Friday, 30 June 2023

Article : Eye Scanning

 Eye Scanning


जब हम लोग बच्चे थे, तब बड़े अच्छे दिन हुआ करते थे, सभी निरोगी थे, सभी में बहुत प्रेम था, सभी सुखी थे। 

ऐसा लगभग हर generation के लोग कहते हैं, चाहे दादी की‌ generation के लोग हों, मम्मी के generation के लोग हों, चाहे‌ हम लोग हों, सब अपने से नई generation से यही बोलते हैं ... और आगे हमारे बच्चे भी next generation से यही बोलेंगे..

क्या है, इसका कारण? क्या सचमुच में दुनिया बद‌ से बदतर होती जा रही है?

चलिए इस topic पर आप सोचिए..

फिर कभी इस बात को आगे बढ़ाएंगे...

पर आज का article हमारे जैसे लोगों के लिए है, और अगर यह शीध्र ही वास्तविक में बदल जाए तो बात ही क्या!

हमारे जैसे means...

बताते हैं, पहले दूसरी बात कर लेते हैं, आज कल दिन पर दिन सैकड़ों खतरनाक बीमारियों ने हम सभी को जकड़ लिया है। और इन बीमारियो को पता करने के जो tests होते हैं, वो उससे भी ज्यादा खतरनाक...

दुनिया भर के blood test, उससे कुछ पता नहीं चलेगा, फिर X-ray, CT scan, MRI.... And so on... 

थक जाओ, दुनिया भर के test करा क्या के...

फिर अगर आप हमारे जैसे हों, means इन सब test से जितना थको उतना ही, ऐसे test कराने से problem भी हो, तब तो बस हो गया राधे राधे... 

फिर वो लोग, जो tests कराने से डरते भी हों, उनका तो सोचकर ही राम बोलो भाई राम.. हो जाता है..

सही बात है ना? 

तो बस इन सब दुनिया भर के tests से निजात मिलने वाली है?

कैसे?

क्योंकि, blood test, CT Scan, MRI और Xray की नहीं होगी जरूरत, अब Eye scanning से पता चलेंगी बीमारियां!

Google AI, medical sector में कई बड़े बदलाव लाएगा। यह जानकारी खुद Google के parent company, Alphabet Inc. के CEO सुंदर पिचाई ने एक video में दी है। अब सिर्फ eye scan से कई बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा, जिसके लिए मौजूदा समय में CT Scan, MRI और Xray आदि किए जाते हैं। 

आइए details में इसके बारे में जानते हैं।

AI यानी artificial intelligence की मदद से school, college or office आदि के काम को जल्दी और accurate किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि AI से जल्द बीमारी का भी पता लगा सकेंगे और उससे इलाज में भी मदद मिलेगी। ऐसा Google के chief executive officer सुंदर पिचाई ने कहा है।

दरअसल, microblogging site Twitter पर एक वीडियो सामने आया है, जो गूगल के किसी पुराने event का है। इस वीडियो में सुंदर पिचाई Google AI की खूबियां बता रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया है कि कैसे यह AI system, medical sector में revolutionary change लाएगा।

Retina scan :

Google AI जल्द ही कई sectors को मजबूत करेगा। सुंदर पिचाई ने बताया कि Google AI के deep analysis का इस्तेमाल करके सिर्फ आंख की retina scan से, कई बीमारियों का पता चल जाएगा।

इतना ही नहीं इससे बीमारियों का अनुमान लगाने के लिए blood sample and cuts आदि लगाने की जरूरत नहीं होगी।

सुंदर पिचाई ने बताया है कि सिर्फ एक retina scan से Age, Biological Sex, Smoking habit, diabetes, blood pressure, और BMI की जानकारी मिलेगी. Video के मुताबिक, हर एक जानकारी में दो option दिए हैं, जिनमें से एक predict और एक actual condition मिलेगी।

गंभीर स्थिति से पहले जानकारी 

Video में बताया है कि Google AI से सिर्फ एक doctor ढेरों medical reports को analyse कर सकेगा। Doctor ये अनुमान भी लगा सकेंगे कि 24 घंटे या 48 घंटे बाद patient की condition क्या हो सकती है. ऐसी condition में doctor को patient को  admit भर्ती करने में आसानी होगी।

Means less test more accuracy...


हमारे backache में बहुत दिनों से दर्द रह रहा है और उसके लिए बहुत सारे test, जैसे X-ray and MRI etc कराने पड़े। Blood sugar के कारण आए दिन blood test भी कराने पड़ते हैं। इसलिए हमें जब यह news पता चली तो हम तो बहुत खुश हो गये, सोचा good news है, सबको बता देते हैं और अब तो यह इंतजार है, सुंदर पिचाई की यह कथनी जल्दी ही वास्तविकता में बदल जाए।

Thursday, 29 June 2023

Article: देवशयनी एकादशी

बारह मासी होने वाली एकादशी में देव उठनी एकादशी व देवशयनी एकादशी का बहुत महत्व है। देव उठनी एकादशी के विषय में तो लिख चुके हैं। 

आज देवशयनी एकादशी या देवसोनी एकादशी है, तो सोचा आज दूसरी बड़ी एकादशी की विशेषता को उकेरा जाए...

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी या हरिशयनी एकादशी कहते हैं। इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 को है. इस दिन श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।

देवशयनी एकादशी के दिन से ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु का निद्राकाल शुरू हो जाता है, यानी इसी दिन से चतुर्मास की शुरुआत होती है।

चतुर्मास शुरू होने के बाद से सारे शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।

आइए जाने, क्या है देवशयनी एकादशी और चातुर्मास,  उसका महत्व, मुहूर्त उपाय और इसके नियम 

देवशयनी एकादशी


जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु जी, चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, इस दिन तिथि के अनुसार एकादशी होती है, इसलिए ही इसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है। 

चतुर्मास 

श्री हरि विष्णु जी की योगनिद्रा देवशयनी एकादशी से प्रारम्भ होकर देव उठनी एकादशी तक रहती है। जिसमें चार माह की अवधि रहती है, इसलिए ही इसे चतुर्मास कहा जाता है 

श्री हरि विष्णु जी, देवउठनी एकादशी को योग निद्रा से बाहर आते हैं, तब चातुर्मास का समापन होता है।

योग निद्रा से कब जागेंगे देव

इस बार देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को है। इस तरह से चातुर्मास 30 जून से लगेगा और 23 नवंबर को खत्म हो जाएगा। 

पर इस बार श्रावण पुरुषोत्तम मास होने की वजह से दो माह तक है, इसलिए चातुर्मास की अवधि पांच माह होगी।

धार्मिक  मान्यताओं के अनुसार, देवशयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी तक भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग पर विश्राम करते हैं। 

इन चार महीनों में सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।  हिंदू धर्म में चातुर्मास का बहुत अधिक महत्व माना जाता है. चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ माह से शुरू होती है और कार्तिक की एकादशी के दिन खत्म होते हैं।

चातुर्मास में कौन से कार्य हैं वर्जित

इस दौरान मुंडन, उपनयन संस्कार, विवाह इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण मांगलिक कार्य रोक दिए जाते हैं।

देवशयनी एकादशी का महत्व 

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व होता हैं. देवशयनी एकादशी भगवान विष्णु के आराम का समय है, यानी इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयन करने के लिए चले जाते हैं।

मान्यता है कि भगवान विष्णु के शयन काल में मांगलिक कार्य करने से व्यक्ति को उनका आशीर्वाद नहीं प्राप्त होता है, जिस वजह से विघ्न उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। 

शुभ कार्यों में  देवी-देवताओं का आवाह्न किया जाता है। भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं, इसलिए वह मांगलिक कार्यों में उपस्थित नहीं हो पाते हैं। जिसके कारण इन महीनों में मांगलिक कार्यों पर रोक होती है।

देवशयनी एकादशी पूजा मुहूर्त - 

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ 29 जून 2023 सुबह 03:18 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 30 जून सुबह 02:42 मिनट पर हो जाएगा। पूजा तिथि के अनुसार, देवशयनी एकादशी व्रत गुरुवार 29 जून 2023 को रखा जाएगा. इस विशेष दिन पर रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 05:26 मिनट से दोपहर 04:30 मिनट तक रहेगा.

जब श्री हरि विष्णु जी, योगनिद्रा में चले जाते हैं तो, सृष्टि का पालन कैसे होता है, यह भी एक विषम प्रश्न है? क्या उस समय कोई भी देव हमारी रक्षार्थ नहीं होते हैं? ऐसा नहीं है, उन दिनों देवों के देव महादेव, सृष्टि के पालनकर्ता हो जाते हैं।

भगवान शिव करेंगे सृष्टि का संचालन

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के विश्राम करने से सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। इस दौरान सभी तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, बस विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। इस दौरान भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करना चाहिए। 

देवशयनी एकादशी के साथ ही यह भी सिद्ध होता है कि श्री हरि विष्णु जी, अपने भक्तों को कितना अधिक स्नेह करते हैं। इन दिनों वह पाताल में रहते हैं, पर क्यों?

