Friday, 29 October 2021

Article : घर की साफ-सफाई

घर की साफ-सफाई




दीपावली आने वाली है और इसमें घर की साफ-सफाई भी बहुत बड़ा काम होता है। कभी-कभी सफाई करते समय जल्दबाजी में ज्यादा मेहनत करनी पड़ जाती है, जैसे आपने अपने सोफे आदि साफ कर लिए और पंखा भूल गए, या बर्तन धो लिए और रसोई का कोई हिस्सा रह गया। ऐसे में एक ही चीज को दोबारा साफ करना पड़ जाता है। हम यहां आपको क्रम से बता रहे हैं कि घर की सफाई कैसे करनी चाहिए। सफाई के लिए आप मोटे और मुलायम कपड़े से बने dusters का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Retire करें पुराना सामान :

सबसे पहले आपको घर से फालतू सामान निकाल देना चाहिए। अपनी wardrobe  से पुराने कपड़े निकाल दीजिए। इसके अलावा टूटे हुए सामान, crockery आदि सब चीजें निकाल दें। इसके बाद अपनी wardrobe को व्यवस्थित करें।

धूप लगाना जरूरी :

अपनी wardrobe में रखे कपड़ों को कुछ देर धूप में रख दें, जिससे उनमें से सीलन की बदबू चली जाए।

जालों से करें शुरुआत :

अक्सर घर में मकड़ियों के जाले होते हैं। घर की सफाई करने से पहले इन जालों को हटाना जरूरी है, पर याद रखियेगा, जालों के साथ मकड़ी और उसके अंडे भी हटाना जरूरी होता है, नहीं तो बाद में बहुत जल्दी जाले लग जाते हैं और घर फिर से गंदा हो जाएगा। आप मकड़ी के जाले हटाने वाले ब्रश का प्रयोग कर सकते हैं। अगर आप के पास vaccum cleaner है तो उससे बहुत अच्छी सफाई होती है।

Kitchen की सफाई :

सबसे मुश्किल काम kitchen की सफाई है। Kitchen की सफाई के लिए सबसे पहले बर्तन आदि को बाहर निकाल दें। Kitchen की slab व tiles को detergent powder के पानी से साफ कर सकते हैं। जिद्दी दागों के लिए vinegar, baking soda व नींबू का घोल अच्छा होता है, लेकिन इसका इस्तेमाल दीवारों पर न करें, नहीं तो paint खराब हो सकता है। Kitchen के slab की सफाई के बाद बर्तन stand व डिब्बों की सफाई करें और उन्हें व्यवस्थित करके लगाएं। इसके बाद सभी बर्तन साफ करके सही जगह पर रख दें।

पंखों की सफाई :

पंखे भी बहुत गंदे हो जाते हैं। पंखों की सफाई करने से पहले furniture आदि पर पुरानी bedsheet डाल दें जिससे वे गंदे न हों। सबसे पहले देख लें कि पंखें का switch बंद हो। पंखे की सफाई पहले सूखे कपड़े से करें और जरूरी हो तो उसके blades को गीले कपड़े से पोछें।

दरवाजे, खिड़की, Furniture :

पंखों की सफाई के बाद आप घर के दरवाजों, खिड़कियों व furniture आदि की सफाई करें। इनकी सफाई के लिए detergent वाले पानी में कपड़ा भिगो दें और निचोड़कर उससे पोंछ दें। साथ ही घर की shelf आदि की भी सफाई करें और shelf के सामान को सूखे कपड़े से पोंछ कर रख दें।

 Curtain व cushion cover :

Curtain व cushion cover को साफ करें। अगर आपके पास समय की कमी है तो laundry में धुलवा सकते हैं। अकसर लोग दिवाली के मौके पर नए पर्दे व cushion cover लगाते हैं। अगर आप भी नए लगाने वाले हैं तो पूरे घर की सफाई होने के बाद लगाएं।

Bathroom की सफाई :

Bathroom की सफाई के लिए बाजार में toilet cleaner आते हैं। आप उनका इस्तेमाल कर सकते हैं। Soda का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। अगर आपको कुछ देर के लिए toilet की बदबू से निजात पानी है तो वहां एक माचिस की तिली जला दीजिए।

दीवारों की सफाई :

दीवारों की सफाई सूखे कपड़े से की जा सकती है। इससे paint खराब नहीं होता और धूल-मिट्टी झड़ जाती है। अगर घर में plastic emulsion है तो गीले कपड़े से कर सकते हैं लेकिन ज्यादा गीला कपड़ा लगाने से चमक जल्दी खत्म हो सकती है।

आखिर में फर्श की सफाई :

पूरे घर की सफाई होने के बाद अंत में घर के फर्श की सफाई करनी चाहिए। जहां आप आसानी से धो सकते हैं, वहां पानी से धो दें, नहीं तो एक बाल्टी में पानी लेकर थोड़ा सा सर्फ व phenyl मिलाकर पोछे को गीला कर फर्श की सफाई करें।

Wednesday, 27 October 2021

Article : Dengue

Dengue


आज कल dengue के patients की बढ़ती संख्या चिंता का कारण बन गई है।

पर यह रोग contiguous नहीं है। 

Dengue fever डेंगू वायरस से infected Aedes मच्छर के काटने से फैलता है।

ये मच्छर तब संक्रमित हो जाता है जब वह किसी डेंगू वायरस वाले व्यक्ति के खून को चूसता है।

आप को dengue fever के causes and precautions बताते हैं.... 


Types of dengue viruses :

Dengue का infection 4 तरह के viruses वायरस से फैलता है। इन चारों वायरस को serotype कहा जाता है क्योंकि ये चारों अलग-अलग तरीके से antibodies को प्रभावित करते हैं। आप अलग-अलग strain से चार बार भी dengue से infected हो सकते हैं।

 

Dengue mosquito bite time :

Dengue फैलाने वाले मच्छर सबसे ज्यादा दोपहर के समय काटते हैं। खासतौर से सूर्योदय के दो घंटे बाद और सूर्यास्त से एक घंटे पहले। हालांकि, रात के समय भी dengue के मच्छर active रहते हैं, खासकर उन इलाकों में जहां अच्छी रोशनी होती है। डेंगू के मच्छरों के काटने का खतरा office, mall, indoor auditorium और stadium के अंदर ज्यादा होता है क्योंकि यहां हर समय artificial lights का इस्तेमाल होता है और प्राकृतिक रोशनी नहीं आ पाती है।


Dengue symptoms :

डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के चार से छह दिन बाद दिखाई देने शुरू होते हैं जो 10 दिनों तक रहते हैं। इन लक्षणों में अचानक, High fever, severe headache, eye pain, severe joint and muscles pain, bone pain, tiredness, nausea, vomiting, red rashes, slightly bleeding from nose or gums. डेंगू के बुखार में पूरे शरीर में बहुत तेज दर्द होता है इसलिए कुछ लोग इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। कभी-कभी इसके लक्षण हल्के होते हैं और लोग इसे गलती से फ्लू या अन्य वायरल इंफेक्शन समझ लेते हैं।


Platelets :

Human bodies में platelets count 1,50,000 से 4,00,000 होता है। 50,000 से कम platelets count होने पर platelets चढ़ानी होती हैं।

Dengue positive आने से doctor के touch में रहना बहुत जरूरी होता है। उन्हें अपनी condition and platelets count बताते रहना चाहिए। 

अगर doctor admit होने के लिए बोलें, तो condition serious है, यह समझ लेना चाहिए।


Dengue treatment :

