Friday 15 June 2018

Poem : ज़िन्दगी

ज़िन्दगी


ज़िन्दगी जिस रंग में रंगी देखो, वैसी ही नज़र आती है

सुख सोचो, तो सुख
वरना दुःख से घिरी नजर आती है

ज़िन्दगी जिस रंग में रंगी देखो, वैसी ही नज़र आती है

पाया है, जो जन्म मनुष्य का
सोचो तो गर्व से भरी नज़र आती हैं

ज़िन्दगी जिस रंग में रंगी देखो, वैसी ही नज़र आती है

हम हैं भारतीय
सोचो तो, त्योहारों से सजी नज़र आती है

ज़िन्दगी जिस रंग में रंगी देखो, वैसी ही नज़र आती है

अपना है, खूबसूरत परिवार
सोचो तो, सम्पूर्णता का एहसास कराती है

ज़िन्दगी जिस रंग में रंगी देखो, वैसी ही नज़र आती है