Tuesday 16 April 2024

Recipe: Kuttu ki Kachori

आज नवरात्र की अष्टमी है। मां गौरी का पवित्र दिन, आज के दिन बहुत लोग व्रत रखते हैं। वो भी जो नौ दिन तक व्रत रखते हैं और वो भी जो पहला और आखिरी रखते हैं।

तो सोचा, आप सबके लिए व्रत की ही कोई dish share की जाए।

ऐसे में रश्मि जी, जो कि व्रत के एक से बढ़कर एक पकवान बनाती हैं, उनकी ही एक recipe साझा कर रहे हैं।

कुट्टू के आटे की कचौड़ी....

बहुत से लोग कहेंगे कि यह तो हमें भी आती है, तो कोई कहेगा कि अरे उसमें बहुत झंझट है, तो कुछ बोलेंगे कि इतना घी-तेल हम नहीं खाते हैं...

बिल्कुल सही कहा आप सब ने, हमें भी यही लगता था, पर जब उन्होंने सामने ही बना कर taste कराई तो सारी धारणा धरी की धरी रह गई।

आप एक बार पूरी recipe देख लीजिए, बहुत ही आसानी से बन रही थी। और taste की guarantee हमारी... Soft and crisp combination बहुत ही कमाल का आता है।

तो चलिए झट-पट से recipe share कर देते हैं।

कुट्टू की कचौड़ी

Ingredients :

  • Buckwheat flour - 1 cup
  • Boiled potato - 2 medium size
  • Rock salt - ¼ tsp. or as per taste
  • Coriander leaves - 6 to 8 twigs 
  • Green chilli - 2 
  • Clarified butter (ghee) - for frying 


Method :

  1. Boiled potato को अच्छे से mash कर लीजिए।
  2. धनिया पत्ती और हरी मिर्च को finely chop कर लीजिए।
  3. अब आलू में कुट्टू का आटा, नमक, हरी धनिया और मिर्च को अच्छे से मिलाकर dough prepare कर लीजिए।
  4. अब इन की छोटी-छोटी लोई तोड़ लीजिए।
  5. अब हथेली पर थोड़ा-थोड़ा घी लगाते हुए लोई से छोटी-छोटी सी कचौड़ी बना लीजिए।
  6. एक wok लीजिए, उसमें घी डाल लीजिए।
  7. जब घी गर्म हो जाए तो उसमें दो कचौड़ी डाल दीजिए।
  8. अब कचौड़ी पर थोड़ा-थोड़ा घी डालते जाएं, जिससे वो तलकर फूल जाए। 
  9. अब उसको पलट दें और दूसरी तरफ से भी तल लें। 
  10. जब कचौड़ी दोनों तरफ से हल्की-हल्की सी तल जाए, तो तेज आंच करके सुनहरा होने तक तल लें।


गरमागरम खस्ता करारी कुट्टू के आटे की कचौड़ी तैयार है। आप इसे चटनी, दही और पनीर या आलू की सब्जी के साथ serve कर सकते हैं।

वैसे तो गरमागरम कचौड़ी अपने आप में complete है, इसलिए अगर आप उसे ऐसे ही खाना चाहें तो भी बढ़िया लगेगी।


Tips and tricks :

  1. आलूओं को गर्म ही छीलकर mash कर लें। भर्ता जितना smooth होगा, कचौड़ी उतनी easily फूलेगी।
  2. जितना आलू quantity wise भर्ता बनाने के बाद हो जाए, उतना ही कुट्टू का आटा लेना है।
  3. दोनों का ratio equal होने के कारण बिना भरी कचौड़ी होने के बाद भी taste and texture कचौड़ी जैसा आता है। 
  4. आलू ज्यादा होने से घी ज्यादा soak होगा और आटा ज्यादा होने से कचौड़ी कड़ी बनेगी और उसमें आटे का flavour ज्यादा आएगा।
  5. इस तरह से बनाने से कचौड़ी घी भी कम soak करती है। और पूरी कचौड़ी में taste भी एकसार रहता है।
  6. कचौड़ी का dough prepare करते समय ध्यान रखिएगा कि dough ऐसा होना चाहिए कि हाथ पर बहुत चिपके भी नहीं और ना ही ऐसा हो कि bind ही ना हो।
  7. अगर bind ना हो तो, थोड़ा-थोड़ा पानी छींटते हुए आटा गूंथना है।
  8. कुट्टू का आटा बहुत जल्दी गीला होता है, इसलिए पानी अंदाज़ से ही डालें।
  9. धनिया पत्ती और हरी मिर्च भी महीन ही काटें।‌ ज्यादा बड़ी होने से कचौड़ी फूट जाएगी, तो वो बहुत ज्यादा घी soak कर लेगी। 
  10. कचौड़ी बनाने में एक बात का ध्यान रखिएगा कि कचौड़ी एक जैसी होनी चाहिए, कहीं से पतली, कहीं से मोटी नहीं होनी चाहिए। वरना कचौड़ी फूलेगी नहीं।
  11. कचौड़ी को medium flame पर ही तलनी है और सुनहरा high flame पर करना है।
  12. मतलब हर बार कचौड़ी slow flame पर डालनी है, फिर flame medium कर लेनी है और फिर तेज़।
  13. तो flame का right combination, perfect कचौड़ी बनाने का key ingredient है।