Friday, 31 December 2021

Recipe: Vanilla Mousse Cake

आप के लिए बहुत सारे cakes की recipe share कर चुके हैं, जिन्हें आप के द्वारा बहुत पसंद भी किया गया है। अगर आप को वो recipe चाहिए तो Recipes - Cakes पर click करें।

तो चलिए आज आपके लिए New year Eve पर एक और tempting recipe share कर देते हैं। 

यह dish बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को बहुत पसंद आती है। 

यह आपको Domino's में as a sidee मिलती है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर हम किस की बात कर रहे हैं, जब हम इस dish का नाम बताएंगे तो आप सभी खुश हो जाएंगे और उस dish का नाम है...


Vanilla Mousse Cake




Ingredients:

  • Chocolate cake 
  • Whipped cream 
  • Chocolate shaving
  • Chocolate chips 
  • Silver balls 


Method:

  1. Chocolate cake को crumble कर लीजिए। 
  2. Whipped cream, में vanilla essence डालकर mix कर लीजिए, और उसको cone में भर लीजिए।
  3. एक transparent glass लीजिए। 
  4. उसमें सबसे नीचे chocolate crumbs डालिए। 
  5. अब cone से whipped cream को glass में डाल दीजिए।
  6. अब इसी तरह से chocolate and whipped cream की 3 to 4 layers बना लीजिए।
  7. अब सबसे ऊपर वाली layer पर chocolate shavings, chocolate chips and silver balls डालकर decorate कर लीजिए।
  8. अगर आप summers में इसे prepare कर रहे हैं, तो serve करने से 30-45 minutes के लिए refrigerate कर लीजिएगा। आप चाहें तो इसे 2-3 days के लिए refrigerate करके store भी कर सकते हैं।

Now your yummy and tasty Vanilla Mousse Cake is ready to serve.

अगर आप chocolate cake recipe चाहते हैं तो  Vintage Car Chocolate cake  पर click करें।

Whipped cream prepare कैसे करें, उसके लिए Icing tips and tricks पर click करें।

Happy New year Eve 🎉

अगर आप को Coffee Mousse Cake पसंद है तो, हम आपको बता दें कि जल्द ही हम उसकी recipe भी share करेंगे तो, stay tuned with us.

Wednesday, 29 December 2021

Recipe : Stuffed Green Chilli Pickle

अभी कुछ दिन पहले आप को लाल मिर्च का भरवां अचार की recipe share कर चुके हैं। जिसे आप के द्वारा बहुत पसंद किया गया।

हमने सोचा जब लाल मिर्च के अचार की recipe share कर चुके हैं तो क्यूं ना winter special की दूसरी recipe हरी मिर्च के भरवां अचार की भी recipe share कर दें। 

आप को यह बता दें कि, दोनों ही भरवां अचार हैं, पर दोनों ही अचार का colour and taste, entirely different होगा।

आप बोलेंगे कि एक लाल है और दूसरी हरी तो colour तो change होंगे ही। पर हम आपको बता दें कि यहाँ सिर्फ मिर्च के रंग ही नहीं बल्कि उनमें भरने वाले मसाले का रंग भी different होगा ही पर साथ ही taste भी entirely different होने के साथ ही बहुत yummy होगा। 

क्योंकि हमने इस pickle में बहुत कम mustard oil, use किया है, इसलिए health conscious लोगों को यह बहुत ही पसंद आएगा।

तो चलिए आज आपके लिए हरी मिर्च का भरवां अचार की recipe share कर रहे हैं।

हरी मिर्च का भरवां अचार


Ingredients

Green thick chilli  - 500 gm.

Fenugreek seeds - 10 gm.

Fennel seeds - 25 gm.

Asafoetida powder - 25 gm.

Lemon juice - 3 tbsp.

Salt - 50 gm.

Mustard Oil - 2 tbsp.

Yellow mustard seeds - 100 gm.


Method  :

  1. एक wok (कड़ाही) लीजिए, उसमें पीली सरसों, मेथी और सौंफ को slightly dry roast कर लीजिए।
  2. भुने मसाले को coarsely (दरदरा) पीस कर powder बना लीजिए। 
  3. अब इस मसाले में, नमक, हींग और lemon juice डालकर mix कर लीजिए। 
  4. इस मसाले में उतना तेल डाल दीजिए कि powder इतना गीला हो जाए कि वो सारा मसाला आपस में चिपक जाए।  
  5. हरी मिर्च को अच्छे से धोकर साफ कर लीजिए और पानी झड़ जाने के लिए रख दीजिए।
  6. अब इन मिर्च को धूप में रख कर सूखा लीजिए।
  7. जब मिर्च सूख जाए तो, उसे साफ-सूखे cotton cloth से पोंछ लीजिए।
  8. इन मिर्चों की टोपी हटा दीजिए और उसमे चीरा लगा दीजिए। 
  9. अब हर मिर्च में जितना ज्यादा मसाला भर सकते हैं, दबाकर भर लीजिए।
  10. सभी भरी मिर्चों को आहिस्ता-आहिस्ता से कांच की बरनी (चौड़े मुंह की बोतल) में भर दीजिए।
  11. अब बरनी में बचा हुआ mustard oil डाल दीजिए। इससे अचार में glace आ जाता है।
  12. बरनी को 3 to 4 days के लिए, धूप में रख दीजिए।

Now your yummy and tasty stuffed green chilli pickle is ready.


यह अचार बहुत सालों तक भी tasty बना रहता है।

Tips and tricks के बिना यह perfect नहीं बन सकता है, इसलिए recipe के साथ ही tips and tricks पर भी बहुत अच्छे से ध्यान दीजिएगा। 


Tips and Tricks :

  • जब आप मिर्च खरीदने जाएं तो ध्यान रखिएगा, कि मिर्च fresh हो। 
  • इसकी पहचान यह है कि मिर्च की skin shiny दिखेगी और अगर आप उसे छूकर देखेंगे तो वो tight and fleshy लगेगी।
  • आप मिर्च खरीदते समय यह भी ध्यान रखिएगा कि मिर्च कहीं से सड़ी-गली ना हो, ना ही उसमें किसी तरह के दाग़-धब्बे हों।
  • जब आप मिर्च धो रहे हों तो ध्यान रखें कि वो धोने में टूटें नहीं। 
  • अचार डालने से पहले वो पूरी तरह से सूखी होनी चाहिए।
  • उसको आप धूप में रख कर भी सुखा सकते हैं।
  • Dry and clean cotton cloth से पोंछना इसलिए भी जरूरी है, जिससे अगर मिर्च में थोड़ी भी नमी रह गई है तो वो ना रहे, साथ ही अगर किसी तरह की कोई गंदगी रह गई है तो वो भी हट जाए।
  • जब आप अचार डाल रहे हों तब देख लीजिए कि अगर कोई सी भी मिर्च में कुछ भी सड़ा-गला या दाग धब्बा या गंदगी है तो उसे काटकर हटा दें।
  • मसाला slightly dry roast करने से उनकी नमी हट जाती है साथ ही मसालों की aroma (खुशबू) enhance हो जाती है। 
  • अचार के लिए हमेशा mustard oil ही use करना चाहिए, क्योंकि अचार के लिए mustard oil ही सबसे अच्छा होता है।
  • Mustard oil को कच्चा ही डालें, इससे अचार बहुत दिनों तक fresh लगता है, और उसमें बहुत दिनों बाद भी अजीब सी महक नहीं आती है।
  • आप चाहें तो मिर्च में चीरा लगाने के बजाय केवल उसकी टोपी हटाकर, भर दें।
  • इससे मसाला मिर्च में भरा रहता है और हटता नहीं है, पर इसमें मसाला भरना कठिन होता है और इसमें मिर्च में मसाले की quantity भी कम भरती है।
  • चीरने में मसाला easily भर जाता है, इसमें मसाले की quantity भी ज्यादा भरती है, पर इसे handle carefully करना पड़ता है, वरना सारा मसाला निकल जाता है। 
  • आप को अगर कम तीखा पसंद है तो आप मिर्च के बीज हटाकर भी मसाला भर सकते हैं।
  • मसाला भरते समय इतना तेल जरुर से डालिए कि वो भुरभुरा ना रहे, बल्कि मसाला आपस में चिपका रहे, जिससे जब आप मिर्च में मसाला भरें तो वो मिर्च को छोड़कर ना गिरे।
  • पर ध्यान रखिएगा कि मसाले में तेल इतना भी नहीं डालना है कि मसाला गीला होकर बहने लगे। 
  • अगर आप को तेल में डूबा हुआ अचार पसंद हो, तो आप बरनी में इतना तेल डाल दीजिए कि अचार तेल में डूब जाए। 

अगर आप जानना चाहते हैं कि आचारों को सालों तक कैसे ठीक रखा जाए तो, Secret of long lasting pickle पर click करें...

Tuesday, 28 December 2021

Short story : खूबसूरत बीवी

 खूबसूरत बीवी 




राजन साधारण नैन नक्श वाला, ऊंचे कद काठी वाला, सांवला बांका जवान था। 

वो बहुत मेहनती था। जो कार्य करता अव्वल दर्जे का करता।

जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही वो जी-जान से पढ़ाई-लिखाई में जुट गया।

उसके दोस्त उसे चिढ़ाते, ऐसी भी कौन सी हूर की परी मिलने वाली है तुझे? जो पढ़ने में दिन-रात एक किए हुए हो...

वो उन्हें तो कुछ ना बोलता पर मन ही मन उसने यह प्रण कर लिया कि अब ब्याह तो किसी हूर परी से ही करेगा।

उसकी मेहनत रंग लाई और वो बड़का अफसर बन गया। 

अब तो उसके ब्याह की बात चलने लगी। उसकी माँ ने पूछा, रे राजन, तू कैसी छोरी चाहे है?

राजन बोला, मैं तो बजर गोरी छोरी चाहूं, एक दम परी सी। 

राजन के पिता जी ने राजन की बात सुन ली।

वो बोले, छोरा के करेगा खूबसूरत बिंदनी को? कामकाज में सयानी छोरी देखन दे तेरी माँ को...