पाताल में रहते हैं श्री हरि

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ग्रंथों के अनुसार, पाताल लोक के अधिपति व भगवान विष्णु जी के परम भक्त राजा बलि ने भगवान विष्णु से पाताल स्थिति अपने महल में रहने का वरदान मांगा था, इसलिए माना जाता है कि देवशयनी एकादशी से अगले 4 महीने तक भगवान विष्णु पाताल में राजा बलि के महल में निवास करते हैं।  इसके अलावा अन्य मान्यताओं के अनुसार शिवजी महाशिवरात्रि तक और ब्रह्मा जी शिवरात्रि से देवशयनी एकादशी तक पाताल में निवास करते हैं।

चातुर्मास में तप और ध्यान का विशेष महत्त्व

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि चार्तुमास में संत एक ही स्थान पर रुककर तप और ध्यान करते हैं. चातुर्मास में यात्रा करने से यह बचते हैं, क्योंकि ये वर्षा ऋतु का समय रहता है, इस दौरान नदी-नाले उफान पर होते है तथा कई छोटे-छोटे कीट उत्पन्न होते हैं। इस समय में विहार करने से इन छोटे-छोटे कीटों को नुकसान होने की संभावना रहती है। इसी वजह से जैन धर्म में चातुर्मास में संत एक जगह रुककर तप करते हैं। चातुर्मास में भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। देवउठनी एकादशी के बाद विष्णुजी फिर से सृष्टि का भार संभाल लेते हैं.

देवशयनी एकादशी से देव उठनी एकादशी तक महादेव जी सृष्टि का संचालन करते हैं, अतः इस पूरे काल में श्रीहरि विष्णु जी व महादेव जी दोनों की ही पूजा पाठ का आयोजन किया जाता है। जो इस प्रकार है-

भगवान विष्णु और शिव पूजा

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि चातुर्मास में पूजा और ध्यान करने का विशेष महत्व है। देवशयनी एकादशी से देवप्रबोधनी एकादशी तक भगवान विष्णु विश्राम करते हैं। व इस दौरान शिवजी सृष्टि का संचालन करते हैं। इन दिनों में शिवजी और विष्णुजी की पूजा करनी चाहिए। चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु और शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। विष्णुजी को तुलसी तो शिवजी को बिल्वपत्र चढ़ाने चाहिए। 

 साथ ही ऊँ विष्णवे नम: और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। इन दिनों में भागवत कथा सुनने का विशेष महत्व है। साथ ही जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करना चाहिए।

जो लोग, जप तप ध्यान इत्यादि करते हैं, उनके चतुर्मास में कुछ नियम व परंपरा रहती है, जो इस प्रकार है

चातुर्मास की परंपरा

 सावन से लेकर कार्तिक तक चलने वाले चातुर्मास में नियम-संयम से रहने का विधान बताया गया है। इन दिनों में सुबह जल्दी उठकर योग, ध्यान और प्राणायाम किया जाता है। तामसिक भोजन नहीं करते और दिन में नहीं सोते नहीं हैं।  इन चार महीनों में रामायण, गीता और भागवत पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथ पढ़ने चाहिए। भगवान शिव और विष्णुजी का अभिषेक करना चाहिए। पितरों के लिए श्राद्ध और देवी की उपासना करनी चाहिए, जरूरतमंद लोगों की सेवा करें। 

आप सभी को देवशयनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं, श्रीहरि विष्णु जी व महादेव जी की कृपा दृष्टि सब पर बनी रहे 🙏🏻🙏🏻

Wednesday, 28 June 2023

Article : The reason behind semi-open doors of public bathrooms

Bathroom एक निजी जगह है जो पूरी तरह से covered रहती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि public bathrooms इतने खुले हुए क्यों होते हैं।   

Public bathrooms में जाना कई लोगों को बिल्कुल पसंद नहीं होता, लेकिन emergency का क्या करें। Mall में, market में, highway पर कई बार हमें public bathrooms इस्तेमाल करने पड़ जाते हैं। अगर बात mall या office की करें तो हम देखते हैं कि public bathrooms में हमेशा ऊपर और नीचे की ओर खाली space होती है। 

अब ये सोचने वाली बात है कि आखिर ऐसा क्यों और किस कारण से हमेशा public bathrooms में इस तरह की space छोड़ी जाती है। अब public bathrooms में इस stall space के कारण कई बार शर्मिंदगी भी हो सकती है। Bathrooms जैसी निजी जगह को आखिर क्यों इस तरह से सार्वजनिक किया जाता है?

चलिए जानते हैं आज की हमारी post में...

The reason behind semi-open doors of public bathrooms


Public bathroom में दो चीजें देखी गई हैं, कि दो stalls के बीच जगह कम होती है और ऊपर-नीचे जगह बहुत ज्यादा space छोड़ी जाती है। पर इसके पीछे के logical कारण शायद आपको नहीं पता होंगे। इसके पीछे एक-दो नहीं बल्कि 5 कारण हैं।


1. Are easy to clean :

Public bathroom में कई तरह के लोग आते हैं और ऐसे में bathroom में गंदगी भी ज़्यादा होती है जिससे सफाई करने वालों को परेशानी हो सकती है। इसके लिए bathroom के नीचे की ओर जगह छोड़ी जाती है ताकि bathroom को machines द्वारा एक साथ power wash किया जा सके। इसलिए कई बार public bathroom को एक ही machine से साफ कर दिया जाता है जिससे न सिर्फ man-power कम लगती है बल्कि इससे बिजली और पानी की भी बचत होती है।


2. Helpful in cases of emergency :

Public bathroom का इस्तेमाल रोज़ाना कई लोग कर सकते हैं। ऐसे में ये track नहीं रखा जा सकता कि bathroom के अंदर कौन है। अगर bathroom के अंदर किसी को medical emergency होती है या कोई बेहोश हो जाता है तो ये पता आसानी से चल सकता है कि वो इंसान कहां फंसा हुआ है। अगर किसी को emergency में bathroom से बाहर निकलना है और दरवाज़ा किसी वजह से बंद हो गया है ऐसे bathroom से बाहर निकलना ज़्यादा आसान होता है।


3. To avoid unexpected happenings :

अगर bathroom के stalls में जगह होगी तो लोग भी किसी गलत हरकत को करने से बचेंगे। Public places पर कोई गलत घटना न हो सके इसलिए भी दरवाज़ों को ऐसा रखा जाता है। Public places पर शराब पीना भी गैर-कानूनी होता है और ऐसे में खुले दरवाजे वाले bathroom काफी मददगार साबित हो सकते हैं।


4. For better air-circulation :

Public bathroom में एक-एक करके कई लोग आते हैं और क्योंकि इसे हर use के बाद साफ करना संभव नहीं है, इसलिए ऐसे दरवाजे design किए जाते हैं जो bathroom से बदबू को हटा सकें। ऐसे में ऊपर और नीचे, दोनों ओर से air-circulation हो सकता है।


5. Are affordable to make :

इस तरह के दरवाज़े सबसे ज़्यादा affordable होते हैं। आपको floor से ceiling तक raw material के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे। लगभग दो से तीन full bathrooms से ऐसे 5-6 bathroom सस्ते होते हैं।

Tuesday, 27 June 2023

Article : वाह री दुनिया!

 वाह री दुनिया!

आज ऐसे ही Facebook देख रहे थे। देखते देखते, एक site पर price लिखे दिखे, कंडे के, पत्तल के, दोने के, ऐसे ही बहुत सारे भारतीय देशी चीजों के, और वो भी बहुत अधिक...  तो मन से बस यूं ही निकल गया, वाह री दुनिया! 

यह सब भारतीय देशी चीजें, जो सचमुच बेमिसाल हैं, पर हमने इनकी कद्र नहीं की। 

हमने समझा ही नहीं, कि ईश्वर ने उन्हें ही सबसे बड़ी नियामत से नवाजा है, जिन्होंने भारत में जन्म लिया है।

यहां सदियों से उपयुक्त होने वाली सभी चीजें अतुलनीय हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं। फिर वो वस्तुएं हों, संस्कार हों या संस्कृति हो।

यहां से बढ़कर कुछ नहीं...

हमने तो, पत्तल दोने, गोबर के कंडे, मिट्टी के बर्तन, पीतल, तांबे, कांसे के बर्तन, चूल्हे पर बना हुआ खाना, जमीन में बैठ कर बहुत से काम करना, त्यौहार की महत्ता, आदि, सबको तिलांजलि दे दी। 

पर इन सबका महत्व विदेशों में बहुत अच्छे से समझा जा रहा है। और उन का महत्व समझ कर जब वो इसकी अहमियत पूरी दुनिया को बताते हैं, तो बाकियों के साथ हम भारतीयों को भी समझ आता है।

जिसका नतीजा यह होता है कि जिसको हमने व्यर्थ समझकर, तिरस्कार कर दिया था, अब उसी को ऊंचे दाम पर सिर-माथे पर बैठा रहे हैं....

तो इसे क्या कहेंगे? वाह री दुनिया!... है ना?