डेंगू के इलाज के लिए कोई निश्चित दवा नहीं है। डेंगू के बुखार में खूब आराम करना चाहिए। खून में platelets की नियमित रूप से जांच करवाएं। शरीर में पानी की बिल्कुल कमी ना होने दें और खूब सारा liquid diet लें। इस समय पपीते के पत्ते का रस, बकरी का दूध, नारियल पानी पीना सबसे अच्छा होता है। ये platelets बढ़ाने का भी काम करता है। इसके अलावा  गिलोय, पपीता, कीवी, अनार, चुकंदर और हरी सब्जियों को diet में शामिल करें। डॉक्टर के संपर्क में रहें और अपने platelets की जानकारी उन्हें देते रहें। किसी भी तरह की दिक्कत होने या platelets down होने पर डॉक्टर आपको hospitalize होने की भी सलाह दे सकते हैं।

Dengue precautions :

डेंगू मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है और इससे बचाव करना बहुत जरूरी है। डेंगू का मच्छर अक्सर दिन के समय काटता है। इसलिए दिन में मच्छरों के काटने से खुद को बचाएं। इन दिनों फुल बाजू के कपड़े और पावों में जूते पहन कर रहें। शरीर को कहीं से भी खुला ना छोड़ें। घर के आसपास या घर के अंदर पानी नहीं जमा होने दें। कूलर, गमले, टायर में जमे पानी को भी बहा दें। कूलर में अगर पानी है तो इसे भी खाली कर लें वरना इसमें मच्छर पनप सकते हैं। घर का कोना-कोना साफ रखिए। रात में सोते समय मच्छरदानी लगाना बचाव का सबसे सही तरीका है।

Be conscious, be safe.

Monday, 25 October 2021

India's Heritage : भक्त नामदेव जी

हमारे भारत वर्ष के हर क्षेत्र में आपको रत्नों का भंडार मिलेगा। आज आप को विरासत के अंतर्गत एक ऐसी महान विभूति के विषय में बताने जा रहे हैं, जो भक्त शिरोमणि है, यह सिर्फ भारत में होना संभव है।

आज एक ऐसे भक्त के विषय में बताने जा रहे हैं, जिनके नाम से शायद आप या आपके परिवार में कोई परिचित भी हो पर फिर भी बहुत लोगों को इनके विषय में कम ही पता है। अगर इनके जैसी भक्ति आप भी करने लगे, तो ईश्वर प्राप्ति संभव है। नामदेव जी ने हम सबके समक्ष ईश्वर प्राप्ति का सबसे आसान व सटीक तरीका प्रस्तुत किया है। वो क्या है यह आपको पूरा article पढ़कर पता चल जाएगा।

भक्त नामदेव जी


भक्त नामदेव जी का जन्म दक्षिण हैदराबाद में हुआ। माता-पिता निरंतर भगवान के नाम का गुणगान किया करते थे, तो नामदेवजी भी भगवान नाम सुनकर विट्‌ठलमय हो गए। बालक नामदेव ने एक बार सरल हृदय से विट्ठल की पूजा की और भोग के लिए कटोरे में भगवान को दूध दिया। कुछ देर बाद नेत्र खोलकर देखा, दूध वैसा ही था। नामदेव सोचने लगे, शायद मेरी किसी गलती की वजह से विट्ठल दूध नहीं पी रहे हैं। तो वो रो-रोकर प्रार्थना करने लगे और बोले-विठोबा!

आज यदि तुमने दूध नहीं पिया, तो मैं जिंदगी भर दूध नहीं पिऊंगा। बालक नामदेव के लिए वो मूर्ति नहीं, बल्कि साक्षात पांडुरंग थे। जो रूठकर दूध नहीं पी रहे थे। बच्चे की प्रतिज्ञा सुनकर भगवान प्रकट हुए और दूध पिया। तभी से नामदेव के हाथ से वे रोज दूध पीते। एक बार संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज, नामदेवजी के साथ भगवदचर्चा करते हुए यात्रा पर निकले। रास्ते में दोनों को प्यास लगी। पास एक सूखा कुआं था। संत ज्ञानेश्वर ने योग-सिद्धि से कुंए के भीतर जमीन में जाकर पानी पिया और नामदेवजी के लिए थोड़ा जल ऊपर लेकर आ गए। नामदेवजी ने वो जल नहीं पिया।

वो बोले मेरे विट्ठल को क्या मेरी चिंता नहीं है! उसी क्षण कुआं जल से भर गया, फिर नामदेवजी ने जल पिया। एक बार नामदेवजी की कुटिया में आग लग गई और वे प्रेम में मस्त होकर बिना जली वस्तु को भी अग्नि में फेंकते हुए कहने लगे- स्वामी। आज आप लाल-लाल लपटों का रूप बनाए पधारे हो, लेकिन बाकी वस्तुओं ने क्या अपराध किया है, आप इन्हें भी स्वीकार करें। कुछ देर बाद में आग बुझ गई।

एक बार नामदेवजी रोटी बना रहे थे। तभी एक कुत्ता आया और रोटियां उठाकर भाग गया। नामदेवजी घी का कटोरा हाथ में लेकर कुत्ते के पीछे दौड़े भगवन! रोटियां रूखी हैं, अभी चुपड़ी नहीं हैं। मुझे घी लगाने दीजिए, फिर भोग लगाइए। तभी भगवान ने कुत्ते का रूप त्यागकर शंख-चक्र-गदा-पदम् धारण किए। नामदेवजी ने दिव्य चतुर्भुज रूप में भगवान का दर्शन किया। नामदेवजी की भक्ति बड़ी ही ऊंची थी, वो प्रत्येक वस्तु में भगवान को ही देखते थे।

अहंकार और भ्रमित बुद्धि कभी भी कण-कण में भगवान का दर्शन नहीं कर पाती। भगवान को पाने के लिए हम उसको नहीं पूजते, बल्कि अपनी इच्छा पूर्ति के लिए भगवान को याद करते हैं। सच्चे, सरल और निष्कपट भाव से जब हम भगवान को भजते हैं, तब भगवत्कृपा हमारे भीतर उतर आती है।

Sunday, 24 October 2021

Poem : करवाचौथ

करवाचौथ




सिन्दूर, बिंदी, मेंहदी चूड़ी 

सज गई मेरी सजनी पूरी 

देखने उसे पूरी कायनात है आई

सोलह श्रृंगार कर वो बहुत भायी 


मेंहदी भरे हाथों से 

उसने देहरी सजाई 

कण कण में मानो 

सुन्दरता हो समाई 


चूड़ी भरे हाथों से

उसने पकवान बनाए

हर एक निवाले में

स्वाद है समाए 


ओढ़ के चुनरी

उसने मंदिर में दीप जलाए  

मंदिर के जगमगाने से 

प्रभु जी हैं हर्षाए 


चंदा अब तू भी

जल्दी से आना 

बादलों में छिपकर  

सजनी को मत सताना 


करवाचौथ व्रत कर 

उसने पत्नी धर्म निभाया

तोहफा लाके सजना 

प्रीत अपनी निभाना 


आप सभी को करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

💐💐ईश्वर हम सभी को अखंड सौभाग्य प्रदान करें 🙏🏻🙏🏻

Thursday, 21 October 2021

Tips : Typhoid

आज कल कोरोना का आतंक कम और पुरानी बीमारियों का आतंक अधिक हो गया है। 

जिसमें typhoid और dengue, आज कल बहुत लोगों को हो रहा है। 

आज हम आपको typhoid के लक्षण व घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं...

