Thursday 16 May 2024

Article: Taste or poison

स्वाद या ज़हर



आज के इस article को लिखने का मुख्य उद्देश्य है, हमारे देश के बच्चे..

आप कहेंगे क्या हो गया जी बच्चों को...

बच्चों में बढ़ता fast food का हद का craze.

Momos, Chowmein, Manchurian etc. यह सारे ही, उतने ही घातक हैं, जितना घातक मीठा जहर। 

यह सब खाने में जितने स्वादिष्ट है, health के point of view से उतने ही जहरीले। 

यह सब तब और घातक हो जाते हैं, जब इन्हें रेहड़ी पटरी से लिया जाए।

आप कहेंगे कि हम ऐसा क्यों बोल रहे हैं? 

क्योंकि इनका craze सिर चढ़कर बोल रहा है। 

Indian street food, जैसे पकौड़ी-कचौड़ी, चाट, गोल-गप्पे, लिट्टी चोखा, ढोकला, फाफड़ा, इडली, डोसा, छोले-भटूरे, आदि से मुकाबले momos, chowmein, manchurian, pizza, sandwich, burger etc. की stalls ज्यादा नजर आने लगी है।

और पहले लगने वाले ठेले जिनमें,फालसे, फलों की चाट, मूली, खीरा, भुट्टा, आदि... वो तो अब यदा-कदा ही देखने को मिलते हैं।

आप देखेंगे तो पाएंगे कि Indian foods, most healthy foods है। किसी-किसी में आपको oil content ज्यादा मिल सकता है लेकिन harmful chemicals आपको नहीं मिलेंगे।

इसलिए अच्छा यही होगा कि Indian food items ही खाए जाएं...

जबकि fast food में harmful chemicals होने की संभावना बहुत अधिक होती है। 

किसी में preservatives, किसी में emulsifier, किसी में different chemicals like ajinomoto, किसी में colour etc...

इनमें से mostly DNA या blood cells पर attack करते हैं, जिनसे cancer, heart disease, nerves disorder, bones में weakness, obesity, diabetes, blood pressure etc की problem हो जाती है।

हमने रेहड़ी पटरी वालों के items ज्यादा खतरनाक इसलिए कहे, क्योंकि उन्हें कम पैसों में food items ज्यादा स्वादिष्ट बनना है तो वो ज्यादा chemicals use करते हैं।

पर ऐसा नहीं कि सारे रेहड़ी पटरी वालों के items ख़राब ही होंगे, उनके अच्छे भी हो सकते हैं और बड़ी-बड़ी eateries में भी ज्यादा chemicals use हो सकते हैं।

पर अगर आप fast food खाना ही चाहते हैं तो उन्हें घर पर ही बनाएं, हो सकता है कि वो taste में थोड़ा कम tasty लगे, पर healthy 100% होंगे।

और अगर आप बाहर ही खाने में interested हैं तो कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें।

1. अगर food items, colour डालकर बनाया है तो उसे avoid करें। जैसे honey chilli potato, paneer, chicken, gobhi etc.

2. Chinese items में Ajinomoto डालने को मना कर दें। 

3. Momos में monosodium glutamate (MSG) डालने को मना कर दें। 

हमने आपको जो बताया है, उस पर एक बार विचार अवश्य करिए। क्योंकि आपकी व आपके परिवार की सेहत आपके ही हाथों में है।

एक बार फिर कहेंगे कि घर पर बने खाने से ज्यादा tasty and healthy कोई खाना नहीं है। आप को fast food बहुत ज्यादा पसन्द हो तो उन्हें भी healthy version में कर के बनाएं।

Be healthy, be happy 🫶🏻❤️😊🙏🏻

Tuesday 14 May 2024

Article: सरकारी नौकरी के बदलते स्वरूप

सरकारी नौकरी के बदलते स्वरूप 


हमेशा से ही एक चीज है, जिसका craze रहा है, फिर चाहे वो हमारे बाप-दादाओं के ज़माने की बात हो या हमारे, वो है सरकारी नौकरी... 

