Sunday, 30 June 2024

Article : India-एक बार फिर champion

कल भारत का तिरंगा एक बार फिर से पूरे विश्व पर लहराया है।

कल एक बार फिर से T20 World Cup में India ने अपनी जीत दर्ज कराई है।

2007 में धोनी की captaincy में India ने T20 World Cup जीता था और पिछले 16 साल से भारत को इंतज़ार था, अपने विजय रथ को आगे बढ़ाने का…

'लहरा दो, लहरा दो, सरकशी का परचम लहरा दो। गर्दिश में फिर अपनी, सिर-ज़मीं का परचम लहरा दो…'

India-एक बार फिर champion



कल 2024 में वो मौका आ ही गया, जब भारत एक बार फिर से रोहित शर्मा की captaincy में विश्वविजयी बना। 

एक बात ऐसी है कि इन 16 सालों में India की पूरी की पूरी team बदल गई, नहीं बदला तो, सिर्फ और सिर्फ एक player, और वो है इस बार की Indian team का captain रोहित शर्मा…

रोहित शर्मा ने अपनी अगुवाई में भारत के नाम एक और जीत दर्ज करा दी, या यूं कहें कि जो गर्व भारत को रोहित शर्मा ने 2007 में अपनी batting द्वारा दिलाया था, आज वही गर्व, अपनी captaincy में भी दिला दिया।

इस जीत में एक और अहम बात थी, कि Indian team ने इस पूरे tournament में अपनी अविजित जीत दर्ज की है, means इस पूरी series में India ने सारे match जीते हैं, जो कि अपने आप में एक 'record-making' history है।

अभी पिछले वर्ष ही हुआ, ODI World Cup की trophy, Indian team के पास आते-आते चूक गई थी, उसमें भी रोहित शर्मा की captaincy में India सारे matches जीतते हुए final में पहुंची थी। सबको पूर्ण विश्वास हो चला था कि भारत को एक और World Cup मिल जाएगा पर वो Australia ने जीता था।

T20 World Cup format में India का Australia के साथ Super 8 (Second group stage - A) में match हुआ था,  जिसमें India ने Australia को शिकस्त दी। 

जिससे Australia semi-finals से दूर हो गया, और finally semi-finals में पहुंच भी नहीं पाया।

Pakistan, Australia, England एक-एक कर सारे competitor को हराते हुए Indian team ने final में आखिरी competitor South Africa को हराया और world cup पर अपना नाम अंकित कर दिया।

कल का match बहुत ही twists and turns के साथ आगे बढ़ता गया‌। 

Match start होने से पहले wining probability, India की ज़्यादा थी।

Toss जीतने के बाद India ने batting opt की। लेकिन रोहित शर्मा के जल्द ही out होने के साथ ही wicket की झड़ी सी लग गई और match, India के हाथ से फिसलता नज़र आने लगा। तभी विराट कोहली और अक्षर पटेल ने पारी संभाली और उनकी धुआंधार पारी ने India को एक बार फिर से match में पकड़ दिला दी और 176 का सम्माननीय score बना दिया।

अब match, bowlers के हाथ में था, उन्हें ही भारत को विजयी पथ पर आगे ले जाना था।

Bowlers ने अपना काम बखूबी निभाना आरंभ कर दिया, शुरूआत बहुत अच्छी हुई, South Africa के players भी जल्दी-जल्दी out होने लगे। लेकिन एक बार फिर 13 overs के बाद से match, India की पकड़ से छूटने लगा। 

फिर आए बुमराह, हार्दिक पांड्या व अर्शदीप सिंह, और match ने 16 overs से turn लेना शुरू कर दिया। जो match पूरी तरह से South Africa की पकड़ में पहुंच गया था, 24 balls में 26 run… उसे हमारे जांबाज bowlers ने अपनी तरफ मोड़ना शुरू कर दिया...

बुमराह और अर्शदीप ने अपनी bowling से runs को बांध कर रख दिया, साथ ही बुमराह ने death over में एक wicket भी चटकाया...

पर आखिर over तक match आर-पार की situation में ही था, हर ball इस निर्णय को निर्धारित कर रही थी कि जीत किसकी होगी। 

फिर हार्दिक पांड्या ने bowling की, उसने death over में एक महत्वपूर्ण wicket लिया और last over में दो wicket चटकाए और सूर्यकुमार के बेहतरीन catch ने last की दो balls पहले यह सुनिश्चित कर दिया कि India ये match, और अपना दूसरा T20 World Cup जीत चुकी है। 

आखिर के चार overs बहुत ही रोमांचक और interesting रहे। दोनों ही देश के वो सारे नागरिक, जो इस match को देख रहे थे, अपने-अपने देश की जीत की कामना कर रहे थे, प्रार्थना कर रहे थे।

लेकिन प्रार्थना हमारी स्वीकार की गई और India ने जीत हासिल की। 

भारत को विश्वविजेता बनने के लिए अनेकानेक बधाई और हर भारतवासी को जिन्होंने इसकी कामना की, उनको भी बधाई...

जीत तो देश की होती है, पर उन खिलाड़ियों के लिए, जो उस match से जुड़े होते हैं, उनके लिए यह स्वर्णिम पल होता है।

सारे ही players को बहुत बहुत बधाइयाँ, शुभकामनाएँ और बहुत सारा धन्यवाद।

Indian team के एक-एक players को उनके अथक प्रयास के लिए कोटि-कोटि नमन। Team में मौजूद हर एक खिलाड़ी का विशेष महत्व होता है हर एक की मेहनत और प्रयास से ही team जीतती है। 

आगे भी Indian team ऐसे ही और बहुत सारे world cup जीतती रहे। Match चाहे जो भी हो; Cricket, Football, Hockey, Chess etc…


जिससे हम हर world cup के बाद बोलें,

India, एक बार फिर champion…


जय हिन्द जय भारत 🇮🇳 

Friday, 28 June 2024

Story of Life : एक सच्चाई (भाग-4)

एक सच्चाई (भाग-1)

एक सच्चाई (भाग-2)

एक सच्चाई (भाग-3) के आगे…

एक सच्चाई (भाग-4)

अब समझ आ रहा था, क्यों चलता है उनका इतना सिक्का…

वही तो बाबा…

पर आप इतना परेशान क्यों थे?

बेटा पिछले पच्चीस साल, चाहे मेरी posting इस गांव में रही हो या कहीं और, पर ठकराल जी से मेरा जुड़ाव कुछ ऐसा हो गया था कि उनकी खबर मुझे रहती ही थी। साल दर साल उनके उपकार के ही किस्से सुने थे।

पर साथ ही एक और बात, कि कोई बाहर का इन्सान, उनके गांव के लोगों का बाल भी बांका नहीं कर सकता था।

बल्कि यह कहो कि आसपास के गांव के मुखिया, सरपंच, धनाढ्य लोग उनके नाम से भी खौफ खाते थे और साथ ही उनकी ख्याति से खार भी खाते थे।

पर आज जो मैंने देखा कि उसे देखकर मैं सिहर भी गया और मेरा जी मानवता और इंसानियत से भी भर गया।

ऐसा भी क्या हुआ बाबा?

बेटा तुम्हें तो पता ही है यह मेरी last posting है और बहुत request के बाद मुझे यह गांव मिला है।

दरअसल मैं ठकराल जी के सानिध्य में रहकर कुछ धर्म-कर्म के काम करना चाहता था।

तुम बड़ी हो गई तो तुम्हारे भविष्य की चिंता नहीं रह गई है। आखिरकार, अपना business जमा चुकी हो। 

और तुम्हारी शादी का पैसा भी जोड़ कर रख दिया है। तो उस बात की भी चिंता नहीं है।

इसलिए मैं आते से ही ठकराल जी से मिलने पहुंच गया।

पर पिछले दो दिन से वो मुझे मिल नहीं रहें हैं, ना जाने कहां चले गए?

पर अभी आज ही एक call आई, जिसने मुझे हर्षित और अचंभित दोनों कर दिया।

क्या call आई थी बाबा?

वो आदमी बोल रहा था कि अगर आप को ठकराल जी से मिलना है तो पुरानी हवेली में आ जाना, पर अकेले आना और हाँ, ना तो कोई हथियार लाना, ना ही वर्दी में आना।


आगे पढें, एक सच्चाई (भाग-5) में…

Thursday, 27 June 2024

Story of Life : एक सच्चाई (भाग-3)

एक सच्चाई (भाग-1)

एक सच्चाई (भाग-2) के आगे…

एक सच्चाई (भाग-3)

मुझे बिठाकर, नौकर ठकराल जी को बुलाने चला गया…

ठकराल जी ने आते ही कहा, और दारोगा बाबू, आ गए…

कैसा लगा अपना गांव?

अरे ओ हरिया… दारोगा बाबू की आवभगत की तैयारी शुरू करो, कोई कमी नहीं रहनी चाहिए…

आ गए? अपना गांव?

अरे काहे हैरान हो रहे हैं? आइए बैठिए, साथ में बतियाते हैं।

उसके बाद हम दोनों वहीं सोफे पर बैठ गए।

अरे दारोगा बाबू, ई हमारा गांव है, यहां परिंदा भी फड़फड़ाता है तो हमें पता चल जाता है, फिर आप तो ठहरे दारोगा बाबू, आपके आने की आहट हमें नहीं होगी तो क्या बगल वाले गांव के सरपंच को होगी, बुझाया?

दूसरा जब आप इस गांव के दारोगा बाबू हैं तो अब तो यह गांव आपहि का हुआ ना?

बोलिए बोलिए, सही कह रहे हैं ना?

यह कह कर उन्होंने जोर से ठहाका लगाया...