 Typhoid


Typhoid fever को मियादी बुखार, आंतों का बुखार, आदि, नाम से भी जाना जाता है। Typhoid fever में digestive system और blood circulation में  salmonella typhe नाम का bacteria आ जाता है जो कि contaminated water and food के द्वारा हमारे शरीर में चला जाता है। इस बीमारी से infected person का temperature 104° F तक पहुंच जाता है। 

Typhoid में लोगों को बुखार के साथ सिर दर्द, छाती में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

पहले यह जान लेते हैं कि typhoid fever के symptoms का क्या होते हैं...


Symptoms of typhoid :

बुखार आना (high fever)

भूख कम लगना (low appetite)

सिर दर्द की समस्या (headache)

अधिक ठंड महसूस होना (shivering)

अधिक कमजोरी होना (weakness)

दस्त की समस्या (loose motion)

छाती में जलन (inflammation in chest)

कब्ज की समस्याा (constipation)


Home Remedies to get rid of typhoid fever :


सेब का रस -

सेब का रस typhoid fever की समस्या से आसानी से निजात दिला सकता है। इसके लिए सेब के जूस में अदरक का रस मिलाकर पिएं। 

एक medium Apple, एक inch अदरक का टुकड़ा, 20 ml. पानी डालकर mixer grinder में चला लीजिए। फिर छन्नी से छानकर जूस निकाल लीजिए, उसमें 2 tsp glucose डालकर पी लीजिए।

इससे आपको टाइफाइड के बुखार से निजात मिलेगा। 


लौंग का पानी -

लौंग का पानी भी समस्या से निजात दिलाने में काफी कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आठ कप पानी में 6-7 लौंग डालकर उबाल लें। जब पानी आधा हो जाए तो पानी तैयार है।

इसमें से एक cup गुनगुना पानी ले लें, उसमें तुलसी अर्क की 3 to 4 drop, 1 tsp. honey डालकर पी लीजिए। बचा हुआ पानी ऐसे ही दिनभर में 2 से 3 बार पीएं। इससे fever ठीक होगा, साथ ही typhoid के कारण आई कमजोरी से भी छुटकारा मिलेगा। 

मौसम्बी का जूस -

2 मौसम्बी के रस को निकाल लीजिए, छानकर उसमें 2 tsp. Glucose डालकर mix कर लीजिए। फिर एक सूखे खाली Bowl को slow gas पर रख दीजिए। Bowl के हल्के गर्म हो जाने पर gas off कर दीजिए। अब गर्म bowl में juice डाल दीजिए, उससे छुन... की आवाज आएगी। इसे juice को छौंकना कहते हैं। इससे मौसम्बी के रस की ठंडी तासीर हट जाती है। और रस किसी भी तरह से नुकसान नहीं करता है।

इसको पीने से बहुत ज्यादा energy आती है। जो patients के लिए लाभदायक होती है।

Note : मौसम्बी खरीदते समय ध्यान रखिएगा कि मौसम्बी हरी पीली सी हो, जितना पीला रंग ज्यादा होगा, मौसम्बी उतनी ही मीठी होगी।

नारियल पानी -

नारियल पानी किसी भी प्रकार के patients के लिए बहुत अच्छा होता है। यह बहुत जल्दी energy provide करता है, साथ ही यह stomach में बहुत relief भी देता है।

 

Enerzal -

कोई भी बीमारी होने से हम लोग, glucose,  Electral लेते हैंपर आज कल enerzal भी आप को easily available हो जाएगा। 

यह glucose and electral से ज्यादा effective होता है। इससे भी weakness बहुत जल्दी ठीक हो जाती है। दिन में आप इसे तीन से चार बार पी सकते हैं।

एक glass में 3 tsp. Enerzal डालकर mix कर के पी लीजिए। Enerzal, lemon and orange flavour में आता है। आप को जो भी flavour पसंद आए, आप ले सकते हैं। दोनों ही बहुत tasty होते हैं।


लहसुन -

लहसुन antibiotics and antioxidants होने के साथ-साथ तासीर में गर्म होता है। इसके लिए घी में 6-7 लहसुन कली फ्राई कर लें। इसमें सेंधा नमक डालकर इसका सेवन करे। इससे भी फायदा होता है।


अनाज

कहा जाता है कि, Typhoid में अनाज नहीं खाना चाहिए, यह बहुत नुक्सान करेगा। पर यह पूर्णतया सत्य नहीं है। अनाज खाना बंद मत करिए, क्योंकि अनाज हमारे शरीर को बहुत energy provide करता है। बस करना यह है कि आप light meal लें। 

आप तले-भुने खाने को, मैदे से बनी खाने की चीजें को, देर से digest होने वाले खाने को, जैसे छोले, राजमा, आदि... को नहीं खाएं। 

In short आप पतली दाल, सब्जी, रोटी, खिचड़ी, उपमा... खा सकते हैं।

खाने को हल्का करने के लिए आप यह भी कर सकते हैं कि आधा पेट खाना खाएं। और बाकी आधा पेट आप, ऊपर दिए गए नुस्खों से भरें। जिससे आप को भरपूर nutrition मिले और आप energy को sustain कर सकें। 


डिस्क्लेमर: यह tip केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Wednesday, 20 October 2021

Article : Privatisation, कितना बेहतर कितना सार्थक

 Privatisation, कितना बेहतर कितना सार्थक



भारत में आजादी के पश्चात्, बहुत सी government and PSU companies खोली गईं, साथ ही कुछ private companies भी खुलीं।

देश साल दर साल विकास की ओर अग्रसित होता गया।

पर देश को सम्हालने के लिए आने वाली सरकारों की दृष्टि, सदैव government and PSU companies पर रही।

कभी देश के विकास के नाम पर, कभी यह कहकर कि इस company का रहना, केवल खर्चा बढ़ाना है। Government and PSU companies, को बेच दिया जाता रहा है।

जबकि ऐसी बहुत सी companies हैं, जो अपने कार्य को सुचारू रूप से कर रहीं हैं। 

जिसमें  indian Banks, indian railways, Indian airlines, SAIL, BHEL, ONGC, NTPC, CIL, IOCL, GAIL etc...

तो हमने जो image बना रखी है कि government and PSU companies में कोई काम नहीं होता है। उनका रहना केवल खर्चा बढ़ाना है। यह बात सरासर ग़लत है, झूठ है।

यह companies भी बहुत अच्छे से अपना काम कर रही हैं। इन से मिलने वाला revenue ही देश के विकास में पूर्ण रूप से सहायक होता है। क्योंकि Government and PSU companies देश का asset होती है। और समय समय पर यही काम आती हैं। 

जैसे इस covid disaster management में Indian airlines, Indian railways, police, army, municipal corporation, Bank, SAIL, etc.....  के सहयोग के बिना, स्थिति को नियंत्रित में करना असम्भव रहता।

जबकि private companies, किसी व्यक्ति विशेष की होती हैं और उसका revenue भी उसी का, और नियंत्रण भी।

Air India का Tata group के पास जाने के बाद देशभर में एक बहुत बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है। 

क्या देश की अन्य government companies and PSU का भी यही हाल होगा?