पहले तो राजन थोड़ा शरमा गया, फिर घड़ी देर बाद बोला, बापू, काम काज का क्या है, हम कर लेंगे, नहीं तो नौकरानी से करा लेंगे..

जो खूबसूरत बीवी होएगी, तो होने वाले बालक भी खूबसूरत होंगे। 

मेरे और आप की तरह डाबर का टीन तो ना लागेगें। 

बापू बोला, इतना घना सयाना तो मैं भी ना था, जो होता तो काली भैंस सी बीवी ना लाता। 

अब तो तू बहुत खूबसूरत बीवी ही लाना, मुझे भी अब घने सुन्दर बालक ही देखने हैं अपने आंगन में। 

फिर क्या था, खूबसूरत बीवी की तलाश शुरू हो गई...

Saturday, 25 December 2021

Recipe : Fresh Fruit Basket Cake

चलिए कल आप से जो वादा किया था, उसे पूरा कर देते हैं, आज अपने cute kids के लिए fresh fruit basket cake की recipe share कर रहे हैं।

यह cake बहुत yummy होता है, साथ ही बहुत healthy भी होता है।

इस cake के through आप अपने बच्चों को fresh fruits खिला सकते हैं। क्योंकि बच्चों को cake बहुत पसंद आता है तो उसके साथ वो fresh fruits भी बहुत खुशी खुशी खा लेते हैं।

तो चलिए Festival of Joy की सबसे important चीज़ बना लेते हैं।


Fresh Fruit Basket Cake



Ingredients :

For base-

All purpose flour (Maida) - 1 cup

Fresh Curd - ¾ cup

Fresh मलाई - 2 tsp.

Sugar - 1 cup

Milk  - 1 tbsp.

Eno fruit salt - 1 sachet 


For Icing -

Non dairy whip cream - 2 cup 

Fresh Fruits - Apple, Orange, Kiwi, Grapes, Pomegranate, etc or which fruit(s) you like the most.


Method :

For base -

  1. मैदा को 2 to 3 times छानकर cake flour ready कर लें। 
  2. Cake container में घी लगाकर, मैदा को dust कर के ready कर लीजिए।
  3. दही में चीनी डालकर अच्छे से mix कर लीजिए, कि वो उसमें घुल जाए।
  4. दूध में पड़ी ताज़ी मलाई 2 tsp. add करें और अच्छे से mix करें।
  5. इसमें थोड़ा-थोड़ा करके cake flour डालते हुए mix करें।
  6. इसमें दूध डालकर mix कर लीजिए।
  7. अब इसमें 1 sachet eno fruit salt अच्छे से mix कर दीजिए।
  8. Microwave oven को preheat करने के लिए 1 cup पानी, 1 min. के लिए microwave करने के लिए रख दीजिए। 
  9. Meanwhile, container में cake mix डाल दीजिए। 
  10. Cup को निकाल कर container को microwave में रख दीजिए और full temperature पर 3 to 4 min के लिए microwave कर लीजिए।
  11. Cake container को बाहर निकाल लीजिए, उसे ढक कर ठंडा होने के लिए रख दीजिए।
  12. जब वो पूरा ठंडा हो जाएगा, तो वो container की wall को छोड़ देगा।
  13. अब cake को de-mould कर लीजिए। 


For Icing -

  1. Non dairy whip cream को stiff peaks आने तक whip कर लीजिए। इसको कैसे ready करते हैं, इसके लिए आप Icing tips and tricks पर click करें।
  2. आप ने जो भी fruits लिए हैं, उन सभी fruits में से कुछ chopped pieces और कुछ decoration के लिए slices वाले pieces भी काट लीजिए।
  3. Cake base के तीन horizontal side, cut कर लीजिए। 
  4. अब base की layer में white whipped cream लगा कर crumb coat कर लीजिए।
  5. और सभी layers में whipped cream के साथ fruits के chopped pieces भी spread करते जाएं।
  6. Final icing में whipped cream से icing कर दीजिए, इसमें chopped pieces spread नहीं करने हैं।

For making fresh fruit basket -
  1. अब piping bag में whipped cream भर लीजिए।
  2. अब आप half cake में piping bag से basket की design जैसा decorate कर लीजिए।
  3. बाकी half cake को sliced fruit pieces से ऐसे decorate कीजिए कि ऐसा लगे कि fruits basket से arranged है।
  4. तो लीजिए ready है, fresh fruit basket cake.

आप भी अपनी imagination को use कीजिए और भी designs के tempting cakes बनाइये। और हमारे साथ अपने cake की pic share कीजिए😊

चलिए चलते-चलते, कुछ tips and tricks भी हो जाए...


Tips and Tricks :

  • Curd बिल्कुल fresh होना चाहिए।एकदम भी खट्टा नहीं होना चाहिए, वरना cake का taste खराब हो जाएगा।
  • Cake को ढक कर ही ठंडा कीजिए, जिससे cake की steam उसमें lock हो जाए। इससे cake ठंडा होने पर भी, ज्यादा spongy and moist रहता है।
  • Cake की horizontal layer में cream लगाने से cake ज्यादा tasty and soft बनता है।
  • Cake mix, इडली के घोल जैसा रहेगा, अगर सारे ingredients डालने पर घोल ऐसा ना बने तो, थोड़ा milk add करके अच्छे से mix कर लीजिए।
  • Microwave को preheat जरुर से कीजिएगा। वरना cake hard बनेगा।
  • इसमें मलाई, घी, oil use नहीं किया है, इसलिए यह fridge में रखने पर भी soft ही रहता है।
  • जो भी fruits डाल रहे हैं, ध्यान रखिएगा कि उस fruit को peal व de-seeded कर के ही डालिएगा।
  •  ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि cake खाते समय मुंह peal and seeds  में आने से taste भी खराब होता और कुछ थूकना भी ना पड़ता है।
  • Final decoration, cake cutting से ½ hours पहले ही कीजिए, वरना decoration fade हो जाती है।
  • हम cake decoration में natural materials से ही colour लाते हैं। अगर आप चाहें तो gel colour use कर सकते हैं। पर यह artificial होते हैं। इनके use से बहुत बार cake का taste bitter हो जाता है। तो हम colour से compromise कर लेते हैं, पर health and taste से नहीं। आप की क्या priority है, वो आप की मर्जी है।

तो बस रखिए, इन छोटी-छोटी बातों का ख्याल और cake बनाएं बेमिसाल।

तो अब सोच क्या रहे हैं, तुरंत healthy and tasty cake ready कीजिए और अपने बच्चों की fairy tale में चार चांद लगा दीजिए😊

Merry Christmas 🌲☃️

Friday, 24 December 2021

Article : Festival of Joy🎉

Festival of Joy🎉


कल Christmas है, Jesus Christ का birthday.

Christians का सबसे बड़ा festival. सभी English countries का सबसे बड़ा festival.

जिसमें वो सुबह-सुबह church जाएंगे, Carol गाएंगे। Christmas cake काटेंगे, Christmas tree decorate करेंगे। Santa Claus, बच्चों को बहुत सारे gifts देंगे। Rum के साथ, cake, cookies और भी बहुत सी चीजें खाकर celebrate करेंगे।

पर शायद India में यह festival केवल Christians का नहीं है। उसका कारण शायद यह है कि आज कल हिन्दी medium schools कम होते जा रहे हैं और English medium schools बहुत तेज़ी से बढ़ते जा रहे हैं। जहाँ बच्चों को यही पता चलता है कि Christmas means festival of Joy.

वैसे किसी भी festival को Festival of Joy मानने में कोई हर्ज नहीं है, जब तक कि आप से धर्म परिवर्तन करने को ना कहा जाए।

आज हम बड़ों को कुछ भी लगे पर बच्चों के लिए तो Christmas, Festival of Joy ही है।

बच्चों के लिए वो दिन, किसी fairy tale से कम नहीं होता है। 

उनका घर decorate करना, stockings लटका कर, Santa Claus का wait करना, फिर gifts मिलने पर उनके साथ मस्ती करना, cakes, cookies, chocolate, chips और भी yummy-yummy foods enjoy करना..

इससे cute fairy tale और कुछ हो ही नहीं सकती, जहाँ बच्चे हों, सपने हों, मस्ती हो और बहुत सारी खुशियाँ हों।

तो चलिए हम लोग भी एक दिन के लिए इस cute fairy tale में शामिल हो जाते हैं और Festival of Joy को celebrate करते हैं।

नहीं हम Christmas नहीं celebrate कर रहे हैं, हम ना तो church जा रहे हैं ना ही Carol गा रहे हैं। ना rum पीएंगे, ना Christmas tree decorate करेंगे, ना Christmas cake काटेंगे... वो जिनको celebrate करना है वो कर रहे हैं।

हम तो Festival of Joy को celebrate कर रहे हैं, जिसमें हम वो सब करेंगे, जो हमारे kids को अच्छा लगे।  

हम भी cake काटेंगे, क्योंकि बच्चों को cakes बहुत पसंद होता है, पर Christmas cake नहीं, बल्कि fresh fruit basket cake. 

क्योंकि यह बच्चों को बहुत पसंद भी आता है, साथ ही यह बहुत healthy भी होता है।

अगर आप यह सोच रहे हैं कि आप सब कैसे fresh fruit basket cake enjoy कर सकते हैं?

तो don't worry, क्योंकि आप Shades of Life से जुड़े हैं... 

हम कल सुबह 10 बजे ही आप को fresh fruit basket cake की बहुत easy recipe share कर देंगे।

आप बस,

curd, flour, sugar, eno sachet, Non dairy whip cream and अपने बच्चों की पसंद के fresh fruits के साथ ready रहिएगा।

So stay tuned... 