पर अगर आप को, फिर से भारतीयता पर स्नेह और सम्मान आ गया है तो, एक काम कीजिए, इस तरह के सामान, online नामी-गिरामी sites और ऊंची-ऊंची दुकानों से ना लेकर, उनसे लीजिए, जो इसके निर्माता हैं। जो आज भी इन सब चीजों को बनाकर- बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।

उससे बहुत से फायदे हैं, पहला तो आप का, वो यह कि, आप को सामान बहुत सस्ता मिलेगा, बहुत variety मिलेगी.... 

जिससे आप लेंगे, उससे उसको भी आर्थिक लाभ मिलेगा, उसका जीवन स्तर ऊंचा भी होगा... 

देश का पैसा, देश में रहेगा तो हमारा भारत और सुदृढ़ व विकसित होगा...

आप इस तरह की चीजों का अवश्य इस्तेमाल करें, यह बहुत ज्यादा स्वास्थ्य वर्धक हैं। पर खरीदें, अपने ही देश के लोगों से...

जिससे यह ना कहना पड़े, वाह री दुनिया! अपना तब अच्छा समझ आया, जब दूसरों ने बताया... 

अपने का मोल, तभी समझ लीजिए जब वो आपका अपना हो, दूसरे के पास चला गया तो ऐसा भी हो सकता है कि, फिर आप के समझ आने तक कभी वह आपको मिल ही ना पाए...

एक बार फिर से कहेंगे कि भारत में सदियों से उपयुक्त होने सभी चीजें अतुलनीय हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं। फिर वो वस्तुएं हों, संस्कार हों या संस्कृति है और सदियों तक रहेंगी...

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳🙏🏻

Monday, 26 June 2023

Recipe : Peri Peri Masala

आज कल, peri peri flavour का हर तरफ बहुत नाम सुनाई दे रहा है। फिर चाहे, french fries हो, pizza हो, pasta हो, sandwich हो,‌‌ dosa हो, chowmein हो, Biryani हो, मुर्ग हो, etc. कहने का मतलब है कोई भी cuisine हो, veg हो non veg हो, सभी में लोगों को peri peri flavour ही चाहिए। दूसरे शब्दों में कहें तो peri peri flavour  का जादू, सिर चढ़कर बोल रहा है। 

पर यह peri peri flavour है क्या?

कैसा taste होता है और कहां का flavour है? 

सब बताते हैं आपको...

Peri peri एक मसाला है, इस flavour का sauce भी आता है।

Peri peri मसाला, भारतीय मसालों का मिश्रण है जो Spain, portugal, south africa से originate हुआ है। Peri peri या पिरी पिरी का अर्थ है स्वाहिली (Kiswahili) language में काली मिर्च...

इसका flavour, बहुत सारे Flavours को मिला के बनता है, जिसमें spicy, tangy, slightly sweet, etc flavour होते हैं और सारे मिलकर बहुत ही tasty flavour देते हैं।

Peri peri masala, घर पर बहुत easily prepare कर सकते हैं। हम आपको आज इसकी ही recipe, share कर रहे हैं। 

इस मसाले को आप अपनी favourite dish में add करके, peri peri flavour की dish, prepare कर सकते हैं।

 Peri Peri Masala  




Ingredients :

Kashmiri lal mirch - 2 tbsp.

Chilli flakes - 2 tsp.

Ginger powder - 1 tsp.

Garlic powder - 3 tsp.

Onion powder - 2 tsp.

Black salt - ½ tsp.

Citric acid - ½ tsp.

Dried oregano - 4 tsp.

Sugar - 2 tsp.

Black pepper -1 tsp.

Salt - ½ tsp.


Method :

  1. इन सभी मसालों को mixer grinder में डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।
  2. Peri peri masala, ready है। इसे आप air tight container में रखकर 1 month के लिए चला सकते हैं।


Note

  • Citric acid ना होने पर आप, dry mango powder - 2 tsp. ले सकते हैं। इससे taste, थोड़ा सा change होगा पर almost same ही होगा।
  • Ginger, garlic and onion का dry powder ही लेना होगा, onion, ginger garlic paste से काम नहीं चलेगा..

Saturday, 24 June 2023

Recipe: Semolina roll

जब बच्चों की गर्मीयों की छुट्टियां चल रही हों, तो बच्चों की demand बढ़ जाती है, उन्हें रोज़ कुछ नया चाहिए होता है, पर इतनी गर्मी में, माँ चाहती हैं कि ऐसे हो, जो जल्दी भी बन जाए और healthy भी हो। 

तो बस आज की recipe, ऐसी है, जो दोनों को खुश कर देगी... यह जितनी tasty है, उतनी ही easily, instantly बनने वाली healthy recipe है। 

तो चलिए, झटपट इसकी recipe देख लीजिए।

Semolina roll 


Ingredients :

  • Semolina - 100 gm.
  • Curd - 2 tbsp.
  • Potato - 250 gm.
  • Coriander leaves  - 1 handful 
  • Salt to taste
  • Green chillies - as per taste
  • Ghee - for frying 


Method :

  1. आलू उबाल लीजिए।
  2. उसे छीलकर अच्छे से mash कर लीजिए। 
  3. Coriander leaves and green chillies को finely chop कर लीजिए।
  4. सूजी में दही डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।
  5. फिर इसमें पानी डालकर soft dough prepare कर लीजिए।
  6. 15 minutes के लिए rest करने रख दीजिए। 
  7. After 15 minutes, dough में chopped fresh coriander leaves, green chillies, salt, mashed potato and 1 tbsp. घी मिलाकर अच्छे से mix कर लीजिए और soft dough prepare कर लीजिए। 
  8. अब इस mix से अपनी पसंद के shapes के roll बना लीजिए। 
  9. एक wok में घी गर्म करें।
  10. जब थोड़ा धुंआ निकलने लगे तो 5 to 6 rolls डालकर, दोनों तरफ से सुनहरा होने तक deep fry कर लीजिए।

आप इसे खट्टी मीठी चटनी के साथ या tomato sauce, Schezwan sauce, kasundi, etc. के साथ serve कर सकते हैं।

अब जल्दी से आप को tips and tricks भी बता देते हैं।


Tips and Tricks :

  • सूजी, fresh दही में soak कीजिए, जिससे ज्यादा अच्छा taste आए।
  • अगर आप diet concious नहीं हैं, तो  सूजी को, दही की जगह मलाई में भी soak कर सकते हैं। 
  • सूजी का dough, soft ही prepare कीजिए, वरना roll बहुत tight and dry बनेंगे।
  • Roll में अपने taste के according, आलू की quantity, कम या ज्यादा कर सकते हैं। आलू की quantity, जितनी ज़्यादा होगी, Semolina roll, अंदर से उतने ही soft और juicy बनेंगे।
  • सूजी की quantity, जितनी ज़्यादा होगी, roll उतने ही tight and dry बनेंगे।
  • Roll में अपने taste के according, chopped chilli, onion, ginger, capsicum, etc. डाल सकते हैं।‌‌‌‌ इनसे taste भी enhance होता है और roll juicy भी ज़्यादा रहता है।
  • आप आलू की जगह पनीर भी ले सकते हैं और पनीर रोल भी बना सकते हैं।
  • अगर आप diet conscious हैं तो deep fry की जगह shallow fry भी कर सकते हैं।
  • Bread को हमने soaked Semolina से replace किया है। इससे दो चीजें हुई पहला, मैदा replace हो गया‌,‌‌ दूसरा bread घी या तेल, आप जिसमें भी roll fry करेंगे, उसे बहुत ज्यादा absorb करती है, जबकि सूजी के रोल, घी या तेल कम absorb करती है। 

तो चलिए इस Sunday ही इस tasty and healthy breakfast को try कीजिए, और शानदार दिन की शुरुआत कीजिए...

Thursday, 22 June 2023

Article: Sunil chhetri.. बस नाम ही काफी है

Sunil chhetri - बस नाम ही काफी है 


भारत का हर field में चमकता हुआ नाम, हम सब भारतीयों को गर्व से ओत-प्रोत कर रहा है। 

चाहे वो हमारे प्रधानमंत्री की बात हो, soldiers की बात हो, scientists की बात हो, बढ़ती हुई GDP की बात हो, या players, आदि की... हमारा भारत एक नया भारत बन चुका है, जिसकी शीर्ष पर रहने की आदत बनती जा रही है।

कल भी भारत ने एक बड़ी जीत हासिल की, SAFF championship 2023 में भारत ने पाकिस्तान को 4-0 से हरा दिया।

यह जीत जिसने दिलाई है, वो हैं हमारी football team के captain, सुनील छेत्री... 

सुनील ने hat-trick goal मारे और उदांता सिंह ने एक गोल मारा, जिसके कारण पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा।

Football matches में भारत की यह कोई पहली जीत नहीं है, और ना ही हम ऐसे, किसी भी player पर article लिखते हैं। 

पर बात जब किसी ऐसे player की होती है, जो देश की आन बन जाता है, तो उसके लिए तो कलम अपने आप चलने लगती है। 

बस वही spark है (सिकंदरा बाद) आंध्रप्रदेश के सुनील छेत्री में...

Football के दीवाने, पुर्तगाल के रोनाल्डो और अर्जेंटिना के मेस्सी को सातवें आसमान पर बैठा कर रखते हैं। तो आप सबको बता दें कि हमारे सुनील छेत्री, उन्हें टक्कर दे रहे हैं।

उन्हें Indian football GOAT भी कहा जा रहा है (GOAT (or G.O.A.T.) is an acronym which stands for 'greatest of all time'. It is a tag which is reserved for the individual who is deemed to be the undisputed master of their sport.)