क्या आप को नहीं लगता है कि privatisation, पूर्णतया सही decision नहीं है।

देश का पूरी तरह से privatisation करना, देश के विकास के लिए उचित नहीं है। 

देश में सभी तरह का set-up होना चाहिए, Government, PSU, co-operative and private. क्योंकि जब सभी तरह की companies रहेंगी, तभी देश सुचारू रूप से विकास करेगा।

Tuesday, 19 October 2021

Article : शरद पूर्णिमा तिथि एवं पूजा मुहूर्त

 हिंदू धर्म में हर माह आने वाली पूर्णिमा का खास महत्व होता है। इन सभी पूर्णिमाओं से शरद पूर्णिमा को विशेष कल्याणकारी माना गया है। 

अश्विन माह में आने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस पूर्णिमा को कौमुदी, कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। 

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा धरती के सबसे निकट होता है। ये पर्व रात में चंद्रमा की दूधिया रोशनी के बीच मनाया जाता है।

 ऐसी मान्यता है कि पूरे साल में केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा करना शुभ होता हैं. शरद पूर्णिमा के दिन व्रत करना विशेष फलदायी होता है.


शरद पूर्णिमा तिथि एवं पूजा मुहूर्त 




पूर्णिमा तिथि आज यानी 19 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगी और 20 अक्टूबर रात 8 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। 

उदया तिथि के अनुसार शरद पूर्णिमा का व्रत कल यानी 20 अक्टूबर, बुधवार के दिन रखा जाएगा। 

पर खीर का भोग आज रात में ही लगा दिया जाएगा। क्योंकि कल चंद्रमा रात में केवल 8 बजकर 26 मिनट तक ही रहेगा।

अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस दिन व्रत रखेंगे और किस दिन खीर का प्रसाद बनाएंगे।

शरद पूर्णिमा में खीर का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चन्द्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है और इस दिन से शरद ऋतु का आगमन होता है। इस दिन चंद्रमा की दूधिया रोशनी में दूध की खीर बनाकर रखी जाती है और बाद में इस खीर को प्रसाद की तरह खाया जाता है।

शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाकर खुले आसमान में रखने की मान्यता है। इसके पीछे का तर्क है कि दूध में भरपूर मात्रा में लैक्टिक एसिड होता है। इस कारण चांद की चमकदार रोशनी दूध में पहले से मौजूद अच्छे बैक्टिरिया को बढ़ाने में सहायक होती है। वहीं, खीर में पड़े चावल इस काम को और आसान बना देते हैं।

अतः इस खीर को खाने से शरीर को रोगों से मुक्ति मिलती है।


शरद पूर्णिमा का महत्व 


शरद पूर्णिमा के दिन व्रत करना फलदायी सिद्ध होता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण, चंद्रमा की सभी सोलह कलाओं से युक्त थे।  इस पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा से निकलने वाली किरणें चमत्कारिक गुणों से परिपूर्ण होती है। नवविवाहिता महिलाओं द्वारा किये जाने वाले पूर्णिमा व्रत की शुरुआत शरद पूर्णिमा के त्यौहार से होती हैं तो यह शुभ माना जाता है। 

लक्ष्मी माता का पूजन

इस दिन बंगाल व कुछ अन्य States में धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती हैं।

ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी का जन्मदिन होता है। माँ लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान शरद पूर्णिमा में प्रकट हुई थीं।

इसलिए आज के दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है।

शरद पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। इस दिन उनके आठ रूप धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, राज लक्ष्मी, वैभव लक्ष्मी, ऐश्वर्य लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, कमला लक्ष्मी और विजय लक्ष्मी की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है।

मान्यताओं अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ गरूड़ पर बैठकर पृथ्वी लोक में भ्रमण के लिए आती हैं। इतना ही नहीं इस दिन माँ लक्ष्मी घर-घर जाकर भक्तों पर कृपा बरसाती हैं और वरदान देती हैं।

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पूरी प्रकृति माँ लक्ष्मी का स्वागत करती है। कहते हैं कि इस रात को देखने के लिए समस्त देवतागण भी स्वर्ग से पृथ्वी आते हैं।

शरद पूर्णिमा का व्रत रखने के बाद, रात्रि में माता लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से धन समस्याओं का अंत होता है और धन तथा वैभव की प्राप्ति होती है।

Monday, 18 October 2021

Article : Tata's Air India

यह खबर आप सभी को पता चल ही चुकी है कि Air India अब government company नहीं रह गई है, बल्कि Tata की झोली में जा चुकी है। 

पर उसका कारण क्या है? और अब उसके employees का क्या होगा? यही बताया है।

पर पढ़कर सोचिएगा जरुर कि यह कितना सही कदम है?

क्योंकि इस राह पर और भी ना जाने क्या-क्या होने वाला है।


 Tata's Air India


Air India : 

Tata की झोली में Air India, 18,000 करोड़ रुपये की बोली के साथ बनी winning bidder।

सरकार Air India और Air India Express में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। साथ ही Air India की ground handling company AISATS में 50% हिस्सेदारी बेच रही है।


Highlights :

सौदा इस साल दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद।

Tata Group और SpiceJet के अजय सिंह ने लगाई थी बोली।

सरकार Air India और Air India Express में बेच रही पूरी हिस्सेदारी।


कर्ज में डूबी सरकारी Airlines company, Air India, अपने पुराने मालिक के पास लौट आई है। Air India के लिए winning bid Tata sons की एक  unit ने जीती है। इस बारे में DIPAM (Department of Investment and Public Asset Management) के secretary तुहीन कांत पांडे ने घोषणा की है। 

पांडे ने शुक्रवार शाम को एक press conference में कहा कि Tata sons की unit, Talace Pvt. Ltd. 18,000 करोड़ रुपये के साथ Air India के लिए winning bidder रही। यह सौदा इस साल दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। Air India के लिए Tata Group और SpiceJet के अजय सिंह ने बोली लगाई थी।

सरकार Air India और Air India Express में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। साथ ही Air India की ground handling कंपनी AISATS में 50 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। इसके लिए Tata group और Spicejet के अजय सिंह ने व्यक्तिगत बोली लगाई थी। 

मोदी सरकार के निजीकरण कार्यक्रम में Air India की बिक्री सबसे अहम है। गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में मंत्रियों की एक समिति खुद इसकी निगरानी कर रही है।

 मौजूदा प्रस्ताव के मुताबिक Air India को 23,000 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ नए मालिक को transfer किया जाएगा। Company का बाकी कर्ज Air India Asset Holdings Ltd. (AIAHL) को transfer किया जाएगा।

 

Air India की 68 साल बाद घर वापसी:

Air India की 68 साल बाद घर वापसी होने जा रही है। Tata group ने AirAsia India के माध्यम से Air India के लिए बोली लगाई। Air India को Tata group ने ही शुरू किया था और अब 68 साल बाद एक बार फिर Air India , Tata group की झोली में है। JRD Tata ने 1932 में  Tata Airlines की स्थापना की थी। दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। जब फिर से विमान सेवाएं बहाल हुईं तो 29 जुलाई 1946 में Air lines का नाम Tata Airlines के नाम से बदलकर उसका नाम Air India Ltd. कर दिया गया।

आजादी के बाद 1947 में Air India की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी। 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया।

रतन टाटा ने कहा 'welcome back'


कितना है कर्ज और सरकार डाल चुकी है कितने करोड़ :

पांडे ने कहा कि सरकार 2009-10 से लेकर अब तक एयर इंडिया में cash support के तौर पर 54,584 करोड़ रुपये डाल चुकी है। इसके अलावा 55,692 करोड़ रुपये guarantee support गारंटी सपोर्ट के तौर पर डाले गए हैं। इस तरह सरकार 2009-10 से लेकर अब तक एयर इंडिया में कुल 1,10,276 करोड़ रुपये डाल चुकी है। 31 अगस्त 2021 तक Air India पर 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था। Winning bidder टाटा sons 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज वहन करेगी। इसके बाद एयर इंडिया पर 46,262 करोड़ रुपये का कर्ज बचेगा।