Wednesday, 22 December 2021

Article : National Mathematics Day

हमारा भारत देश में असंख्य विलक्षण प्रतिभा के धनी व्यक्तियों ने जन्म लिया है। 

आज National Mathematics Day के उपलक्ष्य में ऐसे ही महान विभूति का स्मरण हो आया।

श्रीनिवास रामानुजन, गणित में विलक्षणता से परिपूर्ण थे। उनका व्यक्तित्व व जीवन गाथा हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रेरणा स्रोत है।

National Mathematics Day


रामानुजन का जन्म गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता clerk की नौकरी करते थे व उनकी माँ मंदिर में भजन-कीर्तन आदि करते थे। किसी तरह वे अपना जीवन यापन कर रहे थे।

ऐसे में रामानुजन का विद्यालय में भेजना अति विषम परिस्थिति थी।

रामानुजन एक छोटे से विद्यालय में शिक्षार्जन के लिए भेजा गया।

उनकी गणित विषय के प्रति विशेष रुचि और बुद्धिमत्ता  का school में सभी ने सम्मान किया और उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए scholarship दिला दी।

जब वो मात्र 11 साल के थे तब ही वे college के level के maths questions को सही-सही solve कर सकते थे। अपने class के level के maths questions तो वो चुटकियों में solve कर लेते थे। 

रामानुजन जब 15 साल के थे, तब उन्‍होंने 'A  synopsis of elementary results in pure and aplight mathematics' नामक गणित की बेहद पुरानी Book को पूरा पढ़ लिया था। इस किताब में हजारों theory थे, जो उन्‍हें पूरी तरह याद हो गए। 

वर्ष 1911 में Indian mathematical society के journal में रामानुजन का 17 पन्‍नों का एक paper publish हुआ, जो bernoulli पर आधारित था

जब उन्होंने job join की, उस समय रामानुजन को उस समय के विश्‍व प्रसिद्ध British Mathematician G.H. Hardy उन्हें Cambridge ले गये। 

वहाँ उन्होंने बहुत सी ख़ोजें की। इसमें उन्होंने π से विभिन्न तरह के calculations के solutions दिए जो अपने आप में विशिष्ठ थी।

वहीं पर वर्ष 1916 में रामानुजन को Cambridge से bachelor of science की degree मिली और 1918 में वो अपनी प्रतिभा के कारण royal society of London के सदस्‍य भी बन गए।

उन्हें England में सम्मानित किया गया। उस समय Britishers द्वारा किसी अश्वेत को सम्मानित करना बहुत बड़ी उपलब्धि थी। 

जिस तरह बचपन में उनकी परिस्थिति उनका साथ नहीं दे रही थीं, ठीक उसी तरह जवानी में उनके शरीर ने उनका साथ नहीं दिया। 

उन्हें tuberculosis हो गया था, जो उस समय लाइलाज बिमारी थी। 

England में रहना उनके स्वास्थ्य के विरुद्ध था, अतः उन्हें भारत वापस आना पड़ा।

पर भारत में भी वे ठीक ना हो सके, और मात्र 32 साल की उम्र में काल के गाल में समा गए।

इतनी छोटी उम्र और ऐसी विषम परिस्थिति में भी उन्होंने वो कर दिखाया जो लोग सभी सुविधाओं और वर्षों की आयु में भी नहीं कर पाते हैं।

अतः अगर आप को कुछ कर दिखाना है तो, किसी भी स्थिति को अपनी हार से justify करने का बहाना ना बनाएं। क्योंकि जो लोग आज तक सफ़ल हुए हैं उनके पीछे उनकी लगन, परिश्रम और एकाग्रता शामिल है। 

तो बहानों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ें और पूरी दुनिया में अपना ही नहीं बल्कि अपने देश का नाम भी रोशन करें। 

एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों, हमने आसमां में भी छेद होते देखा है।


मुसीबतों से जो डर जाए,

वो होते नहीं सफल,

जो बढ़ते हैं 

हर परिस्थिति में आगे,

उनका ही बनता है कल,

याद वे ही किए जाते हैं प्रति पल।।


ऐसे प्रेरणादायक, महान व विलक्षण भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को मेरा शत शत नमन 🙏🏻

आप सभी को राष्ट्रीय गणित दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻💐

Tuesday, 21 December 2021

Article : बढ़ती ठंड, कांपती दुनिया

 बढ़ती ठंड, कांपती दुनिया


इस बार शरद ऋतु, जब अपने चरम पर पहुंच रही है तो देखा जा रहा है कि ठंड northern plains पर अपना भयंकर कहर बरपा रही है।

दिल्ली और आसपास के region में temperature 3° और उससे नीचे जा रहा है।


Records broken this winter :

वहीं पहली बार ऐसा हुआ है कि जब राजस्थान के चार जिलों,  चूरू, सीकर, जयपुर और सिरोही में पारा 0° से नीचे चला गया है। सबसे कम minimum temperature  -3.8° सीकर जिले के फतेहपुर में record किया गया है।

इस बार वहाँ पर फसलों पर, pipe line पर, किसी भी बर्तन में रखे पानी, आदि पर बर्फ जमी हुई देखी गई है। 

जिससे पाला पड़ कर, सबसे ज्यादा रबी की फसलों का नुक़सान होने की संभावना है। 

पर शरद ऋतु में कभी ज्यादा ठंड कभी कम ठंड, इसका कारण क्या है?

इसका बहुत बड़ा कारण है, जिसे समझने के लिए हम थोड़ा geography की ओर चलते हैं...


Geographic reason of extreme winter by weather experts :

Weather experts के according, Al Nino and la Nina दो शब्द का reference Pacific Ocean के sea level के temperature में होने वाले परिवर्तन से है।

Scientific language में Pacific Ocean में equator line से ऊपर 140° to 120° के बीच के हिस्से को Nino - 3.4 region कहा जाता है।

जब इस area में sea level का temprature normal से नीचे होता है तो इस स्थिति को La-Nina कहते हैं। Means temprature down होगा, ठंड बढ़ेगी। 

इसी तरह जब temperature normal से ऊपर होता है, तो उसे Al-Nino कहा जाता है, means temperature rise करेगा, गर्मी बढ़ेगी।

इस बार Pacific Ocean में temperature normal से down होने से La-Nina effect रह रहा है, जिसकी वजह से India के northern plains में भारी ठंड और बारिश की संभावना बढ़ गई है।

La Niña Impact : 

La niña impact के कारण, भारत में इस बार winter के season में ज्यादा ठंड पड़ने वाली है। Weather experts के according, November के तीसरे हफ्ते से ही इसका असर देखने को मिल रहा है और December में शीतलहर जैसी स्थिति आ गई है।

दिल्ली सहित उत्तर भारत में पहले से ही temperature में गिरावट के साथ-साथ प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में 'la niña' की वजह से ज्यादा ठंड पड़ने से उनकी परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है। 

Weather experts के according December- January में India के Northern, Central and Eastern part में temperature बहुत जगह पर zero और उससे नीचे जा सकता है।

Temperature में भंयकर गिरावट के चलते, हमें छोटे बच्चों और बुजुर्गो का विशेष ध्यान रखना होगा। 

Things we should do in winters:

  • हमें अपनी diet को carbohydrates, protein and iron rich रखना होगा।
  • पहनने ओढ़ने के कपड़ों का proper stock and arrangement रखना होगा।
  • घरों में plastic curtain use कीजिए, यह ठंडक में घरों को गर्म रखने में बहुत उपयोगी होते हैं।
  • Beds में bedsheet के ऊपर पतले blanket बिछा दीजिए, जिससे beds पानी जैसे ठंडे ना रहे। Blankets से beds बहुत जल्दी गर्म हो जाते हैं, साथ ही bed बहुत cozy हो जाता है, जिससे गर्माहट के साथ ही comfort level भी बढ़ जाता है।


Cure for chapped hands, feet & lips :

Winter season में हाथ, पैर, lips etc. फटने लगते हैं। 

पैरों की heels को scrub करके उसे neat and clean बना लीजिए और फ़िर उसमें lotion / cold cream / vaseline लगा के rub कर लीजिए और फ़िर socks पहन लीजिए। इसी तरह आप अपनी पूरी body में lotion / cold cream / vaseline लगा के और rub कर के अपनी skin की care कर सकते हैं।

For Natural skin care products (cure for chapped hands, feet & lips) :

Natural skin care के लिए आप होंठ पर घी और navel में mustard oil लगा सकते हैं।

ऐसी ही छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रख कर आप इस शीतलहरी से अपने और अपने परिवार को safe रख सकते हैं।

Be safe, be happy😊

Sunday, 19 December 2021

Article : कहीं आप जल्दी तो नहीं कर रहे हैं?


कहीं आप जल्दी तो नहीं कर रहे हैं?




Monday से छोटे बच्चों के school खुल रहे हैं। 

कुछ बच्चे school जाने को ready भी हैं....

पर मेरा सिर्फ एक सवाल है कि कहीं आप जल्दी तो नहीं कर रहे हैं?

Pressure and benefits

अब थोड़ा इस fact पर भी ध्यान दीजिएगा कि किस की क्या मजबूरी है, और उन्हें क्या लाभ मिलेगा...

Government

Schools को खोलते जाना सरकार की मजबूरी है, उन पर pressure है - क्योंकि उन्हे यह दिखाना है कि सब कुछ व्यवस्थित है - इसलिए अब छोटे बच्चों के लिए भी school reopen होना चाहिए।

अगर आप को भी यह सही लगता है, इसका मतलब सरकार सफल है, आप उन्हें वोट देकर सत्ता में रहने का benefit पहुंचाएं।

School Management

School management पर pressure है क्योंकि सरकार ने school में primary section भी reopen करने की बात बोल दी है। साथ ही उन्हें अपने school के अस्तित्व को बचाने की मजबूरी भी है। बच्चों के school आने से उनको benefit मिलेगा कि उनके school का अस्तित्व बचेगा और उन्हें धन लाभ भी होगा।

School Staff

School staff के ऊपर अपनी job बचाने का pressure है, साथ ही घर पर financial मजबूरी भी है। बच्चों के आने से उनको monetary benefit हो जाएगा।

अब सबसे important factor और chain की last कड़ी की बात कर लेते हैं...

Parents & Kids

जो working parents नहीं हैं, उनका कारण तो हमारी समझ से परे है...