हां, पर धीरे-धीरे अब कुछ craze कम हो चला है। 

पर साथ ही सरकारी नौकरी का स्वरूप भी बहुत कुछ बदल गया है। 

चलिए देखते हैं कैसे…

जैसा पहले के जमाने में teacher को फटीचर कहा जाता है, जो सरकारी स्कूलों में नौकरी में करता था, क्योंकि उनकी ना तो आमदनी थी, ना ही कुछ काम...

पर अब स्वरुप बदल गया है, अब government school teachers की salary अच्छी-खासी बढ़ गई है कि उनके सामने private school teachers की salary कहीं नहीं टिकती है। पर साथ ही अब काम भी बहुत बढ़ गया है। 

पर government का कहना है कि जब salary बढ़ी है तो काम का बढ़ना, औचित्यपूर्ण है। वैसे आप ठीक से सोचेंगे तो उतना ग़लत भी नहीं है।

मतलब अगर आप government school teachers की बढ़ी हुई salary देखकर इसे join करना चाह रहे हैं तो साथ में यह भी सोचकर आइए कि काम भी आपको करना पड़ेगा, आराम या कामचोरी नहीं चलेगी।

दूसरे और भी सरकारी नौकरियों में भी बदलाव आया है, फिर वो चाहे bank हो, railway हो, airlines हो, electricity department हो, जज हो, IAS, PCS officers हो, police service हो, SAIL, BHEL, ONGC, या अन्य सरकारी महकमे हो, सबमें ही काम और salary दोनों ही बढ़ी है।

पर बढ़ने के साथ कुछ घटा भी है और वो है, छुट्टियां और मिलने वाली सुविधाएं...

पहले सरकारी नौकरियों में कामचोरी भी बहुत थी और छुट्टियों की भरमार भी, पर अब ऐसा नहीं है।

बहुत सी सरकारी नौकरियों में गाड़ी, बंगला, नौकर-चाकर सब मिलता था, मतलब एक बार आप ने मेहनत करके यदि सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली, तो बस फिर तो आपके शाही ठाठ-बाट...

घर अब भी मिलता है, पर उतना बड़ा नहीं, गाड़ी मिलती है, पर ऊंचे ओहदे पर पहुंचने के बाद। और नौकर-चाकर, वो लगभग नहीं ही समझिए... 

आज लगभग सभी सरकारी नौकरी में private companies की तरह ही काम करना पड़ता है। ऐसे में बहुत से लोगों को लगता है कि जब काम ही करना है तो private companies ही join किया जाए, वहां पैसा तो ज्यादा होगा।

ऐसे हर नौकरी में नहीं कहा जा सकता है क्योंकि बहुत सी government job में भी salary अच्छी कर दी गई है। चलिए मान भी लिया कि private companies ज्यादा अच्छी salary देती है, फिर भी एक बात में आज भी government job ज्यादा अच्छी है और वो है security में...

Government job में work load हद का बढ़ा है, छुट्टियां जमकर कंट्रोल कर दी गई हैं।

लेकिन security आज भी वैसी ही है, आज भी जितना मुश्किल government job पाना है, उतना ही मुश्किल किसी भी employee को terminate करना। यही वजह है कि अभी भी government job का craze पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।

हालांकि young age में जब job join करते हैं शायद, उस समय security की value कुछ ‌लोग ना समझ पाए पर work experience के साथ बहुत अच्छे से समझ आने लगता है।

इसलिए अगर आप government job में हैं तो बढ़े हुए काम और घटी हुई छुट्टियों को लेकर गरियाते और कोसते नहीं रहें, बल्कि बढ़ी हुई salary भी देखें और सुचारू रूप से खुशी-खुशी काम करें।

अगर हर government employee सुचारू रूप से खुशी खुशी काम करेगा, तभी देश का विकास होगा। और यह भी याद रखिए, जब हम भी किसी government system में अपने काम से जाते हैं तो सुचारू रूप से होते हुए काम को देख कर प्रसन्न होते हैं।

तो अगर कोई हमारे system में अपने काम से आए तो उसे भी तो खुशी मिलनी चाहिए। और खुशी सुचारू रूप से होते हुए काम से ही मिलती है। तो अगर काम का load बढ़ा है और छुट्टियां घटी है तो चिढ़ना क्यों?