मैंने सोचते हुए उनके समर्थन में सिर हिला दिया।

उसके बाद उन्होंने मेरी जो आवभगत की, कि पूछो मत...

इतनी variety और इतना amount, कि समझ ही नहीं आ रहा था कि दो लोगों के लिए खाना बना है या पूरी बारात के लिए?

आखिरकार, मुझसे रहा नहीं गया, मैंने पूछ ही लिया, ठकराल जी, इतना खाना...

अरे, दारोगा बाबू, जब पकवान बनेंगे तो दो लोगों के लिए थोड़ी ना बनेंगे, घर में इतने नौकर-चाकर हैं, वो क्या मुंह देखेंगे, उनके परिवार के लिए भी खाना-पीना जाएगा।

फिर गांव के स्कूल में भी तो बच्चों को पकवान की खुशबू आ रही होगी, तो उन्हें सूखे थोड़ी छोड़ सकते हैं। 

भाई, हमारा तो यही है कि जब पकवानों की हंडिया चढ़ती है तो सब की ही दावत होती है।

क्या बात है! ठकराल जी...

इंसानों के लिए इतनी दया, और पशु-पक्षी के लिए दहशत...

अरे, नहीं-नहीं दारोगा बाबू, यह सब हमारे शौक नहीं है, यह तो बाप-दादा के ज़माने के हैं, हम तो शराब-कबाब को हाथ तक नहीं लगाते।

आप ने शायद ध्यान दिया हो, एक भी पकवान nonveg नहीं था, ना आपको शराब दी थी हमने…

जी, गया था मेरा ध्यान, यह उत्कंठा तभी तो थी।

यह हवेली तो पूर्वजों की विरासत है, तो उसमें फेरबदल करना, उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली बात होगी, बस इसलिए सब वैसा ही चल रहा है।

ठकराल जी, के लिए जो कुछ भी मैंने सोचा था, वो उससे बिल्कुल विपरीत निकले, लंबे-चौड़े, हट्टे-कट्टे तो वो थे, पर उतने ही सौम्य, हंसमुख, दयालु और प्रेमी…

एक अलग ही अपनत्व था उनमें, कौन सोचता है, सबके बारे में इतना?

अब समझ आ रहा था, क्यों चलता है उनका इतना सिक्का…

वही तो बाबा…

पर आप इतना परेशान क्यों थे?


आगे पढ़ें, एक सच्चाई (भाग-4) में।

Wednesday, 26 June 2024

Story of Life : एक सच्चाई (भाग-2)

एक सच्चाई (भाग-1) के आगे…

एक सच्चाई (भाग-2)

बहुत पहले, जब तुम इस दुनिया में भी नहीं आए थे…

मेरी नई-नई posting हुई थी। नया ही जोश था, पुलिस महकमे में आने का।

मेरी शुरू से इच्छा थी कि पहली posting किसी गांव में हो, क्योंकि गांव में सुधार करने के लिए बहुत कुछ होता है।

पर जब इस गांव में आए तो पता चला, यहां पर ठकराल जी का सिक्का चलता है।

हर कोई उनका ही नाम ले रहा था। कानून की व्यवस्था का तो जैसे यहां पर दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं था।

ठकराल जी का वचन ही यहां का कानून था। उनकी इच्छा के बिना पत्ता नहीं हिलता था। 

पर बाबा, ठकराल जी तो…

हां, हां, आगे सुन…

सबके मुंह की कही-सुनी बातों के बाद इच्छा हुई, उनसे भी जाकर मिलें, जिनका सब इतना नाम ले रहे हैं।

साथ ही मन में यह भी ठान कर गया कि चलता होगा इनका शासन, पर अब नहीं। 

अब तो वही होगा, जो कानूनी रूप से सही है, आज तक मेरा जैसा दिलेर, जांबाज और इमानदार अफसर मिला नहीं होगा।

आज तो इन्हें सरकारी गर्मी दिखानी ही पड़ेगी।

बस इसी सोच के साथ मैं उनकी कोठी पर पहुंच गया।

वहां पहुंचा तो देखा सारा नज़ारा किसी film से कम नहीं था।

बहुत ही विशाल और खूबसूरत कोठी, कोठी के द्वार पर ही बड़े-बड़े पिंजरे और उनमें बेहद खूंखार कुत्ते… कुत्ते क्या, किसी भेड़िए से कम नहीं थे और उनकी गुर्राहट, आह! शेर से कम नहीं पड़ रही थी।

यूँ तो मैं बहुत बहादुर हूँ, फिर भी जानवरों का क्या भरोसा, मैंने हाथ में डंडा लिया और बहुत ही एहतियात के साथ घर में प्रवेश किया।

गजब की शान थी, अंदर भी…

दीवारों पर शिकार किए गए शेर और अन्य जानवरों की खाल लगी हुई थी।

मुझे बिठाकर, नौकर ठकराल जी को बुलाने चला गया…


आगे पढ़ें, एक सच्चाई (भाग-3)

Tuesday, 25 June 2024

Story of Life : एक सच्चाई (भाग-1)

एक सच्चाई (भाग-1)

आज से पहले बाबा को इतना विकल नहीं देखा था। पेशानी पर बल पड़ गए थे। पसीना तो ऐसा छलछला आया था कि उससे प्रतीत हो रहा था, कि जैसे मुंह धुला हुआ हो।

मैंने, उनकी परेशानी की वजह जानने की कोशिश भी की… पर नहीं, मेरी बात तो जैसे एक कान से सुनी और दूसरे से निकला दी।

बाबा, दारोगा बाबू थे, उनका पूरे इलाके में दबदबा था। बाबा के पास दुनिया के बड़े-बड़े case आते थे। 

चोर, उचक्के, ठग, डाकू, आदि, कितने ही अनेकों से पाला पड़ा था, पर बाबा के कदम पीछे नही लौटे…

फिर आखिर आज ऐसा भी क्या हो गया?

मैंने बाबा को झकझोरते हुए पूछा, क्या हुआ है बाबा?

वो बस इतना ही बोले, कठोर सच…

इसके साथ ही उनकी आंखें छलछला आईं, उनकी आवाज़ में थरथराहट साफ सुनाई पड़ रही थी।

कैसी सच्चाई? आखिर ऐसा भी क्या हो गया? जिसने आपको व्याकुल कर दिया है…

बेटा, आज कुछ ना पूछो, मुझे कुछ पल ऐसे ही तन्हा छोड़ दो…

बाबा, जब यह बोल रहे थे, तब उनकी आंखें मानो प्रार्थना कर रही हों कि, चले जाओ, उनके हाल में उन्हें छोड़ के…

अब मैंने उन्हें और मजबूर नहीं किया, उन्हें तन्हा छोड़ दिया कि कुछ पल बीतने पर वो स्वयं अपने आप सब बताएंगे।

अभी के लिए तन्हाई, फिर साथ मरहम बन जाएगा…

आज, पूरे दो दिन हो गए थे, बाबा को उस हाल में रहते हुए…

अब मेरे सब्र का बांध टूटने लगा था, मैंने बाबा से कहा, आज तो आपको सब बताना ही पड़ेगा…

बाबा ने, कहना शुरू किया, बेटा बात आज की नहीं है…

बहुत पहले, जब तुम इस दुनिया में भी नहीं आए थे...

आगे पढें, एक सच्चाई (भाग-2)

Monday, 24 June 2024

Recipe : Dahi ke Sholay

Monsoon कहीं आ चुका है तो कहीं आने वाला है, ऐसे में पकौड़ी-कचौड़ी मिल जाए तो मज़ा आ जाता है। पर हमने सोचा कि इस monsoon का स्वागत किसी और चीज़ से किया जाए…

तो आज आप के लिए parties का most favourite snack item share कर रहे हैं।

यह, हर party की शान बन चुका है, फिर चाहे kitty हो या office meeting, ring ceremony हो या marriage, new year celebration हो या होली की बहार।

'दही के शोले', बहुत ही पसंद किए जाते हैं।

हम आपको इसका जो version बता रहे हैं, वो easily prepare हो जाएगा, साथ ही बहुत कम oily होगा।

तो चलिए देख लेते हैं, क्या है इसका secret…

दही के शोले

A. Ingredients :

  • Curd - 500 gm.
  • Bread - 6 to 8 
  • Black pepper - 1 tsp. 
  • Salt - as per taste/1 tsp.
  • Ginger - ½ inch 
  • Green chilli - 3 to 4 
  • Coriander leaves - handful 
  • Clarified butter (घी) - for frying


B. Method :

  1. दही को मलमल के कपड़े में बांध कर 4 to 6 hours के लिए छोड़ दें।
  2. अदरक, धनिया पत्ती और हरी मिर्च को बारीक काट लें।
  3. Bread को mixer grinder jar में डालकर पीस लें और bread का चूरा बना लें।
  4. दही में नमक, काली मिर्च, अदरक, धनिया पत्ती और हरी मिर्च डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।
  5. 2 bread का चूरा दही में mix कर दीजिए। 
  6. इससे दही के mix में binding आ जाएगी।
  7. अब इनकी balls बना लें।
  8. अब इन balls को बाकी बचे हुए bread के चूरे में roll कर दीजिए। 
  9. अब इस balls को एक बार हाथ से फिर से गोलाकार कर लीजिए।
  10. फिर एक बार और bread crumbs में roll कर लीजिए।
  11. और फिर एक बार ball को गोलाकार कर लीजिए।
  12. अब इन balls को atleast 1 hour के लिए freezer में रख दीजिए।
  13. फिर serving से पहले इन्हें निकाल लीजिए।
  14. एक wok लीजिए। उसमें घी डालकर अच्छे से गर्म कर लीजिए।
  15. अब इस घी में balls को golden brown होने तक deep fry कर लीजिए।


Now, your yummy and tasty 'Dahi ke Sholay' is ready to serve. You can serve it with your favourite sauce or chutney.