पर जो working parents हैं, उनकी मजबूरी समझ आती है। पर क्या आप इतने मजबूर हो गए हैं कि अपने जिगर के टुकड़े को(अपनी जिंदगी को), बहुत बड़ी मुसीबत में डालने को तैयार हैं?

आप ने जैसे 1½ साल manage किया, वैसे अब क्यों नहीं?

मतलब अगर आप समझें तो मजबूरी तो है, पर benefit या gain कुछ नहीं हैं; हाँ loss जरुर हो सकता है, बच्चों का मुसीबत में फसने का।

Why COVID-19's Omicron variant is dangerous?

अभी तक की information के according Omicron fatal नहीं है। (उसके symptoms आप को मेरे इस article में Corona Omicron मिल जाएंगे।)

तो आप कहेंगे, इतनी चिंता की क्या बात है ? 

चिंता की बात यह है कि Omicron की spreading (संक्रमण क्षमता) 70 times ज्यादा है। आसान भाषा में समझें, तो अब तक फैलने वाला Coronavirus अगर 10 लोगों को infect करता था, तो यह Omicron variant 700 लोगों को संक्रमित कर सकता है। और इसका doubling rate सिर्फ 2 दिन का है।

तो जो अभी fatal नहीं दिख रहा है, वो कब भयावह रूप ले लेगा, उसकी कोई guarantee नहीं है।

और दूसरी बात, हम सब यह जानते ही हैं कि COVID से लड़ने का तरीका vaccination, social distancing और mask पहनना ही है। अभी तक बच्चों का COVID का vaccination नहीं हुआ है, जो Omicron का effect उन पर कम पड़े। साथ ही school में pre-pandemic जहां 30-40 बच्चे बैठते थे, उस same classroom में उतने ही बच्चे social distancing चाह कर भी कैसे करेंगे?

जो vaccine कुछ दिनों में आने वाली है और हम उतना इंतजार भी कर सकते हैं, तो इतनी जल्दी किस बात की?

साथ ही समाचारों में यह भी है कि corona की third wave, February में आ सकती है।

तो कुछ भी होने से, दोष ना सरकार का होगा, ना school management का, क्योंकि उन्होंने तो Consent Form भरवा ही लिया है; जिसे आपने खुद भरकर दिया है, किसी दवाब में नहीं, बल्कि अपनी खुशी से।

हमारा काम था आप को आगाह करना, बाकी decision तो आप का ही होगा; क्योंकि मजबूरी भी आपकी है, जिम्मेदारी भी आपकी है, क्योंकि बच्चा भी आप का ही है और उसकी जिंदगी और हंसी खुशी भी आप की...

Be Safe, Be Happy

Friday, 17 December 2021

Tip : Secret of long lasting pickle

आप लोगों को बहुत से अचार की recipe share कर चुके हैं। 

Pickles and chutneys (sides)

इस link पर click करने से आपको सभी recipe मिल जाएगी।

पर अभी लोगों की यह भी request आ रही है कि कैसे अचार रखा जाए कि, अचार सालों तक चल सके।

आप से हमने promise भी किया था कि आप को जल्दी ही यह tip देंगे कि अचार को लम्बे समय तक कैसे चलाया जाए।

तो चलिए आज यही tip share कर देते हैं।

Secret of long lasting pickle




  • जब भी कोई सा भी अचार डालें, ध्यान रखें कि जो भी ingredients आप use कर रहे हैं, वो fresh हों।
  • कोई भी सड़ा-गला, दागदार या बासी नहीं होना चाहिए। चाहे वो आम हो, नींबू हो, मिर्च हो, कटहल हो या वो कोई seasonal veggies ही क्यों ना हो।
  • अचार डालते समय इस बात का विशेष ध्यान रखिएगा। 
  • अचार में डाले जाने वाले spice भी fresh ही लीजिएगा, साथ ही उनके अचार में डालने से पहले उन्हें slightly dry roast कर लीजिएगा। 
  • Slightly dry roast होने से वो पिस भी easily जाता है, साथ ही अचार में aroma भी बहुत दिनों तक अच्छी आती है। 
  • जिस भी container में अचार डाल रहे हैं, वह पूरी तरह सूखा और साफ होना चाहिए। वैसे अचार और मुरब्बा डालने के लिए glass के container से अच्छा कुछ नहीं होता है।
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि glass किसी भी फल, सब्जी या मसाले के साथ react नहीं करता है।
  • कोई भी खट्टी चीजें जैसे आम, नींबू, आंवला आदि के अचार या मुरब्बे को तो जरूर से कांच की बरनी में ही डालें।
  • अचार में डाले जाने वाला तेल कच्चा ही डालें। इससे भी अचार का रंग और सुगंध बहुत दिनों तक fresh रहती है।
  • अचार के तैयार होने में लगने वाले समय से तेल के कच्चे होने का स्वाद खत्म हो जाता है।
  • अगर आप को कच्चे तेल का स्वाद पसंद है तो आप अचार जल्दी खाना भी start कर सकते हैं। 
  • अगर आप चाहते हैं कि आप के द्वारा डाले गए अचार का रंग बहुत दिनों तक fresh जैसा बना रहे तो, अचार में उतना तेल डालें कि अचार उसमें डूबा रहे।
  • तेल में डूबे रहने से अचार देर से भी गलता है। तो जिन्हें अचार बहुत गला हुआ नहीं पसंद है वो भी तेल ज्यादा डालें।
  • आप अचार या मुरब्बा कुछ भी डाल रहे हैं तो याद रखियेगा कि अचार में salt और मुरब्बे में sugar की quantity proper रखेंगी तो आप को अचार अधिक समय तक चलाने के लिए कोई preservative डालने की requirements नहीं है। 
  • Salt and Sugar से अच्छा कोई preservative नहीं होता है।
  • अचार जब भी निकालें, सूखे और साफ चम्मच से निकालें।
  • झूठे(गंदे) या अन्न के हाथ से अचार कभी नहीं निकालें। 
  • जब अचार को use करना start कर चुके हों और अचार आपने जिस container में रखा है उसमें आधे से भी कम हो जाए तो उसका container change कर के उसे छोटे container में रख दीजिए।
  • अचार ऐसे container में रखा हो, जो बहुत ज्यादा खाली हो तब भी उसके जल्दी ख़राब होने की संभावना रहती है। क्योंकि तब अचार में oxidation की process बढ़ जाती है।
  • अचार को बीच-बीच में हिलाते रहना चाहिए, जिससे पूरे अचार में मसाला एकसार रहे।
  • अन्यथा मसाला नीचे बैठ जाता है। जिससे ऊपर के टुकड़े फीके और बेरंग हो जाते हैं और आखिर के हिस्से में केवल तेल और मसाला ही रह जाता है। 


Key points :

  • कुछ भी सड़ा-गला, दाग-धब्बेदार ना हो।
  • किसी भी तरह की नमी ना रहे।
  • नमक की मात्रा सही होनी चाहिए।
  • झूठे/गंदे और अन्न के हाथ ना लगाएं।
  • अचार सदैव सूखे और साफ चम्मच से ही निकालें।

तो बस इन tips को follow करें और अपने द्वारा बनाए गए स्वादिष्ट अचार को सालों चलाएं, वो भी बिना किसी preservative को डाले। 

अगर आप इन tips को follow करेंगे तो आपको preservative के रूप में vinegar डालने की भी जरूरत नहीं है।

जब आप का अचार बिना किसी preservative को डाले भी सालों तक चल सकता है तो harmful  preservative को डालकर अपने tasty pickles को unhealthy क्यों बनाना? 

अगर आप health conscious हैं तो आप कम तेल या बिना तेल का भी अचार डाल सकते हैं।

Pickle without oil or oil free pickle की recipe भी आप को blog में मिल जाएगी...

OIL-FREE MANGO PICKLE

इस link को click करने से आपको इस अचार की recipe मिल जाएगी।

यह अचार भी सालों ठीक रहता है।

तो अब से अचार घर पर बनाएं और अपने बनाए खाने के taste को enhance करें...


Myth :

Periods के days में ना तो अचार डालें ना ही उस समय अचार निकले, अन्यथा अचार ख़राब हो जाएगा।

Fact :

यह बात सरासर ग़लत है, इसका अचार के ख़राब होने से कोई सरोकार नहीं है। 

अचार ख़राब ना हो, उसके लिए क्या किया जाए, उसका जिक्र ऊपर किया है।


उपरोक्त Tips को follow कीजिए और बाजार से लाए गए preservative पड़े unhealthy अचार को खाना बंद करें 😊

Wednesday, 15 December 2021

Story of Life : ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग- 4)

अब तक आपने पढ़ा,

ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग- 1)..,

ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग- 2)... और

ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग- 3)...


अब आगे...

ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग- 4)


मुझे शहर की हवा रास नहीं आई...

दो क्षण तो राघव कुछ नहीं बोला, फिर उसने गीतिका को गले लगा लिया और कहा, मैं भी यही चाहता था कि गांव लौट जाऊं, पर मुझमें तुम सा साहस नहीं था। 

मैं चलने को तैयार हूँ, पर अब हम वहांँ जाकर क्या करेंगे?

खेती-किसानी तो अपने बस की है नहीं...

हम वही करेंगे जो हम यहांँ करते थे, बस तब हम अपने मालिक खुद होंगे। वहाँ सबको भी यह काम सिखाएंगे।

थोड़ा समय लगेगा पर हमारा भविष्य सुनहरा ही होगा।

और इन सबके लिए पैसे कहाँ से आएंगे?

जो हमारे हैं, हम लगाएंगे, बाकी कुछ पिता जी व भैया से लेंगे। मुझे पता है अच्छे काम के लिए कोई मना नहीं करेगा।

दोनों गांव लौट आए। शहर से बहुत सारा सामान ले गये। उन्होंने वहाँ factory लगाई।

गांव आकर उन्होंने अपनी scheme सभी को बताई। जो गांव में बहुत लोगों को पसंद आई।  

जिससे पिता जी और भैया के साथ ही कुछ गांव वालों ने भी पैसे लगा दिये।

राघव और गीतिका के साथ ही बाकी सब की भी मेहनत रंग लाई...