क्या होगा कर्मचारियों का :

Ministry of Civil Aviation के Secretary राजीव बंसल ने कहा है कि आज की तारीख में एयर इंडिया में 12,085 कर्मचारी हैं, जिसमें से 8,084 permanent employees हैं और 4,001 employees, contract पर हैं। इसके अलावा Air India express में 1434 कर्मचारी हैं। उन्होंने आगे कहा कि winning bidder Tata sons सभी employees को अगले एक साल तक बरकरार रखेगी। दूसरे साल में अगर उन्हें बरकरार नहीं रखा जाता है तो company उन्हें voluntary retirement की पेशकश करेगी।

Friday, 15 October 2021

India's Heritage: वनवास के 14 साल, 14 स्थान

दशहरे के पावन अवसर पर आज आप लोगों के लिए विरासत में प्रभू श्रीराम जी के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी को साझा कर रहे हैं।

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि भगवान श्री राम जी को वनवास जाना पड़ा। लेकिन, कितने लोग जानते हैं कि उस समय प्रभू श्रीराम जी की क्या आयु थी?

उस समय प्रभू श्रीराम मात्र  25 वर्ष की थी।

अब दूसरा प्रश्न, हम सब में से कितने लोग हैं जो यह जानते हैं कि इन 14 सालों में वह कहां-कहां और किन-किन लोगों से मिले? 

इस बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। आज हम इसी व‍िषय पर जानकारी साझा कर रहे हैं, आइए जानते हैं…


वनवास के 14 साल, 14 स्थान




भगवान श्री राम जी ने अपने वनवास के 14 साल, इन 14 स्थानों में गुजारे थे। 

अयोध्या से निकल कर प्रभू श्रीराम, माता सीता जी व अपने अनुज श्री लक्ष्मण जी के साथ सबसे पहले पहुंच थे...


1/14  तमसा के तट पर

धर्मग्रंथों के अनुसार श्री राम जी वनवास काल के दौरान सर्वप्रथमा तमसा नदी के तट पर पहुंचे। यह अयोध्‍या से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

2/14 श्रृंगवेरपुर में राम

इसके बाद भगवान गोमती नदी को पार करके श्रृंगवेरपुर पहुंचे जो कि प्रयागराज से तकरीबन 20 से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रृंगवेरपुर गुह्यराज निषादराजजी का राज्‍य था। इसी जगह उन्‍होंने केवट से गंगा पार कराने को कहा था। यहां पर भगवान राम एक दिन ठहरे थे। लंका से लौटते समय यहां रामजी ने केवट से फिर भेंट किया था। यहां केवट ने देवी सीता समेत माता गंगा की पूजा की थी।

3/14 चित्रकूट का घाट

संगम पार करने के बाद श्रीराम यमुना नदी पार करके चित्रकूट पहुंचे। यह वही स्‍थान है जहां पर श्री भरत जी अपने गुरु और सेना के साथ बड़े भाई राम को वापस अयोध्या ले जाने आए थे। यहीं रामजी ने अपनी चरण पादुका भरत को दी और उन्‍होंने उसे ही रखकर राज्‍य का कार्यभार संभाला।

4/14 ऋषि अत्रि का आश्रम

चित्रकूट के समीप सतना में ऋषि अत्रि का आश्रम था। यहां पर भी श्रीराम ने कुछ समय व्‍यतीत किया। यहीं पर ऋषि अत्रि की पत्‍नी अनुसूइया के तपबल से भागीरथी गंगा की एक पवित्र धारा निकली। यह धारा मंदाकिनी के नाम से प्रसिद्ध है।

5/14 दंडकारण्‍य में वनवास

श्रीराम ने दंडकारण्‍य में वनवास के 10 वर्ष व्‍यतीत किये थे। बता दें कि यह जंगल क्षेत्र था जिसे श्रीराम ने अपना आश्रय स्‍थल बनाया था।

6/14 शहडोल में राम

इसके बाद वह शहडोल यानि कि अमरकंटक गए। इसी स्‍थान पर एक झरना है। वह झरना जिस कुंड में गिरता है उसे ‘सीताकुंड’ कहते हैं। यहीं पर वशिष्‍ठ गुफा भी है।

7/14 अगस्‍त्‍य मुनि के आश्रम में राम

श्रीराम दंडकारण्‍य के बाद पंचवटी यानि कि नासिक पहुंचे। वहां उन्‍होंने ऋषि अगस्‍त्‍य के आश्रम कुछ समय बिताया। इसी दौरान ऋषि ने उन्‍हें अग्निशाला में बनाए गए शस्‍त्र भेंट किए। इस स्‍थान के साथ कई सारी कथाएं जुड़ी हैं। मान्‍यता है कि पंचवटी यानी कि पांच वृक्षों (पीपल, बरगद, आंवला, बेल और अशोक) को जानकी, राम और लक्ष्‍मण ने अपने हाथों से रोपा था। इसी जगह पर लक्ष्‍मण ने शूर्पणखा की नाक काटी थी और राम-लक्ष्‍मण का खर-दूषण के साथ युद्ध हुआ था।

8/14 सर्वतीर्थ में राम

नासिक से 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ‘सर्वतीर्थ।’ इस स्‍थान पर ही माता सीता का अपहरण हुआ था। इसी जगह पर रावण-जटायु का युद्ध हुआ और जटायु की मृत्‍यु हो गई। धर्मग्रंथों के मुताबिक सीता जी का इस स्‍थान पर वनवास काल के 13वें वर्ष में हरण हुआ था। 

9/14 माता शबरी का आश्रम

सर्वतीर्थ के बाद सीता की खोज में श्रीराम अनुज लक्ष्‍मण के साथ ऋष्‍यमूक पर्वत पर पहुंचे। इसके बाद वह माता शबरी के आश्रम गए जो कि वर्तमान में केरल में है। यह आश्रम पंपा नदी के समीप ही स्थित है।

10/14 ऋष्‍यमूक पर्वत और श्रीराम

धर्मग्रंथों के अनुसार ऋष्‍यमूक पर्वत वानरों की राजधानी किष्‍किंधा के निकट था। सीता की खोज में निकले श्रीराम और लक्ष्‍मण की यहीं पर हनुमान और सुग्रीव से भेंट हुई थी।

11/14 रामेश्‍वरम् में मर्यादा पुरुषोत्‍तम

सीता की खोज में मर्यादा पुरुषोत्‍तम ने लंका पर चढ़ाई करने से पहले रामेश्‍वरम् में ही भोलेनाथ की पूजा की। यहां पर उन्‍होंने शिवलिंग स्‍थापित किया।

12/14 धनुषकोडी और राम

वाल्‍मीकि रामायण में उल्‍लेख मिलता है कि प्रभु श्रीराम ने रामेश्‍वरम् के आगे धनुषकोडी नामक स्‍थान की खोज की। यह समुद्र में वह स्‍थान था जहां से सुगमतापूर्वक श्रीलंका पहुंचा जा सकता था।

13/14 नुवारा एलिया पर्वत श्रृंखला

धर्मग्रंथों के अनुसार नुवारा एलिया पहाड़‍ियों से तकरीबन 90 किलोमीटर की दूरी पर बांद्रवेला की ओर ही रावण का महल था। यह स्‍थान मध्‍य लंका की ऊंची पहाड़ियों के मध्‍य था।

