मजबूर (भाग-1)
वरुण, successful business man था। वो जितना अमीर था, उतना ही sharp, intelligent and smart भी था। दूसरे शब्दों में कहें तो most eligible bachelor...
उसके लिए एक से बढ़कर एक रिश्ते आ रहे थे। बहुत सोच-विचार कर उसने अंकिता को अपने जीवन साथी के रूप में पसंद किया।
हालांकि अंकिता, देखने-सुनने में उससे 19 ही थी, मतलब वो साधारण से नैन-नक्श वाली सांवरी सी लड़की थी, पढ़ाई-लिखाई में भी average थी, साथ ही नकचढ़ी, ज़िद्दी और गुस्सैल स्वभाव की भी थी, पर वो दुनिया में सबसे अमीर इंसान की एकलौती बेटी थी।
तो बस, जैसा कि बहुत से लोगों को लगता है कि सबसे बड़ा रुपैया, वही वरुण की सोच थी। उसने सोचा रंग-रूप तो चार दिन की चांदनी है, उसकी पढ़ाई-लिखाई से मुझे कुछ करना नहीं है और अंकिता के खराब स्वभाव से उसका ज्यादा सामना होना नहीं है, क्योंकि वो,अपने business में इतना अधिक busy रहता है कि उसके पास किसी के लिए भी ज्यादा समय नहीं होता है।
फिर अंकिता भी successful business man की बेटी है तो उसे यह एहसास होगा कि successful लोगों के पास ज्यादा समय नहीं होता है।
फिर, अमीर पिता अपनी बेटी को खूब भर-भरकर रुपया पैसा, धन-धान्य, कपड़े गहने इत्यादि देंगे तो उसके पास पैसों की बहुत अधिक बढ़ोत्तरी हो जाएगी, जो उसको भविष्य में और अधिक सुदृढ़ और सफल बनाएगा।
शादी बहुत धूमधाम से हुई, एक-एक मेहमान की विशेष खातिरदारी की गई, पूरे शहर में वरुण की शादी की चर्चा हो रही थी। पर अंकिता के पिता, मुकेश जी ने जितना भी जो कुछ दिया, सब आरती और उसके होने वाले बच्चों के नाम पर दिया।
आगे पढ़े मजबूर (भाग -2) में....