International football players में सुनील छेत्री चौथे स्थान पर पहुंच गये हैं, सक्रिय खिलाड़ियों में तीसरे स्थान पर हैं। और वो दिन दूर नहीं जब, पहले स्थान पर भी पहुंच जाएंगे। 



Football में FIFA में position बनाना सबसे बड़े गर्व की बात होती है, जो सुनील छेत्री ने बना ली है। अभी हाल में ही उनके goals की संख्या 92 हो गई है। अतः FIFA ने उन्हें honour किया है।
वो दिन दूर नहीं कि वो प्रथम पर स्थान भी आ जाएं।

लेकिन सुनील के इस सपने को पूरा करने में, उनकी मेहनत के साथ ही हम भारतीयों को भी सहयोग देना होगा... आप बोलेंगे, हम क्या कर सकते हैं इसके लिए?? 

बिल्कुल कर सकते हैं, पहला यह कि cricket match के अलावा दूसरे matches and games भी देखिए। जिससे बाकी खेलों के खिलाड़ियों को भी लगे कि उनकी भी अहमियत है। 

दूसरा, जो अच्छे खिलाड़ी हैं, उनका उत्साह बढ़ाएं, उनके अंदर उम्मीद भरिए, जिससे वो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें, और भारत के लिए जीत का परचम लहराएं।

जो सम्मान और प्रेम, कपिल देव, लेंडरपेस, विश्वनाथन आंनद, महेंद्र सिंह धोनी, पीवी सिंधु, और नीरज चोपड़ा, आदि.. को दिया गया है, उसी के हकदार हैं सुनील छेत्री...

सुनील छेत्री, हमें गर्व है आप पर।

भारत के लिए Football में जो मुकाम,‌ बाइचुंग भूटिया ने बनाया था, सुनील छेत्री उसे बहुत आगे ले गए हैं। 

Football match बहुत interesting होता है, पर जब सुनील छेत्री खेल रहे हों तो match, super exciting हो जाता है। 

इसलिए आज से ही, international football matches देखना शुरू कर दीजिए, जिसमें India खेल रही हो। यकीन मानिए, match ख़त्म होने से पहले आप उठ नहीं पाएंगे और अगर आप nail biter हैं, तब तो आपके नाखूनों की खैर नहीं...

साथ ही सरकार से भी यह अनुरोध है कि, भारत के football players, FIFA world cup में भी खेल सकें, इस ओर भी ध्यान केंद्रित किया जाए🙏🏻

खेलो इंडिया, 

जीतो इंडिया, 

जीत का परचम लहराओ, 

भारत को विश्व-विजयी बनाओ..


जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Wednesday, 21 June 2023

Short Story: प्रसन्नता का योग

 प्रसन्नता का योग


एक ऊंची काली पहाड़ी थी, वहां पर एक बहुत ही मस्त बाबा रहा करते थे।

उनको किसी ने कभी दुखी नहीं देखा था, वो हर हाल में प्रसन्न ही रहते थे। 

उनसे बहुत लोग जुड़े हुए थे, क्योंकि वो यथासंभव सबकी मदद किया करते थे। बहुत से लोग उन्हें बहुत मान देते थे और उनकी तारीफ करते हुए नहीं थकते थे,पर वहीं उनसे जुड़े हुए कुछ लोग ऐसे भी थे, जो उनको फूटी आंख नहीं पसंद करते थे। 

उन्हें लगता था कि, उन्हें बस सुख ही सुख है, इसलिए ही वो इतने प्रसन्न रहते हैं। हर किसी को तो, दूसरे का सुख बर्दाश्त नहीं होता। 

उनकी प्रसन्नता की ख्याति दूर-दूर तक फैलने लगी, एक दिन उन बाबा के पास, कुछ media के लोग पहुंच गए।

और उनसे पूछने लगे, बाबा जी, एक बात बताएं हमारे सभी दर्शकों को, कि आप की प्रसन्नता का क्या कारण है? क्या आप को कोई दुःख नहीं है या अपने योग-ध्यान इत्यादि से इतनी सिद्धी प्राप्त कर ली है?

बाबा जी ने एक मीठी सी मुस्कान के साथ बात शुरू की।

भाई, इस दुनिया में कहीं कोई ऐसा नहीं है, जिसे कोई, दुःख, कष्ट, रोग, व्याधि ना हो...  यहां तक कि जब प्रभु श्रीराम और श्रीकृष्ण जी ने मानव शरीर धारण किया था, तो उन्होंने भी सुख-दुख सब भोगा था। तो मैं जीवन के सुख-दुख से कैसे वंचित रह सकता हूं? मुझे भी दुःख, कष्ट, रोग सब हैं...

तो क्या बाबा जी आप रोज़ योग-ध्यान इत्यादि करते हैं? बहुत सी चीजों का परहेज करते हैं?

नहीं बेटा, मैं ऐसा कुछ भी नहीं करता हूँ, मैं बस यह करता हूं कि, कोई भी बुरे व्यसन, जैसे शराब, सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू, मांस-मछली आदि का सेवन नहीं करता हूँ। मैं सभी तरह का पौष्टिक भोजन करता हूं। 

घी, तेल, दूध, दही सब?

हां, भाई हमारे शरीर को यह सब चाहिए। पर एक चीज़ और है कि मैं अल्पाहारी हूं और भरपूर मेहनत करता हूं। 

अल्पाहारी होने से क्या होता है?

जब आप अल्पाहारी होते हैं, तो कोई भी भोजन अधिक नहीं खाते हैं, और जब कुछ भी अधिक नहीं खाएंगे तो, कुछ नुकसान भी नहीं करता है। और मेहनत करने से सब अच्छे से digest भी हो जाता है। 

अच्छा हाँ, तुमने योग की बात की थी, तो याद आया कि, एक योग तो मैं भी करता हूं...

Media वाले की आंखें चमक गई, अरे उसे ही तो हम जानने आए हैं...

वो योग है प्रसन्नता का योग...

प्रसन्नता का योग?

यह क्या है?

मुझे कोई भी दुःख हो, कष्ट हो, रोग हो, कोई मेरा साथ दे कि ना दे, मैं हर हाल में प्रसन्न रहता हूं। 

हर हाल में?

ईश्वर ने इतनी अनमोल जिंदगी दी है, कोई दुःख पड़ने से प्रसन्नता योग छोड़ देना ही सबसे बड़ी भूल है, जिसने इस योग को अपनाया, उसी ने सच्चा जीवन पाया है, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी...

जिंदगी के बाद भी मतलब?

जो प्रसन्नता योग का पालन करता है, वो दूसरों से जलन भाव नहीं रखता है, बल्कि सदैव दूसरों की यथासंभव मदद भी करता है, समझे? 

जब वो जीवित रहता है तो प्रसन्न रहता है और मृत्यु के पश्चात् भी लोग उसके अच्छे गुण और कर्म के लिए याद करते हैं। अतः वह मृत्यु के पश्चात् भी सबके बीच में अच्छी याद बनकर रहता है। अमर हो जाता है।

सही कहा आपने बाबा‌ जी, हम जो भी योग करें, सभी अच्छे हैं, पर प्रसन्नता योग सबसे ऊपर है और जो सुख-दुःख दोनों में ही प्रसन्न रहें, उसे मोक्ष अवश्य मिलेगा, क्योंकि ऐसे व्यक्ति तो ईश्वर को भी सर्वप्रिय हैं।

आप सभी को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻

स्वस्थ रहिए, प्रसन्न रहिए, सुखी रहिए 🏃🤸😊

Tuesday, 20 June 2023

Article : जगन्नाथ रथयात्रा प्रारंभ और विशेषता

जगन्नाथ रथयात्रा प्रारंभ और विशेषता  


आज से रथयात्रा प्रारंभ हो रही है, तो सोचा अपने अनुभव व रथयात्रा की विशेषता को ही साझा किया जाए।

आज का लेख, भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा के पावन पवित्र उत्सव को समर्पित 🙏🏻

जैसा कि आप सभी जानते हैं, भगवान श्रीकृष्ण जी के साथ हमेशा से राधा जी का नाम ही लिया जाता है, उनका ही एक साथ मंदिर होता है और एक साथ पूजा की जाती है।

केवल महाराष्ट्र के पंढरपुर में भगवान श्रीकृष्ण जी के साथ रुक्मिणी जी की पूजा की जाती है। 

ऐसे ही उड़िसा में भगवान श्रीकृष्ण जी की पूजा, बलराम व सुभद्रा जी के साथ की जाती है। 

पुरी की जगन्नाथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है। हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि से रथ यात्रा निकलती है।

इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा 20 जून 2023 को शुरू होगी।

इस रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ जी के अलावा उनके बड़े भाई बलराम जी और बहन सुभद्रा जी रथ पर सवार होकर जनता का हाल जानने निकलते हैं।