Tips and tricks  के बिना तो यह perfect बन ही नहीं सकते हैं तो चलिए वो भी देख लेते हैं।


C. Tips and Tricks :

  • हमने इसे घी में fry किया है, आप चाहें तो olive oil or refined oil भी use कर सकते हैं।
  • वैसे घी में तलने से इसका taste enhance हो जाता है।
  • आप कहेंगे कि जब तल ही दिया तो कम घी कहां रहा?
  • Authentically, दही के शोले बनाने में, bread slice को गीला करके soft करते हैं, फिर उसमें दही के mix की filling भर के roll करते हैं, फिर deep fry करते हैं। पर इस तरह से bread बहुत घी और तेल खींचता है। 
  • जबकि हमने जो method बताया है, उसमें crispy texture तो उतना ही आता है, पर घी और तेल कम लगता है।
  • साथ ही इस method में दही के शोले, फूटकर घी या तेल में नहीं फैलते हैं।
  • दही को कम से कम 4 to 6 hours के लिए ज़रूर से बांधे। अगर आप के पास मलमल का कपड़ा नहीं है तो महीन छन्नी में डालकर दही का पानी निकाल दें।
  • जितना thick दही होगा, उतने perfect दही के शोले बनेंगे।
  • दही में bread crumbs उतना ही मिलाएं, जितने से binding हो जाए। ज्यादा bread crumbs डाल देने से दही का creamy texture spoil हो जाएगा।
  • आप अपने taste के according दही के mix में onion and capsicum भी add कर सकते हैं, पर ध्यान रखिएगा सब एक दम छोटे-छोटे और बारीक कटे हुए हों।
  • दही के शोले को double बार bread crumbs में ज़रूर से roll कीजिए। 
  • इससे एक तो proper texture contain होता है। दूसरा balls घी में खुलती नहीं है, इस कारण कम घी लगता है। 
  • साथ ही crisp भी अच्छा आता है।
  • Balls को freezer में atleast one hour ज़रूर से रखें, इससे binding अच्छे से होती है और fry करना easy रहता है।
  • Balls गर्म घी में ही डालें, इससे binding नहीं खुलती है। साथ ही इसमें पकाना कुछ नहीं है, सिर्फ golden brown होने तक fry करना है।
  • अगर आप fat को लेकर conscious रहते हैं, तो इस mix को flat करके तवे पर टिक्की के जैसा भी सेक सकते हैं। 
  • हमने white bread use की है, अगर आप चाहें तो brown bread भी use कर सकते हैं। 
  • वैसे authentically, white bread ही use करते हैं।


तो चलिए, method, tips and tricks follow कीजिए और घर पर ही parties की शान दही के शोले बनाएं और मानसून का लुत्फ उठाएं।

Saturday, 22 June 2024

Article : एक test NTA का

NTA.

आज कल यह नाम बहुत सुनने को मिल रहा है…

पर यह NTA है क्या?

NTA यानी National Testing Agency, जो कि एक autonomous and self-sustained testing organization है।

यह higher educational institutions में admissions & fellowships के लिए entrance examinations conduct करती है।

पर पिछले कुछ दिनों से इसके द्वारा conduct किए गए कुछ exams में भारी गड़बड़ियां पाई गईं हैं।

एक test NTA का

NEET UG के result का तो पूछना ही क्या...

67 candidates के 720/720 marks आना हो या फिर technically & mathematically impossible 719 & 718 का score! कहा जा रहा है कि यह scores grace marks के बदौलत है, but क्या इतने grace marks मिलना valid भी है कि एक 580 के पास score को भी 720 तक inflate कर दिया जाए? जहाँ पिछले साल तक सिर्फ दो candidates के 720 आ रहे थे, आज वहीं 67 candidates के 720 आए हैं। क्या हमारे undergraduates एक साल में इतने मेधावी हो गए? और same centre से 5-6 candidates के 720/720 आने की बात तो अलग ही है...

सब candidates के results आने के बाद भी यह निश्चित नहीं हो पा रहा है कि उन्हें जहाँ admission मिल रहा है, वही उन्हें मिलेगा या फिर कुछ फेरबदल हो जाएगी।

उसके बाद NET का भी वही हाल रहा। 

उसका तो exam ही cancel कर दिया गया, यह statement दे कर कि exam की अखंडता के साथ समझौता हुआ है।

आगे इस exam के result का क्या होगा, ईश्वर ही जानें।

पर इस तरह से युवाओं के भविष्य से खिलवाड़, कहां तक उचित है?

किसी का भी exam देना, अपने आप में एक कठिन परिस्थिति है, उसके बाद उसके result का wait करना और कठिन, फिर result ऐसा आए जिसमें कोई clearance नहीं... किसी torture से कम नहीं है।

हालांकि अब centre ने अपना ध्यान इस ओर केन्द्रित किया है। 

इन exams में हो रही त्रुटियों की पीछे की NTA की functioning की जांच करने के लिए एक committee बनाई गई है।

पर public की उनसे यह demand है कि वो जांच तो करें ही, साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आगे से इस तरह की गड़बड़ियां ना हो।

क्योंकि देश के निर्माता और भविष्य निर्धारण करने वाले इन professions में इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

वैसे भी इस तरह की गलतियां, अराजकता बढ़ाती है और यह सिद्ध करती है कि शासन का कार्य उचित तरीके से नहीं चल रहा है।

सारा दोष, मौजूदा सरकार पर डाल दिया जाता है। जिसका फायदा, विपक्ष सरकार तुरंत उठाती है, क्योंकि वो तो बैठी ही इसी ताक पर है कि एक ग़लती हो और हंगामा किया जाए। 

इससे कभी-कभी मुद्दा जो होता है, उससे भटक कर बे-सिर-पैर की राजनीति में कब बदल‌ जाता है यह पता नहीं चलता है; और जिसे problem होती है, वो suffer करता रह जाता है।

'एक test NTA का' भी होना ज़रूरी है, जिससे पता चले कि loopholes कहाँ हैं।

इस matter को पूरी तरह से, शीध्र-अतिशीघ्र solve करना चाहिए, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी situation फिर ना खड़ी हो - कार्य सुचारू रूप से चले और विपक्ष को मौका ना मिले, आगे ऐसे और failures को मुद्दा बनाकर राजनीति करने का…


जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳

Friday, 21 June 2024

India's Heritage : सर्वे सन्तु निरामया

योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। यह भारत द्वारा विश्व को दिए कई बहुमूल्य खज़ानों और धरोहरों में से एक है। योग का शाब्दिक अर्थ है जुड़ना, और इसका उत्सव मानवता का उत्सव है। 

इसे प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से वैश्विक चेतना का विषय बनाया है। आज पूरी दुनिया न सिर्फ योग दिवस मना रही है, बल्कि योग को दैनिक जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा मान चुकी है।

आज India's Heritage segment में इसी विषय में विचार करेंगे। 

सर्वे सन्तु निरामया

जैसा कि भारतीय संस्कृति का‌ मूल मंत्र है; 

'सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया…'

तो यह संभव कैसे है?

उसका ही सार है कि नित्यप्रति योग करें, योग करने से निरोगी रहेंगे और जब निरोगी रहेंगे तो सुखी भी रहेंगे।

कहा जाता है, 'योग: कर्मसु कौशलम्…'

अर्थात् यदि आप की जीवन शैली में योग एक अभिन्न अंग है, तो आप अधिक कुशलता से अपने कार्य को कार्यान्वित कर सकते हैं।


क. योग के प्रथम गुरू :

योग के प्रथम गुरू, देवों के देव - महादेव हैं। आपको बहुत जगह पद्मासन मुद्रा में यौगिक ध्यानस्थ शिव-मूर्ति भी देखने को मिल जाएंगी।

अगर अवतरण रूप में देखा जाए तो, ऋषि पतंजलि जी, को प्रथम गुरु माना जाता है, जो कि शेषनाग के अवतार हैं।


ख. योग और भारतीय ऋषि :

योग भारतीय ज्ञान की हज़ारों वर्ष पुरानी शैली है। 

योग, प्राचीन भारतीय ऋषि-मुनियों और तत्त्व-वेत्ताओं द्वारा प्रतिपादित एक विशिष्ट आध्यात्मिक प्रक्रिया है, अर्थात विभिन्न ऋषियों ने बहुत पहले ही योग को कैसे किया जाए और उसकी सहायता से कैसे मोक्ष प्राप्त किया जाए, बता दिया था।

इन ऋषियों में, पतंजलि जी ने 'चित्त की वृत्तियों के निरोध' को योग कहा है। व्यास ने समाधि को ही योग माना है। योगवासिष्ठ के अनुसार योग वह युक्ति है जिसके द्वारा संसार सागर से पार जाया जा सकता है।


ग. योग के प्रकार :

योग के कई सारे अंग और प्रकार होते हैं, जिनके जरिए हमें ध्यान, समाधि और मोक्ष तक पहुंचना होता हैै। 

'योग' शब्द तथा इसकी प्रक्रिया और धारणा हिन्दू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में ध्यान प्रक्रिया से सम्बन्धित है। योग शब्द भारत से बौद्ध पन्थ के साथ चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्वी एशिया और श्रीलंका में भी फैल गया है और इस समय सम्पूर्ण विश्व में लोग इससे परिचित हैं।

हिन्दू संस्कृति को सनातन बनाने में योग का विशेष स्थान है।


घ. योग शब्द का उल्लेख : 

सबसे पहले 'योग' शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। इसके बाद अनेक उपनिषदों में इसका उल्लेख आया है।


ङ: हठयोग :

कठोपनिषद में सबसे पहले योग शब्द उसी अर्थ में प्रयुक्त हुआ है जिस अर्थ में इसे आधुनिक समय में समझा जाता है। माना जाता है कि कठोपनिषद की रचना 3rd century और 5th century B.C.E. के बीच में हुई थी। 

पतञ्जलि का योगसूत्र योग का सबसे पूर्ण ग्रन्थ है। इसका रचनाकाल 1st century C.E. या उसके आसपास माना जाता है। हठ योग के ग्रन्थ 9th से लेकर 11th century C.E. में रचे जाने लगे थे। इनका विकास तन्त्र से हुआ।

जैसा कि आधुनिक काल में समझा जाता है, इसका क्या अर्थ है?