कुछ ही दिनों में पूरा गांव, उस factory से फलने-फूलने लगा। 

अब तो गांव के विकास के लिए अन्य योजनाओं के लिए राघव और गीतिका ने सरकार से सहयोग प्रदान करने की मांग रखी।

सरकार ने देखा कि गांव के लोग परिश्रमी और लगनशील हैं तो उन्होंने गांव को अन्य योजनाओं के लिए सहयोग प्रदान करना आरंभ कर दिया...

गांव के लोग अपने भाई भतीजों और बेटों को शहर से वापस आने को कहने लगे। वो कहा करते, शहर की धूल फांकने से अच्छा है, गांव लौट आओ।

राघव भैया ने factory लगाकर गांव में भी ज़िन्दगी आसान कर दी है। अब यहाँ भी बहुत जल्दी सब सुविधाएं आती जा रही हैं। साथ ही अपनों का साथ भी है।

कहीं, कोई भी यह नहीं कहता कि वाह रे! राघव उतर गया, शहर का भूत? 

हाँ सब किशन सिंह जी से यह ज़रुर कहते थे, आप के बेटे ने शहर से आकर गांव की काया पलट दी।

तब किशन सिंह जी बड़े गर्व से बोलते, अरे राघव शहर गया ही इसलिए था कि शहर से काम सीख आए और गांव को खुशहाल बना दे।

राघव और गीतिका पिताजी के चरणों में गिर कर आशीर्वाद लेते हैं और कहते कि जिनके सिर पर आप जैसे पिताजी का हाथ हो, वहाँ अवगुण भी गुण बन जाता है और जीवन सफल।

किशन सिंह जी बड़े प्यार से उन्हें गले लगाते और कहते, मेरे बच्चे मेरे पास हैं, इससे बढ़कर हमारे लिए कुछ नहीं...

और फिर राघव एकाएक कहता है,  ज़िन्दगी गांव और अपनों के साथ है, बड़े-बड़े शहरों में नहीं...

यह सुनकर सब हंसने लगते हैं..

Tuesday, 14 December 2021

Story of Life : ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग -3)

अब तक आपने पढ़ा, 

ज़िन्दगी बड़े शहरों की  (भाग -1)  और

ज़िन्दगी बड़े शहरों की  (भाग -2)...

अब आगे....

ज़िन्दगी बड़े शहरों की  (भाग -3)



सबको छोड़कर आना, फिर work load बढ़ना। इससे राघव और गीतिका दोनों चिड़चिड़े रहने लगे थे। वो जब भी आपस में बात करते झगड़ते ज्यादा थे।

ऐसे ही एक महीना बीत गया। Sunday की एक रात band बाजे की आवाज आ रही थी, उसे सुनकर गीतिका उत्साह से भर गई, अपनी खिड़की से झांक झांक कर देख रही थी कि दूल्हा कैसा है...

 फिर मायूस होकर बोली, हमारी जिंदगी कितनी नीरस हो गई है, ना कोई हमें जन्मदिन में बुलाता है, ना ही कोई विवाह बारात में शामिल करता है।

इन खुशी भरे माहौल की तो छोड़ो, ना ही कोई हमें अपने घर बुलाता है ना हम किसी को बुलाते हैं।

दिन भर काम करते रहो, फिर भी खर्चे पूरे नहीं पड़ते हैं। हमारे पास एक-दूसरे के लिए भी समय नहीं है। कहीं घूमने-फिरने के लिए हम साथ हैं ही नहीं! हम चाहकर भी बच्चे को अपनी जिंदगी में लाने की नहीं सोच सकते हैं...

हम जी क्यों रहे हैं, बस दौड़ते रहने के लिए?

क्या इसी बेरंग जिंदगी की चाह थी तुम्हें? 

क्या यही है बड़े शहर की जिंदगी? 

राघव मैं थक गई हूँ, यहाँ ना हमारे पास एक दूसरे के लिए समय है, ना कोई अड़ोसी-पड़ोसी हमारा अपना है। ना कोई सुख में है ना दुःख में। ना हंसी, ना ख़ुशी, ना कोई उमंग।

बस दौड़ते रहो, दौड़ते रहो...

और अंत क्या, खर्चे तब भी पूरे नहीं होंगे, हाथ आएगी केवल हताशा...

मुझे अपने गांव वापस जाना है, मुझे फिर से सुकून चाहिए। मुझे अपना बच्चा चाहिए। मुझे उसका बचपन जीना है। बस यह दे दो मुझे, फिर कभी कुछ नहीं मांगूंगी।

राघव बोला, तुम्हें यह क्यों नहीं दिखता, शहर कितना advance है, हर सुख-सुविधा है यहाँ। क्या रखा है गांव में?  

फिर गांव किस मुंह से जाऊंगा? लोग सिर्फ मज़ाक ही उड़ाएंगे कि बड़ा सीना फुलाकर गया था।

गीतिका ने गर्व से ओत-प्रोत होकर कहा, गांव में जिंदगी है! 

तुम्हें advance और सुख-सुविधा दिखती है, मन का सुकून नहीं...

पिता जी ने यहांँ आने के पहले ही बोल दिया था, जब आना हो आ जाना। कोई कुछ नहीं बोलेगा और अगर कोई कुछ बोलेगा तो कह देना कि मेरी सबके बिना तबियत बिगड़ गई थी।

मुझे शहर की हवा रास नहीं आई...

दो क्षण तो राघव कुछ नहीं बोला...

आगे पढ़े, आखिर अंक, ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग -4) में

Monday, 13 December 2021

Story of Life : ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग - 2)

 अब तक आपने पढ़ा जिंदगी बड़े शहरों की (भाग- 1) में...

अब आगे...

 ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग -2)



पर चौथा क्यों? राघव ने पूछा...

वो हिस्सा उसके लिए, जिसको ज़िन्दगी के किसी पड़ाव में अचानक से आवश्यकता हो।

पर जो भी उसे लेगा, जरुरत पूरी होने के बाद, उसे उस भाग को दुगना करना होगा। क्योंकि वो भाग मैंने आने वाली पीढ़ी के लिए रखा है, हमारे किसी भी ग़लत फैसले का असर उनके भविष्य पर नहीं पड़ना चाहिए।

पिता जी, जिसके इतने समझदार दादा जी हों उनका भविष्य हमेशा सुदृढ़ ही रहेगा। और ऐसे पिता जी को छोड़ कर जाने से बढ़कर, मूर्खता तो कुछ है ही नहीं। राजन ने गर्व से ओत-प्रोत होकर कहा।

मेरे जब भी बच्चे होंगे, उनके पहले गुरु आप ही होंगे। क्योंकि जिसके गुरु आप होंगे, उसे जिन्दगी में सच्ची जीत मिलेगी।

और हाँ आप जो बंटवारा कर रहे हैं, उसमें मेरे हिस्से में मुझे आप और माँ चाहिए।

बाकी आप जानिए...

राघव, राजन की बातें सुनकर शर्मिंदा हो गया। पर उसके बड़े शहर जाने की हूक नही मिटी। किशन सिंह जी ने राघव को उसका हिस्सा देकर शहर भेज दिया।

राघव अपनी पत्नी गीतिका के साथ शहर में आ गया। वहाँ आकर उन लोगों ने एक घर लिया, कुछ घर की व्यवस्था के सामान और खाने-पीने के बनाने और खाने का सामान लिया। कहीं आने-जाने के लिए एक bike ली। इस सबमें उन लोगों के बहुत सारे पैसे खत्म हो गये। अब चंद रुपए ही बचे थे।

वहाँ उनके जान-पहचान का कोई नहीं था। ना ही किसी को उनसे कोई मतलब था।

दोनों ही बहुत होनहार थे तो दोनों ही अपने-अपने field में job करने लगे। 

चंद दिनों में ही दोनों इतने busy हो गये कि उन का आपस में मिलना मुश्किल होने लगा। क्योंकि गीतिका की morning shift थी और राघव की night.

बस एक Sunday था, जब दोनों साथ होते थे। उस दिन सोने और घर का सामान लाने में चला जाता था।

एक दिन, किशन सिंह जी ने, राघव को समाचार भेजा कि राजन के जुड़वां बच्चे हुए हैं। कुछ दिनों के लिए आ जाओ।

यह समाचार सुनकर दोनों खुशी से झूम उठे। दोनों ने अपने अपने office में छुट्टी के लिए बात की , पर राघव और गीतिका दोनों को ही मुश्किल से सिर्फ चार दिन की ही छुट्टी मिली। जब वो घर पहुंचे, घर मेहमानों से भरा था।

सबके साथ दोनों को बहुत अच्छा लगा, दोनों बच्चे चीकू-पीकू खूब सुन्दर और स्वस्थ थे। 

गीतिका को देखकर सब बोल रहे थे कि, क्या हुआ है बिटिया, इतनी थकी हुई क्यों लग रही हो?

दिन भर काम करने, व अकेलेपन के कारण उसके चेहरे पर वो पहले सी रोनक नहीं रह गई थी।

गीतिका ने एक फीकी सी मुस्कुराहट दे दी।

मौसी सास तो पूछ भी बैठीं, अरे, तुम कब खुशखबरी दे रही हो?

यह सुन गीतिका, राघव को देखने लगी, राघव शांत रहा।

चार दिन बाद दोनों मेहमानों से भरे घर को छोड़कर जाने लगे तो सब बोले, लो जी क्या ज़माना आ गया है, घर वाले ही सबसे पहले चल दिए?

माफ़ कीजियेगा बुआ, इससे ज्यादा छुट्टी नहीं है। राघव दुःखी होते हुए बोला...

चाची ने मखौल उड़ाते हुए कहा, वाह! गांव के मालिक, शहर के नौकर हो गये। ऐसे मूर्ख हमने तो कहीं नहीं देखे।

राघव कुछ नहीं बोला, बस खून का घूंट पी कर रह गया, क्योंकि चाची सच ही कहा रही थी।

दोनों शहर लौट आए। गांव जाने के कारण, उनका work load बढ़ चुका था। 

आगे जानने के लिए पढ़ें...

ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग -3)

Friday, 10 December 2021

Story of Life : ज़िन्दगी बड़े शहरों की

 ज़िन्दगी बड़े शहरों की 



किशन सिंह के दो बेटे थे, राघव और राजन। दोनों ही बड़े मेहनती थे, पर राघव महत्वकांक्षी भी था। 

किशन सिंह जी बहुत धनवान और सुलझे हुए इंसान थे, उनकी गांव में अच्छी साख थी, वह अपने दोनों बेटों से बहुत खुश थे। भरा-पूरा परिवार था, अड़ोस-पड़ोस से अच्छे संबंध थे। जीवन सुखमय व्यतीत हो रहा था।

जब दोनों लड़के विवाह योग्य हुए तो उनके सुयोग्य कन्याओं से विवाह करा दिया गया।

दोनों ही बहुएं भी घर में ऐसे रम गयीं कि घर की बहुएं कम बेटियां ज्यादा लगती थीं।

एक दिन राघव ने अपने पिता जी से कहा, मुझे बड़े शहर जाना है, अपनी किस्मत आज़माने...

किशन सिंह जी बोले, गांव में ऐसी कौन सी कमी है, जो तुम बड़े शहर में जाना चाहते हो?

पिता जी, मैं वहाँ की जिंदगी जीना चाहता हूंँ। 

कुछ नहीं रखा वहाँ, सिवाय बेमतलब की चकाचौंध और अंतहीन तन्हाई और हार के।

 वो बिरले ही होते हैं, जो वहांँ कुछ पाते हैं, पर वो अपनों से और अपने आप से भी दूर हो जाते हैं।

ना तो उनके पास अपनों के लिए समय होता है ना अपने लिए। 

जो तुम बहुत कुछ इकट्ठा कर भी लोगे, वो सिर्फ और सिर्फ दिखावे के लिए ही होगा। और दिखावे का तो कोई अंत नहीं होता है।

बहुत समझाने के बाद भी राघव के मन से बड़े शहर जाने का मोह नहीं गया।

किशन सिंह जी ने राघव को बुलाया और कहा कि ठीक है, तुम चले जाओ बड़े शहर, पर हाँ, वहाँ पहुंच कर तुम वो ना पाओ, जिसकी चाह में तुम वहाँ जा रहे हो।

तो कभी भी हारने पर कुछ ग़लत काम मत करना, तुम बिना किसी ग्लानि के वापस आ जाना। 

तुम्हारा एक ग़लत कदम, मुझे जिंदगी भर के लिए हार प्रदान करेगा। मेरी इतनी बात तो मान लोगे ना?

जी बिल्कुल पिता जी...

किशन सिंह जी ने राजन को भी बुलाया और पूछा कि राघव बड़े शहर जाना चाहता है, क्या तुम भी जाना चाहते हो?

राजन बोला, मुझे अपने गांव, अपने लोग, अपने घर से अच्छा दुनिया में कुछ नहीं लगता है। 

किशन सिंह जी बोले, ठीक है, मैंने आज अपनी धन-सम्पदा के चार टुकड़े करने के सोचे हैं।

एक मेरा और तुम्हारी मां का, एक राजन और उसकी पत्नी का, एक राघव और उसकी पत्नी का।

पर चौथा क्यों? राघव ने पूछा... 

वो हिस्सा उसके लिए, जिसको ज़िन्दगी के किसी...

आगे जानने के लिए पढ़ें... 

ज़िन्दगी बड़े शहरों की (भाग -2) में...

Wednesday, 8 December 2021

Recipe : Stuffed Red Chilli Pickle

Winter season, को Season of dishes भी कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि winter season में इतनी varities की vegetables आतीं हैं कि बस आप imagine करते जाएं और varities की dishes बनाते जाएं। 

पर आज आपके लिए winter special recipe share कर रहे हैं, जो आपके खाने में चार चांद लगा देगा।

यह देखने में जितना सुंदर लगता है, खाने में उतना ही tasty होता है। बल्कि यह भी कह सकते हैं कि इसकी company में बेस्वाद खाना भी tasty लगने लगता है।

तो चलिए और पहेली नहीं बुझाते हैं।

हम पटना की लाल मिर्च के भरवां अचार की बात कर रहे हैं।

क्या हुआ? सुनते ही मुंँह में पानी आ गया!...

तो आज यही आपको बताने जा रहे हैं कि इसे बहुत आसानी से कैसे बनाएं। 

बहुत ही कम ingredients से easily prepare होने वाला instant अचार है।

लाल मिर्च का भरवां अचार




Ingredients :

Red thick chilli (Patna वाली) - 500 gm.

Dry coriander seeds - 100 gm.

Onion seeds - 25 gm.

Fenugreek seeds - 10 gm.

Fennel seeds - 50 gm.

Asafoetida powder - 25 gm.

Dry mango powder (amchur powder) - 50 gm.

Salt - 50 gm.

Mustard Oil - 1 litre 


Method :

  1. एक wok (कड़ाही) लीजिए, उसमे, धनिया, कलौंजी (मगरैल) , मेथी और सौंफ को slightly dry roast कर लीजिए।
  2. भुने मसाले को coarsely (दरदरा) पीस कर powder बना लीजिए। 
  3. अब इस मसाले में, नमक, हींग और अमचूर powder डालकर mix कर लीजिए। 
  4. इस मसाले में उतना तेल डाल दीजिए कि powder इतना गीला हो जाए कि वो सारा मसाला आपस में चिपक जाए।  
  5. लाल मिर्च को अच्छे से धोकर साफ कर लीजिए और पानी झड़ जाने के लिए रख दीजिए।
  6. अब इन मिर्च को धूप में रख कर सूखा लीजिए।
  7. जब मिर्च सूख जाए तो, उसे साफ सूखे cotton cloth से पोंछ लीजिए।
  8. इन मिर्चों की टोपी हटा दीजिए और उसमे चीरा लगा दीजिए। 
  9. मिर्च से सारे बीज हटा दीजिए।
  10. अब हर मिर्च में जितना ज्यादा मसाला भर सकते हैं, दबाकर भर लीजिए।
  11. सभी भरी मिर्चों को आहिस्ता-आहिस्ता से कांच की बरनी (चौड़े मुंह की बोतल) में भर दीजिए।
  12. अब बरनी में बचा हुआ mustard oil डाल दीजिए। 
  13. बरनी को 1 week के लिए, धूप में रख दीजिए।

Now your yummy and tasty stuffed red chilli pickle is ready.

यह अचार बहुत सालों तक भी tasty बना रहता है।

Tips and tricks के बिना यह perfect नहीं बन सकता है, इसलिए recipe के साथ ही tips and tricks पर भी बहुत अच्छे से ध्यान दीजिएगा।


Tips and Tricks :

  • जब आप मिर्च खरीदने जाएं तो ध्यान रखिएगा, कि मिर्च fresh हो। 
  • इसकी पहचान यह है कि मिर्च की skin shiny दिखेगी और अगर आप उसे छूकर देखेंगे तो वो tight and fleshy लगेगी।
  • आप मिर्च खरीदते समय यह भी ध्यान रखिएगा कि मिर्च कहीं से सड़ी-गली ना हो, ना ही उसमें किसी तरह के दाग़- धब्बे हों।
  • जब आप मिर्च धो रहे हों तो ध्यान रखें कि वो धोने में टूटे नहीं। 
  • अचार डालने से पहले वो पूरी तरह से सूखी होनी चाहिए।
  • उसको आप धूप में रख कर भी सुखा सकते हैं।
  • Dry and clean cotton cloth से पोंछना इसलिए भी जरूरी है, जिससे अगर मिर्च में थोड़ी भी नमी रह गई है तो वो ना रहे, साथ ही अगर किसी तरह की कोई गंदगी रह गई है तो वो भी हट जाए।
  • जब आप अचार डाल रहे हों तब देख लीजिए कि अगर कोई सी भी मिर्च में कुछ भी सड़ा-गला या दाग धब्बा या गंदगी है तो उसे काटकर हटा दें।
  • मसाला slightly dry roast करने से उनकी नमी हट जाती है साथ ही मसालों की aroma (खुशबू) enhance हो जाती है।
  • अचार के लिए हमेशा mustard oil ही use करना चाहिए, क्योंकि अचार के लिए mustard oil ही सबसे अच्छा होता है।
  • Mustard oil को कच्चा ही डालें, इससे अचार बहुत दिनों तक fresh लगता है, और उसमें बहुत दिनों बाद भी अजीब सी महक नहीं आती है।
  • आप चाहें तो मिर्च में चीरा लगाने के बजाय केवल उसकी टोपी हटाकर, बीज हटाकर उसमें मसाला भर दें।
  • इससे मसाला मिर्च में भरा रहता है और हटता नहीं है, पर इसमें मसाला भरना कठिन होता है और इसमें मिर्च में मसाले की quantity भी कम भरती है।
  • चीरने में मसाला easily भर जाता है, इसमें मसाले की quantity भी ज्यादा भरती है, पर इसे handle carefully करना पड़ता है, वरना सारा मसाला निकल जाता है। 
  • आप को अगर ज्यादा तीखा पसंद है तो आप मिर्च के बीज मसाले में मिलाकर भी भर सकते हैं।
  • मसाला भरते समय इतना तेल जरुर से डालिए कि वो भुरभुरा ना रहे, बल्कि मसाला आपस में चिपका रहे, जिससे जब आप मिर्च में मसाला भरें तो वो मिर्च को छोड़कर ना गिरे।
  • पर ध्यान रखिएगा कि तेल इतना भी नहीं डालना है कि मसाला गीला होकर बहने लगे। 


Key points for pickles :

  • मिर्चें पूरी तरह सूखी होनी चाहिए, उसमें बिल्कुल भी पानी नहीं रहना चाहिए।
  • मिर्च कहीं से भी सड़ी-गली या दाग धब्बों वाली नहीं होनी चाहिए।
  • नमक की quantity, proper होनी चाहिए। 
  • Oil में डूबे रहने से अचार का रंग intact रहता है।  अगर आप health conscious हैं तो आप बरनी में सिर्फ 2 tbsp. mustard oil भी डाल सकते हैं, इससे मिर्च में glaze and taste आ जाएगा, अचार खराब भी नहीं होगा। हाँ, अचार का रंग बहुत दिनों तक sustain नहीं करेगा।
  • अचार जब भी निकालें, सूखे और साफ चम्मच से निकालें। 

अगर आप भी stuffed red chilli pickle डालने की सोच रहे हैं तो, ज्यादा सोचिए मत। 

क्योंकि पटना की अचार वाली मोटी मिर्च बहुत कम समय के लिए मिलती है।

अब क्या सोच रहे हैं कि बनेगा कैसा और ज्यादा दिन टिकेगा की नहीं....? 