14/14 राम-रावण का युद्ध

भगवान राम और लंकापति रावण का युद्ध 13 दिनों तक चला। इसके बाद रावण वध से युद्ध की समाप्ति हुई और लंका से अयोध्‍या वापसी में श्रीराम पुन: रामेश्‍वरम् पहुंचे इसके बाद नासिक से भारद्वाज मुनि के आश्रम प्रयाग और फिर अयोध्‍या वापस पहुंचे।


वैसे इसे पढ़कर शायद बहुत से लोग यह कहें कि यह history नहीं mythology है। 

जी हाँ बिल्कुल पौराणिक कथा ही है। ऐसा ही हम को बताया और समझाया गया है।

पर सही यह है कि, यही भारत का इतिहास है और यही हमारी विरासत है, धरोहर है।

आपको जिसे इतिहास बताकर पढ़ाया जाता है, वो तो इतिहास है ही नहीं। यह भारत का दुर्भाग्य है कि भारत के आक्रांताओं को ही भारत का इतिहास बता दिया गया। 

सिकंदर, गजनवी,गौरी, गुलाम वंश, ख़िलजी, लोदी, मुगल, अंग्रेज़ सभी तो आक्रमण कारी थे। तो इनकी गाथाएं, हमारा इतिहास कैसे हो सकता है?

त्रेता युग, द्वापर युग अर्थात प्रभू श्रीराम जी और प्रभू श्रीकृष्ण जी के समय को mythology का नाम देकर हम से दूर करना भी इन्हीं आक्रांताओं का षड्यंत्र है।

साथ ही भारत का सही इतिहास या धरोहर भी हम तक उचित तरह से नहीं प्रस्तुत की गई है। 

पर सांच को आंच क्या...

अब वो समय आ गया है, जब भारत अपनी धरोहर, अपने इतिहास से परिचित हो रहा।

विजयदशमी पर्व असत्य पर सत्य की विजय का द्योतक है।

इस सत्य के साक्षात दर्शन के साथ विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻

जय श्री राम🙏🏻🙏🏻

Wednesday, 13 October 2021

Recipe : Samak Ke Nuggets

नवरात्र की अष्टमी पूजा पर मातारानी को प्रसन्न करने के लिए, आज बहुत tasty recipe share कर रहे हैं।

जैसा कि आप से वादा किया था, समा के चावल की खीर की recipe share करते हुए कि आप को समा के चावल की एक और tasty dish बताएंगे, तो लीजिए आज उसकी recipe share कर रहे हैं... 

यह बहुत ही tasty and healthy होते हैं। इन्हें आप व्रत नहीं होने भी पर बनाकर खाएंगे। 

यह बाहर से बहुत ही कुरकुरे व अन्दर से बहुत ही soft होते हैं।

Samak Ke Nuggets 


Ingredients

Samak rice - 250 gm.

Boiled potato - 2 medium 

Tomato - 1 medium 

Cumin seeds - 1 tsp.

Coriander leaves - handful 

Green chillies - as per taste

Himalayan pink salt (sendha salt) - as per taste 

Clarified butter ( ghee) - for frying


Method

  1. समा के चावल को धोकर साफ कर दीजिए।
  2. समा के चावल को आधे घंटे के लिए भीगो दीजिए। 
  3. उबले आलू को छील कर छोटा-छोटा फोड़ लीजिए।
  4. टमाटर, धनिया, मिर्च को बारीक काट लीजिए। 
  5. भीगे हुए चावल को महीन पीस लीजिए।
  6. अब सभी चीजों को mix कर लीजिए।
  7. इसमें नमक और जीरा डाल कर mix कर लीजिए। 
  8. एक wok में घी डालकर गरम कीजिए, जब घी तेज़ गर्म हो जाए तो समा के चावल के mix को छोटे-छोटे nuggets के shape में डाल दीजिए।
  9. दोनों तरफ से सुनहरा होने तक fry कर लीजिए।
  10. Samak ke nuggets is ready to serve.
  11. आप इसे धनिया की चटनी या sauce के साथ serve कर सकते हैैं।

कुछ Tips and Tricks भी हो जाए। 


Tips and Tricks

  • समा के चावल को आधे घंटे जरुर से भीगाएं।
  • आप चाहें तो टमाटर avoid भी कर सकते हैं।
  • चावल पीसते समय, Jar में पानी सिर्फ उतना डाले, जितने में Jar properly चल सके।
  • ज्यादा पानी होने से चावल दरदरा रह जाता है, महीन नहीं पिसता है।
  • तो इंतज़ार किस बात का है, आज ही बनाएँँ और सबसे तारीफों के पुल बंधवाएं।

Tuesday, 12 October 2021

Story of Life : " हे माँ,तू धन्य है"

आज आप सब के साथ मुझे भोपाल के मेज़र नितिन तिवारी जी की कहानी को साझा करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है।

हम सोचते हैं कि हमारे भारतीय सैनिक, सिर्फ सरहद पर युद्ध करना बखूबी जानते हैं, और यह बहुत सख्त स्वभाव के होते हैं। 

पर हमारे भारतीय सैनानी भी हम सा ही दिल और हम जैसी ही योग्यता भी रखते हैं।

 नितिन जी की लेखनी ने सिद्ध कर दिया है कि वो जितनी वीरता से सरहद पर युद्ध लड़ते हैं, उतने ही बखूबी लेखनी भी चला सकते हैं


 🇮🇳जयहिंद मेरे प्रिय हृदयांश मित्रों

             प्रिय  मित्रों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यदि हम अपने मस्तिष्क में या हृदय में, सच्चे मन से किसी से मिलने की या उनके दर्शनों की अभिलाषा रखते हैं,तो फिर सारी कयानात ही हमारी उस अधूरी अभिलाषा को पूर्ण करने में किसी न किसी रूप में हमारी सहायता करती है।

           (कयानात से मेरा आशय यह है कि ईश्वर भी हमारी सच्चे मन की इच्छा को पूर्ण करते हैं।)

              मित्रों हमारे देश में नाना प्रकार के लोग रहते हैं, उनमें से कुछ आस्तिक होते हैं और कुछ एक नास्तिक भी होते हैं 

                    

                   खैर मुझे क्या......🤷?


                     💁मैं अपनी बात करता हूँ, मैं भी उन आस्तिक लोगों में सम्मिलित हूं जो कि हर निवाले (कौर) पर लक्ष्मीनारायण करने से नहीं चूकता। वैसे आप चाहें तो मुझे ढोंगी की श्रैणी में रख सकते हैं।😂😂😂


 ।।मित्रों मेरे इस किस्से का शीर्षक है।।

 

                    " हे माँ,तू धन्य है"




                        मैं ईश्वर पर, अपने से कहीं ज्यादा विश्वास रखता हूं, और कोई भी कार्य करने से पहले व बाद में उनसे प्रार्थना करना व उनको नमन करना नहीं भूलता। यदि मुझे किसी भी वस्तु की आवश्यकता होती है, या मेरे हित का कोई भी व किसी भी प्रकार का कार्य करना होता है तो मैं सीधे जाकर उनसे सिर्फ यही निवेदन करके कहता हूँ, कि सुनो, न तो मेरे पास पर्याप्त धन है और न ही कोई मेरा किसी तरह का कोई source (जुगाड) है। 

जब आपने मुझे निर्धन,निर्बल,असहाय बना कर इस मृत्युलोक में भेजा है तो, आपको ही जीवन पर्यंत मेरी हर तरह से सहायता करना है।