प्राचीन काल में योग साधना का मुख्य उद्देश्य, आध्यात्मिक था, मोक्ष प्राप्ति था, ईश्वर प्राप्ति था।

पर आधुनिकता काल में योग को हठयोग के रूप में लिया जाने लगा है, इसमें body fitness and relaxation को highlight करते हैं। इसके लिए विभिन्न आसन हैं, साथ ही different techniques भी use करते हैं।


स्वामी विवेकानंद को जब Europian countries में name and fame मिला, तब कुछ गुरुओं ने भारत के आधुनिक योग का प्रचार-प्रसार विभिन्न देशों में जाकर किया, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा की गई और खुले दिल से अपनाया भी गया।

जिसकी विशेषता सम्पूर्ण विश्व जान रहा, मान भी रहा है। आइए, हम सब मिलकर अपने इस भारतीय धरोहर को मान प्रदान करते हुए उत्सव मनाते हैं।

जिससे; 'सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया…'

हमारा पिछले योग दिवस का heritage segment भी अवश्य पढ़ें।, और अपनी भारतीय संस्कृति से जुड़ें - पतंजलि योग सूत्र का उद्भव: एक अनोखी कथा


जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳

Wednesday, 19 June 2024

Article : Monsoon की दस्तक

आज कल सूर्य देव अपने प्रचंड परचम पर छाए हुए हैं, कुछ इस कदर की हर जगह गर्म तवे-सी प्रतीत हो रही है। 

Temperature, half century करने को आमादा है...

ना बाहर चैन है, ना घर में आराम है। बस टसटसाता पसीना और प्यास से बेहाल लोग...

पंखा, कूलर, AC, सब धराशाई हो रहे हैं और बिजली का बिल, वो तो आसमान छू रहा है।

सब त्राहिमाम-त्राहिमाम चिल्ला रहे हैं...

Monsoon की दस्तक

ऐसे में सबको बस इंद्र देव का ही सहारा है। 

तो चलिए आप को राहत देने के लिए बता दें कि monsoon 8 जून को बंगाल में पहुंच गया था, पर वहीं रुका रहा। 

18 जून को इसने बिहार border को cross किया है। इससे बिहार के किशनगंज में बारिश हुई। किशनगंज की यूपी border से दूरी 550 किलोमीटर से ज्यादा है।

थार से आ रही गर्म हवाओं ने इसे आगे नहीं बढ़ने दिया था। पर अच्छी बात यह है कि अब monsoon आगे बढ़ गया है। यह बिहार में प्रवेश कर गया। और संभावना की जा रही है कि 20 से 28 June तक पूरी तरह उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी आ जाएगा।

या यह तेज़ चलती हुई हवाएं, अंधड़ और तूफ़ान कह रहा है कि आ‌ जाएगा क्या, मैं तो super express की रफ़्तार से आ ही गया।

तो हे प्रभु, आप की असीम कृपा हो जाए और यह तेज़ चलती हुई हवाएं, monsoon का पैगाम लेकर ही आएं।

क्योंकि अमीर इंसान तो पंखे, कूलर और AC में रहकर फिर भी राहत पा लेता है, पर गरीब-बेसहारा लोग, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और खेत-खलिहान यह सब गर्मी की तपिश से बेहाल हो गए हैं।


ऐ बूंद तू बरस,

कि बहार आ जाए।

ऐ बिजली तू चमक,

कि करार आ जाए।

कब की प्यासी धरती,

पुकार रही है। 

Monsoon तुझे, 

आ जा झूम के, 

कि प्रकृति फिर से,

गुलज़ार हो जाए…

Tuesday, 18 June 2024

Short Story : Clone

Clone

रविना बहुत ही खूबसूरत थी, हर जगह उसकी खूबसूरती के चर्चे थे, पर उसकी शादी बहुत ही साधारण से दिखने वाले लड़के, ऋतिक से हुई।

रविना को‌ ऋतिक सिर-आंखों पर रखता था, और रविना उसके प्यार से निहाल थी। कभी भी उसने ऋतिक को हिकारत भरी नज़रों से नहीं देखा।

हां, जब वह कहीं बाहर जाते तो, यह जुमला ऋतिक को अक्सर सुनने को मिल जाता कि "लंगूर के हाथ अंगूर", ऋतिक तिलमिला कर रह जाता, पर सच्चाई तो यही थी।

कभी-कभी वो यह सोच कर भी अफसोस करता कि रविना को‌ उससे बेहतर जीवन साथी भी मिल सकता था। उसकी ना तो ढंकी शक्ल है, ना ही कोई status.

पर रविना हमेशा कहती, मुझे तुम जैसे हो, वैसे ही बहुत अच्छे लगते हो।

जीवन सुकून से चल रहा था। शादी के दो साल बाद रविना pregnant हो गई।

Pregnancy के तीन महीने बाद से ही ऋतिक के सुर बदलने लगे।

ऋतिक ने पूरे घर में खूब सारे रविना के फोटो, कुछ heroes के फोटो लगा दिए।

यहां तक तो समझ आया। पर उसने अपने सारे फोटो छिपा दिए, जो फोटो उसके रविना के साथ थे, उन्हें मोड़ दिया।

और हद तो तब हो गई, जब उसने रविना से मुंह फेर कर सोना शुरू कर दिया, और रविना के उसके नज़दीक आने पर बहाना बनाकर पलट जाता।

रविना, ऋतिक के इस रवैए से परेशान रहने लगी। जो ऋतिक उस पर जान छिड़कता था, वो अब पराया-सा व्यवहार क्यों करने लगा?

जब उसे उसके साथ की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, तो वो कटा-कटा सा क्यों रहने लगा है?

क्या उसके pregnancy से बढ़ते हुए मोटापे के कारण? 

क्या अब वो पहली-सी सुंदर नहीं रही?

पर जवाब उसे कुछ नहीं मिल रहा था।

एक दिन सुबह उठकर, वो खूब जोर-जोर से रोने लगी।

रविना को रोता देखकर ऋतिक उसके पास दौड़ा चला आया, और रोने का कारण पूछा…

रविना बिना कुछ बताए, बस रोती जा रही थी।

ऋतिक दुखी हो गया, क्योंकि वो कभी रविना की आंखों में आंसू नहीं देख सकता था। वो वहीं पर बैठा‌, बराबर रोने का कारण पूछता रहा…

थोड़ी देर बाद रविना ने कहा, तुम मुझसे प्यार नहीं करते हो…

यह क्या कह रही हो, मैं मर जाऊंगा, जिस दिन तुम से प्यार करना छोड़ दूंगा।

तो तुम ऐसे कटे-कटे क्यों रहने लगे हो?

नहीं रविना, ऐसा कुछ नहीं है... मैं बस अपनी छाया अपने बच्चे पर पड़ने नहीं देना चाहता हूं।

मैं चाहता हूं, अगर लड़की हो तो, वो तुम्हारी तरह खूबसूरत और अगर लड़का हो तो Hero जैसा smart हो।

नहीं ऋतिक, मैं नहीं चाहती कि हमारा बच्चा तुम्हारे जैसा हो…

वही तो… ऋतिक ने मायूस होकर, प्रश्नवाचक दृष्टि से रविना को‌ देखा 

हां ऋतिक, मैं नहीं चाहती कि हमारा बच्चा तुम्हारे जैसा हो, लेकिन तुम मायूस ना हो, क्योंकि मैं अपने जैसा बच्चा भी नहीं चाहती हूं…

पर क्यों? अब ऋतिक आश्चर्यचकित होते हुए बोला…

और मैं यह भी नहीं चाहती कि हमारा बच्चा, किसी भी hero की तरह हो…

अरे! तो तुम चाहती क्या हो? ऋतिक झुंझलाते हुए बोला…

मैं चाहती हूं कि हमारा बच्चा, किसी का clone ना हो, उसकी अपनी एक हस्ती हो, अपना एक व्यक्तित्व हो…

रविना की बात से ऋतिक सहमत हो गया और प्रसन्न भी…

सभी लोग बच्चे के होने पर ऐसे ही खूबसूरत pics लगाते हैं, इसलिए मैं भी ले आया…

पर तुम सही कहती हो, बच्चे की अपनी हस्ती और अस्तित्व होना चाहिए, ना कि वो किसी का clone होना चाहिए।

अच्छा सुनो ऋतिक, तुम अपनी फोटो भी वापस लगा दो, साथ ही यह सारे heroes की pics हटा कर भगवान जी की फोटो लेते आना, जिससे हमारे बच्चे पर हर दम उनकी कृपा रहे।

और हां, एक और बात, जो मैं हमेशा कहती हूं, मुझे तुम जैसे हो, वैसे ही बहुत अच्छे लगते हो। 

कभी अपने को किसी से कम मत समझना…

ऋतिक की आंखों से प्रेम पूरित अश्रु धारा बह निकली…

वो बस एक ही बात सोच रहा था कि रविना जितनी खूबसूरत है, मन से भी उतनी ही सुन्दर और समझदार भी…

मेरी तो किस्मत खुल गई, जो मुझे ऐसी जीवन साथी मिली…

Sunday, 16 June 2024

Poem : You become the divine

Happy father's day ❤️ 💐

आज का दिन हर बच्चे की जिंदगी की वजह होती है या यूं कहें कि बच्चे के अस्तित्व की पहचान होती है।

पिता, एक ऐसा रिश्ता, जो हमारे जीवन को अस्तित्व, सुरक्षा और मार्गदर्शन प्रदान करता है। वो उतना ही जरूरी है, जैसे पौधे के लिए सूर्य... जिसकी तपिश से लग सकता है कि पौधा झुलस जाएगा, पर अगर सूरज ना हो तो पौधा पनप ही नहीं पाएगा।

इसी भाव को उकेरती, अद्वय की एक भावपूर्ण कविता...