क्योंकि कुछ सोचने की जरूरत ही नहीं है।

अगर आप ने recipe and tips ठीक से follow किए हैं तो अचार tasty भी होगा और काफी दिनों तक सही भी बना रहेगा। 

आप को अगर यह जानना है कि अचार लंबे समय तक कैसे चले तो आप को जल्दी उसकी tip भी डाल देंगे...

So stay tuned...

Tuesday, 7 December 2021

Tip : After-facial DON'Ts

Facial कराने के बाद ये पांच काम बिल्कुल न करें 



शादी का मौसम चल रहा है, ऐसे में facial तो most of the ladies करवाती ही हैं।

और करवाएं भी क्यों नहीं, यह ही तो जीवन के कुछ हसीन पल हैं, जो जिंदगी में खुशियां भर जाते हैं। जीवन जीने की चाह जगा जाते हैं। वैसे भी ladies को खूबसूरत दिखने का अधिकार है।

अपनी त्वचा को दुलारना हो तो facial से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। आपकी त्वचा को स्नेहभरी देखभाल देने के अलावा नियमित अंतराल पर करवाए गए facial से त्वचा पर environment की वजह से पड़ने वाले side-effects में कमी आती है, stress दूर होता है और skin की देखभाल संबंधी, जो आपकी ख़राब आदतें हैं उनकी भी भरपाई हो जाती है। सीधी सी बात है कि facial आपकी त्वचा को अच्छी तरह साफ़ करता है, पोषण देता है, तभी तो आपकी त्वचा पर भीतर से चमक आती है।

पर facial के बाद आपकी त्वचा बहुत ही sensitive हो जाती है और ऐसी skin के साथ कोई भी छेड़-छाड़ करना आपको फ़ायदे से ज़्यादा नुक़सान ही पहुंचाएगा। सच पूछिए तो आपकी कुछ आदतें आपके महंगे से facial के असर को ख़त्म भी कर सकती हैं और सबसे बुरी बात ये कि skin related problems का कारण भी बन सकती हैं। तो ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं, जो आपको facial के तुरंत बाद बिल्कुल नहीं करनी चाहिए, ताकि आपकी skin पर facial की चमक कुछ दिनों तक बरक़रार रहे।

तो आज हम आपके साथ यही tips, share कर रहे हैं कि वो कौन से ऐसे पांच काम हैं जो facial के बाद बिल्कुल नहीं करने चाहिए।

साथ ही यह भी बताएंगे कि वो काम क्यों नहीं करने चाहिए...

Gym न जाएं 

Heavy makeups न करें

Face scrub का इस्तेमाल न करें

Home Remedies use करने से बचें

Sun light से बचाव रखें

 

Don't go Gymming :

Just Facial करवाने के बाद त्वचा बहुत sensitive होती है और ऐसे में बहुत ज़्यादा पसीना आने से reaction हो सकता है। अत: facial के तुरंत बाद gym जाने से या public transport से travel करने से बचें। अच्छा होगा कि आप facial उस दिन कराएं, जिस दिन आपकी छुट्टी हो या फिर आप पहले ही workout कर चुकी हों; इससे आपकी त्वचा को अतिरिक्त दुलार मिलेगा।


Don't apply Heavy make-up :

Facial के दौरान आपकी skin को किसी professional ने गहराई से साफ़ किया है तो आपकी skin, slightly Red or patchy नज़र आ सकती है, लेकिन इसे छुपाने के लिए concealer की bottle तक हाथ पहुंचाने की अपनी इच्छा को रोकें। Facial के कुछ दिनों बाद तक heavy make-up करने से बचें, क्योंकि आपकी त्वचा के रोमछिद्र facial के बाद सामान्य तौर पर जितने खुले होते हैं, उससे ज़्यादा खुले हो सकते हैं और उनमें bacteria पहुंचने और skin- breakouts की संभावानाएं ज़्यादा होती हैं। त्वचा से जुड़ी किसी भी तरह की अन्य समस्या से बचने के लिए हम आपको makeup brushes and tools को धो कर इस्तेमाल करने की सलाह भी देंगे।


Say no to face scrub :
 
Facial treatment का सबसे महत्वपूर्ण step है exfoliation। अत: हम आपको सलाह देंगे कि facial के कुछ दिनों बाद तक त्वचा को scrub करने से बचें। चाहे आपकी त्वचा किसी भी प्रकार की क्यों न हो, हम सप्ताह में दो बार से ज़्यादा त्वचा को exfoliate करने की सलाह नहीं देंगे।


Restrain from home remedies :
 
Facial treatment के तुरंत बाद ऐसे skin care products के प्रयोग से बचना चाहिए, जो त्वचा पर कठोर हो सकते हैं। इससे skin पर redness आ सकती है या irritation महसूस हो सकती है। अत: घर पर ख़ुद बनाए home remedies को try करने से और retinol and salicylic acid वाले products चेहरे पर लगाने से बचें। इससे facial के नतीजे बिल्कुल वैसे ही मिलेंगे, जैसी कि आपने आशा की थी और चेहरे पर redness भी नज़र नहीं आएगी।


Protect your face from Sunlight :
 
यूं ही सूर्य की किरणें त्वचा को काफ़ी नुक़सान पहुंचाती हैं। और तब जबकि आपकी त्वचा को facial treatment में गहराई से साफ़ किया गया हो, यह सूर्य की किरणों से होने वाली क्षति के प्रति और sensitive हो जाती है। अत: facial के तुरंत बाद आपको धूप में जाने से बचना चाहिए। यदि जाना ज़रूरी हो तो 30 or इससे अधिक SPF वाली sunscreen लगाने के बाद ही बाहर निकलें। 

हमने आपको बताया कि कौन से काम नहीं करने चाहिए और क्यों नहीं करने चाहिए। I hope, आप भी यही चाहेंगे कि आप सबसे खूबसूरत दिखें और आप की skin हमेशा soft and shiny रहें।

तो अब से facial treatment कराने के बाद इन बातों का ध्यान रखें और सदैव सबकी नजरों में खूबसूरत दिखें।

Friday, 3 December 2021

Article : Corona's Omicron enters India

 भारत में ओमीक्रोन का प्रवेश 



हम सभी जानते हैं कि corona का new variant corona omicron आ चुका है। 

पर पहले हम को इतनी चिंता नहीं थी क्योंकि यह हमारे India में नहीं था। यह variant, South Africa, Britain, Australia, Botswana, Canada, Germany, Italy, Netherlands, Portugal सहित 23 countries में आ चुका है। जिसमें सबसे ज्यादा cases South Africa में 77 and Britain में 22 पाए गए हैं। 

पर अभी कुछ दिनों पहले पता चला है कि India में corona virus के new variant omicron ने दस्तक दे दी है। 

Omicron variant के symptoms को जानने के लिए आप Corona Omicron article पढ़ सकते हैं।

इस बीच, experts ने बताया है कि इससे निपटने का सबसे बड़ा मंत्र है vaccination.

Omicron से बचने का तरीका

Health organization के अधिकारियों ने भी जोर देकर कहा है कि vaccine के दोनों doses बहुत जरूरी है। इसके अलावा Mask, social distancing, hand sanitization जरूरी हैं।


Bengaluru :

Corona virus के new variant omicron ने भारत में दस्तक दे दी है। चिंता की बात यह है कि देश में इससे संक्रमित इकलौते भारतीय बेंगलुरु के doctor की कोई travel history नहीं है। 

यह इस बात की तरफ इशारा कर रहा है कि omicron ने काफी पहले ही देश में दस्तक दे दी थी, genome sequencing के जरिए उसकी पहचान में शायद देरी हुई है। 

पिछले सभी variants में सबसे तेजी से फैलने वाले omicron से बचने का फिलहाल जो रास्ता दिख रहा है वह है vaccine के सभी doses लेना और सही से Mask लगाने, समेत बाकी एहतियात बरतना। 

Health Ministry के अधिकारियों ने जोर देकर कहा है कि नए वेरिए new variant से भी निपटने का तरीका वही है जो अबतक हम अपनाते आए हैं। बीमारी गंभीर न हो, इसके लिए vaccine के सभी doses लेना बहुत ही जरूरी है। इसके अलावा हमें mask पहनना होगा, वह भी सही तरीके से। 

भीड़ से बचना, social distancing और hand sanitization को जारी रखना ही होगा। 

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) VK Paul ने बताया, ''omicron' की इस नई चुनौती के बाद भी vaccination ही सबसे महत्वपूर्ण औजा़र है। हम खुशकिस्मत हैं कि vaccine भरपूर मात्रा में उपलब्ध है।' उन्होंने यह भी कहा, 'डरने या घबराने की ज़रूरत नहीं है। हम सभी को जिम्मेदार बनना होगा। अभी variant से जुड़ी नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं और हम सभी सीख रहे हैं।'

कर्नाटक में जिस डॉक्टर के omicron variant से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, वह और उनके संपर्क में आए लोग अभी अस्पताल में isolation में हैं। Doctor के 13 primary contact और 205 secondary contact को अब तक trace किया जा चुका है। 