उड़ीसा और बंगाल में इस समय अजब छटा के दर्शन होते हैं। वहां रहने वाले सभी रथ की ओर उमड़ पड़ते हैं, एक अलग ही भक्तिमय माहौल रहता है। रथ की डोर को क्षणभर भी पकड़ने का अवसर मिल जाए, तो लगता है मानो साक्षात जगन्नाथ भगवान के ही दर्शन हो गए। 

मान्यता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दर्शन मात्र से व्यक्ति के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं।

इस दिन तीन विशालकाय रथ निकलते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा में इन विशालकाय रथों की एक अपनी विशेषता होती है।

आइए जानते हैं कि जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत कैसे हुई? और क्या है, इन रथों की विशेषता - 

पर पहले जान लेते हैं, रथ यात्रा के प्रारंभ व समापन के समय को -

जगन्नाथ जी की रथ यात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 20 जून 2023 को रात्रि 10.04 मिनट पर शुरू होगी और यात्रा का समापन 21 जून 2023 को शाम 07.09 मिनट पर होगा। 

नगर भ्रमण के बाद इस दिन भगवान जगन्नाथ जी, बलराम जी और सुभद्रा देवी गुड़िचा मंदिर में अपनी मौसी के घर विश्राम करेंगे। 

जगन्नाथ रथयात्रा प्रारंभ (शुरुआत) -

जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत को लेकर कई कथाएं प्रचलित है, एक कथा के अनुसार एक बार देवी सुभद्रा ने अपने भाई श्रीकृष्ण और बलराम से द्वारका दर्शन की इच्छा जाहिर की। जिसे पूरी करने के लिए तीनों रथ पर सवार होकर द्वारका नगर भ्रमण पर निकले तभी से रथयात्रा हर साल होती है.

जगन्नाथ रथ की खासियत

भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा देवी के रथ नीम की पवित्र और परिपक्व लकड़ियों से बनाये जाते है. इन रथों के निर्माण में किसी भी प्रकार के कील या कांटे या अन्य किसी धातु का प्रयोग नहीं होता है। सभी रथ में इतनी हल्की लकड़ियां होती है कि रथ को आसानी से खींचा जा सकता है..

श्रीकृष्ण के रथ की विशेषता

832 लकड़ी के टुकड़ों से बना जगन्नाथ जी का रथ 16 पहियों का होता है, जिसकी ऊंचाई 13 मीटर तक होती है, इसका रंग लाल और पीला होता है। गरुड़ध्वज, कपिध्वज, नंदीघोष ये भगवान जगन्नाथ के रथ के नाम हैं।

रथ की ध्वजा यानी झंडा त्रिलोक्य वहिनी कहलाता है। रथ को जिस रस्सी से खींचा जाता है, वह शंखचूड़ नाम से जानी जाती है। भगवान जगन्नाथ रथ के रक्षक भगवान विष्णु के वाहन पक्षीराज गरुड़ हैं।

सुभद्रा देवी का रथ

सुभद्राजी के रथ पर देवी दुर्गा का प्रतीक होता है। देवी सुभद्रा के रथ का नाम देवदलन है. लाल और काले रंग का ये रथ 12.9 मीटर ऊंचा होता है। रथ के रक्षक जयदुर्गा व सारथी अर्जुन होते हैं। इसे खींचने वाली रस्सी को स्वर्णचुड़ कहते हैं.

बलरामजी का रथ

भगवान बलभद्र को महादेवजी का प्रतीक माना गया है। रथ का नाम तालध्वज है। रथ के रक्षक वासुदेव और सारथी मताली होते हैं। 13.2 मीटर ऊंचा और 14 पहियों का ये रथ लाल, हरे रंग का होता है। 

आज इतना ही...

कान्हा जी सब पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखें

आप सभी को जगन्नाथ रथयात्रा शुभ हो 🙏🏻

जय श्री कृष्णा 🚩

Sunday, 18 June 2023

Poem: पिता का किरदार

पिता का किरदार


मेरे पापा मुझे बहुत चाहते हैं,

पर कभी नहीं जताते हैं।

अपने दिल की हर बात,

वो मम्मी के जरिए बताते हैं।


ऐसा नहीं है कि, वो कमजोर हैं।

पर अपने बच्चों को परेशान,

नहीं देख पाएंगे।

उनको दुःखी देख टूट जाएंगे।


पर फिर भी यह,

रुख अपनाते हैं।

क्योंकि कमजोर नहीं,

दृढ़ होते हैं पिता।


वो जानते हैं।

सिर्फ प्रेम ही नहीं,

कठोर भी है जिंदगी।

धूप और छांव है जिंदगी।


मां सिर्फ़,

प्रेम ही दे पाएगी, 

अपनी ममता की छांव में,

बच्चे को बिठाएगी।


दृढ़ता पिता को ही,

 दिखानी होगी।

अपने प्रेम की भावना को,

दिल में छिपानी होगी।


क्योंकि नवांकुर को, पनपने

के लिए, जितना जल है ज़रूरी।

धूप के बिना,

परवरिश ना होगी पूरी।

 

जल तो मां बन जाएगी,

पर धूप, पिता को ही बनना होगा।

उनके प्रेम को,

तपिश बन जलना होगा।


पिता का किरदार, 

सबसे पृथक है।

भीतर तो हैं नर्म मोम से,

पर वो दिखते कठोर दरख़्त हैं। 




सभी पिता के असीम प्रेम को समर्पित 🙏🏻

Happy father's day पापा, आपके आशीर्वाद व कृपा की सदैव कामना है, हमेशा हमारा हाथ थामे रखियेगा, हमेशा मार्गदर्शन करते रहिएगा 🙏🏻😊

Friday, 16 June 2023

Article : पिता - एक अनमोल रिश्ता

पिता - एक अनमोल रिश्ता


पिता, एक ऐसा रिश्ता, जो बच्चे से खून का संबंध नहीं रखता है, फिर भी बच्चे को पिता का खून कहा जाता है। बच्चे का अस्तित्व, मां की कोख में बनता है, पर पिता के बिना, बच्चे का कोई अस्तित्व नहीं होता है। बच्चे को नाम (surname) भी पिता का ही मिलता है और वो हिस्सा भी पिता के परिवार का ही माना जाता है। 

बच्चे को दुनिया में लाने वाली तो मां होती है, पर पहचान दिलाने वाला पिता ही होता है।

मतलब एक बच्चे के जन्म से लेकर, उसके अस्तित्व निर्माण तक मां - पापा दोनों का हाथ होता है। 

हम mother's day तो बहुत अच्छे से celebrate करते हैं पर father's day..., वो ना जाने, कितने ही लोगों को याद रहता है? 

जिससे ही पूरा परिवार है, जिसके बिन अधूरा संसार है, उस दिन को ही celebrate ना करें तो यह तो पक्षपात है...

तो आज हमने इसी विषय को अपने article के लिए चुना, जिससे इस बार father's day बहुत अच्छे से celebrate किया जा सके।

Father's day, इसी Sunday 18 June को है। आप सभी उसके लिए भी बहुत सारी planning करें। कुछ ऐसा special जरूर करें, जिससे आपके पापा और आपकी बहुत मजबूत bonding हो जाए। 

कुछ ऐसा जो उन्होंने सोचा तो हो, पर कभी कहा नहीं, क्योंकि पिता, हमारे जीवन में एक ऐसे किरदार हैं, जो ताउम्र हमारी इच्छाओं को, जिम्मेदारियों को बिना कुछ कहे पूरा करते रहते हैं, बिना इस कामना के, कि उन्हें पलट कर कुछ मिलेगा।

मां की ममता की तो सर्वत्र चर्चा रहती है, साथ ही मां बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार भी प्राप्त कर लेती है। पर पिता उसके हिस्से आता है मौन!, सबसे दूरी, कठोरता.... 

बहुत हो चुका, पर यह अब नहीं होगा, atleast shades of Life families में तो बिल्कुल नहीं... 

पिता- एक अनमोल रिश्ता है, और वो हमेशा अनमोल ही रहेगा...