आप यह सोच कर काम कीजिए कि हमारे कार्यालय में कोई आएगा तो खुश होकर ही जाएगा, फिर अधिक काम करना खलेगा नहीं।

मेरे पति भी सरकारी नौकरी ही करते हैं, काम की बढ़ोत्तरी और छुट्टियों में कमी उनके office में भी हुई है। 

पर हम लोगों के लिए personal problem से बड़ा है देश का विकास...

और देश के विकास के लिए अधिक काम और कम छुट्टियां बर्दाश्त है हमें 🙏🏻

हमने उनकी job का‌ जिक्र सिर्फ इसलिए किया है कि government job में होने वाली problem हम लोग भी face कर रहे हैं। 

आप को यह ना लगे कि हम या हमारे पति होते government job में, तब तो हम परेशानियां समझते... 

सब देख परख के, परेशानियों से रुबरू होने के बाद ही हमने यह article लिखा है।

फिर जिस देश का मुखिया, बिना छुट्टियां लिए, बिना काम चोरी किए देश के विकास के लिए अनवरत कार्य कर रहा है, वहां के देशवासियों को भी कार्य करते हुए देश के विकास में सहायक बनना चाहिए ...

आप का क्या सोचना है?

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳🙏🏻

Sunday 12 May 2024

Story of Life: आज मैं माँ

मेरे बेटे अद्वय ने आज, बहुत ही मार्मिक कहानी हमें Mother's day के उपलक्ष्य में तोहफ़े के रूप में दी। जब उसे पढ़ा, तो उसने मेरे दिल को छू लिया।

एक ऐसी कहानी, जो हर मां से जुड़ी हुई है‌ और अगर सभी बच्चे इसे समझ सकें तो हर मां को गर्व होगा।

आज उसे ही साझा कर रहे हैं, शायद आपके दिल को भी छू ले...

Happy Mother's Day 

आज मैं माँ



एक दिन मैं अपनी माँ से बोला, “आपका जीवन कितना सरल और आनंददायक है। घर में ही तो रहना है, जब चाहो तब टेलीविज़न देख लो, जब चाहो तब सो जाओ, जो मन में आए वह कर लो। आपको न पढ़ाई-लिखाई करनी होती है, न ही आपको परीक्षा का डर है। आपके जीवन में तो आनंद ही आनंद है।”

यह सुनकर माँ बोलीं, “बेटा, मैं इस पड़ाव से गुज़र चुकी हूँ। फिर भी तुम्हें ऐसा महसूस होता है, तो चलो, एक दिन के लिए तुम माँ और मैं बेटा बन जाती हूँ। कल मैं विद्यालय जाऊँगी, और तुम गृह के सभी कार्य करना।”

मैं मन ही मन आनंदित हो उठा। मुझे लगा कि एक दिवस के लिए ही सही, परंतु मौज-मस्ती करने को तो मिलेगी।

मैं अलार्म से सुबह पाँच बजे उठा। इतनी जल्दी उठने का मन तो नहीं कर रहा था, परंतु जानता था, कि माँ के विद्यालय जाने के बाद खूब विश्राम कर लूँगा। 

फिर मैं चला माँ को उठाने, परंतु “पाँच मिनट बाद, दस मिनट बाद” कह-कह के पूरे बीस मिनट उन्होनें ऐसे ही काट दिए। मैं क्रोधित हो गया, और मैंने पानी के तीन-चार छींटे उनके चेहरे पर मारे, और वे झल्लाते हुए उठ गईं।