 ये जिम्मेदारी भी मैंने आपको अपने जीवन रूपी नैया की पतवार आपके श्री हरि चरणों में डाल दी है। अब तेरे ही दिये हुए जीवन का तू ही एकमात्र स्वामी है, सरल शब्दों में कहूं तो "तू ही बनैया,तू ही मिटैया और तू ही पार लगैया है। 

                               ऐसे ही मैं अपने जीवन के विगत वर्षों में अपने पैरों पर खड़े होने की चुनौती को लेकर ,हैरान परेशान होकर न जाने कहां कहां शासकीय नौकरी में आवेदन कर कर के थक गया। किंतु मेरे पक्ष में कोई निर्णय न निकला। तब उस समय शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा था।

मैं शाम को संध्या आरती के समय एक मेरे घर के नजदीक लगी झांकी पर पहुँचा। और संध्या आरती में शामिल हुआ। 

 आरती पूजन होने के पश्चात पंडित जी आरती की थाली मेरे समक्ष लाये, मैंने आरती और प्रसाद लिया। और देवी माँ को साष्टांग दंडवत करके प्रार्थना की । हे देवी माँ तेरा दिया हुआ ये जो जीवन है,इसको सुचारू रूप से चलाने के लिए जो तूने मेरे लिए क्या व्यवस्था की है?

 क्योंकि मैं यह भली भांति जानता हूँ कि, जिसको तू चोंच देती है,तो उसके चुगने की व्यवस्था तू पहले ही कर देती है। अतः मुझे शीघ्र अति शीघ्र उस व्यवस्था से मिलवा दे। ऐसी प्रार्थना करके मैने मन ही मन संकल्प लिया कि,मेरी शासकीय नौकरी लगती है तो, उसी साल से मैं स्वंय प्रत्येक वर्ष शारदीय नवरात्रों में देवी माँ की स्थापना करवाया करूंगा। 

और अनायास ही उसी वर्ष देवी माँ की कृपा से मेरी एक नहीं तीन तीन शासकीय नौकरी में चयन हुआ। सर्व प्रथम बिलासपुर में मेरा भारतीय सेना में चयन हुआ,दूसरा भोपाल में बी.एच.ई.एल में चयन हुआ, एवं तीसरी नौकरी मुझे कोटा में, टिकिट कलेक्टर के पद पर मिली।

                    मित्रों उसी समय से मैं शारदीय नवरात्रों के दिनों में देवी माँ की कृपा से उनकी स्थापना करवाता आ रहा हूँ। और शत् प्रतिशत यदि हो सके तो मैं इन दिनों में सेना से अवकाश पर रहता हूँ। और तन मन धन से देवी माँ की सेवा में समर्पित रहता हूँ। इस वर्ष भी स्थापना करवाई किंतु इस वर्ष मुझे उनकी सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त न हो सका।

                  किसी कारणवश ,मैं तय समय पर सेना से अवकाश पर अपने घर न आ सका। किंतु घर के अन्य सदस्यों के द्वारा मैंने देवी माँ की स्थापना करवाई। पर न जाने क्यों मेरे हृदय में उथल पुथल सी होती रही।

 मानो हृदय बहुत ही व्यथित सा हो रहा था कुछ ठीक नहीं लग रहा था। प्रथम दिन से सप्तमी के दिन तक मेरे हृदय में केवल एक ही बात चल रही थी कि हे माँ मुझे तेरे दर्शन करना है। ऐसा मैं अपने कार्यालय में बैठे बैठे सोच रहा था कि तभी मेरे वरिष्ठ अधिकारी के मोबाइल पर दंतेवाड़ा से एक मुखबिर का का फोन आया कि एक गुप्त जगह पर आज रात्रि में चंड~मुंड नामक दैत्यों की सभा होने वाली है आप देख लीजिए।

                                     इतना सुनते ही हमारे अधिकारी ने बिना देर किए आदेश पारित कर दिया और हमारी टोली तुरंत एक्शन मोड़ में दंतेवाड़ा के लिए उन चंड-मुंडों से दो दो हाथ करने निकल पडी। वहां पहुंचने पर योजना बद्ध तरीके से उन चंड-मुंडों को परलोक पहुंचा कर कुछ राहत की सांस ले ही रहे थे कि मेरे भेजे ने पुनः घुमना  शुरू कर दिया। अब मुझे फिर से देवी माँ के दर्शन करने का विचार आने लगा। तभी मेरा एक साथी जो कि वो लोकल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का ही रहने वाला था।

 हम सभी लोग रात्रि के समय सिविल पुलिस के रेस्ट हाउस में जाने की तैयारी कर रहे थे कि वो बोला सर आप सभी मेरे घर चले वहीं रात्री भोजन करेंगे एवं विश्राम करेंगे। प्रात: उठ कर स्नान आदि से निवृत्त होकर यहां कि प्रसिद्ध शक्ति पीठ माँ दंतेश्वरी माता के दर्शन करने चलेगें नवरात्रि पर्व भी चल रहा है। बहुत प्रसिद्ध धाम है। उसकी बात सुनकर मेरी दाहिनी आंख फड़की और माता रानी की कृपा मानकर मेने आव देखा न ताव और अपने वरिष्ठ अधिकारी के कुछ बोलने से पहले ही बोल दिया कि चल आज डेरा तेरे ही घर में  डालते हैं ‌। मेरी बात सुनकर मेरे वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब तिवारी जी ने डेरा साहू जी के यहां डालने का बोल ही दिया है तो फिर चलो। हम सब खिलखिलाते  हुए उसके घर चल दिए। उसके घर पहुंचने पर हम सभी का बहुत आदर सत्कार हुआ।

 और हम सभी प्रसन्न चित होकर निंद्रा में लीन हो गए। प्रात:काल शीघ्र उठकर स्नानादि कार्य से निवृत्त होकर माँ दंतेश्वरी देवी के दर्शन करने चल दिए। वहां पहुंचने पर माँ काली स्वरुपा दंतेश्वरी माँ के दर्शन करते समय व अपनी हृदय की प्रबल, देवी माँ के दर्शनो की उत्तेजना पूर्ण हो माता रानी का आभार व्यक्त करते हुए  मेरे हृदय से असीम शांति फूट फूट कर आँखो के माध्यम से बाहर निकलने लगी। और मन ही मन मैंने कहा...........🙏हे माँ तू धन्य है🙏

      

                           🇮🇳 जयहिंद 🇮🇳

                      🇮🇳भारतीय सैनिक 🇮🇳


Disclaimer:

इस पोस्ट में व्यक्त की गई राय लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। जरूरी नहीं कि वे विचार या राय इस blog (Shades of Life) के विचारों को प्रतिबिंबित करते हों। कोई भी चूक या त्रुटियां लेखक की हैं और यह blog उसके लिए कोई दायित्व या जिम्मेदारी नहीं रखता है।

Monday, 11 October 2021

Recipe : Samak ke chawal ki kheer

नवरात्र के पावन पर्व के षष्ठी में मातारानी के भोग प्रसाद के लिए, समा के चावल की खीर बनाई है तो सोचा आज आप के लिए उसी की recipe share कर दें।

वैसे तो ईश्वर का जो भी प्रसाद होता है बहुत स्वादिष्ट ही होता है, पर समा के चावल की खीर की बात ही अलग है।

यह खीर बहुत ही tasty होती है तो बच्चों से बूढ़ों तक सभी को बहुत पसंद आती है।

सबसे अच्छी बात यह है कि यह बहुत easily prepare हो जाती है, साथ ही इसमें बहुत कम ingredients चाहिए।

तो चलिए झटपट सारी recipe पढ़ लीजिए और मातारानी के लिए प्रसाद ready कर लीजिए। 

Samak ke chawal ki kheer 




Ingredients 

Full cream milk - 2 litres

Samak ka chawal - handful (1 मुट्ठी)

Sugar - 1 cup or as per taste

Green cardamom - 3-4 no.