आज ही आपको याद दिला दे रहे हैं, दो दिन है आपके पास, कुछ अलग हट के तैयारी के लिए, पर हांँ बच्चा party, आप expenditure सोच-समझकर करें।

खर्चा करने से ज्यादा अच्छा रहेगा कि आप कुछ ऐसा करें, जिसमें आप की creativity दिखें, जैसे card making, cooking, baking, PPT, sort of gift making, आप उनके कपड़े fold करना, उनके shoes को नन्हे हाथों से चमकाना, आदि जैसे छोटे छोटे कामों से भी उन्हें बहुत खुश रख सकते हैं। 

Happy father's day पापा, आपके आशीर्वाद व कृपा की सदैव कामना है, हमेशा हमारा हाथ थामे रखियेगा, हमेशा मार्गदर्शन करते रहिएगा 🙏🏻😊

Wednesday, 14 June 2023

Tip : Home Remedies for Hives (पित्ती)

Hives (पित्ती)

Skin में होने वाली एक बहुत ही common disease है, पित्ती उछलना, जिसे hives या urticaria भी कहते हैं।
यह problem बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी हो सकती है। 

वैसे इस problem में बहुत ज़्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं होती है, कुछ precautions और home remedies से यह कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है, अगर आपको या आपके घर में किसी को यह problem हो गई है, तो आप इन‌ tips को follow कर सकते हैं।

A. What is Hives :

पित्ती, skin पर चकत्ते या ददोरे बनाती हैं, छोटे-छोटे दाने आपस में मिल जाते हैं, जिससे बड़े-बड़े चकत्ते बन जाते हैं। पित्ती द्वारा बनने वाले चकत्ते ज़्यादातर allergy के कारण होते हैं।
 
इसमें हमारी body से excessive amount में histamine का secretion होने लगता है।

Histamine हमारे body के सभी cells में naturally पाया जाने वाला एक chemical है।

यह immune system and nervous system का important component है। जब भी किसी तरह की allergy होती है तो histamine, immune system को trigger कर देता है, जिसके कारण, swelling, rashes, irritation, आंखों से पानी आना, जैसे symptoms दिख सकते हैं। 


B. Symptoms :
  • Itching
  • Burning sensation
  • Swelling
  • Slight pain

C. Causes :
  • Consuming allergic food items
  • Consuming allergic medicines
  • Insect bites
  • Touching plants or animals
  • Wearing tight & uncomfortable clothes
  • Extreme weather
  • Being emotionally disturbed

D. Precautions :
  • अगर गर्मी है तो, जिस जगह आपको पित्ती हुई है, वहां की skin पर ठंडी सेक करें।
  • अगर ठंड है तो, warm clothes and blanket से अपने आप को ठीक से cover कीजिए, जिससे ठंड ना लगे।
  • पित्ती के infected area पर oatmeal scrub का प्रयोग करें।
  • Aloe vera gel को अपने infected area पर लगाएं। 
  • Allergic components से दूर रहें।
  • आपकी allergy, किस कारण से trigger होती है, उसे पता लगाएं और उससे दूर रहें।
  • Loose and comfortable clothes पहनें।
  • अपनी skin पर पित्ती की जगह पर खुजलाएं नहीं।
  • Nutritious food खाएं।
  • अनार का जूस रोजाना पिएं।
  • पित्ती उछल जाने के बाद कोई भी ऐसा काम नहीं करें, जिससे आपको tension हो।
  • Caffeine और शराब के use से पित्ती खराब हो सकती है।

E. Home remedies :

1. Neem and giloy juice
 
Ingredients : 
  • पानी
  • नीम के पत्ते 
  • गिलोय पाउडर

Method :
  1. नीम के कुछ पत्ते लें और उन्हें पीसकर एक महीन paste बना लें।
  2. एक कटोरी पानी लें और उसमें एक चम्मच गिलोय powder के साथ तीन बड़े चम्मच नीम की पत्तियों का paste मिलाएं।
  3. सभी ingredients को अच्छी तरह मिला लें और तब तक उबालें जब तक कि solution आधा न रह जाए।
  4. इस solution को छन्नी से छान लें और एक गिलास या प्याले में निकाल लें।

Intake : 

इस solution को daily दिन में कम से कम तीन बार पिएं। नीम के पत्ते आयुर्वेद की बहुत ही गुणकारी जड़ी-बूटियों में से एक हैं, इस जड़ी बूटी के daily intake से blood purify होता है और शरीर में oxygen से युक्त blood बढ़ता है और गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो immunity को बढ़ाती है। यह घरेलू उपाय पित्ती के लिए प्रभावी home remedies में से एक है। पित्ती के लिए इस घरेलू उपाय को नियमित रूप से तब तक अपनाएं जब तक आपको इससे पूरी तरह राहत न मिल जाए।


2. Pomegranate and Indian gooseberry juice 

Ingredients: 
  • अनार
  • आंवला

Method :
  1. कुछ आंवले और अनार लें और उनमें से प्रत्येक से आधा गिलास रस निकालें।
  2. जूस को एक गिलास में इकट्ठा करें और दोनों जूस को अच्छी तरह मिला लें।

Intake : 

इस रस को दिन में कम से कम दो बार पिएं। आंवला में अच्छी quantity में Vitamin C होता है और अनार blood में richness को बढ़ाने में मदद करता है। इन जूस के daily intake से बीमारियों की संभावना को कम करने में मदद मिलती है। पित्ती के लिए इस घरेलू उपाय का नियमित रूप से पालन करें। यह घरेलू उपचार पित्ती के लिए प्राकृतिक और प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है।


3. Corn starch and baking soda

Ingredients : 
  • पानी
  • Corn starch
  • baking soda

Method :
  1. आधा tub गर्म पानी लें और ½ cup corn starch और ½ cup baking soda को मिलाएं।
  2. सभी सामग्री को अच्छी तरह मिला लें ताकि सभी ingredients completely mix हो जाए।

Use :
एक तौलिया लें और इसे गर्म पानी के tub में डुबोएं, इस गीले तौलिए से अपनी infected area को slightly rub करें और साफ करें। इससे अगर आप के पित्ती उछलने से खुजली‌ हो रही है तो उससे छुटकारा मिल जाएगा। इस घरेलू उपाय को दिन में कम से कम दो बार करें। पित्ती के लिए इस घरेलू उपाय को तब तक अपनाएं जब तक आपको इससे पूरी तरह राहत न मिल जाए।

 
4. Apple cider vinegar and ginger juice

Ingredients : 
  • सेब का सिरका
  • अदरक का रस
  • Brown sugar

Method :
लगभग ¾ cup apple cider vinegar में दो बड़े चम्मच ब्राउन शुगर और एक बड़ा चम्मच अदरक का रस लें।
सभी सामग्री को अच्छी तरह मिला लें और एक चम्मच इस solution को एक गिलास पानी में मिला लें।

Use :
रूई लें और इस solution में डुबोएं। इस गीले रूई से अपनी त्वचा के infected area को थपथपाएं। पित्ती के infection को दूर करने के लिए दिन में दो बार पित्ती के लिए इस घरेलू उपाय का पालन करें। यह home remedy भी पित्ती द्वारा होने वाली खुजली को कम करता है।
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Allopathic medicines में allergy के लिए avil and citzen prescribe की जाती है जिसमें से पित्ती के लिए avil ज्यादा effective होती है। पर कोई भी medicine के लिए doctor को consult जरूर करें।

आपको पित्ती क्या है, क्यों होती है, बचाव क्या है और घरेलू उपाय क्या हैं, आपको सब बता दिया है, सारी information, health related sites and अपने experience से लिखी है।

जिसे भी पित्ती है, इन home remedies से उसे 2-3 days में relief मिलने लगेगा, अगर ऐसा ना हो तो doctors से consult ज़रूर करें। 

डिस्क्लेमर : यह tips केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Be Safe, Be Happy 😊

Monday, 12 June 2023

Short story: ईश्वर की चिंता

 ईश्वर की चिंता  


एक छोटे से शहर में एक बहुत माना हुआ, हनुमानजी का सिद्ध मंदिर था। 

दूर-दूर तक उसकी मान्यता के चर्चे थे। जिसके कारण, हर रोज ही मंदिर में बहुत भीड़ रहा करती थी।

उसी शहर में रतन भी रहता था, जो कि हनुमानजी का बहुत बड़ा भक्त था और हर हफ्ते मंदिर में दर्शन करने आता था।

पर वो अन्य भक्तों से अलग था, वो मंदिर दर्शन करने इसलिए नहीं आता था कि उसे हनुमानजी से कुछ मांगने की चाह थी या उसे उनसे शिकायत करनी होती थी।

वो अलग ही था, उसकी सोच अलग ही थी।

वो उस दिन भीड़ को चीरता हुआ, किसी भी रोक-टोक की परवाह किए बगैर, हनुमानजी के चरणों में पहुंच जाता था।

और हनुमानजी के चरणों को दबाते हुए पूछा करता था, हे प्रभु, आप ठीक तो हैं? लोगों के दुःख-दर्द सुन सुनकर बहुत अधिक दुःखी तो नहीं हो गए? 

लोगों के कष्ट निवारण करते-करते थक तो नहीं गए? 

लोगों की ढेरों शिकायतें सुन-सुनकर कुपित तो नहीं हो गए? 

मजे में तो हैं ना?

आप के तो हजारों भक्त हैं, सभी आपके आसरे हैं। सबका ही भला करिएगा। आपके बिना सभी बेसहारा हैं, उनका साथ कभी ना छोड़िएगा। अपनी कृपा दृष्टि सब पर बनाकर रखियेगा 🙏🏻

अब चलता हूं, अगले हफ्ते फिर आऊंगा, तब तक अपना ध्यान रखिएगा। 

यह कहकर, वो अपने साथ लाए प्रसाद से हनुमानजी को भोग लगाता, फिर उस प्रसाद को मंदिर में सबको बांट देता। 

और फिर अगले हफ्ते आकर यही सब करता, यही उसके मंदिर आने का ध्येय था। 

मंदिर में आकर, उसके हनुमानजी के चरणों तक पहुंच जाने का बहुत लोग विरोध भी करते थे। 

ऐसे लोगों को मंदिर के पुजारी सिर्फ इतना कहते थे कि तुम सब अपनी चिंता से निहित होकर मंदिर आते हो। 

पर रतन, हनुमानजी का सच्चा भक्त और हितेषी है। वो उनकी चिंता में मंदिर आता है।

जिसे ईश्वर से कोई शिकायत ना हो, जिसे ईश्वर से कोई चाह नहीं हो, जो मंदिर सिर्फ इसलिए आता हो, कि उसे ईश्वर की चिंता हो, उसका स्थान तो हम से भी ऊपर है, उसका हक हम से भी ज्यादा है। 

जब तुम लोग भी ईश्वर की चिंता में आओगे, उस दिन तुम भी उनके चरणों तक अपने आप पहुंच जाओगे, क्योंकि तब ईश्वर खुद तुम्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें देंगे🙏🏻

Friday, 9 June 2023

Article : Steroids - Boon or curse

Steroids - Boon or curse



आज कल कोई सी भी बीमारी हो, doctors बहुत जल्दी steroids prescribe करते हैं।

पर क्या होते हैं steroids? ऐसा भी इसमें क्या है कि हर problem का solution है steroids? Steroids, safe होते हैं या नुकसानदायक? 