तभी मुझे नाश्ते की चिंता हुई। मुझे कुछ भी बनाना नहीं आता था, मैंने सोचा कि इन्हें आज दूध-ब्रेड दे देता हूँ। जैसे ही मैंने नाश्ता परोसा, वे चिल्लाने लगीं, “यह कैसा नाश्ता है? छिः! मैं इसे बिलकुल भी नहीं खाऊँगी।”

मुझे कुछ भी बनाना नहीं आता था, इसलिए मैंने उन्हें डाँटते हुए कहा, “चुपचाप इस नाश्ते को खा लो, वरना बहुत मारूँगा।” यह सुनकर रोते हुए उन्होनें सारा नाश्ता अपने मुँह में जल्दी-जल्दी ठूस लिया।

मैंने उनके टिफ़िन में चिप्स और बिस्कुट रख दिए, परंतु देखकर वे ज़िद पर अड़ गईं, “यह क्या है! मुझे पोहा चाहिए, केवल पोहा, और कुछ नहीं।” मैंने गुस्साते हुए कहा, “जो दिया है, वह ले जाओ।”

हम नीचे उतरे, परंतु तब तक बस निकल चुकी थी। उसके पश्चात मैंने उन्हें कैसे विद्यालय पहुंचाया, यह केवल मैं ही जानता हूँ।

घर पहुँच कर ए.सी. चला कर मैं अपने बिस्तर पर लेट गया, पर तभी आँधी आ गई और बिजली चली गई। चंद मिनटों में पूरा घर धूल-धूसरित हो गया। मुझे ध्यान आया कि मैंने खिड़की तो बंद ही नहीं की थी। लो जी, हो गया आराम, अब करो सफाई। बहुत मेहनत लगी, पर आखिरकार पूरा घर साफ हो गया।

मैं थक कर चूर हो चुका था, और मुझे बहुत नींद आ रही थी। मैं लेटा ही था, कि तभी कामवाली आ गई। मुझे लगा सारे कार्य स्वयं करके चले जाएगी, परंतु उससे भी काम कराना किसी सिर-दर्द से कम नहीं था। हर पाँच मिनट में तो वह मुझे बुला रही थी।

तभी चाची का फोन आ गया। फोन पर बात करते-करते मुझे सामने दूध के पैकेट दिखे, तभी लगा कि दूध भी तो उबालना है, इसलिए बात करते-करते मैंने दूध चढ़ा दिया।

बिस्तर पर लेट के बातों में मगन हो गया। तभी कुछ जलने की महक आने लगी, मैं रसोईघर की ओर दौड़ा, मैंने देखा दूध उफन के फैल चुका था। मैंने तुरंत गैस बंद की।

आह! माँ का जीवन कितना कठिन होता है। तभी मुझे माँ कि आवाज़ आई, “उठो बेटा, विद्यालय नहीं जाना।”

मैं भड़भड़ाकर उठा और माँ से कस के चिपक गया।

माँ ने पूछा, “क्या हुआ? कोई डरावना सपना देखा?”

मैंने ना में सिर हिलाते हुए कहा, “माँ, आप बहुत अच्छी हैं।”

माँ ने मेरा सिर सहलाते हुए मुझसे पूछा,"क्यों रे?”

मैंने मुसकुराते हुए कहा, “क्योंकि आप माँ हो....


मातृत्व दिवस पर विशेष....

Saturday 11 May 2024

Short story: किराए की साइकिल

 किराए की साइकिल  



चंदन बस्ती में रहने वाला होशियार बच्चा था। उसके पापा, किशन की किराने की दुकान थी। 

पूरी बस्ती वहीं से राशन लेती थी, बहुत लोगों का उधार भी चलता था, इस कारण किशन का बस्ती में वट था, साथ ही बच्चों में चंदन का..

