Monday 22 February 2021

Article : पेट्रोल के बढ़ते दाम, जिम्मेदार कौन ?

 पेट्रोल के बढ़ते दाम, जिम्मेदार कौन ? 



बढ़ती हुई मंहगाई, हमेशा से समस्या का सबब रही है। पर साथ ही महंगाई का ना बढ़ना असम्भव है।

सदियों से सभी वस्तुओं के दाम बढ़ते ही रहे है। मूल्य का वृद्धिकरण, विकास का भी द्योतक है।

क्योंकि मंहगाई के साथ साथ हमारी आय की भी वृद्धि होती ही गई है।

पर दामों का बढ़ना, इतना भी अधिक नहीं होना चाहिए कि दम ही घुटने लगे।

अर्थव्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि सभी उसका वहन कर सकें।

जैसे आजकल हम लोगों की ज्वलंत समस्या बन गई है, पेट्रोल के अत्याधिक बढ़ते दाम।

आज इतने ज्यादा बढ़े हुए दाम से हर कोई परेशान है।

पर समस्या से भी बड़ा है यह प्रश्न, कि जिम्मेदार कौन?

आप का क्या सोचना है?

यह प्रश्न इसलिए इतना बड़ा हो गया है, क्योंकि आज इन बढ़े हुए दाम की जिम्मेदारी, कोई नहीं लेना चाहता है। जबकि उससे मिलने वाले राजस्व का लाभ, सब उठाना चाहते हैं।

केन्द्र सरकार का कहना है कि पिछली सरकार इसके लिए जिम्मेदार है, और साथ ही राज्य सरकारें।

वहीं राज्य सरकारें, इस का पूरा ठीकरा केन्द्र सरकार पर फोड़ रही है।

दोनों ने ही आम आदमी को football समझ लिया है। दोनों ही अपने को बचा कर, दूसरे पर दोषारोपण करते हुए बात एक छोर से दूसरे छोर पर डाल रहे हैं।

पर हमारा पूछ्ना है, दोनों ही सरकारों से, कि जिस जनता के वोट के बलबूते दोनों ही सत्तारूढ़ हुए हैं।

क्या दोनों ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं?

क्यों नहीं दोनों ही इस विषय में सोचकर, जनता को लाभ पहुंचाने में तत्पर हैं?

हमने तो आप को सत्तारूढ़ किया ही, इस आशा से, कि आप दोनों मिलकर, देश का विकास करें।

दोनों ही सरकारों को इतना अधिक समय मिला है कि वो महंगाई को किस तरह से नियंत्रित करें, इस बात को कार्यान्वित कर सकती हैं।

वैसे भी किसी भी समस्या का समाधान तभी होता है, जब सब उसको अपने सिरे से ख़त्म करना चाहें, एक दूसरे पर दोषारोपण करते हुए नहीं।

अभी दोनों के पास सुनहरा अवसर है कि वो साबित कर सकते हैं कि वो सत्तारूढ़ देश की सेवा के लिए हुए हैं, निज लाभ के लिए नहीं।

और इस में जो कामयाब हो गया, वो आम आदमी के ह्रदय में राज करेगा। फिर उसे सत्ता में रहने से कोई नहीं हटा सकता है।

अपील है, हम सारे देश वासियों की, कि महंगाई उतनी ही बढ़े, जितना आम आदमी सहन कर सके।