आखिर क्यों doctors, steroids को prescribe करने लगे हैं? 

चलिए इन सारे सवालों का जवाब देख लेते हैं।

1. Why doctors prescribe Steroids

ईश्वर ने अपनी सृष्टि बहुत सुन्दर और सशक्त बनायी है, ऐसी सृष्टि जिसमें ताकत है, सृजन की, अपने आप को पुनर्निर्मित करने की... 

अर्थात् आप जब कभी भी बीमार पड़ें और शरीर को पुनर्निर्मित होने का समय दें तो उसमें उतनी ताकत होती है कि वो स्वयं अपने आप को ठीक कर सकता है। 

पर आज कल तो click and tick की instant दुनिया है, जहां वक्त ही नहीं है, लोगों के पास ठहरने के लिए... 

हम किसी भी चीज़ के लिए वक्त देना कब चाहते हैं? हम तो चाहते हैं कि बस सब झटपट ठीक हो जाए। इसलिए हम बीमार पड़ने पर ऐसे ही doctors के पास जाना चाहते हैं, जो झटपट ठीक कर दें। 

कहीं भी कोई जादू तो है नहीं, कि छड़ी घुमाई और सब हमारी इच्छानुसार...

पर यह जादू, कुछ हद तक संभव हो सकता है, यदि steroids लिए जाएं, क्योंकि steroids आपको काफ़ी हद तक जल्दी ठीक कर सकता है।

तो जो doctors steroids देते हैं, वो जल्दी ठीक कर देते हैं, और जो doctors जल्दी ठीक कर लेते हैं, हम उन्हीं के पास जाना पसंद करते हैं। 

बस यही वजह है, doctors के steroids, prescribe करने की...

अब जान लेते हैं कि steroids हैं क्या?


2. What are steroids?

Steroids एक प्रकार के hormone होते हैं जो शरीर में स्वाभाविक रूप से बनते हैं। Steroids medicine, मानव निर्मित होती हैं और शरीर में बने natural hormone  का artificial form होती हैं। Steroids कई अलग-अलग medical situations  के लिए use की जाती हैं।


3. Advantages of steroids

यह fat-free muscles की density and strength को बढ़ा देता है। 

यह swelling को कम करता है, साथ ही immune system पर भी effect डालता है। 

Steroids, asthma and eczema के treatment के लिए काफ़ी effective रहते हैं। 

Auto immune disease जैसे rumetoid, arthritis, auto immune hepatitis, etc. में steroids लेना काफ़ी beneficial होता है।

Steroids से energy and concentration भी बढ़ जाती है, जिसके कारण steroids लेने वाले में confidence भी बढ़ जाता है। 

ऐसे ही और भी diseases में steroids beneficial हैं।

Steroids की दवाएं विभिन्न तरीकों से और विभिन्न स्तर की तीव्रता के साथ, लोगों को प्रभावित करती हैं। हालांकि, लंबे समय तक दवाओं का उपयोग करने से side-effects बहुत बढ़ जाते हैं।


4. Side effects of steroids

A. Effect on immune response

बहुत ज्यादा दिनों तक steroids लेते रहने पर immune response, कम होने लगता है। जो कि शरीर के लिए घातक हो सकता है।

i. Infection-prone body

Steroids के लगातार use से body organs पर भी side-effects होते हैं। जिससे body infection-prone हो जाती है, और जल्दी-जल्दी infection catch करने लगती है।

B. Weak muscles 

Steroids के अधिक use से शरीर की muscles weak होने लगती हैं। साथ ही शरीर पर, चेहरे पर छोटे-छोटे बाल या रोएं आ जाते हैं।

C. Sugar level 

Steroids से शरीर में sugar level बढ़ने लगता है, इसलिए diabetes के रोगियों को steroids पर अधिक निर्भर रहने के लिए मना किया जाता है।

D. Hypertension 

Steroids के लगातार intake से hypertension या high blood pressure हो सकता है। Insomnia की problem हो सकती है। Weight gain, weak appetite, mental problems, eye problems like glucoma, cataracts, bone-related problems like osteoporosis, etc की संभावना बढ़ जाती है।


हमने आपको steroids के advantages and side-effects, सब बता दिए हैं।

अब आप कहेंगे कि हम क्या करें, steroids लें कि ना लें? Steroids prescribe करने वाले doctors के पास जाएं कि ना जाएं?

वैसे, हमने एक बात और notice की है कि छोटे बड़े सभी शहरों में अब बहुत कम ऐसे doctors हैं जो steroids prescribe ना करें।

Steroids लें की नहीं लें, इसके लिए हम कहेंगे कि यह तो आपको खुद ही decide करना होगा, अपनी तकलीफ़, अपना दर्द और अपनी परेशानियों को समझ कर, अपनी परेशानियों से कितना जूझ सकते हैं, इस बात को समझ कर...

आपको अपनी current situation और future situation को ध्यान में रख कर ही decisions लेने होंगे, कि steroids आपके लिए boon है या curse...

हमारी ईश्वर से सदैव यही प्रार्थना है कि हमारे सारे viewers हमेशा सुखी, स्वस्थ, संपन्न और प्रसन्न रहें 🙏🏻😊

हमने, बहुत सी health related sites से information collect करके ही यह article डाला है। पर आप जब भी treatment के लिए जाएं तो doctor से पूरी जानकारी लेकर ही decision लें 🙏🏻

Wednesday, 7 June 2023

Article : जिंदगी में खेल या जिंदगी का खेल

जिंदगी में खेल या जिंदगी का खेल  

अभी कल ही ऐसी बात पता चली, जिसने सोचने पर मजबूर कर दिया कि ऐसा भी हो सकता है?

क्या इस हद तक भी सोच जा सकती है?

इस article को साझा करने का एकमात्र उद्देश्य अपने बच्चों को सुरक्षित रखना है...

बात, छोटे-छोटे बच्चों की है, इसलिए इसे साझा करने का मन बना लिया। 

बात कर रहे हैं, online games की...

आप सभी को पता ही होगा कि कुछ सालों पहले एक online game आया था, Blue Whale, जिस game में खेलने वाले को खेल के साथ ही, बहुत से instructions दिए जाते थे, जैसे अपने आप को घायल कर लो, अपने किसी को hurt कर दो, किसी का क़त्ल कर दो, बहुत सारा money transfer कर दो, etc. उस खेल का जुनून, खेलने वाले पर इस हद तक सवार था कि वो हर instructions follow करते थे, खूनी खेल से लेकर, suicide तक कर रहे थे। 

अभी दूसरी बात जो पता चली है, वो यह है कि ऐसे ही online games के through, धर्म परिवर्तन कराने का काम किया जा रहा है...

उस game में level cross नहीं कर पाने पर, खेलने वाले से कुरान की आयतें याद करने को कहा जाता है, जब वो आयतें याद कर लेता है तो वह आसानी से level cross कर लेता है। 

ऐसे ही धीमे-धीमे एक-एक कदम आगे बढ़ते हुए, उसे मस्जिद बुलाया जाता है, फिर धीरे से धर्म परिवर्तित करा दिया जाता है। साथ ही उसके मन में, उसके धर्म के प्रति घृणा भाव भी भर दिया जाता है, उसे यह एहसास कराया जाता है, कि वो जिसे अपना रहा है, वो ही सर्वशक्तिमान है और सभी दुखों का नाश करने की क्षमता रखता है।

जो जिस भी धर्म को मानते हैं, उनसे धर्म परिवर्तन करना ही क्यों है? धर्म तो सभी महान हैं, ईश्वर तो सभी धर्मों में शक्तिशाली हैं। उसके बाद भी अगर कोई अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तित करना चाहे तो उसमें किसी भी तरह का propoganda भी नहीं होना चाहिए।

आप सोच कर देखिए कि online games के जरिए बच्चों से क्या-क्या नहीं कराया जा रहा है और आगे, क्या-क्या कराया जा सकता है?

पर जो बच्चे मासूम हैं, नासमझ हैं, उनका खेल के जरिए, brain wash करना किस हद तक सही है?

Games, entertainment के लिए होने चाहिए, किसी भी तरह के मकसद को पूरा करने के लिए नहीं...

आप सभी parents से अनुरोध है कि, आप के बच्चे क्या कर रहे हैं, इस पर हमेशा नज़र रखें... 