इस बार चंदन की मौसी ने उसके जन्मदिवस पर उसको तोहफे मे साइकिल दी। 

अभी तक बस्ती में किसी के पास साइकिल नहीं थी। ऐसे में चंदन की चमचमाती लाल साइकिल, सारे बच्चों मे आकर्षण का केंद्र बन गई।

हर बच्चा उसे छूना, देखना चाह रहा था। चंदन ठहरा व्यापारी का बेटा... उसने सब को कहा, देखने और छूने के 5 रूपए लगेंगे। 

5 रूपए बड़ी कीमत नही थी, आधे घंटे मे सारे बच्चे घर से 5 रूपए ले आए।

चंदन ने सबकी line लगवा दी, इस सख्त हिदायत के साथ कि सब बस साइकिल को देखेंगे और छूएंगे, कोई किसी तरह की कोई छेडछाड नहीं करेगा। जिसके कारण भी साइकिल में जरा भी खराबी आई, उसे पूरे 5 हजार का भुगतान करना पड़ेगा। 

इस तरह से चंदन के पास पूरे 250 रूपए एकत्रित हो गए। उसने एक बढ़िया चश्मा खरीदा और बड़ी शान से रोज, पूरी बस्ती के, साइकिल से चक्कर लगाने शुरू कर दिए। बच्चों के पास, उसे ललचाते हुए देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

हफ्ता-दस दिन बाद चंदन साइकिल चला-चला कर बोर हो गया। अब उसके दिमाग में एक तिकड़म आई।

उसने सारे बच्चों को बुलाया और कहा, जो-जो भी साइकिल चलना चाहता है, उसे किराया देना होगा। कितनी देर के लिए साइकिल लोगे, उसी के अनुसार किराया देना होगा। 20, 50, 70, 100 रूपए... साथ मे यह हिदायत तो थी ही कि, जिसके कारण भी साइकिल में जरा भी खराबी आई, उसे पूरे 5 हजार का भुगतान करना पड़ेगा। 

बच्चो मे खुशी की लहर दौड़ गई। वो दौड़े चले गए रूपए लेने...

अब तो हर रोज, सुबह से शाम साइकिल चलती और चंदन की कमाई बढ़ती जाती। 

कुछ ही दिनों मे साइकिल की पूरी कीमत निकल आई। अब चंदन ने एक और साइकिल खरीद ली और उसे भी किराए पर चलाने के लिए लगा दी। और ऐसे ही उसका किराए की साइकिल चलावाए जाने का business चल पड़ा...

चंदन के पापा किशन अपने बेटे की व्यापारी-बुद्धि देखकर अति प्रसन्न हुए और बोले, मैं तो हर रोज कितना राशन खरीदने और दुकान मे दिनभर खटने के बाद रूपए कमा पाता हू; और तुम घर बैठे, किराए की साइकिल चलवा कर कमा रहे हो... गजब दिमाग पाया है, ऐसे ही खूब कमाओ। 

धन्यवाद पापा, आगे मोटरसाइकिल और कार‌ की भी planing है...

किशन जोर से हंस दिया, फिर बोला, बहुत सही जा रहे हो...

Thursday 9 May 2024

Article : महल से Mall तक

महल से Mall तक 



आज husband के साथ long drive पर गए थे। Car दिल्ली की चौड़ी सड़कों पर दौड़ रही थी। हर  थोड़ी दूर पर एक mall आ रहा था या यूं कहें बहुत ही आलीशान और खूबसूरत थे, सारे के सारे Mall...

इन malls की ख़ूबसूरती और भव्यता देखकर यही ख्याल आ रहा था, भारत मे पहले ऐसे खूबसूरत और भव्य महल हुआ करते थे, आज malls हैं।

वैसे ही विशाल और गगनचुम्बी, उतने ही भव्य और बेहद खूबसूरत.. एक बार निहारना शुरु करो तो नजर नहीं हटती उससे..