इसके एक-एक शब्द को feel के साथ पढ़िएगा, आपको भी यही एहसास होगा, मानो यह आपके भी जीवन की सच्चाई है।

You become the divine

When the sun goes dark,

And even the stars don’t shine,

O dear father,

You become the divine. 


When my situation is the worst,

And even optimists resign, 

O dear father, 

You become the divine. 


When the hopes are lost, 

And the problems combine,

O dear father, 

You become the divine. 


When I score too poor, 

And my performances decline,

O dear father, 

You become the divine.


When I have no resources,

And I can only whine, 

O dear father, 

You become the divine.


When I become way too arrogant,

And think of myself as Einstein, 

O dear father, 

You become the divine.


When there is no positivity, 

And even the evils don’t confine,

O dear father, 

You become the divine.


When there’s chaos all around,

And my stars don’t intertwine,

O dear father, 

You become the divine.

Friday, 14 June 2024

Tip : How to remove rust

आज एक viewer की demand आई है कि rust (जंग) या जंग का दाग़ कैसे छुड़ाया जा सकता है? 

वो हमारी consistent viewer हैं तो, सबसे पहले उनकी demand को ही fulfill करना है। 

साथ ही उनकी demand, जिस चीज की है, means rust से कैसे छुटकारा पाएं, वो कभी ना कभी हमें भी irritate करती है… 

तो चलिए, देख लेते हैं कि rust और उसके stain को कैसे remove कर सकते हैं, साथ ही हमें कौन-कौन से precautions रखने चाहिए।

जंग के दाग हमें बहुत जगह दिख जाते हैं, जो कि परेशान करने वाले हो सकते हैं, जैसे कपड़ों और कालीनों से लेकर सिंक और बाहरी फर्नीचर तक...

और अपने पसंदीदा कपड़ों पर जंग के दाग देखने से ज़्यादा परेशान करने वाली कोई बात नहीं है। 

पर जब आप Shades of Life से जुड़े हैं, तो कोई problem का solution ना मिले, ऐसा तो नहीं होना चाहिए। 

सही तकनीकों और धैर्य के साथ, आप इन भद्दे दागों को अलविदा कह सकते हैं।

How to remove rust

A. Lemon and salt :

  1. जंग के दागों से निपटने का सबसे सरल और सबसे प्राकृतिक तरीका नींबू का रस और नमक है। जिस जगह पर जंग लगी है, वहां पर खूब सारा नमक छिड़क दें। फिर, नमक पर ताज़ा नींबू का रस निचोड़ें, ध्यान रखें कि नींबू और नमक का solution, concentrated होना चाहिए। 
  2. इस solution को कुछ घंटों या रात भर के लिए दाग पर लगा रहने दें। अंत में, brush या कपड़े से धीरे से affected area को साफ़ करें और पानी से धो लें। नींबू का acidic nature और नमक की friction properties, जंग को तोड़ने और इसे surface से हटाने के लिए एक साथ काम करते हैं।


B. Vinegar :

  1. Vinegar, एक आम घरेलू वस्तु है, जो जंग के दाग हटाने में अत्यधिक प्रभावी है। Acetic acid जंग को तोड़ने में मदद करता है, जिससे इसे कपड़े से हटाना आसान हो जाता है।
  2. कपड़ों से जंग के दाग हटाने के लिए vinegar एक effective natural treatment है। एक bowl या bucket में सफेद सिरका और पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर solution बनाएं। दाग वाले कपड़े को vinegar solution में लगभग 1-2 घंटे तक भिगोएँ, यह सुनिश्चित करते हुए कि दाग पूरी तरह से डूब गया है। भिगोने के बाद, कपड़े को हटाएँ और ठंडे पानी से धोएँ। कपड़े की देखभाल के निर्देशों के अनुसार कपड़े को धोना जारी रखें।


C. Baking soda :

  1. Baking soda की soft friction properties इसे जंग के दाग हटाने के लिए एक valuable remedy बनाती है। Baking soda को पानी के साथ मिलाकर फैलाने योग्य thick paste बनाएं। अब इस paste को सीधे जंग के दाग पर लगाएं और इसे कम से कम 30 मिनट तक लगा रहने दें। फिर, sponge or soft brush का उपयोग करके, surface पर circular motion में धीरे से rub करें। फिर surface को पानी से धो लें और यदि आवश्यक हो तो इस process को repeat करें।
  2. Baking soda, ceramic sink, bathtub और tiles से जंग के दाग हटाने के लिए विशेष रूप से effective है।

D. Rust remover :

  1. Market में जिद्दी जंग को हटाने के लिए commercial rust remover भी आते हैं। ये product विशेष रूप से जंग को घोलने और खत्म करने के लिए तैयार किए जाते हैं। किसी भी commercial rust remover वाले product का उपयोग करने से पहले, उसमें दिए गए instructions को ध्यान से पढ़ें और safety precautions को follow करें। Product को instructions के according apply करें। 
  2. इसे दाग के साथ react होने दें। Recommended period के बाद, surface को हल्के से rub करें और अच्छी तरह से धो लें। Chemical-based products के साथ काम करते समय gloves का उपयोग करना और proper ventilation का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है।
  3. और जब बात कपड़ों या कपड़े की हो, तो label पर दिए गए instructions और precautions को follow करते हुए dress को धोएं, क्योंकि जंग के दाग हटाने वाले product गंभीर या जिद्दी दागों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होते हैं।


E. Oxalic acid :

  1. Powder or crystalline form में available oxalic acid कपड़ों से जंग के दाग हटाने में बहुत effective है।
  2. Proper ratio के लिए instructions  का पालन करते हुए, गर्म पानी में oxalic acid की थोड़ी मात्रा घोलें। दाग वाले कपड़े को 1-2 घंटे के लिए घोल में डुबोएं, समय-समय पर कपड़े को हिलाते रहें ताकि यह पूरी तरह से अंदर तक पहुँच जाए। इसके बाद, कपड़े को ठंडे पानी से धो लें और हमेशा की तरह एक बार फिर धोएँ। 
  3. Oxalic acid को use करते समय precautions का ध्यान रखें, क्योंकि अगर इसे गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह हानिकारक हो सकता है। Gloves पहनें और दिए गए सभी safety instructions को follow करें।


F. Preventions and precautions :

जंग के दाग़ लगें ही नहीं, अगर इस बात का ध्यान रखा जाए, तो बहुत अच्छा रहेगा, इसी बात को सोचते हुए prevention and precautions भी देख लीजिए…

  • Regular maintenance and protective measures जंग से निपटने के सिरदर्द से बचने में मदद कर सकते हैं। 
  • Oxidation और जंग लगने से बचाने के लिए धातु की वस्तुओं को सूखा रखें। 
  • Anti rust coating लगवाएं, इससे आपके furniture की shelf life बढ़ जाएगी।
  • कपड़ों पर या उनके पास नम धातु की वस्तुएं रखने से बचें।
  • कपड़े धोने से पहले उनमें लगे धातु के button, zipper आदि हटा दें।
  • कपड़ों को सुखाने से पहले जंग के दागों को अच्छी तरह check कर लें, क्योंकि गर्मी से दाग स्थायी रूप से जम सकते हैं।
  • जंग प्रतिरोधी hanger का उपयोग करने या धातु और कपड़े के बीच एक protective layer लगाने पर विचार करें।

तो बस, इन tips and tricks को follow करें और जिन सामानों को आपने जंग लगने के कारण use करना बंद कर दिया है, उनमें से अपने favourite सामान से rust remove करके, फिर से use कीजिए।

Have a 'rust-less' life!


Note: एक बात का ध्यान अवश्य रखें कि rust, बहुत ही dengerous चीज है। यदि किसी से चुभन हुई है, जिसमें rust लगी हो तो,, तुरंत tetanus का injection लगवाएं। और जब तक rust लगी चीज बहुत आवश्यक ना हो, उसे touch ना करें, (जंग लगे कपड़े उतने unsafe नहीं हैं) और touch करते समय safety precautions अवश्य लें। और अगर जंग लगी वस्तु बहुत valuable ना हो या easily available हो तो, जंग लगी वस्तु को discard कर दें। व्यर्थ में उसे रखकर या handle करके अपने जीवन को ख़तरे में ना डालें...

Rust की unsafe character से जुड़ी सच्ची कहानी पढ़ें : 

छोटी सी बात 

Must read 🙏🏻

Be safe be happy...

