेडकर जी का जन्मदिवस है, उनको कोटि कोटि नमन!

भारत की आज़ादी के बाद नवभारत का निर्माण किया जा रहा था।

उस समय भीमराव अम्बेडकर जी ने भारत का constitution बनाने में बहुत बड़ा सहयोग दिया था।

समाज के विकास के लिए छुआछूत व भेदभाव को खत्म करने के लिए, कुछ पिछड़ी व मजबूर जातियों के लिए संविधान में दस साल के लिए आरक्षण का प्रावधान भी रखा गया था। । जिससे उन्हे भी समाज में समान स्थान प्राप्त हो सकें।

उनका यह प्रावधान सही सिद्ध हुआ, देश में पिछड़ी जातियों का पूर्णतया विकास हो गया।

अब आरक्षण केवल राजनैतिक मुद्दा बन कर रह गया है; क्योंकि जिस उद्देश्य के लिए यह प्रावधान बनाया गया था, वह तो कब का पूर्ण हो चुका है।

इस प्रावधान को लगभग 70 साल व्यतीत हो गये हैं। तब से कितना कुछ बदल गया है।

ना वैसी बोली रह गई है ना पहनावा, ना आचार वैसे हैं ना विचार, ना वैसी आवश्यकता रह गई है।

जब सब बदल गया है, तो आरक्षण क्यों नहीं?

दशकों से कुछ जाति विशेष को सतत् आरक्षण मिलता आ रहा है, जिससे अब वे जातियाँ ना पिछड़ी हुई रह गईं हैं ना ही मजबूर।

वहीं आरक्षण के कारण अन्य जातियाँ, योग्य होने के बावजूद धीरे धीरे पिछड़ती जा रही हैं, मजबूर होती जा रही हैं।

आज अगर बाबा अंबेडकर जी जीवित होते तो, वह अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए आरक्षण का स्वरूप बदल देते।

वो अब आरक्षण को जाति विशेष के लिए नहीं रखते, अपितु जिन्हें आवश्यकता होती, वो उन्हें संसाधन मुहैय्या कराते।

जिससे जो योग्य हैं, वे संसाधनों के अभाव में न पिछड़े और न ही मजबूर हों।

क्योंकि योग्यता पर घात, देश पर प्रतिघात है।
 
अम्बेडकर जी, सदैव भारत के विकास के लिए, अग्रसित रहते थे, वो अच्छे से जानते थे कि योग्यता ही किसी देश के विकास का द्योतक है।

क्या आज कोई भी बाबा साहेब अंबेडकर जी के देश के विकास के सपने को आगे नहीं बढ़ाएगा?

क्या आज कोई उनकी तरह दूरदर्शी नहीं है, जो आरक्षण को समाप्त कर के योग्यता पर घात करना समाप्त करा सके?

योग्यता, देश के विकास के लिए अति आवश्यक है। योग्य व्यक्ति को यदि भारत में उचित स्थान नहीं मिलता है, तो वह पलायन को मजबूर हो जाता है; जो कि किसी भी तरह से देश के लिए हितकर नहीं है।

आज उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि देश से आरक्षण सदा सदा के लिए समाप्त कर दिया जाए। 

सभी को कार्य योग्यता के आधार पर मिले; जिससे देश का सम्पूर्ण विकास हो सके व भारत सर्वश्रेष्ठ देश कहलाए।