महलों में बहुत सारे कमरे होते थे, जिसमें राजा-रानी, उनका परिवार, शाही कर्मचारी और अनेकानेक दास-दासी रहते थे। 

आज malls में भी बहुत कमरे हैं पर उनमे अलग-अलग companies और utility की shops हैं। 

महल में शाही परिवार और उनसे जुड़े विशेष लोग ही अंदर जा सकते थे, जबकि आम लोग किसी विशेष कार्य या अवसर पर ही अंदर जा सकते थे। 

जबकि malls में कोई भी अंदर जा सकता है, चाहे खास हो या आम, बशर्ते वो खुद ही अंदर जाने मे झिझक ना रहा हो।

सोचा जाए तो अपने बचपन में हमने कभी कल्पना ही नहीं की थी, कि एक ही जगह, हर संभव चीज़ मिल जाएगी।

अगर तब सोचते तो असंभव-सा लगता, पर आज किसी को कहेंगे कि कितना असंभव कार्य था, तो लोग कहेंगे कि ऐसा भी कोई बड़ा काम नहीं है, जिसके लिए असंभव शब्द use किया जाए। 

Mall के हर floor पर जगमगाती led lights, glow sign boards उसकी ख़ूबसूरती पर चार चांद लगा रहे थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे हजारों जुगनू एक साथ जगमगा रहे हो। 

आज कल fashion सा हो गया है, malls जाना, हो भी क्यों नहीं, सब सामान एक जगह मिल जाते हैं, थकान भी कम, क्योंकि बहुत दूर कुछ भी नहीं होता है।

Multistorey Floor के लिए lift है और साथ ही पूरे mall में central A.C. भी है, जो ही पूरे ambience को pleasant and soothing बना देता है।

Malls में आकर लोगों को लगता है कि shopping के साथ-साथ उनकी outing भी हो जाएगी। तो malls के आने से लोगों की shopping को लेकर धारणा ही बदल गई, अब shopping एक अच्छी outing भी बन गई है। 

इन malls ने आकर हर आम आदमी को शाही बना दिया, हर किसी को महलों तक पहुंच दिया...

Tuesday 7 May 2024

Tip: Gas stove cleaning

आज आप के साथ एक ऐसी Tip share कर रहे हैं, जो हर घर की requirement है।

और यकीन जानिए, एक बार आप ने इस तरह से gas stove clean कर लिया, तो आप को कभी gas service कराने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 

गैस चूल्हे की सफाई 


Gas को use करते time कई बार ऐसा देखा जाता है कि उसके burners की flame कम हो जाती है। जिसके कारण उस पर काम करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

खासकर जिनके पास दो burners वाला stove होता है उनके लिए तो इस से बहुत ही ज्यादा दिक्कत हो जाती है।

इस छोटे से काम के लिए stove service वाले आपसे बड़ी कीमत भी मांग सकते है। लेकिन अगर आप स्वयं इसे ठीक कर लें तो आप इस परेशानी से बच सकती हैं।

इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी है। बस यहाँ जो तरीका बताया गया है उसे step by step follow करना है।

Step 1

Gas stove clean करने के लिए सबसे पहले cylinder को regulator से off कर दें। 

इसके बाद उस पर रखे हुए pan support (जिस पर बर्तन रखा जाता है) उसे निकाल दे और burners को भी निकाल लें। 

अब कोई भी बर्तन लें उसमें burners डालें और हर burners के ऊपर Harpic डालें और उसे 15 मिनट के लिए side में रख दें।

इस प्रकार से 2-3 महीने में आपको burners की सफाई करनी चाहिए। जब तक आपके burners Harpic में भीग रहें है तब तक हम दूसरे step पर चलते हैं।


Step 2

अब बारी है main stove को साफ करने की, जिसके कारण flame, low हो चुकी है। 

इसके लिए आपको एक plass और screw driver की जरूरत होगी। stove को उल्टा कर लें, और जिस burner की flame कम है उसे आपको खोलना है। 

कई बार बहुत दिनों बाद खोलने के कारण nut बहुत tight हो जाते है, उसे आसानी से खोलने के लिए उस पर थोड़ा तेल डालकर रख दें। 

अब पीछे plass से और आगे screw driver की मदद से आप burner खोल सकते हैं। खोलने के बाद अब सब parts आपके हाथ में होंगे। 

पीछे की ओर से जहां से gas हमारे burner में आती है उस हिस्से को साफ करना है। 

उसके लिए आपको किसी बारीक तार, needle या फिर pin (जिससे stove साफ किया जाता है) की जरूरत है। 