Dry fruits - handful


Method

  1. समा के चावल को अच्छे से धो लीजिए।
  2. दूध को boil होने रख दीजिए।
  3. 1 boil आ जाने पर उसमें समा का चावल और चीनी डाल दीजिए।
  4. धीमी आंच कर दीजिए।
  5. गाढ़ा होने तक बीच-बीच में चलाते रहिए। 
  6. Dry fruits and cardamom powder डालकर अच्छे से mix कर दीजिए।
  7. समा के चावल की खीर तैयार है। 
  8. आप इसे गर्म और ठंडा serve कर सकते हैं।
  9. Serve करते समय dry fruits से garnish कर दीजिए।

समा के चावल की खीर कैसे बहुत ही tasty बनें, इसके लिए कुछ Tips and Tricks भी follow कर लेते हैं- 


Tips and Tricks 

  • दूध full cream ही लीजिए। 
  • समा के चावल को भिगोकर रखने की जरूरत नहीं है।
  • Rice, एक मुट्ठी भर ही लीजिए, ज्यादा लेने से खीर नहीं दूध-भात लगती है। 
  • मेवा अगर आप को पका हुआ और soft पसंद है तो पकते खीर में डाल दीजिए वरना खीर तैयार हो जाने पर उसे मेवों से garnish भी कर सकते हैं। 
  • Agar आप को मेवों का crunchy taste पसंद हो तो, मेवा dry roast कर के डालिए।
  • Dry roast होने से मेवों का taste enhance हो जाता है, साथ ही उनमें crunch भी बहुत अच्छा आता है।
  • बिना dry fruits के भी खीर बहुत अच्छी लगती है।
  • अगर आप को खीर जल्दी ready करनी है तो, full cream milk 1 litres, गाढ़ी मलाई - 1 cup and milk powder - 20 gm. add कर के जल्दी भी बना सकते हैं।  
  • गाढ़ी मलाई और milk powder add करने से आधे समय में भी बहुत बढ़िया खीर तैयार हो जाती है।
  • Milk powder को luke warm milk में घोल कर ही खीर में add करना चाहिए, वरना milk powder की गुठलियाँ बन जाती है।
  • खीर बीच-बीच में अवश्य चलाते रहना चाहिए, वरना वो सतह पर जल जाती है। 

इन Tips and Tricks को follow कीजिए और बहुत ही स्वादिष्ट खीर बनाएं। 

तो आज के भोग में इस खीर को अवश्य बनाएं।

समा के चावल ऐसे होते हैं👇🏻 इन्हें आप व्रत में use कर सकते हैं। 

बहुत जल्दी हम इसकी एक और tasty dish share करेंगे...


So stay tune.....



Thursday, 7 October 2021

Bhajan (Devotional Song):दर्शन माँ के दरबार के

भारत के विभिन्न प्रदेशों में नवरात्रि की विशेष छटा देखने को मिलती है,जितने प्रांत, उतने ही रंग में रंगी है नवरात्रि

पंजाब, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल , सभी स्थानों में मां के आगमन का विशेष महत्त्व है।

तो चलिए हम भी मां के रंग में रंग जाते हैं।

ब्लॉग में भी नवरात्रि स्पेशल मनाते हैं। और आनन्द लेते हैं, मां के भजन , व्रत के लिए व्यंजन, कहानी, लेख आदि का।  

प्रारंभ माँ के भजन से करते हैं।


दर्शन माँ के दरबार के




चल लाडो तुझको दर्शन 

कराऊँ माँ के दरबार के


मैया के संग वहांँ पे

लक्ष्मी मैया भी विराजीं - 2

बांट रहीं हैं धन-धान्य वो

आकर ले लो हाँ जी

हाँ जी

आकर ले लो हाँ जी

उनकी कृपा जिस पर हो जाए-2

कर दें उसका उद्धार रे


चल लाडो तुझको दर्शन 

कराऊँ  माँ के दरबार के


मैया के संग वहाँ पे

शारदा मैया भी विराजीं -2

बांट रहीं हैं ज्ञान-बुद्धि वो

आकर ले लो हाँ जी 

हाँ जी

आकर ले लो हाँ जी

उनकी कृपा जिस पर हो जाए-2

 कर दें उसका उद्धार रे


चल लाडो तुझको दर्शन 

कराऊँ माँ के दरबार के


मैया के संग वहाँ पे

काली मैया भी विराजी-2

बांट रहीं हैं शक्ति भक्ति वो

आकर ले लो हाँ जी

हाँ जी

आकर ले लो हाँ जी

उनकी कृपा जिस पर हो जाए -2

कर दें उसका उद्धार रे


चल लाडो तुझको दर्शन 

कराऊँ माँ के दरबार के


मैया के संग वहाँ पे

कार्तिक जी भी हैं विराजे -2

बांट रहें हैं शक्ति ऊर्जा वो

आकर ले लो हाँ जी 

हाँ जी

आकर ले लो हाँ जी

उनकी कृपा जिस पर हो जाए-2

कर दें उसका उद्धार रे


चल लाडो तुझको दर्शन 

कराऊँ माँ के दरबार के


मैया के संग वहाँ पे

गणपति जी भी हैं विराजे-2

बांट रहें हैं रिद्धि सिद्धि वो

आकर ले लो हाँ जी

हाँ जी

आकर ले लो हाँ जी

उनकी कृपा जिस पर हो जाए-2

कर दें उसका उद्धार रे


चल लाडो तुझको दर्शन 

कराऊँ माँ के दरबार के


💐 जयकारा शेरावाली दा 💐

🙏🏻 माता रानी तेरी सदा ही जय 🙏🏻



 माता रानी के अन्य भजनों के लिए, click करें

Saturday, 2 October 2021

Poem : भारत माँ के लाल

भारत माँ के लाल



थे भारत माँ के लाल,

वो थे बहुत कमाल। 

छोटा-सा कद था,

पर विचार बहुत विशाल।। 


ईमानदारी कूट-कूट भरी थी,

देशभक्ति अटूट थी। 

देश के नेतृत्व की क्षमता,

उनमें अपूर्व थी।।


देश सुरक्षित बने तभी, 

जब रक्षक उसका दृढ़ हो।

ललकार सके ना उसको दुश्मन, 

जब उसकी सेना सुदृढ़ हो।। 


जिस देश में रहे हरियाली,

वहाँ खुशहाली भी आएगी। 

खेत-खेत में छायी हरियाली,

सुख-समृद्धि फैलाएगी।। 

जय जवान जय किसान, 

यह ही उनका नारा था। 

किसानों से जवानों तक,  

सब को उन्होंने संवारा था। 


लाल बहादुर शास्त्री जी के,  

मंत्रों को जिसने जान लिया। 

देश विकास वही करेगा,

जिसने उस मूल-मंत्र को मान लिया।। 


भारत माँ के सपूत को हम, 

शत् शत् नमन करते हैं।

उनके जन्म दिवस में,

हम बारम्बार प्रणाम करते हैं।।


हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी व देश के सबसे सफल भूतपूर्व प्रधानमन्त्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनके जन्मदिवस के पावन अवसर पर सादर नमन 🙏🏻🙏🏻