Wednesday, 12 June 2024

Article : उम्र का पड़ाव

हमारी ज़िंदगी में उम्र के तीन पड़ाव होते हैं, बाल्यावस्था, युवावस्था और वृद्धावस्था।

यूँ तो हर पड़ाव का अपना महत्व होता है, हर पड़ाव की अपनी अपनी priorities होती हैं, अपने शौक और अपने ही मज़े होते हैं। 

पर आज एक नई ही सोच जागृत हुई, जब hospital जाना हुआ।

Hospital में time लग रहा था और पतिदेव को office जाने में देरी हो रही थी। अतः, हमने मिलकर decide किया, कि वो अपने office जाएं और हम hospital में खुद को दिखवाकर घर लौट जाएं।

उम्र का पड़ाव

तो बस हमें hospital में बिठा कर, वो office के लिए रवाना हो गए।

हम doctor का इंतजार करते हुए, समय व्यतीत कर रहे थे। तभी एक aged couple आया, और उनके साथ ही उन लोगों की एक attendant.

Aunty जी थोड़ी स्वस्थ सी थीं, पर पूरी तरह से नहीं। जबकि uncle जी थोड़ा ज़्यादा बीमार थे। 

Basically, उनको ही दिखाने आए थे वो लोग...

Aunty जी बड़ी cute और शांत सी थीं, जबकि uncle जी अक्खड़ और dominating थे।

हाँ, तो बात करते हैं जो आज observe किया था।

पूरे समय में aunty जी, हर थोड़ी देर में अंकल जी को कभी पानी पीने को, तो कभी कुछ खाने को लिए पूछतीं, फिर uncle जी की इच्छानुसार उन्हें खाने और पीने को देती जातीं।

Aunty जी जितनी सौम्यता से uncle जी के साथ व्यवहार कर रही थीं, uncle जी उतना ही रूखा व्यवहार दिखा रहे थे। वो ऐसा कर रहे थे, जैसे aunty जी को वैसा करना ही उनका पत्नी धर्म...

खैर आगे की बात करते हैं।‌ उन दोनों को देखकर यह प्रतीक हो रहा था कि अगर आप के साथ आपका अपना partner है तो आप की जिंदगी set है ।

क्योंकि यही मायने में ज़िंदगी second innings में ही है। इस समय में इंसान के पास वो सब होता है, जिसकी वो ज़िंदगी भर कामना करता है।

पैसा, जिसे वो कमा चुका होता है, एक position, जो वो पा चुका होता है, ज़िम्मेदारी, जिन से वो मुक्त हो चुका होता है, ज़िंदगी की भाग-दौड़, जो अब जीवन संध्या पर पहुंच चुकी होती है और समय, वो तो बेइंतहां होता है।

ऐसे में दोनों सिर्फ एक दूसरे के लिए समर्पित होते हैं। जो कि बहुत ही खूबसूरत होता है...

और एक बात, यह ही वो पल भी होते हैं, जो बिन‌ partner के व्यतीत करना अत्यधिक कठिन भी होता है।

इसलिए आप से सिर्फ इतना ही कहना है कि अपने partner और अपना बहुत ध्यान रखिए, जिससे ज़िन्दगी के सबसे खूबसूरत पल, आप भी जी सकें।

ईश्वर से सबके लिए शुभ की प्रार्थना...

Monday, 10 June 2024

Recipe : Mango Lolly

गर्मी के दिन चल रहे हैं, ऐसे में सिर्फ ठंडी-ठंडी चीज़ें ही अच्छी लगती हैं।

चाहे AC की ठंडी हवा हो, नदी का बहता पानी हो या फिर ठंडी-ठंडी आइसक्रीम...

Cream वाली icecream तो बहुत share की हैं, आगे भी करेंगे पर आज बच्चों की एक बहुत ही favourite lolly share कर रहे हैं। 

इसके लिए बहुत कम ingredients की ज़रूरत पड़ती है। 

Mango Lolly

A. Ingredients :

  • Mango - 2
  • Sugar - 100 gms.
  • Soda water - 50 ml.


B. Method :

  1. Mango में sugar add कर के fine paste बना लीजिए।
  2. इसमें soda water add कर दीजिए।
  3. Icecream mould में डालकर जमने के लिए freezer में 7 to 8 hours के लिए रख दीजिए।
  4. अब इसे थोड़ी देर बाहर रखकर soft कर लें, और फिर इसमें icecream sticks लगा दें।

What are you waiting for? Chill yourself in this scorching heat by having the 'cool-i-licious' Mango Lollies. Beat the HEAT!


C. Tips and Tricks :

  • आप mango, अपने taste and availability के according ले सकते हैं।
  • अगर आप के पास soda water नहीं है, तो आप Sprite या ऐसी कोई भी और lemon-lime flavoured cold drink भी ले सकते हैं।
  • ध्यान रखिएगा, lemon-lime के अलावा कोई और flavour नहीं लीजिएगा, क्योंकि lemon-lime से mango lollies के taste में minimum अंतर आएगा।
  • Soda add करना ज़रूरी है, वरना icecream flavoured बर्फ़ लगेगी, Icecream नहीं। 
  • Mango lolly को mango stick icecream भी कहते हैं।

तो बस ध्यान रखिए, सब ingredients and tips को याद रखकर, घर पर ही बनाएं mango lolly, और गर्मी enjoy कीजिए।


Friday, 7 June 2024

Article : Congress vs BJP

इस बार का जो चुनाव परिणाम आया, उसको देखते हुए BJP वाले, उनके प्रचारक, उनके समर्थक, सभी थोड़ा सदमे में हैं, क्योंकि ऐसे परिणाम की किसी को भी कोई उम्मीद नहीं थी।

इन सबके साथ ही वो लोग भी दुखी हैं जो देश भक्त हैं या जिनके लिए देश सर्वोपरि है। 

पर आज कुछ ऐसा पता चला, जिससे हैरानी भी हुई और थोड़ी शांति भी मिली।

Congress vs BJP


जो कांग्रेस, भाजपा के बहुमत हासिल नहीं कर पाने से जश्न के रूप में बना रहा है…

आपको उसी कांग्रेस के 35 year के कार्यकाल के voting result के विषय में बताते हैं। 

विशेष रूप से पिछले तीन सालों की voting पर ज़रूर से ध्यान दीजिएगा। 

खैर बहरहाल आंकड़े की बात करते हैं।

हम 35 साल की बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि सिर्फ पिछले तीन साल की बात करते, तो सब कहते, 'अरे पप्पू की बात क्या करनी!'

लोकसभा चुनाव 2024 में 240 सीटें लाने पर भले ही विपक्ष बीजेपी के प्रदर्शन को खराब बता रहा हो लेकिन आंकड़े बताते हैं कि सत्‍ता में इतने लंबे period में रहने के बावजूद पिछले 43 साल में कांग्रेस पार्टी कभी भी अपने दम पर 240 सीटें नहीं ला पाई।

पिछले 35 साल में कई बार सत्‍ता में आने के बाद भी कांग्रेस 240 सीटें नहीं ला पाई थी। जितना इस बार बीजेपी, कम सीटें लाने के बावजूद है।

चलिए देख लेते हैं 35 year के आंकड़े।

साल 1989 से लेकर 2024 तक कांग्रेस पार्टी ने सर्वाधिक 232 सीटें हासिल की है।


1. Year 1989 :

नौवें आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्‍व में चुनाव लड़ी देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को सिर्फ 197 सीटें ही मिली थी।


2. Year 1991 :

राजीव गांधी की हत्‍या के बाद 1991 के हुए दसवें लोकसभा चुनाव में, कांग्रेस की लहर होने के बाद भी इस पार्टी को 521 में से सिर्फ 232 सीटें ही मिली थीं, जो बीजेपी की इस बार की 240 सीटों से भी 8 सीटें कम है। पर इतनी सीट ही कांग्रेस को अब तक की मिली सीटों में सर्वाधिक है।


3. Year 1996 :

इस चुनाव में कांग्रेस 140 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर आ गई थी, जबकि भाजपा को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व में 161 सीटें मिली थीं।


4. Year 1998 :

इसमें भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर 543 में से 182 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी। जबकि कांग्रेस इस बार भी 141 सीटों पर‍ सिमट गई।


5. Year 1999 :

इस चुनाव में बीजेपी को 182 सीटें मिलीं और कांग्रेस घटकर 114 पर पहुंच गई।


6. Year 2004 :

इस साल एक बार फिर कांग्रेस सत्‍ता में आई और सोनिया गांधी ने यूपीए गठबंधन कर सरकार बनाई. हालांकि इस बार भी कांग्रेस के पास सीटें सिर्फ 145 ही थीं।


7. Year 2009 :

इस साल भी कांग्रेस ही सत्‍ता में आई और 204 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। हालांकि यह आंकड़ा भी बीजेपी के 240 से काफी पीछे रहा।


8. Year 2014 :

इस साल भारतीय जनता पार्टी ने करिश्‍मा कर दिया और नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुए चुनाव में 282 सीटें बीजेपी के खाते में आईं, जबकि कांग्रेस बुरी तरह से लुढ़क गई और उसे मात्र 44 सीटें मिलीं।


9. Year 2019 :

यह साल BJP के लिए कमाल‌ का साल‌‌ था, मोदीजी की लहर पूर्ण भारत पर छाई हुई थी।

इसमें कांग्रेस 52 सीटों पर ही सिमट गई और मुख्‍य विपक्षी पार्टी भी बहुत मुश्किल से बन पाई, जबकि इस साल में बीजेपी ने record तोड़ 303 सीटें हासिल कीं।


10. Year 2024 :

इस साल के आंकड़े सभी के सामने हैं, जिससे बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस के पास अपने दम पर 99 सीटें हैं।


BJP ने दम भरा था कि इस साल वो 400 पार होगी, उसको सोचते हुए 240 seats बहुत कम हैं, पर पिछले तीन सालों की कांग्रेस सरकार की voting की गणना की जाए तो 99 + 52 + 44 = 195…