 Pin और brush की मदद से उसे अच्छे से साफ करें। उसी brush से आप ऊपर वाला हिस्सा भी साफ करें। देखने में आपको वह साफ दिखेगा लेकिन उसके अंदर बहुत ही बारीक कचरा फंस जाता है इसलिए उसे अच्छे से साफ करना बहुत जरूरी है।

Step 3

साफ करने के बाद जिस प्रकार आपने खोला था उसी प्रकार से आप pipe को जोड़ दें। ध्यान रहे कि आप इसे अच्छे से tight लगाएँ।

Step 4

Harpic में भीगे हुए burners में थोड़ा पानी डालें, washing powder और brush की मदद से अब इसे clean करना है। brush की मदद से आप burners को आसानी से साफ कर सकते हैं। 

clean करने के बाद इसे पानी में डालें और फिर एक बार नल के नीचे इसे धो लें। धोने के बाद इसे साफ कपड़े से पोंछें और झटक लें, इससे पानी बिलकुल भी अंदर नहीं रहेगा।

Step 5

अब बस सब चीजों को अपनी जगह लगा दें, और अपना stove चालू कर के देखें। चालू करने के बाद आपको इसकी flame high दिखेगी। चार आसान step में आपका चूल्हा पहले जैसा (नया सा) हो जाएगा।

इतनी आसानी से आप अपना चूल्हा साफ कर सकती है। इसके लिए अब आपको किसी को भी बाहर से बुलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

Note

Gas stove को खोलने के साथ ही यह ध्यान रखिएगा कि, आप ने कहां से क्या खोला है, जिससे बाद मे Gas stove के सारे parts, nut and screw से अच्छे से tight कर सकें। 

Friday 3 May 2024

Story of Life: विवाह भाग - 4

 विवाह भाग - 1,

विवाह भाग -2 व

विवाह भाग-3 के आगे…

विवाह भाग - 4 



घर पहुंचने के बाद से दोनो को पहली बार यह एहसास हुआ कि वो जीवन साथी हैं।

इतना खूबसूरत जीवन साथी पाकर, संजय मौका तलाशने लगा, चंदना के निकट रहने का... 

एक दिन संजय, जब office से लौट कर आया तो वो अपनी मां से बोला, बहुत गर्मी हो रही है क्यों ना, Mango shake और आम पन्ना पिया जाए? 

ठीक है, तुम कच्चे पक्के दोनो तरह के आम लेते आना, तो मैं एक एक दिन कर के दोनो बना दूंगी, मां ने कहा।

लेते आना, नहीं मैं अभी लेकर आता हूं। साथ ही तरबूज और खरबूजा भी लेता आऊंगा।

ठीक है, लेकर आजा सब, चंदना को भी गर्मी में फलों का आनन्द मिल जाएगा।

मां, अगर आप को ठीक लगे तो चंदना को भी ले जाऊं? फलों को छांटने और पकड़ने में मदद हो जाएगी। 

ठीक है, ले जा, पर तेरे पापा जी आएं, उससे पहले आ जाना, वर्ना वो नाराज होंगे कि नई बहू को भेज दिया, काम कराने।

हां हां, मां जल्दी आ जाएंगे।

संजय, चंदना को लेकर,  सीधे रमेश चाट भंडार वाले के पास पहुंच गया।

रमेश चाट भंडार वाले को देखकर, चंदना ने प्रश्न सूचक निगाहों से संजय को देखा...

कल जब हम लोग लौट रहे तो मैंने  तुम्हें इस ओर बड़ी हसरत भरी नजरों से देखते हुए देखा था,, फलों का तो बहाना था, दरअसल तुम्हे यहां लाना था...

और फल?

वो भी ले लेंगे, पहले तुम चाट के मजे तो ले लो। 

चंदना, संजय के प्यार और care से खुश हो गई। उसने मन ही मन, अपने सब बड़ों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने उसके लिए इतना अच्छा जीवन साथी ढूंढ के दिया।

लौटते समय वो लोग फल लेकर लौटे..