Video games, online games, tablet, laptop and mobile पर उनके busy होने से आप free हो गए, यह सोचकर निश्चिंत मत हो जाएं। 

आप की यह निश्चिंती, आपके बच्चे को आपसे बहुत दूर ले जाएगी, फिर पता चलने पर आपके पास हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं बचेगा।

बच्चों को अपना समय दीजिए... क्योंकि समय के पास इतना समय नहीं होता कि वो लौट कर आपको समय दे सके...

हर एक को समय ही चाहिए रहता है, अभी बच्चों को, बाद में आपको.... अभी उनके पास समय है, बाद में आपके पास रहेगा... अगर आप अभी उनके बचपन में समय नहीं देंगे तो जब आप वृद्ध होंगे तब वो भी समय नहीं देंगे..

बच्चे हैं खेलेंगे ही, बस क्या खेल रहे हैं, उसको समय-समय पर देखते रहें, कभी-कभी उनके साथ आप भी खेलें। उन्हें बहुत अच्छा लगेगा और आप को भी... साथ ही bonding अच्छी होगी, वो अलग... 

खेल खेलने चाहिए, खूब खेलिए, खूब enjoy कीजिए, पर ध्यान रखिए, जिंदगी में खेल खेलें, पर जिंदगी का खेल ना हो जाए।

जिंदगी एक बार ही मिलती है, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें, खुश रहें 😊

Monday, 5 June 2023

Article: विश्व पर्यावरण दिवस

 विश्व पर्यावरण दिवस 



आज विश्व पर्यावरण दिवस है, अतः आज के दिन सम्पूर्ण विश्व में पर्यावरण से जुड़ी विभिन्न क्रियाकलाप किए जाते हैं। 

कहीं pollution related awareness दी जा रही है, कहीं project बनाए जा रहे हैं, कहीं awareness देने के लिए competition किए जा रहे हैं तो कहीं plantation किया जा रहा है

मेरी बेटी के college में भी इससे related project बनवाए जा रहे हैं।

उसके लिए उसने different images create की, जिसमें यह दोनों images भी थी, जो आज के इस article का face हैं।

इन दोनों ही imagse ने हमें भविष्य के लिए सोचने को मजबूर कर दिया। तो सोचा, आज इसे ही साझा किया जाए।

पहली image दो पहलू को दर्शाती है, पहला हम मनुष्य के दिमाग में हर क्षण, हर पल, बस एक ही चीज़ चलती रहती है कि कैसे, devlopment करें, बहुत अधिक पैसे कमाएं, कैसे बस बहुत कुछ पा‌ लें, चाहे किसी भी कीमत पर...

पर हमें यह समझ नहीं आता है कि किसी भी कीमत पर विकास की इच्छा रखना, विकास नहीं विनाश होता है, और यही उसका दूसरा पहलू है।‌‌ जब विकास की राह पर्यावरण को नष्ट करने से मिलेगी, तो मनुष्य को कंकाल में बदलने से कोई नहीं रोक सकेगा। 

और दूसरी image, हमें हमारे भविष्य के साक्षात् दर्शन करा रही है। जो यह इंगित कर रही है कि बढ़ता हुआ पर्यावरण का विनाश, कितना अधिक भयावह और कष्टकारी रहेगा, कि एक छोटा बच्चा जो कि दुधमुंहा है, पर उसे सुरक्षित रहने के लिए, कितने बड़े mask को लगाना पड़ रहा है।

पर्यावरण की सुरक्षा हमारे ही हाथों से संभव है। यदि हम विकास की अंधी दौड़ में शामिल ना हों, यदि हम plastic पर रोक लगाएं, यदि हम हर वर्ष बहुत सारी संख्या में पौधे लगाएं, in short पर्यावरण की रक्षा करें।

यह किसी धर्म-विशेष से जुड़ा पर्व नहीं है अपितु जीवन से जुड़ा, एक ऐसा पर्व है, जिसको सफल बनाने में सभी को वचनबद्ध रहना चाहिए। 

पर्यावरण किसी एक की निजी वस्तु नहीं है और ना ही किसी एक के प्रयास से संरक्षित रह सकती है। इसलिए हम सब को ही प्रयासरत रहना होगा। 

क्योंकि हमारा प्रयासरत रहना, किसी और के लिए नहीं हमारे खुद के भविष्य के लिए आवश्यक है, हमारे बच्चों के भविष्य के लिए एक अहम घटक है।

हर वर्ष पर्यावरण दिवस की एक theme होती है, इस वर्ष की theme है, ‘Solution to Plastic Pollution’.

बहुत ज्यादा नहीं कर सकें, तो थोड़ा तो प्रयास कीजिए ही, कि single use plastic का प्रयोग बिल्कुल ही बंद कर दें।


आओ एक से एक जुड़ जाएं

धरा पर हर ओर वृक्ष लगाएं

कर के पर्यावरण संरक्षण  

जीवन को जीने लायक बनाएं


आप सभी को विश्व पर्यावरण दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं 🌿🌱💐🌴🌳🏞️

Friday, 2 June 2023

Kids story : वक्त से पहले

वक्त से पहले 


आज सुबह-सुबह ही फ़ोन की घंटी बज उठी, रचना ने रंजीत को कहा, मैं चाय बना रही हूं, आप फ़ोन उठा लेंगे? 

हां, हां.. उठाता हूं अभी, यह कहकर रंजीत ने फ़ोन उठाया... Hello.., आप कौन बोल रहे हैं? 

Hello Sir.., मैं शुभ के school से बोल रहा हूं, मैं आप से शुभ के regarding कुछ बात करना चाहता हूं...

रंजना तब तक चाय लेकर आ चुकी थी, किस का फ़ोन है?

शुभ के school से है..

शुभ के school से शाम को? Speaker पर रखिए...

Sir, आपको शुभ ने बताया, कि आज उसनेे क्या किया?

नहीं ऐसा तो कुछ नहीं कि, आप का फ़ोन आ जाए..

उसने आज बस चलाई है...

बस!.. क्या बोल रहे हैं आप? वो अभी मात्र 11 साल का है- रचना ने कहा...

जी वही मैं भी सोच रहूं Ma'am, वो अभी मात्र 11 साल का ही है, फिर भी उसने यह कमाल कर दिया...

आपको शुभ ने बताया नहीं? फिर कुछ सोचते हुए, शुभ के Sir बोले, हो सकता है कि इसलिए नहीं बताया हो, क्योंकि उसे कोई बड़ी बात ना लगी हो!...

पर आप यह बताइए कि उसने बस चलाई ही क्यों? और आप लोग, इस बात की तारीफ कर रहे हैं या उसके द्वारा, ग़लत काम करने की बात कहने के लिए फ़ोन किया है, रंजीत ने थोड़ा झुंझलाहट में बोला...

Sir, शुभ की तारीफ करने के लिए ही फ़ोन किया है।

दरअसल बात यह है कि आज सुबह, बस driver की तबीयत अचानक से बिगड़ गई और वो उसी अवस्था में बस चला रहा था।

शुभ ने, बस driver की तरफ देखा और चंद ही मिनटों में समझ गया कि driver की तबीयत ख़राब हो रही है। वो तुरंत उसके पास पहुंचा और driver की guidance में उसने बस को किनारे लगा दिया।

उसके बाद driver के फोन द्वारा हमें सभी परिस्थितियों से अवगत कराया।

कुछ ही मिनटों में हम उस जगह पर पहुंच गए और सभी बच्चे school आ गये। 

आज अगर आप का बेटा, alert and responsible नहीं होता,‌‌ तो सारे बच्चे मुश्किल में पड़ जाते...

हमारे पूरे school को गर्व है शुभ पर...

यह सुनकर, रंजीत और रचना, दोनों ने समवेत स्वर में धन्यवाद किया।

Sir, हमें जितना गर्व है शुभ पर, उतनी ही इस बात की curiousity भी कि, केवल शुभ ही क्यों? आखिर क्या ख़ास है उसमें?

रंजीत ने बहुत ही गर्व से सधे हुए शब्दों में कहा, उसके पास mobile नहीं है...

Mobile नहीं होना कौन सी खासियत होती है?

आजकल की बढ़ती आधुनिकता और दिखावे के चलन के कारण, छोटे-छोटे बच्चों के पास भी मोबाइल फोन रहने लगा है, जिसके कारण उनके अंदर alertness and responsibilities ख़त्म होती जा रही है।

साथ ही उन्हें बहुत छोटी उम्र में उन बातों का exposure भी मिल रहा है, जो नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि वो उनके बचपन को नष्ट और भविष्य को बर्बाद कर रहा है। 

हम चाहते थे कि हमारा शुभ, alert, responsible, intelligent and sensible बने और उसका भविष्य उज्जवल बने।

आप ने जो आज देखा, वो उसी खासियत के कारण हुआ। 

Mobile ज़रूरी है पर ठीक समय पर, वक्त से पहले नहीं... 

बिल्कुल सही कहा आपने.. एक बार फिर से शुभ और आपकी परवरिश को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏻

हम अपने school में इस बात का जिक्र अवश्य करेंगे, जिससे बाकी के parents and students भी इससे aware रहें।