Wednesday, 7 November 2018

Poem : चलो इस बार दिवाली कुछ अलग सी मानते हैं


चलो इस बार दिवाली कुछ अलग सी मनाते हैं



चलो इस बार दिवाली
कुछ अलग सी मनाते हैं

इस बार दीप सिर्फ
अपने घर ही नहीं
जहां जहां भी अंधेरा हो
हर ओर जलाते हैं
भेदभाव दूर कर
प्रेम का संदेश फैलाते हैं

चलो इस बार दिवाली
कुछ अलग सी मनाते हैं


जब लेने जायें पटाखे
अपने बच्चों के लिए
कुछ पटाखे कामवाली के
बच्चों के लिए भी
ले आते हैं

चलो इस बार दिवाली
कुछ अलग सी मनाते हैं


जब नए खरीदें कपड़े
तब छोटे हुए अच्छे कपड़े
जाकर गरीब बच्चों को बाँट आते हैं
उनको भी अच्छे कपड़ों की
खुशी दे आते हैं

चलो इस बार दिवाली
कुछ अलग सी मनाते हैं


बहुत दिनों से बाज़ार से
आ रही हैं मिठाई
माँ की तरह, इस बार
मीठा घर पर बनाते हैं
अपने बच्चों को
अपना बचपन दिखाते हैं

चलो इस बार दिवाली
कुछ अलग सी मनाते हैं


दिवाली के तोहफे में,
तुलसी का पौधा देते हैं
बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं 
बच्चों में ये संस्कार देते हैं 
अपने बच्चों में 
कुछ भारतीयता लाते हैं   

चलो इस बार दिवाली
कुछ अलग सी मनाते हैं

आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं |
आप सभी का घर धनधान्य, सुख, संपन्नता, प्रसन्नता से भरपूर रहे | माँ लक्ष्मी व गणपति जी की आप पर विशेष कृपा रहे |