चंदना ने खाना खाने के बाद सबके लिए Mango shake बनाया।

सबको कांच का गिलास दिया, पर संजय को स्टील का।

मां ने पूछा, स्टील का क्यों दे रही हो, तो उसने बोल दिया कि कांच के गिलास खत्म हो गए थे। 

जबकि हकीकत यह थी कि उसने संजय के लिए ज्यादा गाढा Mango shake बनाया था, क्योंकि संजय को Mango shake ज्यादा आम वाला पसंद था।

दिन-दिन बीतते गये और दोनो का एक-दूसरे के लिए प्यार और care बढ़ती ही गई। 

आज उनकी 10 anniversary थी। उसमें जब रंजना बुआ आई तो दोनो ने उनका आशीर्वाद लेते हुए धन्यवाद दिया और कहा कि अगर आप ने, उस दिन हम लोगों को विवाह और उसमें भी arrange marriage का सही अर्थ  ना समझाया होता तो यह शुभ दिन भी नही आता।

और आप ने सही कहा था कि arrange marriage, बहुत सारे gift rapers में लिपटा जिंदगी का सबसे खुबसूरत gift है। जिसमें हर दिन एक नया सा लगता है।

Thursday 2 May 2024

Story of Life : विवाह भाग - 3

विवाह भाग - 1 

विवाह भाग -2 के आगे…

विवाह भाग - 3


मैं 2 दिन बाद, चंदना को अपने घर ले जाऊंगी, तुम भी आ जाना। 

यह कहकर रंजना ने phone काट दिया। 

चंदना और संजय दोनों की धड़कनें तेज़ हो चली थी, दोनों ही रंजना के घर में मिलने का इंतजार बेसब्री से करने लगे। 

2 दिन बाद, चंदना और संजय, रंजना के घर पर मिले। रंजना बुआ ने दोनों से कहा, तुम लोग ऐसे पवित्र रिश्ते में बंधे हो, जो सृष्टि के निर्माण में सहयोग करेगी।

तुम लोगों को एक-दूसरे से मिलवाने का काम हम सब परिजन का था, जो हमने सफलतापूर्वक संपन्न किया।

देखो बच्चों, arrange marriage इसलिए आवश्यक होती है, क्योंकि उसमें अनुभवी लोगों की सोच शामिल होती है, जो अपने बच्चों के लिए वरदान होती है। 

तुम दोनो, एक-दूसरे के पूरक हो, मैं अपनी शुभकामनाओं के साथ यहां से जा रही हूं। अब आगे का सफर तुम लोगों को सफलतापूर्वक पूर्ण करना है।

रंजना बुआ के जाने के बाद, चंदना और संजय एक दूसरे की तरफ मुखातिब हुए, पर अब उन्हें अजनबीपन का एहसास नहीं था।

शरम और झिझक तो अभी भी थी, पर साथ ही अपनापन भी लग रहा था। 

बहुत झिझकते हुए संजय, चंदना के नजदीक गया और बोला, बहुत देर हो चली है, घर चलें?

संजय के नजदीक आने से, चंदना के पूरे शरीर में एक सिरहन सी दौड़ गई और दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई।

जी... 

हम लोग bike से चलें? Actually मैं अभी उसी से आया था।

हाँ.. 

चंचल और अल्हड चंदना अभी भी, सिमटी सकुची सी, बस हां और ना में ही जवाब दे रही थी।

दोनो जब bike से घर लौट रहे थे तो उन्होंने पहली बार एक दूसरे की छुअन को महसूस किया था, जो दोनो को ही रोमांस की अनुभूति दे रहा था।

घर पहुंचने के बाद से दोनो को पहली बार यह एहसास हुआ कि वो जीवन साथी हैं।

इतना खूबसूरत जीवन साथी पाकर, संजय मौका तलाशने लगा, चंदना के निकट रहने का...

आगे पढ़ें विवाह भाग - 4 में...