Self isolation of a person which had an act risk :

दूसरी तरफ, 66 साल के जिस दक्षिण अफ्रीकी नागरिक में omicron variant की पुष्टि हुई है, वह देश छोड़कर जा चुका है। 'Act risk' यानी जोखिम वाले देशों में शामिल दक्षिण अफ्रीका से ये शख्स 20 नवंबर को बेंगलुरु आया था। उसे तब शहर के एक hospital में self isolate होने को कहा गया था। जबतक उसके sample का genome sequencing, result आता, उससे पहले ही 27 नवंबर को वह शख्स दुबई रवाना हो गया।

फिलहाल अच्छी बात यह है कि देश में मिले omicron के दोनों मरीजों में सिर्फ हल्के लक्षण मिले हैं। दोनों ने ही vaccine के दोनों doses लिए थे।

पहली बार दक्षिण अफ्रीका में मिला corona का omicron variant तेज़ी से तमाम देशों में फैल रहा है। तेज़ी से फैलने के मामले में यह दूसरे variant से ज्यादा संक्रामक दिख रहा है। 

Omicron variant में बहुत ही ज्यादा mutation दिखे हैं। इसके amino acid में 45 से 52 mutation हुए हैं, वहीं इसके spike protein में 26-32 mutation हुए हैं। Virus के भीतर जो spike protein होता है, वहीं मानव कोशिकाओं के संपर्क में आता है और उसी के ज़रिए वायरस शरीर में घुसता है।

Omicron को लेकर राहत वाली बात ये है कि इसके मरीजों में अबतक हल्के लक्षण मिले हैं। 

Central Government ने कहा है कि वह इस variant पर करीबी नज़र रखे हुए हैं। International flights पर प्रतिबंध समेत सभी मुद्दों पर experts से विचार किया जा रहा है।

जिस दक्षिण अफ्रीकी शख्स में Omicron संक्रमण की पुष्टि हुई है, उसके संपर्क में आए 264 लोगों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से कोई भी corona positive नहीं मिला है। वहीं, doctor वाले मामले में कुल 218  contacts को trace किया जा चुका है। उनमें से 5 corona positive मिले हैं जिनमें 3 primary contact हैं तो 2 secondary।

Don't be afraid, stay healthy stay safe...

Thursday, 2 December 2021

किस्से अनोखी के : अनोखी और बकरी का बच्चा

आज से आप को एक लड़की के किस्से सुनाते हैं, कुछ अलग ही है वो सबसे, नाम भी सबसे अलग "अनोखी"

 किस्से अनोखी के


अनोखी और बकरी का बच्चा




अनोखी बचपन से ही अनोखी थी।

जब सारे बच्चे खेल रहे होते, वो अपनी मां के ईर्द-गिर्द घूमती रहती कि माँ को किसी भी काम को पूरा करने के लिए उसे बुलाना ना पड़े। 

डरती तो वो किसी से नहीं थी, किसी को भी परेशानी में नहीं देख सकती थी ।

उसे अपनी छोड़ पूरी दुनिया की परवाह थी। और जो उसने मन में ठान लिया, उसे करने से उसे स्वयं जगन्नाथ जी भी नहीं रोक सकते थे।

तभी तो उसकी माँ उसे अनोखी बुलाती थी। 

एक दिन की बात थी, अनोखी का जन्म दिन था, उसकी माँ, उसके लिए नयी फ्रॉक लायीं थी। उसे पहन वो अपनी दोस्तों को अपनी birthday के लिए बुलाने के लिए जा रही थी।

थोड़ी देर बाद वो जब वो लौटी, उसकी सारी फ्रॉक पानी और मिट्टी से गंदी थी। माँ ने कहा कि जाकर कपड़े बदल कर आ। पता नहीं क्या कर के आ रही है, अभी तेरी सारी सहेलियां आती होगी।

पर सुबह से शाम हो गई, कोई नहीं आया।

अब माँ परेशान हो गयी कि आखिर कोई आया क्यों नहीं?

उन्होंने अनोखी से पूछा, एक बात बताओ कि ऐसा भी क्या हुआ जो तुम्हारी एक भी सहेली नहीं आयी?

तुमने कितने बजे आने को बोला था?

मैंने कब बोला?

क्या! नहीं बोला? नये कपड़े पहन कर सबको बोलने ही तो गई थी। अरे हाँ, लौटते समय तेरे कपड़े भी गीले और गन्दे थे। क्या कर के आई थी।

अरे माँ, गयी तो बुलाने ही थी। तभी देखा, कुछ लड़के एक बकरी के बच्चे को परेशान कर रहे थे तो वो गड्ढे में गिर गया था। 

तो उसी को निकालने में लगी थी तो सारे कपड़े गीले और गन्दे हो गये थे।

फिर मैं गई थी, रेखा के घर। पर वो मेरे गीले और गन्दे कपड़े देखकर पास ही नहीं आ रही थी। इसलिए मैंने उसे कुछ नहीं बोला।

और बाकी का क्या हुआ?

बाकी के घर तो गई ही नहीं, किसी को भी आने को बोलती, तो सबको लगता गन्दे कपड़े के साथ में आयी हूँ।

तो सिर्फ़ सबको बेवकूफ बना रही हूँ, birthday नहीं है।

तो मुझसे इतना खाना क्यों बनवाया?

वो बकरी और उसके चारों बच्चों को खाना दे सकूं, इसलिए। मेरी अच्छी माँ दे दोगी ना, उनके लिए?

ले जा, तुझे जिसके संग अपनी birthday मनानी है मना। मुझे क्या।

अनोखी ने प्यार से माँ को गले लगाया और खुशी-खुशी बकरी की ओर चल दी।

हे भगवान, क्या अनोखी लड़की है, अपने सबसे बड़े दिन का सत्यानाश कर दिया। फिर भी खुश है। पर मन ही मन माँ अपनी अनोखी के कोमल ह्रदय से खुश भी थी।

चलिए अगला किस्सा, अगली बार...

Wednesday, 1 December 2021

Short Story : दोष

दोष 




शीतल बहुत सुन्दर और चंचल थी। हर कोई उसे ही निहारा करता था।

इस बात से शीतल भी इतराती फिरती। एक दिन शीतल की माँ उसे कपड़े बदला रही थी कि उनका ध्यान गया कि शीतल की पीठ में सफ़ेद दाग था।

उसको देखकर माँ बहुत घबरा गईं, उन्होंने शीतल के पिता को बताया कि शीतल में ना जाने क्या दोष है कि उसके पीठ पर सफ़ेद धब्बा है, तो वह भी घबरा गये।

वो लोग उसे लेकर वैध के पास गये। वैध बोले चिंता ना करो, यह कोई दोष नहीं है, मैं इसे ठीक कर दूंगा। 

शीतल के पिता ने जाते समय वैध जी से कहा कि, आप ही हैं जो समझते हैं कि यह एक विकार है, कोई दोष नहीं।

पर इस बारे में अन्य यही जानते हैं कि यह दोष है, अतः इस बारे में किसी को नहीं बताएं, अन्यथा गांव में बेटी का तमाशा बन जाएगा।

वैध ने स्वीकृति दे दी।

वैध की लड़की त्रिशाला, शीतल के बराबर की थी, वो शीतल के इतराने से बहुत चिढ़ती थी।

जब उसने देखा कि शीतल के माता-पिता दवाई बनवाने के लिए आए हैं तो, उनके जाने के बाद त्रिशाला ने पिता जी से पूछा, पिता जी यह लोग क्यों आए थे?

वैध जी बोले कि यह लोग शीतल को और सुन्दर बनवाने की दवा बनवाने आए थे।

त्रिशाला यह सुनकर अंदर ही अंदर जल-भुन गई, वह मन में चाल बनाने लगी कि कैसे शीतल को सबक सिखाया जाए।

वैध जी की जब पूरी दवा तैयार हो गई तो त्रिशाला ने पिता को भोजन करने के लिए बुला लिया।

जब वह भोजन कर रहे थे तो उसने शीतल की दवा में चंद जड़ी-बूटी और मिला दी।

वैध जी ने वही दवा शीतल के पिता को दे दी।

फिर वही हुआ, जैसा त्रिशाला ने सोचा था, दवा ने अपना‌ असर दिखाना शुरू कर दिया। शीतल के शरीर में सफ़ेद धब्बे और बढ़ने लगे। अब धब्बे हाथ और पैरों में भी हो गये थे।

शीतल ने पूरे वस्त्र पहनने आरंभ कर दिया, जिससे किसी को उसके हाथ-पैर ना दिखे और किसी को उसके दोष का पता नहीं चल सके...

दवाई तुरंत रोक दी। वैध जी से इसका कारण पूछा गया, पर वो कुछ पुख्ता कारण नहीं बता पाए। 

वो खुद हैरान थे कि आखिर दोष कहाँ हो गया? जो उनकी दवा ग़लत असर दिखा रही है, आखिर माजरा क्या है? 

और उन्होंने इसी सदमे में पहले वैध का कार्य छोड़ दिया, फिर दुनिया भी। 

त्रिशाला को अपने दोष पर बहुत ग्लानि हुई, पर उसने कभी किसी को सत्य नहीं बताया।

त्रिशाला दुनिया में अकेली रह गई, माँ तो पहले ही नहीं थीं, पिता भी उसका विवाह किए बिना ही इस दुनिया से चले गए। 

उधर शीतल का विवाह बहुत धनाढ्य परिवार के एकलौते पुत्र वरुण से हुआ। ससुराल में किसी को भी नहीं पता था कि शीतल के सफ़ेद धब्बे हैं।

वरुण को एक दिन में ही शीतल की हकीकत पता चल गई, पर उसने घर में किसी को नहीं बताया, पर शीतल से दूरी बना ली।

किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर चांद सी शीतल में दोष क्या है? जो पहली रात से ही वरुण उससे दूर हो गया। 

शीतल दुःखी थी, जिस रूप पर वो इतराती फिरती थी, आज वो रुप भी उसका दोष ना छिपा पाया! या शायद इतराना ही उसका...