Friday, 21 June 2019

Poem : योग

योग 


योग को करते रहें
योग हरे सब पीर,
जो नित योग करें 
ना हो व्याधि गंभीर।
ना हो व्याधि गंभीर
सुनें जो अनु की बात,
सफलता से ही गुजरें
उन सबके दिन रात।
योग केवल तन नहीं
मन का भी करें उपचार,
तन मन ना दूषित रहें
बसे मन में उच्च विचार।
प्रभू में तन मन लीन रहे
योग संग बने काम भी पूजा,
जीवन सुखद बनाने का
योग सा ना उपाय दूजा।


Related Post(s):
Article: विश्व योग दिवस ( https://shadesoflife18.blogspot.com/2018/06/article_21.html?m=1 )