मतलब कांग्रेस के तीन सालों का जोड़ भी 240 से बहुत पीछे है।

लोकसभा चुनाव परिणाम में भाजपा को उम्‍मीद से कम सीटें भले ही आई हैं, लेकिन स्‍पष्‍ट बहुमत मिलने से देश में एक बार फिर NDA की सरकार बन रही है (अर्थात BJP की गठबंधन सरकार)। पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्‍द ही, फिर से देश के अगले PM पद की शपथ लेने जा रहे हैं।

हालांकि चुनाव परिणामों पर मंथन और छींटाकशी अभी भी जारी है। विपक्षी पार्टियां बीजेपी, कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर अलग-अलग टिप्‍पणियां कर रही हैं।

यहां तक कि social media से लेकर आम चर्चाओं में भी बीजेपी के लिए third division pass, जैसे-तैसे नैया पार जैसे जुमले कहे जा रहे हैं, जबकि आंकड़ों को देखें तो हकीकत कुछ और ही है। 

कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव result के तुरंत बाद बीजेपी की 240 सीटों को लेकर मोदी की नैतिक हार, मोदी बनाम जनता की लड़ाई या मोदी के खिलाफ मेनडेट जैसे आरोप लगाए थे।

जबकि देश की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस का पिछले 35 सालों का record बताता है कि पिछले 10 चुनावों में कांग्रेस कभी 240 सीट का आंकड़ा अपने दम पर नहीं छू पाई है।

भले ही कांग्रेस ने यूपीए गठबंधन के तहत सबसे ज्‍यादा समय तक देश में शासन किया है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस पिछले 10 चुनावों में जनता की नजर में फिसड्डी ही साबित हुई है। जबकि बीजेपी ने 2014 से लेकर 2024 तक के चुनावों में अपने दम पर bumper सीटें जीती हैं।

यह serve, हम देशभक्तों के लिए सुखकारी है, फिर भी BJP से अनुरोध है कि वह बहुत अच्छे से मंथन करें, जिससे आगे उनकी जीत सदैव बहुमत से ही हो। 

साथ ही आगे आने वाले विधानसभा के चुनाव भी उनके लिए बड़ी जीत का पैगाम लेकर आए। 


फिर एक बार, मोदी सरकार 🇮🇳

Wednesday, 5 June 2024

Article : कहाँ चूके मोदी जी

कल का जो चुनाव परिणाम आया है, उसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। ना BJP को, ना विपक्ष को और ना ही जनता को, यहाँ तक exit poll भी कुछ और कहानी कह रहे थे।

Exit poll के according BJP का पूर्ण बहुमत पक्का था, फिर कहाँ चूक गए मोदी जी?

कहाँ चूके मोदी जी


इतने अच्छे राजनीतिक विश्लेषकों के होने के बाद भी कहाँ चूक हो गई?

NDA ने तो पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है, पर इस बार BJP को सत्तारूढ़ होने के लिए सहारा अवश्य लेना पड़ेगा...

देश में सर्वाधिक votes BJP को ही मिले हैं, इतने विपक्ष में सब मिलकर भी नहीं जुटा पाए। 

पर पूर्ण बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण BJP खुशी के उस चरम तक नहीं पहुंच पाई, जो पिछले दो कार्यकाल में पहुंच रही थी।

और विपक्ष हार के भी ऐसे जश्न मना रहे हैं, जैसे सत्ता उन्हें मिल जाएगी। क्योंकि इस बार, उनका मुख्य उद्देश्य केवल BJP का बहुमत का विजय रथ रोकना था। और वो इस पर कुछ हद तक कामयाब भी रहे...

पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के कारण कुछ बड़ी जीत कहीं गुम हो गई, जैसे दिल्ली और मध्य प्रदेश में, BJP को clean sweep मिला है, जो कि एक अच्छी खबर है।

पर चूक कहां गए? 

उत्तर प्रदेश में...

उत्तर प्रदेश seats के मामले में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रहता है। इसकी लोकसभा चुनाव में पूरी 80 सीटें रहती हैं। उसके बाद महाराष्ट्र में 48 सीटें, बंगाल और आंध्र प्रदेश में 42 सीटें और बिहार में 40 सीटें।

इसका अर्थ है कि जब भी लोकसभा चुनाव हो, सबसे अधिक ध्यान उत्तरप्रदेश में केन्द्रित करना चाहिए, जो कि नहीं किया गया।

उत्तरप्रदेश को for granted ले लिया गया, या बहुत हल्के में ले लिया गया। यहाँ ना चुनाव प्रचार पर ध्यान दिया गया, और ना ही इस ओर ध्यान दिया गया कि जो public BJP को votes देना चाह रही है, उनके पास पर्ची भी पहुंची है कि नहीं?

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण करा दिया, पर उसके पूर्ण होने से पहले ही उद्घाटन कर दिया, दूसरा southern India को रिझाने के लिए मूर्ति south से लाकर लगवा दी। 

अयोध्या में राम मंदिर बनवाने का कार्य होते हुए भी यह BJP के कोई काम नहीं आ सका। अगर राममंदिर निर्माण के तुरंत बाद ही elections हो जाते तो, प्रभू श्री राम जी अवश्य ही विजय पताका फहरवा देते…

क्योंकि उस समय लोग राम मय थे। पर समय मिल जाने से लोगों को राममंदिर की अपूर्णता और काली मूर्ति खटकने लगी।

वैसे उनका तो क्या ही कहें, जिन्होंने निर्माण करने वालों को vote देने के बजाय विध्वंस करने वालों को vote दे दिया। 

अयोध्या और लक्षद्वीप में रहने वाले लोग तो एक बार सोचें जरुर, जिनके विकास के लिए किसी ने नहीं सोचा, उनके विषय में सोचने वालों को उन्होंने क्या सिला दिया?

दूसरा उत्तरप्रदेश को लेकर BJP over-confident थी, इसलिए वो अन्य राज्यों में ही अपना ध्यान केंद्रित करती रही...

नतीजा वहां से तो ज़्यादा कुछ मिला नहीं, यहाँ की पक्की seats भी हाथ से जाती रहीं... 

इसी तरह की छोटी-छोटी-सी नज़रंदाजी ही थी, जिसके कारण जो नहीं सोचा था, वो हो गया।

गनीमत इतनी है कि NDA के 292 votes आ गए हैं और एक बार फिर मोदी जी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ेगा।

पर यह एक सबक है BJP के लिए, कि उन्हें public आंखें मूंद कर नहीं चुनेगी, भरोसा दिलाना पड़ेगा, कि वो ही देश को सुचारू रूप से चलाएंगे। 

और यह अगले साल होने वाले CM के election के लिए एक alarm है कि उन्हें अभी से सचेत हो जाना पड़ेगा, अन्यथा अभी तो कुछ seats ने सबक दिया है, उसमें कोताही बरती तो सीधा उत्तर प्रदेश हाथ से जाएगा।

अखिलेश यादव ने अपनी तरफ से कोशिश आरंभ कर दी है, जिसकी एक झलक दिखाई दे रही है, साथ ही BJP को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कुछ समय पहले, बहुत लम्बे समयांतराल तक उत्तरप्रदेश पर सपा ही सत्तारूढ़ थी।  

जो प्रयासरत रहता है, फल भी उसे ही मिलता है।


फ़िर एक बार, मोदी सरकार 🙏🏻🇮🇳

Tuesday, 4 June 2024

Article : कौन संभालेगा देश

आज चुनाव का नतीज़ा निकलना है कि पूरे देश में किस political party का वर्चस्व है।

देश की जनता के लिए क्या priority है, उनकी निजी आवश्यकताएं या देश की सुरक्षा, विकास और संस्कृति? 

क्या फिर से BJP सत्तारढ़ होगी?

या INDIA alliance का दबदबा रहेगा?

कौन संभालेगा देश


अगर BJP जीतती है, जैसा कि रुझान से दिखाई भी दे रहा है, तो एक बार फिर देश मोदी जी के नेतृत्व में आगे बढ़ेगा। 

दो साल के अपने सफलतम कार्यकाल के पश्चात्, तीसरा सत्र उनका कैसा रहेगा?

हमारे देश के साथ-साथ, विदेशी देशों की भी नज़र चुनाव के नतीजों पर टिकी हुई है।

वह भी देख रहे हैं कि उन्हें भारत में निवेश करना है कि नहीं?

कल sensex बहुत तेजी के साथ खुला था और शेयर बाजार में एक बड़ी उछाल आई थी।

लेकिन आज के रूझान को देखते हुए, share market थोड़ा ठंडा हुआ है…

Share market के गर्म या ठंडे होने से क्या औचित्य है? तो आपको बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था कैसी होगी, इसका पूरा link, share market के गर्म या ठंडे होने पर ही निर्भर करती है।

इसी से यह निर्धारित होता है कि विदेशी देश, कितना निवेश कर रहे हैं। और यह तो सीधा सा गणित है कि जिस देश में सबसे ज़्यादा निवेश होगा, वो देश उतना ही विकसित और उन्नत होगा। 

INDIA alliance के आने से एक बात सोचने वाली रहती है कि सत्ता कौन संभालेगा, क्योंकि जैसा कि saying है, 'Too many cooks spoil the broth…'

जब सब की सोच ही एक सी नहीं, तो देश किस सोच से चलेगा? 

लोकसभा चुनाव होने में दो states का महत्वपूर्ण स्थान है, पहला उत्तरप्रदेश और दूसरा महाराष्ट्र...

वो क्यों?

क्योंकि इन दोनों ही states में सबसे ज्यादा seats होती है। 

यह नेता लोग जो कि किसी भी परीक्षा के परिणामों को महत्वपूर्ण नहीं समझते हैं, उन्हें लोगों पर पड़ने वाले pressure की कोई चिंता नहीं रहती है।

वो आज के दिन सबसे ज़्यादा मानसिक तनाव में रहते हैं। पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने क्या ऊपर-नीचे किया है? उन सब का परिणाम होता है, नतीजों का दिन...

पर साथ ही यह दिन यह भी निर्धारित करता है, आगे देश का कितना उत्थान होगा या पतन? 

एक देश पर सत्तारूढ़ हुई political party यह भी निर्धारित करती है कि उसका दूसरे देशों के साथ संबंध मधुर बनेंगे या खटास वाले?

इस तरह से देश का विकास, सुरक्षा और संस्कृति सब आज के नतीजे पर ही निर्धारित होगी। 

अब results तो वही आएंगे, जिस हिसाब से लोगों ने votes दिए हैं... 

बस ईश्वर से यही प्रार्थना है कि जो भी देश संभाले, वो देश का विकास करे ना कि अपना और अपने परिवार का..

उसके लिए देश की सुरक्षा प्रथम हो...

उसके लिए देश की सभ्यता और संस्कृति सर्वप्रिय हो...

बस वही बने जो देश को अखंड रख सके...

Monday, 3 June 2024

Short Story : दो मासूम आँखें

आज hospital गए थे, अपनी आँखों को दिखाने के लिए routine check-up में।

जैसा कि आप जानते हैं कि हम एक blogger हैं, तो जो writers होते हैं, उनकी आँख, नाक, कान औरों की अपेक्षा कहानी बुनने में थोड़ी ज़्यादा तेज़ होती है, सो हमारी भी है। अब आप इसे अच्छी कहें या बुरी, पर आदत है तो है।

आज वहीं की एक बात साझा कर रहे हैं। आज की कहानी एक मासूम बच्चे की है। 

दो मासूम आँखें

एक छोटा बच्चा, आरव अपने मम्मी-पापा के साथ आया था, अपनी आँख की किसी problem के regarding.

नहीं पता कि उसको exactly क्या problem थी, पर कहानी उसकी आँखों की problem पर नहीं है।

उस छोटे-बच्चे से उसके पापा बोले रहे थे, "आरू, आपसे doctor uncle पूछेंगे कि आप कितना mobile देखते हो, और आप जैसे ही बताओगे कि बहुत देर तक, वैसे ही वो आपके injection लगा देंगे।"

सुनकर आरव ठुनठुनाने लगा, आजकल के बच्चों की तरह, वो भी बहुत ज़्यादा mobile देखा करता था। उसका भी screen time बहुत ज़्यादा था। आजकल बच्चों में यह समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे उनको eyesight की problem रहने लगी है।

"पापा, मैं injection नहीं लगवाउंगा, please, please. मत लगवाइए ना…"

वो बोले, "मैं क्या कर सकता हूँ, doctor uncle जैसे ही सुनेंगे, कि तुम इतना mobile देखते हो, तुम्हें injection लगा देंगे।

"नहीं, नहीं पापा। अब से मैं mobile नहीं देखूँगा, TV देखूँगा।"

"अच्छा, TV देखोगे, mobile नहीं देखोगे?"

"हाँ पापा, नहीं देखूँगा mobile. बस आप doctor uncle से कह दीजिएगा, कि वो injection ना लगाएँ। Please, बोल दीजिएगा ना…"

"अच्छा ठीक है, बोल दूँगा।"

"नहीं लगाएँगे फिर injection?" आरव ने मासूमियत से पूछा।

"हाँ, हाँ। नहीं लगाएँगे injection, क्यों लगाएँगे? जब तुम mobile नहीं देखा करोगे।"

"पापा, अब से मैं पढ़ाई भी खूब करूँगा।"

उसके पापा हँस दिए। 

तभी आरव को दिखाने की call आ गई, और वो खुशी-खुशी doctor को अपनी आँख दिखाने चला गया, अपनी mummy को bye करके।

कहानी बस इतनी-सी है। लेकिन जो आपसे बात कहनी है, वो यह है, कि बच्चे भी जानते हैं कि mobile screen कम देखनी चाहिए, वो हमारी आँखों को नुकसान करती है।

पर आजकल बच्चों का बहुत ज़्यादा mobile देखने का trend-सा चल गया है। कुछ हम लोगों की बच्चों से free रहने की चाहत, कुछ आधुनिकता, और कुछ बच्चों का mobile देखने का खिंचाव।

Result है दो-चार साल से ही चश्मिश बच्चे…

आप बोलेंगे कि screen देखने में ऐसी भी क्या problem है?

Actually भगवान ने हमारी आँखें दूर-पास, सब देखने के लिए बनाई है, और लगातार पास देखते रहने से वो थक जाती हैं, exhaust हो जाती हैं, और finally खराब हो जाती हैं।

इसलिए, बच्चों को mobile उतना ही use करने के लिए दीजिए, जितना ज़रूरी है। अपने free रहने, या उनके addiction के लिए नहीं।

इन मासूमों की आँखें healthy रहें, इसका ध्यान रखना हमारी duty भी है, और ज़रूरी भी है।


Saturday, 1 June 2024

India's Heritage : अयोध्या के रक्षक

आज आप के साथ India's Heritage segment में एक ऐसी कहानी साझा कर रहे हैं कि मानो तो आस्था, ना मानो तो मनगढ़ंत कहानी... 

पर यह कहानी हमारी बनाई गई नहीं है, बल्कि सत्य घटना है।

अयोध्या के रक्षक


बात आज की नहीं है, सन् 1998 की है।दुश्मन की नज़र रामलला की जन्मस्थली के अयोध्या हनुमानगढ़ी मंदिर पर थी।

6 December 1992 को बाबरी मस्ज़िद ढाई जा चुकी थी, और बदला लेने की भावना बलवती हो चुकी थी। 

उन्हें मौका भी मिल गया और उन्होंने अयोध्या हनुमानगढ़ी पर बम लगा दिए, इस तैयारी से कि हनुमानगढ़ी मंदिर के साथ-साथ ही अयोध्या का भी बड़ा हिस्सा नष्ट कर दिया जाए। 

पर बम लगाए जाने की जानकारी पुलिस दल को मिल गई। इंस्पेक्टर अविनाश मिश्रा, जो कि इस पुलिस दल के प्रमुख थे, अपने दल, 3 bomb squads, sniffer dogs और STF (Special Task Force) के साथ हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंच गए। पूरा हनुमानगढ़ी मंदिर लोगों से खचाखच भरा हुआ था।

बम बहुत अच्छी जगह छुपाए गए थे, जैसे handpump के अंदर etc.

पुलिस दल, तीनों bomb squads और sniffer dogs बहुत निपुण थे, उन्होंने बहुत जल्दी ही तीनों बम defuse कर दिए।

बम defuse होने के बाद सब खड़े होकर इस बात की खुशी ही मना रहे थे, कि तभी पुलिस प्रमुख को एक और bomb squad दिखा। 

पर साथ तो तीन ही आए थे, तो यह चौथा कौन था?

बहुत ही फुर्ती के साथ एक पुलिस वाले ने उसका पीछा किया। वो कोई bomb squad नहीं, बल्कि एक आतंकवादी था। उसने हनुमानगढ़ी मंदिर में बम लगा दिया था।

पुलिस वाले की फुर्ती और अविनाश जी की सूझबूझ से वो आतंकवादी पकड़ा गया। पर उसने कैसे भी नहीं बोला कि उसने बम, मंदिर पर किस ओर लगाया है? बोला तो बस इतना कि कोई नहीं ढूंढ सकता कि बम कहां है? तुम्हारे पास चंद मिनटों का समय है। आज बम फटने से तुम्हारे भगवान भी नहीं रोक सकते हैं।

आतंकवादी मंदिर के बाहर पकड़ा गया था, उसे कुछ पुलिसकर्मियों ने पकड़ कर रखा, बाकी बड़ी तेजी से मंदिर की ओर दौड़ पड़े।

मंदिर पर बम ढूंढा जाने लगा, पर कहीं कुछ समझ नहीं आ रहा था, कि बम कहां हो सकता है? समय रेत की तरह हाथों से निकला जा रहा था।

तभी पुलिस वालों ने देखा कि ठंडे पानी की मशीन से दो तार निकल रहे हैं और एक छोटा बंदर उसका दूसरा सिरा अपने मुंह में डाले हुए हैं।

यह सब देखकर उन्हें लगा कि बम शायद यही हैं, पर बम defuse करने के लिए बंदर का हटना जरूरी था। 

तभी अविनाश जी ने कहा कि केले को डाल दो, बंदर चला जाएगा, उसे किसी तरह का कोई नुक्सान ना पहुंचे। 

मंदिर का प्रांगण था तो तुरंत ही केले मिल गए। बंदर की तरफ केले को फेंक दिया गया।

बंदर ने तार छोड़ दिया और केले लेकर मंदिर की चोटी पर पहुंच गया।

एक बम squad आगे बढ़ा और उसने बम को defuse करने का इशारा कर दिया, सब की जान में जान आई।

पर आश्चर्य तब हुआ, जब squad ने बताया कि उसने सिर्फ timer बंद किया था, बम तो उस बंदर ने चंद मिनट पहले ही निरस्त कर दिया था। 

सब बस उस बंदर को देख रहे थे और सोच रहे थे कि "जिसके रक्षक हों स्वयं हनुमान, उसका फिर क्यों ना हो कल्याण"...

सही भी तो है :

सब सुख लहै तुम्हारी शरण 

तुम रक्षक काहू को डरना 

थोड़ी देर बाद सब समवेत स्वर में बोले,

जय श्री राम🚩

जय बजरंग बली 🚩

भारत देश है जन्मस्थली प्रभू श्री राम की, कृष्ण भगवान की, आज भी श्रद्धा हो तो ईश्वरीय चमत्कार दिखाई दे जाते हैं...